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उस दिन शाम को हम बाहर घूमने गए थे, घूमते घूमते हम बाज़ार में पहुँच गए। फ़िर शीला को पता नहीं क्या हुआ, मुझसे बोली- तुम कॉफ़ी शॉप में रुको ! मैं आधे घंटे में आती हूँ !
मैं जाकर कॉफ़ी शॉप में बैठ गया।
शायद चालीस मिनट बाद शीला आई। उसके हाथ में तीन शॉपिन्ग बैग थे। वह शॉपिन्ग करके आई थी।
जब मैंने उसको पूछा- इनमें क्या है ?
तो उसने कहा- यह तुम्हें बाद में पता चलेगा !
मुझे पता चल गया कि इसका आज कुछ ही अलग मूड है।
फ़िर हमने खाना खाया और घूम कर रात को करीब दस बजे घर आ गए।
घर आने के बाद उसने मुझे कहा- तुम तैयार हो जाओ, हम दस मिनट में मिलते हैं।
वह कमरे में चली गई, मैं फ्रेश होने अन्दर गया। जब वापिस आया तो देखा कि हॉल में हल्की सी रोशनी थी। मैंने शीला को पुकारा तो उसकी आवाज़ आई- मैंने वहाँ एक सी डी रखी है, लगा लो ! मैं आती हूँ !
मैंने देख कर सी डी लगाई, वह एक ब्लू फ़िल्म थी। उसमें ऐसा था कि एक आदमी को एक चिराग मिलता है और उसमें से एक जिन्न निकलता है और पूछता है- बोलो मेरे आका ! आपको क्या चाहिये?
वह एक लड़की मांगता है।
तो एक हसीना उसके सामने आती है, उसने अरेबियन कपड़े पहने थे। क्या चीज थी यार ! आगे दोनों का प्रेम मिलन शुरू होता है। वह लड़की उसका लंड चूसती है और वह उसकी चूत चाटता है। आगे आपको पता ही है दोस्तो कि क्या क्या होता है।
अगले दृश्य में वह उससे दो लड़कियाँ मांगता है और लड़कियाँ मिलने पर वह उनके साथ मस्त चुदाई करता है।
तभी मेरे कंधे पर हाथ घुमाती शीला मेरे कान में कहती है- मेरे हजूर ! आप को क्या चाहिए आज?
और मेरे कान पर अपनी जुबान से गुदगुदी कर रही थी। फ़िर उसने मेरी आँखों पर पट्टी बांध दी और मेरे गालों पर चूमने लगी। आहिस्ते-आहिस्ते मेरे शर्ट के बटन खोल दिये और घूम कर मेरे सामने आकर मेरे होंठों से अपने होंठ चिपका दिये।
उसकी इस हरकत से मेरा लंड काबू में नहीं रहा, मेरी पैंट फाड़ कर बाहर आने के लिए मचलने लगा। मैं उसके सर को पकड़ कर जोर जोर से उसके होंठ चूसने लगा। मैं अपनी जुबान उसके मुँह में घुसा रहा था, कभी वह मेरे मुँह में उसकी जुबान डाल रही थी। यह सब बीसेक मिनट तक हुआ होगा।
हम दोनों पूरे गर्म हो गए थे।
हमारा चूमने का दौर समाप्त होने के बाद वह दो मिनट के लिए मुझ से दूर हुई और फ़िर दोबारा मेरे होंठों से अपने होंठ चिपका लिए। फ़िर मेरी आँखों से पट्टी हटा कर मेरी बंद आँखों को उसने चूम लिया और बोली- अब धीरे से अपनी आँखें खोल कर देखो !
मैंने देखा तो देखता ही रह गया !
उसने भी उसी फ़िल्म वाली उस जेनी अरेबीयन ड्रेस पहनी थी। मैं उसको देख रहा था- उसका गोरा बदन, उसके स्तन और उसकी चूचियों के बीच की दरार ! नाक तक रुमाल बांधा था उसने !
मैं उठ कर उसके करीब गया, उसके पीछे से पूरा घूम कर देखा और उसको पीछे से पकड़ लिया और उसको वैसे ही चूमना शुरू कर दिया, उसकी गर्दन पर चूमा, उसके चेहेरे से रुमाल हटाया और उसके रसीले होंठों से अपने होंठ चिपका दिये और हम फ़िर से चुम्बन करने लगे।
थोड़ी देर बाद हम अन्दर कमरे में गए, उसको मैंने बिस्तर पर लिटा दीया और मैं उसके ऊपर आ गया।
तब उसने मुझे कहा- यही ड्रेस लेने मैं बाज़ार गई थी !
मैंने कहा- बहुत प्यारी और सेक्सी है !
फ़िर मैं उसके स्तन ड्रेस के ऊपर से ही दबाने लगा। वह गर्म हो रही थी, उसके मुँह से सीत्कारें निकलने लगी- आह ! आहा !
