बरसात की रात में शीला की जवानी-1

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

हेलो, नमस्कार, वॉल-ए-कूम अस्सलाम, ससरिया-काल! मेरी कुछ हिंदी सेक्स कहानी जैसे इशिका की जवानी पर सावन की बरसातबरसात में चाची की चुदाई अन्तर्वासना डॉट कॉम पर आ चुकी हैं।

बंदा फिर हाज़िर है आपके सामने फिर एक नया तोहफा लेकर! माफी चाहूँगा दोस्तो, काफ़ी लम्बे समय आप लोगों से दूर रहा।

दोस्तो, पेश है आपकी खिदमत में एक ऐसी कहानी जो मजबूर कर देगी आपके हाथ को लण्ड सहलाने के लिए, उंगलियों को चूत के साथ छेड़-छाड़ करने के लिए, नहीं रोक पाएगी आपकी ज़िप आपके लण्ड को क़ैद में रख कर, नहीं रोक पाएगी कोई पैंटी मदमस्त चूतों को गीला होने से! पेश है कहानी बरसात की रात में शीला की जवानी!

शादियों का सीज़न है, ओर एक शादी में हम भी गये हुए थे। तो बात यूँ शुरू हुई कि हम जो हैं लड़की वालों की तरफ से गये थे, उसी शादी में लड़की का मेकअप करने के लिए लड़की की सहेली आई हुई थी। थी वो उस तरफ की जहाँ हमारा उस शहर में ऑफ़िस भी था, मेकअप गर्ल थी ब्यूटीशियन शीला!

शीला मेकअप करके दुल्हन को स्टेज पर लेकर आई तो हमारी नज़र दुल्हन की जगह उसकी सहेलियों पर गोते खाने लगी और एकाएक शीला से जा मिली। नज़र क्या मिली जनाब दुल्हन से ज्यादा खूबसूरत थी शीला! थोड़ी भीड़भाड़ थी या शीला कुछ ज्यादा व्यस्त थी कि शीला का ध्यान मुझ पर ज्यादा नहीं गया। कुछ देर तक सभी लोग पार्टी का लुत्फ़ ले रहे थे और मैं था कि सोच रहा था कि किस तरह इस नाज़ुक हसीना से बात हो!

खैर थोड़ी देर में सब लोग पार्टी का मज़ा लेने लगे, शीला ज्यादातर दुल्हन के नज़दीक ही थी, कुछ लोग खाना कर रहे थे तो कुछ लोग बातें कर रहे थे।

पार्टी में डी.जे भी बज रहा था कि तभी अचानक गाना आया- शीला की जवानी! गाना शुरू होते ही दुल्हन ने शीला की ओर और शीला ने दुल्हन की तरफ देखा, तो दुल्हन मुस्कुरा उठी और पास खड़ी लड़की शरमा गई।

इस गाने पर उस लड़की के हाव-भाव बदलते लग रहे थे, आँखो में शरम ओर चेहरे पे लाली बढ़ती जा रही थी! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। मैंने आइडिया लगाया कि गाने से उसका कोई लिंक है तो सही! मैंने भी मौका पकड़ा, लड़की वालों की तरफ़ से होने का फ़ायदा उठाया, मैंने एक थोड़ी जान पहचान वाली लड़की से कहा- क्या बात है, लड़की से ज्यादा तो मुझे लगता है शीला जी शरमा रही हैं? डी जे की आवाज़ में शीला को कुछ समझ नहीं आया, तो वो लड़की बोली- क्या तुम क्या शीला दीदी को जानते हो? मैंने कहा- हाँ! मैं उसे जानता हूँ। तो वो लड़की बोली- आओ मैं तुम्हें उनसे मिलवा दूँ।

दिल में छुपी बात पूरी हो रही थी, शीला से रूबरू जो होने वाले थे हम! खैर इंतज़ार पूरा हुआ, उस लड़की ने मुझे शीला से मिलवाया, तो वो बोली- मैं तो आपको जानती ही नहीं हूँ? तो मैंने भी पल भर देर किए बिना कह दिया- हम एक दूसरे को जानते नहीं हैं इसलिए तो जान पहचान करनी है। साथ खड़ी लड़की बोली- आपने तो कहा था कि मैं इन्हें जानता हूँ, इनका नाम शीला है?

