This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
हाय मैं फरजान 39 बड़ोदा से!
यह मेरे सेक्स एक्सपेरिएंस की असली कहानी है जो मैंने अपनी पड़ोसन भाभी के साथ किया था.
3 साल पहले की बात है ये. एक दिन मैं अपना बाईक ले के ऑफिस जा रहा था, घर से थोड़ा आगे चला तो देखा कि बाजू वाली भाभी रास्ते पे चल के कहीं जा रही थी।
वो दिखने में एकदम सेक्सी और उसके बूब्स तो समझो कि नारियल जैसे बड़े और सख्त। मैं कई बार सोचता था कि इस साली को एक बार चोदना चाहिए और इसके बूब्स को जोर से दबाना चाहिए।
ये सब सोच कर मैंने अपनी बाइक उसके बाजू में खड़ी कर दी। मैंने उससे पूछा- भाभी ! कहाँ जा रही हो? चलो मैं तुम्हें छोड़ दूंगा मैं ऑफिस जा रहा हूँ।
वो तैयार हो गई और मेरे पीछे बाइक पे बैठ गई। मेरा ऑफिस मेरे घर से करीब 4 किलोमीटर दूर है।
उसे भी मेरे ऑफिस के बाजू वाले शौपिंग सेण्टर में ही काम था। उसका पति एक कंपनी में सेल्स-मेनेजर है इसलिए वो तो महीने में 15 दिन शहर से बाहर घूमता रहता हैं। इसलिए घर के और बाहर के सब काम वो ही निपटाती है।
मेरी बाइक पे हम दोनों जा रहे थे कि अचानक मुझे ब्रेक लगानी पड़ी क्योंकि एक छोटा बच्चा बीच रास्ते में अचानक आ गया। जोर से ब्रेक लगने के कारण वो थोड़ा आगे सरक गयी और उसके बड़े बड़े स्तन मेरी पीठ पर दब गए, मुझे करंट सा लगा। वो फ़िर से ठीक होकर बैठ गयी।
मैंने आगे जानबूझ कर एक खड्डे में बाईक को डाला, फ़िर से उसके बूब्स मेरे पीछे दबे। इतने में शोपिंग माल आ गया।
मैंने उसको वहां छोड़ दिया और पूछा कि वापिस कब जाओगी? ऐसा है तुम मुझे मोबाइल पर फोन कर लेना, मैं तुम्हें छोड़ दूंगा, क्योंकि मैं घर खाना खाने जाऊंगा।
उसने कहा- ठीक है ! अपना काम करने के बाद मैं तुम्हें फ़ोन करती हूं।
करीब एक घण्टे के बाद मेरे मोबाइल पर फ़ोन आया कि उसका काम खत्म हो गया था। अभी मुझे घर जाने में एक घण्टे की देर थी, लेकिन मैंने सोचा यही मौका है उसे चोदने का। मैंने उसे कहा- ठीक है, मैं दस मिनट में आता हूं उधर। मैं तुरन्त उधर पहुंचा, वो वहीं खड़ी मेरी राह देख रही थी।
मैंने नज़दीक जा कर उस से पूछा- बहुत जल्दी काम खत्म हो गया?
वो बोली- ना ! अभी कल वापिस आना पड़ेगा, काम खत्म नहीं हुआ है।
मैंने उसे कहा- चलो कहीं जूस या काफ़ी पीते हैं।
उसने कहा- चलो !
सामने के रेस्तरां में हम पहुंचे।
अब मुझे लगता था कि ये बड़े बड़े बूब्स मेरे हाथ में आने वाले हैं आज। मैंने उससे पूछा कि अब कितने बजे तुम्हें घर जाना है, तो वो बोली- वो तो बाहर गए हुए हैं इसलिए मैं घर में अकेली हूं, कभी भी पहुंचु, कौन पूछेगा।
मैं उसका इशारा समझ गया और उससे कहा- ठीक है तो चलो खाना भी कहीं बाहर ही खाते हैं।
वो तैयार हो गयी।
कोफ़ी पीते पीते मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा पति अक्सर बाहर रहता है तो तुम रोज़ कैसे दिन और रात निकालती हो?
वो इसी बात की राह देख रही थी शायद, वो बोली- वो घर पे होते हैं तो भी कोई फ़र्क नहीं पड़ता। वो मुझे कभी संतुष्ट नहीं कर पाया है।
वो सीधी बात पर आ गयी, मुझे कुछ बोलना ही नहीं पड़ा।
मैंने झट से कहा- मैं तुम्हें संतुष्ट कर सकता हूं यदि तुम चाहो तो !
