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शीला की आग बुझी नहीं थी. उसके दिमाग में क्या आया … वो सीधी मेमसाब के कमरे में घुस गयी. अरविन्द अनीता की टांगों को ऊपर कर के जबरदस्त चुदाई कर रहा था. शीला घुस तो गयी पर उसे देख कर अनीता और अरविन्द की साँसें रुक गयी और शीला भी घबरा गयी और वापिस भाग कर अपने क्वार्टर में आ गयी.
उसे अनीता ने बहुत आवाज दी पर उसने दरवाजा नहीं खोला.
अगले दिन सुबह सुबह मेमसाब उसके कमरे पर आई और रोकर हाथ जोड़कर अपना राज छिपाने की अर्जी करने लगी. मेमसाब ने उसे बीस हजार रूपये भी दिया.
शीला बोली- आप निश्चिन्त रहो, मैं किसी से नहीं कहूँगी. पर आज मेहमान से मुझे भी चुदवाना होगा. मेमसाब तैयार हो गयी, बोली- मैं आज रात साब के पास रहूंगी, तू मेहमान के कमरे में चली जाना.
दिन में शीला दो घंटे की छुट्टी लेकर गयी और बाजार से अपने लिए एक ब्रा पैंटी सेट और परफ्यूम लायी. उसने आज शादी के बाद पहली बार ब्यूटी पार्लर में जाकर फेशियल और वेक्सिंग करवाई. उसके मेमसाब को देखकर मालूम तो सब था ही और जिनदगी में पहली बार इतने पैसे जेब में थे. उसने चलते चलते मेमसाब से गर्भ न रूकने की दवाई का नाम भी लिखवा लिया था और लौटते में मेडिकल स्टोर से वो लेती हुई आई.
इस बीच में मेमसाब ने मेहमान को सारी स्थिति बता दी थी और उसे कह दिया था कि शीला कि चुदाई जबरदस्त करे ताकि वो खुश हो जाए और राज न खोले.
रात को वही सब, साब तो पीकर मस्त हो गया, अरविन्द और अनीता ने खाना खाया. आज शीला ने डीप नैक का ब्लाउज पहना था. नेल्स भी उसने रेड पेंट कर लिए थे. दिखने में वो मेमसाब से दुगनी खूबसूरत थी, बस उस पर नौकरानी का ठप्पा लग रहा था.
अरविन्द और उसकी जब भी निगाहें मिलीं तो शीला मुस्कुरा दी. अब अरविन्द भी उसे देख कर मुस्कुरा रहा था.
मेमसाब और साब दोनों अपने कमरे में चले गए और मेहमान अपने कमरे में. शीला ने मेमसाब से कहा- अगर साब को आवाज आयी और शक हो गया तो? तो मेमसाब बोली- मैंने इन्हें नींद की गोली दे दी है. और अभी इसका लंड चूस कर खाली कर दूँगी तो ये मस्त होकर सोयेंगे. तू घबरा मत, आराम से मस्त होकर चुदवा, अरविन्द सांड की तरह चोदेगा तुझे और तेरे बाद में रात भर मुझे.
शीला ने मुस्कुरा के कहा- मेमसाब, अभी मेरे आने तक मेहमान की टंकी खाली मत करना और उसके बाद तो आज की रात मेहमान को मुझसे ही फुर्सत नहीं मिलेगी. हाँ अगर मेमसाब चाहें तो वो भी चुदाई में आ सकती हैं पर कम से कम एक घंटे बाद. मेम साब मुस्कुरा दी.
शीला फटाफट काम निबटा कर अपने क्वार्टर गयी और नहाकर महकती हुई और अपने हिसाब से बढ़िया मेकअप करके आ गयी. उसने नीचे नया वाला ब्रा पेंटी सेट और ऊपर से नाइटी डाल ली थी. शीला जब मेहमान के कमरे में जाने लगी तो उसने खिड़की से मेमसाब के कमरे में झाँका तो देखा साब और मेमसाब पूरे नंगे हैं और साब नीचे लेटा है. मेमसाब उसके लंड को चूस रही है.
