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लेखिका : श्रेया अहूजा
शाम के समय हर रोज मैं श्रेया, पीयू और निशा बायलोजी पढ़ने कालेज कैम्पस में ही सर के घर जाते थे।
सर की उम्र करीब 30 साल थी और हमारी रही होगी अठारह उन्नीस … !
पीयू सर पर लाइन मारती थी… कहती थी वो सर को प्यार करने लगी है।
मैं और निशा उस पर हँसा करती थी..
पर निशा की भी नज़र सर पर थी…
उस शाम भी सर पढ़ा रहे थे और पीयू सर को घूर रही थी…
टॉपिक था : सेक्स इन एनिमल्स !
सर : फिर प्यूबर्टी में लड़की और लड़कों में यौनांगों का विकास होता है !
पीयू : लड़की में कैसे सर?
सर : जैसे स्तन बड़े हो जाते हैं, प्यूबिक एरिया यानि वस्तिक्षेत्र पर बाल आने लगते हैं…
पीयू : और सर…
सर : लड़कियों में मासिक धर्म शुरू हो जाता है।
पीयू : पर सर मासिक धर्म में क्या होता है?
सर : योनि से रक्तस्राव होता है…
पीयू : पर सर उससे तो पेशाब निकलता है…
सर : नहीं ! वहाँ दो छिद्र होते हैं, ऊपर से पेशाब और नीचे से मासिक धर्म… यानि योनिमार्ग से रक्तस्राव … यह देखो इस चित्र में !
निशा : सर समझ में नहीं आ रहा… अगर आप चाहे तो आप प्रैक्टिकल दिखाईये न… पीयू तैयार है… क्यूँ पीयू..?
पीयू : हाँ हाँ सर ! कोई प्रॉब्लम नहीं…
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह हो क्या रहा है… ये दोनों क्या प्लान कर रही हैं.. यह तो बेशर्मी है…
सर : ठीक है, अगर तुम तीनों को कोई प्रॉब्लम नहीं है तो मुझे क्या हो सकती है… कांसेप्ट बन जायेगा…
सर ने दरवाज़ा बन्द किया… और सबसे पहले मुझे बुलाया…
सर: श्रेया, सबसे पहले तुम इन्हें स्तन दिखाओ…
श्रेया : जी जी ! सर…
मैंने अपनी टी शर्ट खोली… ब्रा नहीं खुल रहा था तो सर ने अपने हाथ से खोल दी।
मेरे बहुत मुलायम और बड़े बड़े चूचे हैं… सर की नज़र इन पर तो थी, यह तो पता था… साले ने आज देख भी लिए।
सर : ये देखो स्तन.. ! प्यूबर्टी में लड़कियों के ये बड़े हो जाते हैं !
सर मेरे चूचे दबा रहे थे और निप्पल दिखा रहे थे, मज़ा तो आ रहा था पर गन्दी फीलिंग हो रही थी !
सर : अब तुम्हारी बारी निशा … अपना मूत्र-द्वार सबको दिखाओ…
निशा : ओ के सर … ! मेज पर लेट जाऊँ?
सर : हाँ…
मैंने झटपट अपने कपड़े पहने…शुक्र है कमीने ने मेरी फुद्दी नहीं देखी…
निशा लेट गई।
सर ने अपने हाथों से उसका पैंटी उतारी… फुद्दी फैलाई…
सर : यह देखो मूत्र द्वार… चूंकि बाल बहुत हैं योनि द्वार नहीं दिख रहा… पीयू तू शेव करती है वहाँ?
पीयू : हाँ सर ! मेरा देख लो साफ़ है एकदम !
सर : तो फिर लेट जाओ।
साली तैयार रहती है पीयू चुदने के लिए, पर हमें क्यूँ फंसाया … मैं आज इसे चुदवा कर ही रहूँगी।
पीयू ने सिर्फ ऊपर के कपड़े पहने थे… नीचे से नंगी पड़ी थी मेज पर…
साला सर का भी करेक्टर ढीला है.. क्यूँ न दोनों को मज़े चखाऊँ…
मैं : सर तो यह है योनि द्वार ! क्या यहीं मेल ऑर्गन घुसता है?
सर : बिल्कुल सही श्रेया !
निशा : सर आपका ऑर्गन कैसा है?
सर : अभी दिखाता हूँ… यह देखो पेनिस कहते है इसे?
मैं : मतलब लड़के जिसे लण्ड या लौड़ा कहते हैं?
