This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
मैं चन्दन पटना का रहने वाला हूँ, आप सभी अन्तर्वासना के पाठकों को लण्डवत प्रणाम करता हूँ। मैं आज आपको जो कहानी पेश करने जा रहा हूँ यह कहानी एकदम सच्ची कहानी है।
यह बात उन दिनों की है जब मैं पढ़ता था। मेरा घर तीन मंजिला है और आसपास के घरों में सबसे ऊँचा है। मैं हर दिन पढ़ने का बहाना करके छत पर चला जाता था और वहाँ जाकर छत से नीचे इधर-उधर देखता था। मेरे घर के आसपास बहुत सारी लड़कियाँ रहती हैं।
एक घर में दो बहनें रहती हैं जिनका नाम माधुरी और सुन्दरी है उन दोनों की उम्र करीब क्रमशः 22 और 24 है। दोनों बहनें कसम से क्या मस्त लौंडियाँ हैं, दोनों की शादी नहीं हुई है।
मेरा तो उन दोनों को देख कर चोदने का मन करता था लेकिन मुझे सुन्दरी ज्यादा पसंद थी क्योंकि वो बहुत गालियाँ देती है।
उन लोगों का बाथरूम जहाँ वो नहाती हैं, एकदम मेरे घर के पिछवाड़े में नीचे है, मैं हर दिन आराम से उन दोनों के नहाने का इंतज़ार करता था और सबसे ज्यादा सुन्दरी को नहाते देखता था।
कसम से! क्या खूबसूरत बदन है उसका! फिगर 36-30-36 है। जब वो नहाती है तब उसका गोरा, गदराया बदन देख कर मेरा तो 7 इंच का लण्ड भड़कने लगता है। मैं हर रोज उसे नहाते देख कर मुठ मारता था और गर्म-गर्म वीर्य कागज पर लेकर उस पर नीचे उसके नहाते समय ऊपर से गिरा देता था।
क्या मजा आता था!
मैं जब-जब उसकी गोल-गोल चूचियाँ देखता था, मेरा मन उन चूचियों दबा कर पीने को आतुर हो जाता था। माल ही ऐसा है!
मेरी यह शरारत बहुत दिन तक चली। एक दिन सुन्दरी को लगा कि मैं ऊपर से देख रहा हूँ तो उसने तुरंत साया अपने सरीर पर अच्छी तरह से लपेट कर पास के किसी कमरे में चली गई।
मैं तो डर गया, मेरी तो गाण्ड फटने लगी कि अगर उसने मेरे घर में कह दिया तो मेरे पापा मुझे बहुत मारेंगे।
मैं 2-3 दिन के लिए यह काम छोड़ दिया। फिर भी कहाँ मेरे मन उस गदराये बदन को देखे बिना मान रहा था। मैंने फिर से देखना शुरु कर दिया, फिर से मेरी मस्ती शुरु हो गई।
एक दिन मेरा वीर्य निकलने में देर हो गई और उसका नहाना खत्म हो गया और वो कपड़े पहन रही थी, तभी मेरा निकल गया और मैं उसके ऊपर डालने लगा।
फिर क्या! उसे किसी गर्म पदार्थ का अनभव हुआ और वो ऊपर की तरफ देखने लगी तो उसने मुझे देख लिया, फिर मुझे गालियाँ देने लगी…
मादरचोद… जा जाकर अपनी माँ का देख! बहनचोद…जा जाकर अपनी बहन का बदन देख! हरामी…! साला..!
