मजा कहाँ है?-2

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प्रेषक : हैरी बवेजा

उसने मेरी कमर पर अपनी टाँग रख दी और मुझसे लिपट कर सोने लगी।

मैंने कहा- यह क्या कर रही हो?

उसने कहा- जीजाजी, मैं तो ऐसे ही सोती हूँ ! अपने घर में भी और दीदी को भी ऐसे ही पकड़ कर सोती हूँ !

मैंने कहा- ठीक है !

फिर मैं धीरे-धीरे उसके चूचे दबाने लगा, वो कुछ नहीं बोल रही थी, उसे भी अच्छा लग रहा था।

उसने कहा- सो जाओ जीजा जी !

मैंने कहा- अब नींद किसे आएगी मेरी साली जी !

और मैं जोर-जोर से उसकी चूचियाँ दबाने लगा। वो धीरे-धीरे गर्म होने लगी थी। मैंने उसकी कमीज़ उतार दी और अब वो मेरी सामने सिर्फ ब्रा में थी। तब पहली बार उसे मैंने इस हालत में देखा था। कसम से, क्या माल लग रही थी सुप्रिया ! मस्त चूचियाँ थी साली की !

फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी। उसने मना तो किया पर ज्यादा विरोध नहीं किया।

फिर मैंने उसकी सलवार भी उतारने के लिए जैसे ही हाथ उसके नाड़े तक लगाया, उसने मेरा हाथ पकड़ किया और कहने लगी- प्लीज, इसे तो रहने दो !

पर मैं नहीं माना और उसकी सलवार भी उतार दी। तब वो मेरे सामने पैंटी और ब्रा में थी, मस्त परी की तरह लग रही थी !

फिर मैं उसके दोनों स्तनों को बारी-बारी मुंह में लेकर चूसने लगा।

उसे मजा आने लगा और वो और गर्म होती जा रही थी !

और फिर मैं उसकी बुर के पास उंगली ले गया और उसके बूर के दाने को रगड़ने लगा।

उसके मुंह से सिसकारियाँ निकल रही थी- सीई ईईइ आअआ !

और मैं उसकी बुर में अपना मुंह लगा कर उसकी बुर चाटने लगा।

क्या स्वाद था उसकी बूर का ! नमकीन की तरह !

मैंने थोड़ी देर ही उसकी बूर चाटी थी और वह झड़ गई ! और ढेर सारा पानी मेरे मुंह में आ गया। मैंने उसका पानी चाट लिया और उसकी बुर साफ़ कर दी।

अब मैंने उससे पूछा- सुप्रिया, मजा आया?

उसने कुछ नहीं कहा और शरमा कर मुस्कुरा दी।

फिर मैंने कहा- सुप्रिया, अब जरा मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले कर के मेरी भी प्यास बुझा दो !

उसने मेरा लण्ड मुंह में लेने से मना कर दिया।

मैंने कहा- देखो, मैंने भी तो तुम्हारी बुर चाटी है ! क्या तुम अपने जीजा जी के लिए इतना भी नहीं कर सकती?

इस पर उसने मेरा मोटा लण्ड अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगी और मैं उसकी धीरे-धीरे फिर चूचियाँ चूसने लगा और वो फिर से गर्म हो गई और मेरा लण्ड जोर जोर से लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।

अब सुप्रिया पूरी गर्म हो गई फिर से !

फिर मैंने उसके चूत में अपनी जुबान लगा दी और चाटने लगा वो सीईई ईइ अह ! आह ! करने लगी और बोली- जीजा जी, प्लीज, ऐसा मत करो !

वो मेरा लण्ड पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगी। फिर मैंने उसकी टांगों को थोड़ा उठाया और अपने कंधे पर रख कर और अपने लण्ड पर ढेर सारा थूक लगा कर उसकी योनि के अंदर जैसे ही थोड़ा लण्ड घुसाने की कोशिश की, वो छटापटाने लगी और बोली- रहने दीजिये !

पर मैंने उसे कहा- सुप्रिया, कुछ नहीं होगा तुम्हें !

वो बोलने लगी- दर्द हो रहा है !

फिर मैंने लिपगार्ड अपने बैग में से निकाला और अपने लण्ड और उसकी बुर पर काफ़ी सारा लगा दिया जिससे उसकी कुंवारी बुर और चमकदार हो गई। मैंने उसे बातों में उलझा दिया और जोर से एक झटका मारा।

वो चिल्ला पड़ी और रोने लगी, कहने लगी- प्लीज मुझे छोड़ दो ! बहुत दर्द हो रहा है !

