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प्रेषक : रिशु
कहानी का पिछला भाग: ज्योतिषी की सलाह-2
मैंने कहा- अरे आखिर मेरी बहन की पहली चुदाई थी तो धमाकेदार तो होनी ही चाहिए थी। कामिनी बोली- चलो अब अपन एक राउंड खेल लेते है। फिर में कामिनी को चोद कर घर चला आया।
रात को मैंने फोन पर कामिनी से पूछा- रश्मि के क्या हाल हैं? कामिनी ने बताया- उसको अब तो रिशु उसको तीसरी बार चोद रहा है और वो बहुत मज़े ले ले कर चुदवा रही है। मैंने कहा- स्वामी जी ने तो एक हफ्ते का समय दिया था और रिशु ने तो एक दिन में ही तीन बार चोद डाला मेरी प्यारी दीदी को। कामिनी हंसने लगी और बोली- अब रिशु की तबीयत ठीक हो जाये बस। मैंने मन में कहा- ठीक तो हो ही जायेगा।
अगले दिन सुबह पापा का फोन आया, उन्होंने बोला कि वह चार दिन और वहीं रहेंगे।
फिर मैं आराम से तैयार हो कर जब रिशु के घर पंहुचा तो कामिनी ने बताया- रिशु और रश्मि एक साथ नहा रहे हैं। मैंने रश्मि से कहा- घर नहीं चलना? तो वो बोली- मम्मी-पापा तो परसों वापस आएंगे तब तक मैं यहीं रह जाती हूँ।
यह सुन कर रिशु ने रश्मि क एक प्यारा सा चुम्मा लिया और कामिनी बोली- यह तो बन गई पूरी चुदासी। मैंने झूठ बोल दिया कि सुबह पापा का फोन आया था वो कल सुबह आ रहे हैं।
यह सुन कर रश्मि थोड़ा उदास हो गई तो मैंने कहा- अच्छा चलो! शाम तक करो खूब प्यार! आओ आंटी इनको प्यार करने दो! हम आपके बेडरूम में चलते हैं। और मैं फिर से कामिनी को एक बार और चोदने चल पड़ा और उधर रिशु रश्मि को बाथटब में लिटा कर चोदने लगा।
असल में मैंने सोचा कि जब रश्मि रिशु से चुद ही गई है तो क्यों न मैं भी उसको चोदूँ। यह सोच कर ही मैंने उसको झूठ बोला कि पापा कल आ रहे हैं ताकि उसे घर ले जा कर मैं खूब चोदूँ और उसकी गांड भी मारूँ।
शाम तक रिशु ने रश्मि की तबीयत से चुदाई की और फिर मैं उसे लेकर घर वापस आ गया।
अब मैं यह सोच रहा था कि कैसे रश्मि को चोदा जाये। क्योंकि हो सकता है कि रिशु से एक बार चुदने के बाद से वो उसके सामने खुल गई हो पर मेरे सामने आने से पहले वो अपना बदन ढक ले रही थी।
मैंने उसको बातों से गर्म करने की सोची। मैंने उससे पूछा- कैसा लगा पहली बार सेक्स करके? वो बोली- देखो भैया, सभी लड़कियों को शरीर की भूख होती है और सबको सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है पर एक तो बदनामी का डर और कभी कोई अनुभव न होने से कोई भी लड़की शादी से पहले सेक्स करने से डरती हैं, मैं भी शादी से पहले यह काम नहीं करना चाहती थी। जब मैं चुदी तो लगा कि जन्नत में पहुँच गई और लगा कि मैं बेकार ही डरती थी और फिर तो लगा कि बस रिशु मुझे चोदता ही जाये।
मैंने कहा- बस रिशु ही या और किसी से भी चुदने का इरादा है? वो बोली- बात तो वही बदनामी की है और मेरा काम तो अब रिशु से हो ही जायेगा क्योंकि उसने बोला है कि जब भी जरूरत हो बुला लेना, मैं चोदने आ जाऊँगा। मैंने कहा- बदनामी का कोई डर न हो तो? वो बोली- मतलब? मैंने कहा- रश्मि जब से मैंने कल से तुम्हें नंगा देखा है, मेरा बुरा हाल है और जब तक तुम मुझे नहीं मिल जाती मुझे चैन नहीं आयेगा।
