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आपने मेरी पिछली कहानी
मेरा दोस्त और उसकी बहन-2
में पढ़ा था कि मैंने पापा से बात करके स्कूल की छुट्टी रखी थी और फिर उस दिन उन दोनों भाई-बहन की चुदाई की थी और उसने मेरी भी गांड में ऊँगली कर दी थी।
दोस्तो, आप सब मुझे गलत समझ रहे हैं, मैं गाण्ड नहीं मरवाता और ना उस दिन के बाद किसी ने मुझे छुआ। वो तो राज ने धोखे से मेरी गाण्ड में ऊँगली कर दी थी।
चलिए मैं आपको आगे की कहानी बताता हूँ।
मैंने उस दिन उन दोनों की जम कर गाण्ड और चूत मारी पर मैं तब बहुत ही थक गया था चोद चोद कर और मैं थोड़ा बोर भी हो गया था गाण्ड मार कर!
तो हम दोपहर में झूले पर बैठे थे बगीचे में!
मैं बता दूँ कि राज का घर काफी बड़ा और सुन्दर है, वहाँ पर एक बगीचा भी है जहाँ पर कोई आता जाता नहीं है।
राज अन्दर सो रहा था और हम एक दूसरे को सहला रहे थे, दोनों काफी गर्म हो चुके थे और धीरे धीरे एक दूसरे के कपड़ो में भी हाथ जा रहे थे। राज की बहन के चूचे दबाने का मजा ही कुछ और ही है और राज की गाण्ड मारने का मजा ही कुछ अलग है।
अब वो मुझसे चुदवाने को उत्सुक थी पर मुझे उसे चोदने की उतनी उत्सुकता नहीं थी फिर भी जब वो इतनी जिद कर रही थी तो मैंने पैंट खोल दी, आगे तो जो करना था वो करती।
उसने मेरी पैंट में से मेरा लौड़ा आजाद किया और भूखों की तरह चूसने लगी।
मुझे मजा तो तब आया जब उसने मेरा पूरा लौड़ा निगल लिया, मुझे जन्नत का एहसास हो रहा था। पर अब मुझे मजा आ रहा था क्योंकि मैं और वो बगीचे में ही नंगे हो गए उसके घर पर शेड लगा हुआ है तो कोई हमें देख नहीं सकता था ऊपर से!
हम नंगे होकर एक दूसरे को चूम रहे थे। कुछ समय तक चूमने के बाद मैंने सोचा कि इसकी गाण्ड मार ही लेता हूँ, पर जब मेरी नजर वाटर पूल पर पड़ी तो मैंने सोचा कि क्यों ना इसी पूल में इसकी मारी जाए!
तो मैंने उसे पूल की ओर ले जाकर उसमें उतार दिया और एक दूसरे को चूमना शुरू किया। मेरा लौड़ा पूरा तन गया था, मैंने उसे पूल के किनारे पर बैठा कर उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया वो मदमस्त हो रही थी।
दोस्तो, इस तरह चोदना मैंने एक ब्लू फिल्म में देखा था।
अब राज भी जाग चुका था और शायद हमें ढूंढता ढूंढता वो दरवाजे से बाहर चला गया। हमें लगा कि वो जानता होगा कि हम पूल में हैं।
पर वो कुछ देर बाद अन्दर आया तो उसके साथ एक सेक्सी लड़की भी थी।मैंने जब उसे देखा तो पता चला कि वो तो मेरी ही क्लासमेट मेघा थी।
मैंने राज की बहन को पानी में उतार दिया क्योंकि वो किनारे पर हमें इस हाल में देख लेती तो हम कहीं के नहीं रह जाते पर राज उससे बिल्कुल हंस-हंस कर बात कर रहा था।
हम दोनों डर गए क्योंकि वे दोनों पूल की ओर ही आ रहे थे। हमारे कपड़े दूर थे और पानी में तो हम कहाँ बच पाते, फिर मैंने राक की बहन को दूसरे किनारे भेज दिया।
जैसे ही वो दोनों बगीचे में आये, उन्होंने हमारे कपड़े देख लिए। राज सब कुछ समझ चुका था पर मेघा अभी भी कुछ नहीं समझी थी पर उसे कुछ शक तो हो ही गया था, वो राज से पूछने लगी कि ये लड़के और लड़की के कपड़े यहाँ क्या कर रहे हैं?