शीला वहां से हटी और मेहमान के कमरे में घुसी. अरविन्द तभी नहाकर आया था और तौलिये में ही था. शीला ने कमरा बंद किया तो अरविन्द ने उसे पीछे से दबोच लिया. अरविन्द ने उसे चूमते हुए कहा कि अगर उसे पहले से मालूम होता कि इतना खिला गुलाब उसको मिल सकता है तो वो क्यों बासी को चूसता. कह कर वो हंस पड़ा.
शीला घूमी और जैसा उसने एक दिन पहले देखा था, उसने अपने होंठ अरविन्द के होंठ से मिला दिए और एक हाथ उसके तौलिये के अंदर कर दिया. तौलिये के अंदर हमला होते ही लंड ने बगावत कर दी और तन गया, टॉवल नीचे गिर गया.
अब अरविन्द ने भी शीला की नाइटी उतार दी. अब ब्रा पैंटी में शीला तो अप्सरा लग रही थी. अरविन्द ने उसे ऊपर उठा लिया. शीला झूल गयी उसकी बाँहों में. उसने अपनी टाँगों से अरविन्द की कमर पर घेरा बना कर उसकी गर्दन में बाहें डाल लीं. अब उसके होंठ अरविन्द के होंठों से चिपके हुए थे. नीचे से अरविन्द का मोटा लंड उसकी पैंटी को छेड़ रहा था.
अरविन्द ने शीला को नीचे उतारा और एक ही झटके में उसकी ब्रा पैंटी निकाल कर उसके दूध जैसे गोरे मम्मों को मुँह में ले लिया. अरविन्द को ऐसी कड़क जवानी पहली बार मिली थी. उसने शीला को बेड पर लिटाया और चढ़ गया उसके ऊपर.
दोनों मम्मी बारी बारी से चूसने के बाद वो नीचे आया. पर शीला के झांटों के बाल साफ़ नहीं थे. उसको मालूम ही नहीं था कि वहां भी सफाई होती है. पर उसके बाल रेशम जैसे मुलायम थे. अरविन्द 69 पोजीशन में आ गया. शीला ने उसका लंड मुँह में ले लिया. उसे घिन तो आई पर आज वो वो हर काम करना चाह रही थी जिसे बड़े आदमी करते हैं.
अब अरविन्द ने उसकी चूत में अपना लंड घुसाने की नीयत से उसकी टांगें चौड़ी की. शीला ने टांगें ऊपर उठा दी. अरविन्द ने अहिस्ता से अपना लंड शीला की अनछुई चूत में घुसा दिया.
शीला की सील तो पहले टूट चुकी थी पर सेक्स का मजा उसे आज आ रहा था. दस मिनट की धक्का मुक्की के बाद अरविन्द ने शीला की चूत अपने माल से भर दी. शीला ने उसे अपनी छातियों से चिपटा लिया. दोनों इसे ही पड़े रहे.
तभी दरवाजे पर आहट हुई, शीला समझ गयी कि मेमसाब की चूत में आग लगी है. उसने फटाफट नाइटी डाली और दरवाजा खोल दिया. अनीता अंदर आ गयी और मुस्कुराते हुए अरविन्द से बोली- कैसी रही? अरविन्द बोला- जन्नत का मजा आ गया. अनीता बोली- चलो अब मैं तुम्हें जन्नत की सेर कराती हूँ.
शीला वहां से अपनी ब्रा पैंटी उठा कर जाने लगी तो अनीता ने उसे रोक लिया, बोली- तीनों मिल कर करेंगे. अनीता ने आगे बढ़कर शीला की नाइटी उतार दी. उसकी जवानी देख अनीता भी भौचक्की रह गयी. शीला के सामने तो अनीता नौकरानी सी लग रही थी.
खैर, अनीता ने अपने सब कपड़े उतारे और नंगी होकर अरविन्द के लंड पर टूट पड़ी और उसने शीला से कहा कि वो उसकी चूत चाटे. शीला को घिन तो बहुत आई पर उसकी सोच में था कि जो बड़े लोग करते हैं वो आज सब करुँगी. तो वो नीचे बैठ कर अनीता की चूत चाटने लगी.
