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लेखक :कबीर शर्मा
मैंने हिम्मत क़रके भाभी से कह दिया- भाभी, मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो !
भाभी मेरी तरफ देखने लगी !
मैं डरा हुआ था, मैंने पहले किसी को ऐसी बात नहीं कही थी, मेरी धड़कन बहुत तेज हो गई थी कि कहीं भाभी घर पर न बता दें?
भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया, भाभी मुझसे लिपट गई और बोली- मैं भी तुम्हें पसंद करती हूँ पर कह नहीं पाई।
भाभी की चूचियाँ मेरी छाती से लग रही थी, मैंने अपना हाथ उनकी चूची पर रख दिया और धीरे-धीरे दबाने लगा तो भाभी गर्म होने लगी थी।
भाभी को मजा आ रहा था, भाभी मुझसे लिपटी हुए थी, मैंने भाभी को उठाया तो वो रो रही थी। मैंने भाभी के आँसू पौंछे।
वो बोली- तुम्हारे भाई को तो बस दारू पीने से मतलब है, वो मुझे ढंग से प्यार भी नहीं करते, न ही मुझे संतुष्ट क़र पाते हैं।
मैंने कहा- कोई बात नहीं भाभी ! मैं आ गया हूँ ना, तुम्हें बहुत प्यार दूँगा मैं।
इतना कहते ही मैंने अपने होंट उनके होंटों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी। मैं एक हाथ से उनकी चूची को दबा रहा था।
फिर भाभी ने कहा- चलो, अन्दर चलते हैं।
हम दोनों बेडरूम में चले गये। भाभी बेड पर लेट गई मैं भी उनके पास जाकर लेट गया और उनकी टांगों को सहलाता हुआ उनकी चूत के दर्शन करने लगा।
क्या कमाल की चूत थी ! वाह ! मैंने पहेले कभी एसी चूत नहीं देखी थी, एक भी बाल नहीं था उनकी चूत पर।
वो बोली- आज ही काटी हैं मैंने अपने झांटें।
उनकी चूत बिलकुल चमक है रही थी।
भाभी बोली- तुम्हारे भाई को तो बस दारू चाहिए ! कभी सेक्स नहीं क़र पाता ढंग से ! मैं तो प्यासी रह जाती हूँ, फिर ऊँगली से प्यास बुझाती हूँ। मेरे प्यार देवर, आज मेरी प्यास को बुझा दो डार्लिंग।
मैंने भाभी की मैक्स़ी उतार दी और भाभी के बदन को देखने लगा।
भाभी बोली- क्या हुआ सेक्सी?
मैंने कहा- मैंने रंडियों की चूत तो देखी थी पर वो अपने सारे कपड़े नहीं उतारती, पहली बार किसी औरत को नंगी देखा है।
मेरा लण्ड खम्बे की तरह खड़ा था, भाभी ने मेरे तौलिये को हटाया और मेरा लण्ड को देख क़र बोली- हाय राम ! इतना बड़ा लण्ड मैंने आज तक नहीं देखा ! बहुत खुश रहेगी जिसकी तुम्हारे साथ शादी होगी।
मैंने कहा- अभी तो मैं आपको खुश करूँगा सेक्सी।
मैं उनकी चूत को चाटने लगा तो उनके मुँह से वासना भरी आवाज आने लगी- आ…. आह….. स्स… सीईई… ईईई…
मैं 5 मिनट तक करता रहा, उनका बदन अकड़ने लगा और उनकी चूत से वीर्य जैसा निकलने लगा। मैंने पहली बार लड़की की चूत से वीर्य निकलता देखा, मैंने पूछा- भाभी, औरतों के भी वीर्य निकलता है?
वो बोली- हाँ मेरे प्लेबॉय ! जब औरत को सेक्स में मजा आता है तब निकलता है, यह अमृत है मेरे कालबॉय ! इसे पी जा डार्लिंग !
मैं उनके सारे वीर्य को पी गया, मजा आया मुझे।
अब वो मेरे लण्ड पर आ गई और मेरे 7 इंच के लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी। जवानी में पहली बार कोई मेरा लण्ड चूस रही थी। मैं अपने आपको संभाल नहीं पा रहा था और 5 मिनट में मेरा सारा वीर्य उनके मुँह में भर गया और वो सारा पी गई।
मैं उनके पास बिस्तर पर लेट गया। मैंने भाभी से पूछा- आपको बच्चा कब होगा?