और मुझसे कहने लगी- क्या इसी काम के लिए मुझे यहाँ लाये थे?

और वो जोर-जोर से रोने लगी।

मैंने उसे समझाया और कहा- प्लीज रोना नहीं ! नहीं तो होटल वाले सुन लेंगे तो बदनाम हो जाएंगे !

मैं उसकी बुर में ही लण्ड रखे-रखे उसे समझा रहा था, उसके होंठों को चूस रहा था और उससे कह रहा था- सुप्रिया, थोड़ी देर बाद तुम्हें भी मजा आएगा ! देखना !

और ऐसे बातें करते-करते दस मिनट के बाद उसका दर्द कम हुआ, फिर उसने कहा- जीजा जी, दर्द कम हो गया है !

फिर मैंने और एक जोर का धक्का दिया और पूरा का पूरा लण्ड उसकी बूर में पेल दिया।

वो इस बार भी चिल्लाई पर मैंने उसके होंठ अपने होंठों में ले लिए थे क्योंकि मुझे पता था कि वो चिल्लाएगी, उसकी सील जो टूट रही थी !

और ढेर सारा खून मेरे लण्ड पर लग गया था।

वो कहने लगी- आप तो कह रहे थे कि मजा आएगा ! मजा कहाँ आ रहा है? यहाँ तो सिर्फ दर्द ही दर्द हो रहा है?

फिर मैंने कहा- थोड़ी देर और रुको ! फिर देखना !

मैंने लण्ड उसकी बुर में ही रखे रखा था और उसकी चूचियों को जोर-जोर से चूस रहा था। फिर थोड़ी देर के बाद सुप्रिया का दर्द कम हो गया और वो भी नीचे से होले-होले अपनी कमर हिलाने लगी।

मैंने कहा- क्यों सुप्रिया? दर्द कहाँ गया?

सुप्रिया ने कहा- जीजा जी, अब दर्द ना जाने कहाँ चला गया ! जोर से करिए ना !

फिर मैंने अपनी गति बढ़ा दी और जोर-जोर से उसे पेलने लगा। वो सिसकारियाँ ले ले कर चुदवा रही थी- वूऊऊओ आआआअ हाआआआअ हईईईईए ! और जोर से जीजा जी ! सिसीईईईइ ! बहुत मजा आ रहा है ! सच में ! आपने कहा था कि बहुत मजा आएगा ! मुझे बहुत मजा आ रहा है ! हाय जीजा जी ! ऐसे ही करो ना ! बहुत मजा आ रहा है ! सिसीईईईईईई उईईईई हयईईईई !

ऐसे वो सीत्कार कर कर के मुझसे चुदवा रही थी और अपनी कमर जोर जोर से हिला रही थी।

करीब दस मिनट चुदवाने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा, मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है।

उसने कहा- जीजा जी, और जोर से ! और जोर से पेलो !

और उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और वो झड़ गई।

पर मेरा लण्ड अभी भी खड़ा था और उसकी चुदाई कर रहा था। करीब 30 मिनट की चुदाई के दौरान वो तीन बार झड़ गई थी और अब मेरी भी बारी थी। मैं उसे जोर जोर से पेलने लगा, वो जोर जोर से सीई ईई ईईई इआ आह आअ उईईई हईई कर रही थी।

अब मुझे लगा कि वो फिर से झड़ने वाली है और अब मैं भी झड़ने वाला था, मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा, मैंने उससे कहा- हाय मेरी साली, मैं झड़ने वाला हूँ !

तो उसने कहा- जीजा जी, मैं भी झड़ने वाली हूँ !

मैंने कहा- कहाँ करूँ?

उसने कहा- आपकी मर्जी !

फिर मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा और वो भी जोर जोर से नीचे से अपनी कमर हिला रही थी। फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए, उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और एक जोर से चुम्बन मेरे गाल पर कर दिया।

चादर देखी तो खून से लाल हुई पड़ी थी। हमने चादर हटा दी और दोनों नंगे बिस्तर पर लेट गए।

उस रात मैंने उसकी पाँच बार चुदाई की, कभी कुतिया बना कर, कभी गोद में लेकर, कभी वो मेरे ऊपर हो गई। हमने अलग-अलग तरीके से चुदाई की, पूरी रात आनन्द लिया।

अगली कहानी बाद में कि मैंने सुप्रिया और उसकी छोटी बहन को एक साथ कैसे चोदा !

आपको मेरी सत्य कथा कैसी लगी, मुझे मेल करिएगा !

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