अचानक रश्मि भड़क गई और बोली- अपनी सगी बहन को पहले तो अपने दोस्त से चुदवाया और अब खुद भी चोदना चाहता है? बहन चोद! उसके मुँह से गाली सुन कर मुझे बड़ा अजीब लगा क्योंकि हम सबको लगता था कि यह बहुत शरीफ है और कुछ नहीं जानती।
मैं साफ़ साफ़ बोला- देखो, तुम्हारी अगर मर्ज़ी न हो तो कोई बात नहीं! पर मम्मी पापा कल नहीं चार दिन बाद आएंगे और मैं तुम्हें झूठ बोल कर वापिस इसलिए लाया था कि तुम्हें चोद सकूँ। वो चिल्लाने लगी- चोद सकूँ! चोद सकूँ! अरे हाथ भी मत लगाना वरना देख लेना भोसड़ी के! अरे, मैं वहाँ आराम से रिशु से चुद रही थी तब तो झूठ बोल कर मुझे वापिस ले आया और खुद चोदना चाहता है? गांड मार दूँगी अगर हाथ भी लगाया तो।
मैंने सोचा कि इस वक्त काम टेढ़ी ऊँगली से निकलना होगा। मैंने कहा- बस इतनी सी बात? अभी मैं रिशु को यहीं ले आता हूँ! और मैं रिशु को लेने चल पड़ा।
रिशु के घर पहुँच कर मैंने कामिनी से कहा- आज रात को रिशु मेरे घर पर ही रुकेगा और उसको लेकर वापस आ गया। रास्ते में रिशु बोला- यार मोनू, रश्मि बहुत मस्त चीज़ है! मैं उससे शादी करना चाहता हूँ! अभी मम्मी से मैं यही बात कर रहा था। कुछ चक्कर चलाओ और मेरे साले बन जाओ।
मुझे पता था कि रश्मि रिशु के लंड की दीवानी हो चुकी है पर मैं बोला- यार, इसमें मेरा क्या फायदा? तुम्हें तो करारा माल मिलेगा जिंदगी भर चोदने के लिए और मुझे कुछ नहीं। वो बोला- यार मम्मी को चुदवा दिया तुमसे! और क्या चाहते हो? मैं बोला- मैंने भी तो रश्मि चुदवा दिया तुमसे! हिसाब बराबर। रिशु- ऐसा मत बोल, तू मेरा दोस्त है। कुछ कर न यार।
मैं- देख कर तो सकता हूँ पर तू कुछ ऐसा कर कि रश्मि मुझसे चुदवा ले बस एक बार। रिशु- साले अपनी सगी बहन को चोदेगा? मैं उससे शादी करना चाहता हूँ और तू बोल रहा है कि उसको तुझसे चुदवाऊँ। मैं- अबे जाने दे, सबसे बड़ा रिश्ता तो आदमी और औरत का होता है। बोल क्योंकि मेरे मनाये बिना मम्मी पापा नहीं मानेंगे। रिशु- चल यार, तू आखिर दोस्त है, आज ही ग्रुप सेक्स करते है रश्मि के साथ। चल एक बोतल वोदका ले ले। मैं- हाँ खाना भी तो लेना है।
रिशु के कहने से मैंने सिर्फ नानवेज खाना लिया। खाना और वोदका खरीद कर हम जैसे ही घर पहुँचे, रश्मि रिशु से लिपट गई और पैंट के ऊपर से ही उसका लंड पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने कहा- अरे पहले खाने-पीने का इंतज़ाम करो, इसके लिए तो पूरी रात पड़ी है। रश्मि बोली- लाओ, पैकेट मुझे दे दो! मैं खाना लगाती हूँ। खाना देख कर रश्मि बोली- अरे तुम लोग सिर्फ नानवेज ले कर आये हो? अब मैं क्या करूंगी। रिशु बोला- मेरी जान, पहले सिर्फ कवाब और तीन गिलास ले कर आओ।
रश्मि कबाब और गिलास ले कर आई तो रिशु ने कहा- ये सब मेज पर रख दो और मेरी गोद में बैठ जाओ। मोनू तुम पेग बनाओ। रश्मि रिशु की गोद में बैठ गई और रिशु उसकी चूचियों से खेलने लगा।
मैंने तीन मोटे पेग बना दिए और रिशु ने एक पेग उठा कर रश्मि के मुँह से लगा दिया। रश्मि बोली- अरे, मैं नहीं पीती!