इतने में राज उसे बातों में उलझा कर अन्दर ले गया तो राज की बहन शावर लेने गई जल्दी से! मैं भी जा रहा था शावर के लिए, मैं पूल से निकला ही था कि मेघा की नजर पूल पर पड़ी, उसने मुझे देख लिया।पर मुझे पता नहीं चला कि उसने मुझे देख लिया था। हम दोनों शावर साथ में ही ले रहे थे और एक दूसरे को नहला रहे थे कि अचानक मेघा जिद्द करके राज को बाथरूम में ले आई जहाँ पर हम नहा रहे थे।
हमारी नजर उन पर नहीं पड़ी क्योंकि हम अपनी मस्ती में थे।
अचानक मेघा बोली- राजू, तुम यहाँ क्या कर रहे हो? और वो भी इस हाल में?
तो मैं डर गया और बोला- यार किसी को मत बताना वर्ना मैं कहीं का नहीं रह जाऊँगा।
राज और उसकी बहन हंसने लगे, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
तब राज बोला- यार, इसे तो मैंने ही फोन करके बुलाया है, यह मेरी साथी है और में इसे यहाँ कई बार चोद चुका हूँ।
तभी हमने उन दोनों को भी नंगा किया और हम चारों नहाने लगे।
मैंने इस दोरान मेघा के चूचों को खूब चूसा। उसने मेरा लौड़ा देखा तो चौंक गई, बोली- इतना बड़ा है राजू तुम्हारा?
मैंने कहा- तुम भी कुछ कम नहीं हो?
मैंने कहा- इसे हिला दोगी क्या? इसमें बहुत उत्तेजना उठ रही है। वो बैठी और मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया। ऊस्स्स्स ओह हो हो…आह्ह आह्ह्हह्ह आह्ह…क्या चूस रही थी यार!
उसने भी खूब जम कर चूसा, उसका बदन देख कर मन में आग लग रही थी जो शांत करना मुश्किल हो रहा था, मेरा तो उसके मुँह में ही छुट गया, वो पूरा पी गई।
हम नहा कर निकले तो लगभग शाम हो चुकी थी। हमने अन्दर घर में जाकर कुछ खाया और मैं और राज जाकर ब्लू फ़िल्म की सी.डी. लेकर आए।
रात को हम सब करीब 9 बजे साथ में देखने लगे। हम सभी नंगे बैठे थे और दोनों लड़कियों की चूत में ऊँगली कर रहे थे, वे हमारे लौड़े सहला रही थी।
फिर अचानक एक सीन आया जिसमें दो लड़कियाँ और दो लड़के थे तो हमने भी वैसे ही करना शुरू किया।
सबसे पहले तो चूत चाटी! क्या मस्त थी! वे भी अपनी चूत उठा उठा कर चटवा रही थी। कुछ समय तक चूत चाटने के बाद उन्होंने बड़ी बेरहमी से हमारे लौड़े चूसे! कभी मेरा लौड़ा राज की बहन के मुँह में होता तो कभी मेघा के!
फिर हमने उन्हें सीधे लिटा दिया और एक टांग अपने कंधे पर रख ली और चूत पर लौड़ा रख कर धक्का मारना शुरू हो गए, मैं मेघा की चूत चोद रहा था, जन्नत मिल रही थी उसकी चूत में!
तो फिर मैं राज की बहन के पास गया और मैं उसे नीचे से उसकी गांड में चोदने लगा, ऊपर से राज उसकी चूत मार रहा था।
मेघा की चूत मेरे मुँह मे थी, दोनों के मुँह से आवाज निकल रही थी- अह्ह्ह… आह्ह्हह्ह… फाड़ दू… उह्ह ऊऊऊउह आह्ह्ह आह्ह्ह्ह…
अब मेघा मेरे लौड़े पर बैठ रही थी और राज उसकी चूत में डाल रहा था। मैंने तेजी से उसकी गाण्ड मारी और पूरी जीभ राज की बहन की चूत में डाल दी। उसके मुँह से उमंग भरी सिसकारियाँ निकलने लगी।
मैंने उसके चूचों को पकड़ा और तेजी से चोदने लगा।
उसके मुँह से आवाज आ रही थी-…ऊह्ह्ह ऊओह्ह् फक्क मी बोयस वैरी फास्ट वैरी फास्ट ऊओह्ह्ह ईई ऊऊह्ह्ह्ह गोड फास्ट ऊओह्ह्ह आह्ह्ह…ओह.ओह…ओह..
राज भी अब तेजी में था, उसकी बहन मेरे मुँह में झड़ गई उसका सारा नमकीन पानी मैंने पी लिया। इस दौरान तेज चुदाई के कारण मेघा भी झड़ने वाली थी और खूब तेजी से चुदी।
उस दिन हमने करीब पूरी रात चुदाई की क्योंकि वो हमारी एक साथ में रहने की अन्तिम रात थी।
और चुदाई का यह सिलसिला चलता ही रहा लम्बे समय बाद तक!
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