अब उसे मालूम पड़ा कि झांटें साफ़ करने से चूत कैसी चिकनी हो जाती है. अरविन्द ने कह ही दिया- अनीता, कल शीला की झांटें साफ़ करवा देना.
मतलब कल की चुदाई भी पक्की.
अब अनीता अरविन्द के ऊपर चढ़ गयी और उसका लंड अपनी चूत में कर लिया. अरविन्द को अब अनीता में मजा नहीं आ रहा था. उसने शीला को बुलाया और उसे अपने मुँह के ऊपर बिठाया और उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी.
अब अरविन्द के लंड पर अनीता बैठी उछल कूद कर रही थी और शीला की चूत में अरविन्द की जीभ लपर लपर कर रही थी.
तभी अचानक बम सा फटा. दूसरे कमरे से साब नशे में लड़खड़ाता नंग धडंग आ गया और नजारा देख के मेमसाब से बोला- हरामजादी ये क्या कर रही है? सबको काटो तो खून नहीं.
असल में अरविन्द को साब से कुछ बड़ा काम था तो सबसे ज्यादा तो अरविन्द की फटी. वो तो तुरंत खड़ा हो कर साब के पैरों में गिर गया- मुझे माफ़ कर दो. शीला ने चुपचाप अपनी नाइटी को ऊपर से डाल कर अपने मम्मे ढके और मेमसाब के तो साब ने एक झापड़ कस दिया.
मेमसाब के दिमाग में एक आइडिया आ गया. वो साब से बोली- देखो, जो होना था हो गया, तुम ज्यादा हल्ला मचाओगे तो मैं सबको बता दूँगी कि तुमने ऑफिस में कहाँ कहाँ गड़बड़ी की है. अब भला इसमें है कि शीला की जवानी का मजा तुम भी ले लो.
अनीता ने शीला को फुसफुसा कर कहा- इसके बस की कुछ नहीं है पर इस समय अपनी जान बचाने के लिए साब को भी घसीट लो इसमें. अनीता की बात सुन कर और शीला ने बेशर्मी से अपने मम्मे साब के मुँह में घुसा दिए.
साब का तो नशा काफूर हो गया.
तभी अनीता ने नीचे आकर साब का लंड अपने मुँह में ले लिया. साब ने अनीता के मम्मे जंगलियों की तरह दबाये और फिर शीला को बिस्तर पर ले जाकर उसकी चूत में अपना ढीला लंड घुसेड़ने की नाकाम कोशिश की.
जब उससे कुछ नहीं हुआ तो साब बड़बड़ाता हुआ बिस्तर पर लेट गया. शीला उसके ऊपर लेट गयी और अपनी चूत उसके मुँह पर रख दी और हाथ से ही जितना हो सकता था साब के लंड को मसला. लंड भी थकाहारा था पर शीला की मेहनत काम आ गयी और साब के लंड ने दो चार बूँद पानी निकाल कर हथियार डाल दिए. साब को तसल्ली हो गयी.
साब अब लड़खड़ाता हुआ खड़ा हुआ और मेमसाब और शीला का सहारा लेते हुए अपने कमरे में जाने लगा. पर जाते जाते अरविन्द से कह गया कि सुबह होते ही वो यहाँ से चला जाए.
सुबह मेमसाब और साब का खूब झगड़ा हुआ. अंजाम शीला को भुगतना पड़ा. उसका हिसाब हो गया पर मेमसाब ने उससे बहुत अपनापन दिखाते हुए हिसाब के अलावा अपने दो तीन कपड़े, मेकअप का सामान और पांच हजार अलग से दिए कि वो इस राज को कभी न बताये. शीला ने मुस्कुराते हुए उनसे ये वादा किया पर झांट साफ़ करने की क्रीम का नाम पूछा तो मेमसाब ने हँसते हुए उसे अपनी हेयर रिमूवर क्रीम दे दी.
अब शीला वापिस अपने घर आ गयी.
रामसिंह कभी कभी उस पर चढ़ाई करता पर जल्दी ही निढाल हो जाता और शीला के नसीब में सिर्फ गाजर, मूली या अपनी उंगली आतीं.