सर : हाँ ! इसे लिंग, शिश्न भी कहते हैं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।
मैं : इश्स… ! इतना बड़ा कैसे घुसता है? नहीं, ऐसा नहीं हो सकता !!
सर : अरे यह पोसिबल है, यहीं घुसता है !
मैं : नहीं आई डोंट एग्री… क्या यह पीयू के छिद्र में चला जायेगा?
सर : बिल्कुल…
मैं : फिर दिखा दो ना प्रैक्टिकल करके…
पीयू : पर श्रेया..? यहाँ…? ये…?
निशा : हाँ, दिखाओ न सर…
सर : ओके … पीयू जरा जांघें फैलाओ…
सर उंगली डाल के उसे गरम कर रहे थे… चुदने का मन तो निशा को भी था… सो वो सर का लण्ड मसल रही थी… उसने भी नीचे सिर्फ पैंटी पहनी हुई थी !
सर : लम्बी लम्बी सांसें लो … और घुसने दो मेरे पेनिस को …. अह्ह्ह अह
पीयू : अह सर ! दर्द हो रहा है…
सर : होता है… शुरू शुरू में… पहले करवाया है क्या?
पीयू : अहह बहुत पहले गाँव में अंकल ने मारी थी…
निशा : सर धीरे धीरे करो… उसे दर्द हो रहा है… क्या मुझे भी होगा?
सर : क्या तुमने पहले कभी नहीं मरवाई?
निशा : नहीं सर … पर आज मन बहुत है प्रैक्टिकल का…
निशा और पीयू दोनों एक जैसी थी किसी से भी चुदने को तैयार ! गाँव से शहर पढ़ने आई थी.. डॉक्टर बनने.. और सर .. साला ठरकी …उसकी नज़र मेरे ऊपर थी।
सर : यह देखो श्रेया… अब पता चला कि कैसे घुस जाता है… तुमने तो घुसवाया होगा…? शहरी हो… बॉयफ्रेंड भी होंगे…!
साला ठरकी ! मन में तो आया पापा को सब बता देने का ! आज मैं तीनो की पोल ऐसा खोलूँगी कि याद रखेंगे तीनों … क्लासरूम जैसे पवित्र स्थान में यह कर रहे हैं..
मैंने तो बस उसकाया था ताकि इनके अन्दर का शैतान बाहर आ जाये… पता तो पहले से था।
सर और पीयू दोनों नंगे मेज पर चोदम-चुदाई खेल रहे थे… निशा बगल में खड़ी थी चुदने के लिए…
सर : श्रेया, तू दूर क्यूँ खड़ी है..? पास आकर देख … तेरे को भी प्रैक्टिकल चाहिए?
निशा : नहीं सर, पहले मेरा चांस है…
पीयू : अभी मेरा मन नहीं भरा … और घस्से मारो ना !
तीनों का पोल खोलने के लिए मैं तुरंत बगल वाले कमरे में चल रही केमिस्ट्री क्लास में चली गई… और हल्ला कर दिया- सर और स्टुडेंट सेक्स कर रहे हैं।
बहुत सारे लड़के और टीचर घुस गए कमरे में।
सर चोद रहे थे पीयू को… शायद चरमोत्कर्ष पर थे.. झड़ने ही वाला था… तभी चौकीदार ने सर के चूतड़ों पर ज़बरदस्त डंडे बरसाए… सर का लण्ड बाहर निकल गया..
सर को स्टाफ ने घेर लिया खूब गाली-गलौच हुई… और सर के लण्ड पर मुक्के चले, डंडे बरसे … नंगा परेड के लिए निकला गया… देखने लायक था.. .मजनूं सर की पिटाई… नंगे और मुँह काला !
पीयू नंगी भागने को थी पर लड़कों ने घेर लिया…
गोदी उठा कर लड़के उसे एक कोने ले गए…
पीयू : मैंने कुछ नहीं किया ! वो श्रेया के कहने पर … सर ही गंदे हैं…
निशा भी भागना चाह रही थी… पर लड़कों की एक टोली उसे उठा कर ले गई।
निशा : जाने दो ! ऐसा कभी नहीं करुँगी।
आनन-फानन में कुछ लड़कों ने निशा की फुद्दी और गाण्ड में लंड घुसा दिया और जमकर चोदने लगे।
वहीं पीयू भी मज़े लेकर चुद रही थी… तभी पुलिस आ गई और सर को हिरासत में ले लिया …
काफ़ी मशक्कत के बाद भीड़ पर काबू पाया गया… पीयू निशा को भी पुलिस जीप में बिठा कर ले गए…
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