पहले तो वो कुछ नहीं बोली, जब मैंने कहा कि चलो ठीक है, जाने दो! तो वो जोर से बोली- मुझे तो बहुत जरूरत है, रोज़ उंगली से काम चलाना पड़ता है, लेकिन कैसे और कब करें सब कुछ?
मैंने कहा- बहुत आसान काम है, अभी तुम्हारे पास कितना समय है?
वो बोली- पूरा दिन फ़्री हूं मैं तो !
मैंने कहा- चलो मेरे साथ ! मैं आज तुम्हें अच्छी तरह संतुष्ट करता हूं अपने 8′ के लण्ड से।
फ़िर हमने उसी रेस्तरां में थोड़ा खाना खा लिया और मैं उसको अपने एक दोस्त के गैस्ट हाऊस में ले गया।
मैं अकसर वहां जाता हूं लेकिन आज पहली बार किसी औरत के साथ जा रहा था, इसलिए मैंने अपने दोस्त से फ़ोन पर बात कर ली कमरे के लिए। मेरे दोस्त ने मुझे बहुत अच्छा ऐ सी कमरा दिया।
पहले तो वो बोली- किसी को पता चल गया तो? मुझे तो डर लग रहा है !
मैंने उसे कहा- कुछ नहीं होगा, यह मेरे दोस्त का होटल है।
वो सेक्स की आग की मारी तैयार हो गयी। जब हम कमरे में पहुंचे तो मैंने दरवाज़ा अन्दर से बंद कर लिया।
मैंने सीधा उसके बूब पे हाथ रखा, उसको दबाया और बोला- सुबह इसने मुझे करंट लगाया था और अब ये मेरे हाथ में है।
वो सिसकी- ऊह ! फ़िर मैंने झट से उसकी साड़ी को अलग कर दिया। अब उसके बड़े बड़े बूब्स उसके ब्लाउज़ से निकलने की तैयारी कर रहे थे मेरे लिए। मैंने अपना शर्ट और पैन्ट दोनों उतार दिएऔर सिर्फ़ अन्डरवीयर में आ गया।
अब मैं उसको बेड पर ले गया और अपने होंठों से उसके होंठों पर किस करना शुरू किया, फ़िर गाल पर, गले पर और सब जगह, बूब्स पर भी ब्लाऊज़ के ऊपर से ही।
फ़िर मैंने उसके पेटिकोट में नीचे से हाथ डाल कर उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही छुआ। वो सीत्कार करने लगी- आह्ह ! आ !
अपना दूसरा हाथ भी अन्दर डाल कर उसकी पैंटी को खींच कर निकाल दिया पेटिकोट के अन्दर से। काले रंग की पैंटी थी वो। अब उसके ब्लाऊज़ के बटन खोल कर उतार दिया और वो ब्रा में आ गयी।
मैंने देर ना करते हुए झट से ब्रा भी उतार दी। ओह! क्या बूब्स थे ! बड़े और सख्त !
मैं उन्हें मसलने और जोर से दबाने लगा। वो सिसक रही थी- ऊह… आह… आ…!
फ़िर मैंने उसके निप्पल को अपनी उंगलियों में लेकर दबाया, वो जोर से चिल्लाई- आई ! मर गई ! आज तुम मुझे छोड़ना मत, मुझे पूरी तरह से चुदाई का मज़ा दो, सभी तरह से चुदाई करो मेरी तुम।
मैंने अपना अन्डरवीयर निकाल दिया और अपना लण्ड उसके हाथ में दे दिया। वो बोली- तेरा लण्ड तो काफ़ी बड़ा है, मेरे पति का तो आधा है इससे। वो मेरे लण्ड को रगड़ने लगी अपने हाथ से।
मेरी भी आहें निकलने लगी।
फ़िर मैंने उसका पेटिकोट निकाल दिया और उसकी नंगी चूत अब मेरे सामने थी।
मैंने उसके निप्पल को बहुत देर तक चूसा, वो सीत्कार रही थी और अपनी उंगली अपनी चूत में डाल कर मज़ा ले रही थी।
वो एक बार लीक हो चुकी थी। मैंने उसको लण्ड मुंह से चूसने को बोला।
उसने मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और मैं उल्टा होकर उसकी चूत के पास पहुंच गया और अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल कर चोदना चालू कर दिया। अपनी दूसरी उंगली भी अन्दर घुसेड़ दी मैंने। फ़िर मैं उसकी चूत जीभ से चाटने लगा मेरी जीभ उसकी चूत में इधर उधर हो रही थी और वो मेरा पूरा लण्ड चूस रही थी।
अब वो बोली- अब तुम मुझे चोदो अपने लण्ड से, अब मुझसे रहा नहीं जाता, मेरी चूत को शान्त करो ! चोदो मुझे ! चोदो !