तो मैंने भी कह दिया कि इतनी सारी लड़कियों में शीला की जवानी गाने पर सिर्फ़ एक लड़की शरमा गई और बाकी गाने का मज़ा ले रही थी तो मैंने सोचा कि हो ना हो, शीला नाम से इस हसीन सी लड़की का कोई तो ताल्लुक है, बस मैंने अंधेरे में तीर छोड़ा और बिल्कुल निशाने पर लगा।

हम सभी हंसने लगे, एक-दो लड़कियाँ बोली- मान गये बॉस! मैंने कहा- आप लोगों को बुरा ना लगे तो कुछ डांस- वांस हो जाए?

वो लड़कियाँ फ्लोर पर आ गई लेकिन शीला कुछ झिझक रही थी, मैंने उससे बात करनी शुरू की, वो थोड़ी थोड़ी खुलने लगी, बातों-बातों में एक दूसरे के शहर के बारे में जान लिया तो मैं बोला- फिर तो आप हमारे पड़ोसी ही हैं, इस लिहाज़ से आपका ख्याल रखना मेरा फ़र्ज़ बनता है।

मैंने कहा- बुरा ना मानो तो आप मेरे साथ डांस कीजिए! हल्की सी ना नुकुर के बाद और लड़कियों के कहने से वो तैयार हो गई। मैंने जानबूझ कर गाना लगवाया- शीला की जवानी!

वो एक बार तो थोड़ा शरमाई लेकिन थोड़ी देर बाद तो वो ऐसी खुली कि ज़म कर नाची। उसने मेरे साथ काफ़ी देर डांस किया।

डांस के बीच में कई बार मैंने उसे छुआ, एक बार मैंने उसे कमर से पकड़ के घुमाया तो कसम से इतनी प्यारी कमर थी कि छोड़ने का दिल ही नहीं किया। उसके हाथों को जो हाथों में लिया तो छूते ही एक अज़ीब सा गर्माहट सी मिली।

फिर वो दुल्हन के पास चली गई। शादी के दौरान, खाना खाते वक़्त, या जहाँ भी मौका मिलता, मैं उसे किसी ना किसी बहाने छूता रहा।

उसके बाद मैं उन लोगों के पास गया और मैंने घर जाने की इजाज़त ली तो शीला अपनी सहेली से कहने लगी- मैं भी घर जाना चाहती हूँ, मेरे लिए कोई इंतज़ाम करवा दो। मैंने बिना देरी किए बोल दिया- अगर आपको घर जाना है तो मैं छोड़ दूँगा, मैं भी तो उसी तरफ से जाऊँगा। दुल्हन की मम्मी ने कहा- बेटा, कोई बात नहीं, तुम सावन के साथ चली जाओ। सावन हमारे घर का ही लड़का है।

हमने उनसे विदा ली और मैंने शीला को गाड़ी में अपने साथ वाली सीट पर बिठाया, मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे, थोड़ा आगे चल कर मैंने गाड़ी थोड़ी साइड में ली और हल्का सा शीला की तरफ झुक गया, मेरे होंठ उसके होंठों के पास और मेरा सीना उसके कंधे के पास था।

वो सहम सी गई, बोली- सावन, क्या कर रहे हो? मैंने कहा- कुछ नहीं, सीट बेल्ट लगा रहा हूँ तुम्हारे लिए! वो बोली- मैं तो डर ही गई कि पता नहीं तुम क्या कर रहे हो?

मुझे मौका मिल गया, मैंने कहा- जब कोई अपना साथ होता है तो डरना नहीं चाहिए। वो बोली- हम एक दूसरे को जानते ही कहाँ हैं? मैंने कहा- अब तक इतना जान लिया, अभी तो रास्ता काफ़ी लंबा है, इस रास्ते में तो जान-पहचान पता नहीं कितनी गहरी हो जाएगी कि शायद तुम हमें कभी भूल ही ना पाओ?

उसे शायद कुछ अज़ीब सा लगा लेकिन इस बात से वो ज़रा सी मुस्कुरा गई। मैंने गाड़ी थोड़ी तेज़ चलाई, वो बोली- रात का वक़्त है, थोड़ा धीरे चलो!

बस फिर क्या था, मैं गाड़ी धीरे चलाने लगा, मैंने छेड़-छाड़ करनी शुरू कर दी। मैंने दरवाजे का लॉक चेक करने के लिए हाथ शीला की तरफ आगे किया तो मेरा हाथ उसके वक्ष को छू गया, वो शरमा सी गई। मुझे अपने हाथ पर उसके वक्ष की गोलाई महसूस हो रही थी।

कहानी जारी रहेगी। [email protected] कहानी का अगला भाग : बरसात की रात में शीला की जवानी-2

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000