पर रिशु ने एक ना सुनी और पूरा गिलास जबरदस्ती रश्मि के गले में उड़ेल दिया। रिशु ने कहा- एक और पेग बनाओ इसके लिए।
इस बार मैंने वोदका थोड़ा कम और कोल्ड ड्रिंक ज्यादा डाल कर पेग बनाया तो रश्मि धीरे धीरे पीने लगी। तब तक रिशु ने एक कबाब का टुकड़ा उठाया और उसके मुँह में डालने लगा। रश्मि ने कहा- नहीं रिशु, मैंने तुम्हारे कहने से शराब पी ली है पर यह नहीं खा सकती, उलटी हो जायेगी। रिशु बोला- मेरी जान एक बार चखो तो! रश्मि ना ना करती रही और रिशु ने सिर्फ एक सिर्फ एक मेरे लिए करते करते उसके मुँह में कबाब डाल ही दिया। बोनलेस होने की वजह से रश्मि को कुछ पता ही नहीं चला और वो कबाब खा गई। जैसा हमने सोचा था, हमने रश्मि को चार पेग पिला दिए और खुद सिर्फ दो ही पेग पिए और रश्मि का पहला पेग तो तीन पेग के बराबर था। अब रश्मि नशे में धुत हो चुकी थी और मज़े ले लेकर तंदूरी चिकन फाड़ रही थी।
खा पीकर हम रश्मि को गोद में उठा कर बेडरूम में ले गए। तब तक तो नशे से बेहोश हो चुकी थी। रिशु बोला- इतनी पी ली है इसने कि कल सुबह तक नशा नहीं उतरेगा इसका! आधा घंटा सोने दे इसे, तब तक कोई ब्लू फिल्म लगा दे।
आधे घंटे में हम दोनों के लण्ड कुतुबमिनार बन चुके थे। हमने तब जा कर रश्मि को जगाया। मैंने उसकी दोनों चूचियों को मसल दिया पर उस पर नशा बहुत था तो उसने कोई विरोध नहीं किया और फ़िर वहीं सोफ़े पर रश्मि के बिल्कुल सामने बैठ गया। रिशु ने रश्मि को अपने ऊपर खींच लिया और रश्मि को अपने पूरे बदन पर फ़ैला कर उसके होंठ चूसने शुरु कर दिये।
रश्मि अब भी अपने दोनों टाँगों को सटाए हुइ थी, उन दोनों के सर मेरी ओर थे। रश्मि की छाती रिशु के सीने पे दबी हुई थी। रिशु अब रश्मि को वैसे ही चिपटाये हुए पलट गया और रश्मि अब उसके नीचे हो गई। वो अब उसके चुम्मे का जवाब देने लगी थी।
रिशु 2-3 मिनट के बाद हटा और फ़िर उसकी दाहिनी चूची को चूसने लगा। वह अपने एक हाथ से उसकी बाईं चूची को हल्के से मसल भी रहा था। रश्मि की आँखें बन्द थी और उसकी साँस गहरी हो चली थी।
जल्द ही रश्मि अपने पैरों को हल्के हल्के हिलाने, आपसे में रगड़ने लगी। उसकी चूत गीली होने लगी थी। जैसे ही उसने एक सिसकारी भरी, रिशु उसके ऊपर से पूरी तरह हट गया और मुझे उसके पैरों की तरफ़ जाने का इशारा किया। मैं अब रश्मि की सर की तरफ़ से हट कर उसके पैरों की तरफ़ हो गया।
रिशु अब उसकी चूत पर झुका। होठों के बीच उसकी झाँटों को ले कर दो-चार बार हलके से खींचा और फ़िर उसकी जाँघ खोल दी। उसकी चूत की फ़ाँक खुद के पानी से गीली हो कर चमक रही थी। रिशु अपने स्टाईल में जल्द ही चूत चूसने लगा और रश्मि के मुँह से आआअह आआअह ऊऊऊऊ ऊओह जैसी आवाज ही निकल रही थी।
रिशु चूसता रहा और रश्मि चरम सुख पा सिसक सिसक कर, काँप काँप कर हम लोगों को बता रही थी कि उसको आज पूरी मस्ती का मजा मिल रहा है।
जल्द ही वो निढाल हो कर थोड़ा शान्त हो गई। कहानी आगे जारी रहेगी।
ज्योतिषी की सलाह-4
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