मैं सीधा हुआ और अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर लगाया।
सकी टाईट चूत को चोदने के लिए मेरा लौड़ा कब से मचल रहा था।
मैंने पहला झटका ही जोर से दिया अन्दर, वो चिल्लाई-ओह्ह ! मर गई मैं! दर्द हो रहा है मुझे !
अभी मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में गया था। काफ़ी टाईट चूत थी उसकी, कुंवारी लड़की की तरह !
फ़िर एक जोर के झटके से अपना पूरा लण्ड उसकी भोंसड़ी में घुसेड़ दिया।
वो सिसकी- आह धीरे धीरे !
फ़िर मैं धीरे धीरे अपने लण्ड को आगे पीछे करने लगा।
अब वो अपना दर्द भूल गई थी और मेरे झतकों का मज़ा लेने लगी। उसकी टाईट चूत काफ़ी मज़ा दे रही थी। वो बोली- काफ़ी बड़ा और मोटा है तेरा लण्ड तो, क्या मज़ा आ रहा है ! चोद और चोद, मेरी चूत की प्यास बुझा दे तू आज ! उंगली से थक गयी अब ये।
मैंने अपने झटकों की ताकत बढ़ाई अब।
वो सीत्कारने लगी- ओहो! ह्म्म ! चोद चोद मुझे ! आ ! जोर से ! और दे धक्के ! जोर से चोद मुझे !
मैं और जोर से उसे चोदने लगा। वो लगभग झड़ गई थी, उसकी गीली चूत का रस मेरे लौड़े का काम आसान कर रहा था।
मुझे और मज़ा आने लगा। उसे भी अब काफ़ी मज़ा आ रहा था। उसके झड़ने से कमरे में फ़च फ़च की आवाज़ गूंज़ने लगी।
थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि मैं भी आने वाला हूं, तो मैंने अपनी रफ़्तार कम कर दी और अपना लौड़ा निकाल दिया उसकी चूत से और उसको बेड पर उल्टा कर से कुतिया बना कर पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड घुसाया। वो सिसकी- आह ! ओ! ह्ह ! हां चोद मुझे और चोद ! फ़िर मैंने पीछे से जोर जोर से धक्के लगाने शुरू किए।
उसको बहुत मज़ा आ रहा था इस ढंग से। तकरीबन 20 मिनट मैंने उसे इसी हालत में चोदा. अब मुझे लगा कि मेरा लौड़ा नहीं रुकेगा, मैंने उससे कहा- मैं अब झड़ने वाला हूं। वो जोर से बोली- चालू रखो! मेरी चूत में आ जाओ! उसका जवाब सुन कर मैं अपनी पूरी ताकत से उसकी टाईट चूत में फ़टके लगाने लगा।
ऊह्ह्ह !~ऽऽऽ~~~ वो मज़ा ले रही थी आहऽऽऽ ! ऐर जोर से मार मेरी चूत ! फ़ाड़ दे मेरी चूत ! वो भी आगे पीछे हो रही थी।
मैंने और दो तीन फ़टके मारे । और एक बड़े से झटके के साथ मैंने अपना पूरा माल उसके भोंसड़े में छोड़ दिया।
वो सिसकाई- आआह आज्जा मेरे अन्दर आ जा ! डाल ! और डाल मेरे अन्दर ! मेरी चूत में !
अब मैं पूरी तरह से थक गया था और वो भी। हम दस मिनट नंगे ही बेड पे पड़े रहे।
फ़िर अपने कपड़े पहन कर होटल से निकल गए, मैंने उसको घर छोड़ दिया और कहा- कल मेरे ओफ़िस टाईम पे घर से निकलना।
दूसरे दिन भी वो मेरी बाईक पर बैठ गयी और अपने एक और दोस्त के फ़ार्म हाऊस पर जाकर मैंने उसको चार बार चोदा।
आज भी जब मौका मिलता है, वो मुझे फ़ोन कर के बताती है और मेरा लौड़ा उसकी चूत की तसल्ली करता है। 0446
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000