आज उसे घर बैठे तीन महीने हो गए थे. होटल के कमरे में चूत रगड़ते शीला को वही सब बातें याद आ रहीं थीं और उसे उम्मीद थी कि विशाल शायद उसे चुदाई का मजा दे.
यह विचार आते ही उसका मन किया कि एक बार विशाल के कमरे में झाँक आये.
बहुत संभाल के वो विशाल के कमरे की ओर गयी. किवाड़ अंदर से बंद नहीं था, पर सन्नाटा था.
रात के 12 बज गए थे. सुनील के कमरे से तो खराटे की आवाज आ रही थी. शीला ने विशाल के रूम का दरवाजा धीरे से खोला तो कमरे में अँधेरा था.
शीला ने किवाड़ और खोला जिससे बाहर से रोशनी आ जाए. बेड पर विशाल नंगा सो रहा था. उसकी लुंगी खुल कर एक ओर पड़ी थी. विशाल का लंड काफी मोटा और मध्यम साइज का था.
शीला की चूत ने फिर जोर मारा कि एक बार छूकर देख लो. पर अगर विशाल जग गया तो… बस यही सोच कर शीला कि हिम्मत नहीं पड़ रही थी. वो बाहर आने लगी पर हड़बड़ी में वो मेज से टकरा गयी और उस पर रखा गिलास नीचे गिर कर टूटते टूटते बचा.
आवाज भी हुई पर विशाल नहीं जगा. अब शीला हिम्मत करके आगे बढ़ी और विशाल का पैर छूकर देखा, कोई प्रतिक्रिया नहीं.
अब उसने धीरे से लंड पर हाथ फेरा. शीला सिहर उठी. तीन महीने बाद कोई जवान लंड छूने को मिला था. उसका मन तो किया दबा दे, पर सहला के उसने छोड़ दिया. उसका मन लालच रहा था. अब वो नीचे बैठी और धीरे से लंड को सहलाने लगी.
मर्द का लंड था, जल्दी ही खड़ा हो गया. शीला ने उसे मुँह में ले लिया. पहले तो वो आराम आराम से चूस रही थी फिर उसने दबाव बढ़ा दिया.
इससे विशाल की आँख खुल गयी. उसने पहले तो मामला समझा फिर शीला को अपने से चिपटा कर होंठ से होंठ मिला दिए. शीला ने खुले दरवाजे की ओर इशारा करते हुए अपने को छुड़ाया और धीरे से दरवाजा बंद कर आई.
दरवाजा बंद होने से कमरे में अँधेरा हो गया तो शीला ने सँभालते हुए बाथरूम की लाईट खोल दी जिससे कमरे में हलकी रोशनी आ गयी. शीला मुस्कुराती हुई बेड की ओर बढ़ी. पास आते ही विशाल ने उसे खींच लिया अपने ऊपर और फिर एकबार उसके होंठ चूसने लगा.
शीला केवल ब्लाउज पेटीकोट पहने थी. विशाल ने पहले तो उसका पेटीकोट ऊपर किया तो शीला की चूत सीधे उसके लंड पर सेट हो गयी. इस समय विशाल को बर्दाश्त नहीं थी. उसने नीचे से ही अपना लंड घुसेड़ दिया शीला की चूत में.
शीला कसमसा गयी वो चीखती इससे पहले विशाल ने उसके होंठ अपने होंठ से लॉक कर दिए. विशाल ने अब उसके ब्लाउज और ब्रा को उतार फेंका. फिर धीरे से पेटीकोट को ऊपर से उतार दिया. अब उसने शीला को नीचे लिटाया और उसकी टांगें ऊपर कर के चौड़ी करी और पेल दिया अपना मूसल उसकी चूत में.
दोनों गुत्थम गुत्था हो गए. वैसे तो विशाल बहुत देर तक चुदाई करने वाला इंसान था पर आज नयी देसी चूत मिली थी तो वो जल्दी ही खाली हो गया पर चुदाई के इस दौर में एक पागलपन जैसा नशा था. दोनों ही थक गए थे. शीला उठी और अपनी चूत के माल को पेटीकोट से पोंछ कर जल्दी से कपड़े पहन कर अपने कमरे में भागी.
कहानी जारी रहेगी. [email protected]
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