भाभी बोली- तेरे भाई से तो नहीं हो पायेगा ! वो तो नामर्द है मादरचोद ! उसका 5 इंच का लण्ड ना तो ढंग से खड़ा होता है, और होता भी है तो 10-12 झटकों में झड़ जाता है।
भाभी के मुँह से ऐसी बातें सुनकर मेरा फिर खड़ा हो गया। मैं भाभी की टांगो के बीच में आ गया और अपना लण्ड उनकी चूत की दरार पर रख एक झटका मारा तो मेरा 3 इंच लण्ड अंदर गया। उनकी चूत का छेद संकरा था। मेरे पहले झटके में भाभी के मुँह से चीख निकल गई, वो बोली- आराम से डार्लिंग ! बहुत दिनों बाद चुद रही हूँ।
मैंने दूसरा झटका दिया तो मेरा 5 इंच लण्ड अंदर गया।
“मर गई ! आह… अई… आ…अह !” भाभी के मुँह से आवाज निकली।
मैंने ध्यान नहीं दिया और एक और झटके में पूरा लण्ड चूत में घुसा दिया। वो मुझसे बच क़र निकलने की नाकाम कोशिश क़र रही थी पर मैं उनके होंठ चूसने लगा। वो धीरे-धीरे सामान्य हो गई।
मैंने झटके देने शुरु किये, मेरा लण्ड भाभी की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। यह तो शुरुआत थी !
भाभी भी मेरा पूरा साथ देने लगी और नीचे से झटके मारने लगी। मुझे अच्छा लग रहा था।
वो मेरा पूरा उत्साह बढ़ाने लगी, वो बोल रही थी- जोर से ! और जोर से ! मेरे कालबॉय ! मेरे प्लेबॉय !
मैं जोर जोर से झटके मर रहा था, वो अपने मुँह से आह…. अई…. आ…अह..की आवाज क़र रही थी, मैं पूरे जोर से झटके दे रहा था। 15 मिनट के बाद उनका बदन अकड़ने लगा, वो फिर से झड़ गई पर मेरा अभी नहीं हुआ था, मैं उन्हें लगातार चोद रहा था, पूरे कमरे में पच-पच की आवाज आने लगी। मैं आह आह क़रके पूरे जोर से चोद रहा था।
दस मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये। मैं उनके उपर ही लेटा रहा और उनके ऊपर ही सो गया।
मैं दो घंटे बाद उठा तो भाभी मेरे बालों में हाथ फिरा रही थी। मैंने भाभी को बालो से पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचा और क़स के एक चुम्बन लिया।
फ़िर हम दोनों ने नाश्ता किया और फिर मैंने दोबारा भाभी की चुदाई की और गाण्ड मारी।
भाभी मुझे अपना कालबॉय बुलाने लगी थी।
भाभी ने अपने पर्स से 2000 रूपये निकाले और मुझे दिए।
मैंने कहा- यह किस लिए हैं भाभी?
वो बोली- तू मेरा कालबॉय है आज से ! ठीक है?
मैंने सर हिला दिया।
भाभी बोली- तुझे और काम चाहिए तो बोल?
मैंने हाँ क़र दी।
भाभी ने मुझे एक महीने बाद अपनी सहेली से मिलवाया।
उनकी फ्रेंड बोली -यह तो बच्चा है?
भाभी बोली- यह बच्चा नहीं, मेरे बच्चे का बाप बनने वाला है। और इसका जुगाड़ बहुत बड़ा है।
मैंने फ़िर उनकी चार सहेलियों को चोदा।
आज मैं एक कालबॉय हूँ, एक नाजायज बच्चे का बाप हूँ सिर्फ 20 साल की उम्र में एक कालबॉय बन चुका हूँ।
भाई ने रिटायरमेंट ले ली है तो मैं अब कभी कभार ही भाभी को चोदता हूँ, पर वो खुश है मेरे बच्चे के साथ। मैं भी यही चाहता हूँ कि वो खुश रहे।
आप को मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर मेल करें।
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