This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
दोस्तो, आप सबकी उम्मीदों पर खरी उतरने के लिए वंदना फिर हाज़िर है !
चलो दोस्तो, मेरी रंगीन रात की बंद कमरे की कहानी आप सबके लिए मेरी अपनी जुबानी !
बोले- मैडम, माफ़ करना सिर्फ आधे घंटे का वक़्त दो, हम ज़रा घर होकर वापस आते हैं। खाना मत बनाना, लेकर आयेंगे !
दारु मत लाना ! मैंने आवाज़ दी। ठीक है !
मैं भी उठी, वाशरूम गई, रेज़र लिया, साबुन की झाग बनाई और सारीं झांटें मूण्ड दी।
फिर क्या हुआ? कैसे बीती वो रंगीन रात?
सारी झांटें मूण्ड दी और बेडरूम में एक रेशमी चादर बिछा दी। आखिर काफी दिनों बाद मेरी सुहागरात थी।
उनके जाने के बाद बार-बार उनके लंड सामने आने लगे !
दिल कर रहा था कि जल्दी से उनके नीचे लेट जाऊँ पर मैं अकेली ही बिस्तर पर लेट गई, अपने मम्मों को खुद दबाने लगी और अपनी चूत से छेड़छाड़ करने लगी।
तभी दरवाज़े की घण्टी बजी और मैं खुश हो गई।
जल्दी से नाइटी ठीक करके उठी, दरवाज़ा खोला तो वो दोनों मेरे सामने थे, उनके हाथों में खाने का लिफाफा, बीयर की बोतलें थी और चेहरे पर वासना और खुशी की मिली-जुली कशिश थी।
आओ मेरे बच्चो, आपकी मैडम की क्लास में आपका स्वागत है !
जी मैडम ! आज आपने कहा था कि आज आप हमारा टेस्ट लेंगी?
हाँ, आ जाओ ! प्रश्नपत्र भी छप चुके हैं और सिटिंग प्लान भी बना लिया है। उनके हाथ से लिफाफा लिया, दोनों ने मेरे होंठों को चूमा !
आओ अन्दर ! यहाँ कोई देख लेगा !
तो दे आये धोखा अपनी अपनी पत्नियों को?
क्या करें मैडम जी, आपने हमारा टेस्ट जो रखा है ! वो भी तो ज़रूरी है !
बहुत कमीने हो तुम दोनों !
हाय मैडम, आपकी क्लास लगाने से पहले कमीने इतने नहीं थे ! गुरु माँ हमें आशीर्वाद दो और अपने इन सच्चे सेवकों को गुरुदक्षिणा देने दो ! मौका भी है, नजाकत भी है, दस्तूर भी है !
तुम कमरे में जाओ ! अभी आई मैं !
मैं रसोई की ओर चली गई, ट्रे में तीन ग्लास, आइस क्यूब और नमकीन वगेरा रख रही थी कि एक ने मुझे पीछे से दबोच लिया और मेरी पीठ और गर्दन पर चुम्बनों की बौछार कर दी। यही औरत का सबसे अहम हिस्सा है जहाँ से सेक्स और बढता है और औरत बेकाबू होने लगती है। और फिर लगाम लगाने के लिए चुदना ही आखिरी इलाज़ होता है।
उसने मुझे बाँहों में उठाया और जाकर गद्दे पर पटक दिया। दूसरे ने नाइटी उतार कर एक तरफ़ फेंक दी। पहले वाला ग्लास वगेरा लेकर आया !
मेरी ब्रा के और कच्छी के ऊपर से ही वो मेरी चूत, गांड सूंघने लगा और कभी कभी अपनी जुबान से चूत चाट लेता !
मैं बेकाबू होने लगी, उसको धक्का दिया और परे किया और खुद उसकी जांघों पर बैठ गई और उसके लोअर का नाड़ा खींच कर उसको उतार दिया। उसके कच्छे के ऊपर से ही उसके लौड़े को सूंघ कर बोली- क्या महक है !
बोला- उतार दो !
मैंने जैसे ही उसका कच्छा उतारा, सांप की तरह फन निकाल वो छत की ओर तन गया।
मैं उठी और दूसरे का भी यही काम किया और दोनों के लौड़ों को हाथ में लेकर मुआयना करने लगी, सहलाने लगी।
जीवन लाल के जैसे तो नहीं थे लेकिन अपने आप में एक आम मर्द के हिसाब से उनके लौड़े बहुत मोटे ताजे थे।
वाह मेरे शेरो, आज की रात तो रंगीन कर दी तुम दोनों ने !