मैंने उसकी ड्रेस स्तन से थोड़ी सरका दी। उसने ब्रा नहीं पहनी थी, उसके स्तन अब मेरे हाथ में थे, उनको अपने मुँह में लेकर मैं जोर से चूसने लगा।
हमने जब पहली बार सेक्स किया था तब उसने बताया था कि उसको स्तन जोर से दबाने और चुचूकों को कटाने से मजा आता है।
मैं उसी तरह उसके स्तन जोर से दबा रहा था और चुचूक भी चूस रहा था। करीब बीस मिनट बाद में उसके पेट पर चूमने लगा तो शीला जोर से चिल्लाने लगी और हंस भी रही थी।
मैंने उसको उसी तरह बहुत तड़पाया, फ़िर जो हुआ वह तो मैंने कभी सोचा नहीं था, शीला बहुत गरम हो गई थी, उसने मुझे अपनी बगल में बिस्तर पर धकेला और मेरे ऊपर आ गई और जोर-जोर से मेरे होंठ चूसने गई, मेरी शर्ट निकाल कर फेंक दी, मेरे पेट पर चूम रही थी मेरे चुचूक चूस रही थी, वह मदहोश सी हो गई थी। फ़िर उसने मेरी पैंट उतार दी और लण्ड को चूसने लगी।
फ़िर हम 69 की अवस्था में आये और मैं अपनी जुबान उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा, कभी गर्दन ऊपर करके उसकी गाण्ड में भी जुबान डाल रहा था।
शीला भी उतनी जोर से मेरे लंड को चूस रही थी न जाने उसको आज क्या हुआ था, उसने मेरी गाण्ड में उंगली डाल दी। मेरे लंड में एक अजीब सी हलचल हो रही थी और मस्त चुदाई के लिए तैयार हो गया था।
शीला जिस तरह से कर रही थी, बहुत मजा आ रहा था। फ़िर उसको घोड़ी बना कर मैंने पीछे से लंड को चूत में डाल दिया और धीरे-धीरे धक्के देने लगा। शीला भी अब मेरा साथ दे रही थी अपनी गाण्ड हिला-हिला कर !
फ़िर मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी, शीला फ़िर से चिल्लाने लगी- जानू ! आज मुझे घोड़ी की तरह चोदो ! जितना जोर से कर सकते हो, करो ! मैं घोड़ी की तरह चुदना चाहती हूँ !
उसकी बातें सुन कर मैं और जोर से उसकी चुदाई करने लगा।
शीला लगातार चिल्ला रही थी- मेरे घोड़े ! और जोर से मार ! मजा आ रहा है !
थोड़ी देर बाद उसका चिल्लाना गालियों में बदल गया, कहने लगी- अरे, मुझे कुतिया की तरह चोद जोर से ! फाड़ दे मेरी चूत ! अपना लण्ड पूरा डाल दे ! मुझे अपनी रंडी समझ ले ! और डाल ! और अन्दर डाल !
वह अब अपनी गांड उछाल-उछाल कर चुद रही थी। सच में बहुत मजा आ रहा था। करीब बीस मिनट बाद हम दोनों भी झड़ने वाले थे। मैं अपनी पूरी रफ़्तार से उसकी चूत में लण्ड पेल रहा था।
अब मैं झड़ने वाला था, मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर उसके मुँह में दे दिया और 4-5 झटके देने के बाद उसके मुँह में झड़ गया। फ़िर हम दोनों वैसे ही कुछ देर नंगे एक दूसरे की बाहों मे लेटे एक दूसरे को चूम रहे थे।
आधे घंटे बाद मेरा लंड फ़िर से खड़ा हो गया। हम उस रात और दो बार झड़ गए, फ़िर वैसे ही नंगे सो गए।
अगली सुबह मतलब रविवार को करीब दस बजे हम उठे, दो दिन के बाद थोड़ी सी थकान सी हो गई थी। उठ कर मैं नहाने चला गया।
थोड़ी देर बाद शीला बाथरूम में आई और मुझे पीछे से पकड़ लिया। फ़िर हम हमेशा की तरह चूमने लगे कभी उसके स्तन को, कभी होटों को चूस रहा था। मैंने उसको वहीं लिटा लिया और उसकी चूत चाटने लगा। वह मेरे बालों में हाथ फ़िरा रही थी। करीब बीस मिनट बाद वह मेरा सर अपनी चूत पर जोर से दबाने लगी और झड़ गई। फ़िर वो मेरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर बाद उसके मुँह में ही मैंने अपना सारा माल छोड़ दिया। फ़िर हम नहा कर तैयार हो गए।
उस दिन दोपहर को खाने के बाद हमने फ़िर से एक बार किया और शाम के पाँच बजे अपने घर को जाने के लिये निकला।
उन तीन दिनों की और उसके बाद की सभी चुदाई मुझे अभी भी याद है।
दोस्तो, मेरी यह सच्ची कहानी आपको कैसे लगी, मुझे मेल भेज कर जरूर बता देना।
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