मेरी तो उस दिन गाण्ड सूख गई, मैं तो पछता रहा था, अगर घर में पता चल गया तो मेरी खैर नहीं है।
मैं फिर सच में बहुत दिनों तक छत पर नहीं गया, मुझे बहुत डर हो गया था।
एक दिन मैं अपने घर के पास के बाग में गया जहाँ हमारे कुछ फलों के वृक्ष हैं।
वहाँ पास में ही सुन्दरी के परिवार की भी जमीन है लेकिन वहाँ कुछ भी नहीं था सिर्फ पुराने बाथरूम के जो तब कोई प्रयोग नहीं करता था।
मैं अपने अमरूद के पेड़ से अमरूद तोड़ने गया था लेकिन ज्यादा अमरूद नहीं मिले बस दो ही मिले।
मैं लेकर जाने वाला था कि तभी पीछे से किसी ने आवाज़ दी- ऐ कितने अमरूद मिले?
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वहाँ सुन्दरी मुस्कुराती हुई बोली- चन्दन, मुझे नहीं खिलाओगे?
मेरी तो फट गई, मैं घबराते हुए बोला- नहीं, बस दो मिले हैं!
इस पर वो बोली- इधर आ, देखूँ तो!
मैं धीरे धीरे डरते हुए उसके पास गया, उसको दोनों अमरूद दे दिए। वो दोनों ही खा गई। उसके पास खड़े होने से ही मेरी हालत ख़राब हो रही थी, मैं पूरा ही घबराया हुआ था और ऊपर से उस हॉट सुन्दरी को देख कर मेरा लंड अंगड़ाइयाँ ले रहा था।
दोनों अमरूद खाने के बाद वो बोली- बस दो ही मिले? मैं बोला- हाँ! वो हुक्म सा सुनाती हुई बोली- चल आ यहाँ मेरे पास!
मेरा लण्ड तो और गर्म हो गया। तब मेरे पास आकर बोली- चल जेब दिखा? मैं बोला- देख लीजिये खुद ही! कुछ नहीं है!
मेरे इतना बोलने के तुरंत बाद ही उसने मेरी जेब में हाथ डाल दिया।
फिर क्या! सुन्दरी मेरी जेब में हाथ घुमाने लगी, मेरी जेब अंदर से फटी हुई थी, उसके कोमल हाथ का स्पर्श पाकर मेरा लण्ड अनियंत्रित हो गया।
मैंने चड्डी नहीं पहनी थी इसलिए मेरा लण्ड सीधे उसके हाथ में आ गया।
अब तो सुन्दरी हंसने लगी, बोली- यह क्या है चन्दन? मैं धीरे से घबराते हुए बोला- अब और नहीं होगा! मुझे माफ़ कर दीजिये! सुन्दरी बोली- तुझसे तो बहुत पुराना हिसाब चुकाना है, तू अंदर आ!
वो बन्द पड़े पुराने बाथरूम में आने को कह रही थी। मैं विनती करते हुए बोला- प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिये, मैं दोबारा गलती नहीं करूंगा। सुन्दरी इस बार जोर से बोली- तेरे बाप को बोल दूँ क्या? मैं बोला- नहीं, ऐसा मत कीजये! नहीं तो पापा मुझे घर से निकाल देंगे। आप जो कहेंगी, मैं करूँगा, लेकिन पापा को मत बोलियेगा! सुन्दरी बोली- सब करेगा? तू अंदर आ! आज दिखाती हूँ तुझे किसी लड़की को नहाते हुए देखने का मजा!
उसने मुझे अंदर बुलाकर नंगा होने को कहा। मैं बोला- प्लीज़ छोड़ दो! तो वो बोली- ठीक है! तुम्हारे पापा को बोलती हूँ! मैं बोला- मत बोलो! फिर वो बोली- तो जो मैं कहूँ, वो कर!
मैं धीरे-धीरे अपने कपड़े उतारने लगा और नंगा हो गया। मुझे नंगा देख कर वो हंसने लगी। वो मेरे पास आई और मेरे लण्ड पर एक झापड़ मारा।
झापड़ इतना जोर से मारा कि मेरा लण्ड फिर से उतना ही जोर से खड़ा होकर हिनहिनाता हुआ उसके हाथ को छू गया।
अब क्या! सुन्दरी बोली- वाह क्या लण्ड है! मुझे चोदेगा क्या?
[email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000