मैंने एक एक पेग बनाया और तीनों ने खींच दिया और फिर में होश खोने लगी और पागलों की तरहं उनके लौड़े चूसने लगी।
वो दोनों मेरे मम्मों से खेल रहे थे और उंगली गांड में डाल कर कभी चूत में डाल मुझे सम्पूर्ण सुख दे रहे थे।
दोनों ने कंडोम का एक पैकेट निकाला, एक ने चढ़ा लिया, मुझे उठाया और बोला- गोदी में बैठ जा लौड़े के ऊपर !
मैं पूरी खिलाड़ी थी, उसका मतलब समझ लिया।
उसने हाथ से टिकाने पर सेट किया और मैं उसके ऊपर धीरे धीरे बैठने लगी। उसने मेरे दोनों कन्धों को पकड़ा और दबा दिया।
हाय तौबा ! फदाच की आवाज़ आई और मेरी चीख सी निकल गई।
उसी पल दूसरे ने अपना लौड़ा मेरे बालों को खींचते हुए मुँह में घुसा दिया- साली चीख मत !
मेरे दोनों मम्मे उसकी छाती से चिपके हुए थे, जब मैं उछलती तो घिस कर मेरे सख्त चुचूक उसकी छाती से रगड़ खाते तो अच्छा लगता !
अब मैं पूरी तरह से उसके वार सहने के लायक हो चुकी थी। फिर एक ने मुझे सीधा लिटा लिया और मेरे ऊपर आ गया, दोनों टांगें चौडीं करवा ली और घुसा दिया मेरी चुदी चुदाइ फ़ुद्दी में !
जब उसने रफ़्तार पकड़ी तो मैं जान गई कि वो छूटने वाला है और उसने एकदम से मुझे चिपका लिया।
मैंने उसकी कमर को कैंची मार कर पक्का गठजोड़ लगा दिया और उसको निम्बू की तरह निचोड़ दिया।
फिर वो बोला- मैं खाना देखता हूँ !
इतने में दूसरा शेर मुझ पर सवार हो गया, बोला- तेरी गांड मारनी है !
मैं पूरे नशे में थी, उसी पल कुतिया बन गई और गांड उसकी तरफ घुमा कर कुहनिओं के सहारे मुड़ कर देखने लगी।
उसने कंडोम लगाया, काफी थूक गांड पर लगाया और धक्का देते हुए मेरी गांड फाड़ने लगा।
मैंने पूरी हिम्मत के साथ बिना हाय कहे उसका आधा लौड़ा डलवा लिया। फिर कुछ पलों में मेरी गांड उसका पूरा लौड़ा अन्दर लेने लगी।
मैं कई बार गांड मरवा चुकी थी। कह लो कि हर बार संभोग करते समय एक बार चूत फिर गांड मरवाती ही थी।
हाय और पेल मुझे ! चल कमीने चोदता जा !
यह ले कुतिया ! आज रात तेरा भुर्ता बनायेंगे ! बहन की लौड़ी बहुत सुना था तेरे बारे में ! दिल करता है तेरे स्कूल में बदली करवा लूँ और तेरी लैब में रोज़ तेरा भोंसड़ा मारूँ !
साले बाद की बाद में देखना ! अभी तो फाड़ गांड !
यह ले ! यह ले ! करते हुए उसने अपना कंडोम उतार दिया और जोर जोर से हांफने लगा।
दे धक्का ! दे धक्का ! कर उसने जब अपना वीर्य मेरी गांड में निकाला मेरी आंखें बंद होने लगी, इतना स्वाद आया ! सारी खुजली मिटा गया !
फिर शुरु हुआ दारु का दौर ! मैंने तो सिर्फ एक पेग और लगाया और खाना खा लिया।
उन दोनों ने काफी पी ली। मैं समझ चुकी थी कि मेरी मईया आज पूरी रात चुदने वाली थी !
खाना खाकर मुझे हल्फ नंगी बीच में लिटाया और खुद भी नंगे बिस्तर पर लेट गए।
दोनों के मुर्झाये लौड़ों में जान डाली और मेरी लैला पूरी रात चुदी एक साथ गांड में और चूत में ! किस किस तरीके से नहीं मारा मेरा भोंसड़ा !
फिर हफ्ते में एक बार तो वो रुकते और रात रंगीन करते !
लेकिन मेरा दिल अब वर्जिन मतलब जिसने पहले कभी किसी को न चोदा हो के लिए करने लगा था।
इसके लिए मैंने जो दो छोरे चुने और उनको सिखाया कि चुदाई कैसे होती है, उनके सिल्की सिल्की बालों वाले लौड़ों से कैसे खेली ! इसके लिए अगली कड़ी का इंतज़ार करो, जल्द लौटूंगी !
आपकी वंदना एक बार फिर से आई और फिर से आएगी ! [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000