कुंवारी छोकरी

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मेरा नाम मो.शाहिद है।

मैं गया (बिहार) का रहने वाला हूँ। मैं अभी 20 साल का हूँ। मैं इस नेट पर लगभग सारी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ। मुझे यह सारी कहानियाँ बहुत अच्छी लगी। ये सब पढ़ने के बाद मुझे मेरी कहानी लिखने का मन किया सो मैं लिख रहा हूँ।

यह कहानी मेरी और मेरी गर्ल फ़्रेन्ड की है। जब हम पढ़़ते थे।

हम सभी दोस्त वर्ग 10 में प्रवेश किए थे। रानी उसी साल हमारे वर्ग में नई-नई आई थी।

मैं सीधा-साधा सा लड़का था। पर पढ़ने-लिखने में अपने वर्ग में सबसे तेज था। रानी भी पढ़़ाई के मामले में बहुत अच्छी थी। जल्द ही हम दोनों में दोस्ती हो गई।

अब मैंने उसे अलग नजरो से देखना शुरू कर दिया था। शायद वह मेरी नजरो की भाषा समझ रही थी।

हम दोनों एक दूसरे से मिलने जुलने लगे थे। वह जवानी के दहलीज पर कदम रख चुकी थी।

जब भी मैं उसके उभरे संतरे जैसे चुचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊँ। स्कर्ट पहने हुए उसके कमर एवं जांघो को देखकर मुंह में पानी आ जाता था।

वह कभी भी अपने होंठो पर लिपस्टिक नहीं लगाती थी। फिर भी उसके होंठ गुलाबी लगते थे। हर वक्त उसके होंठो को चूसने का दिल करता था।

एक दिन मैंने हिम्मत जुटा कर उसे लंच ब्रेक में अलग ले जाकर उसे कह दिया की मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।

पहले वह घबराई पर कुछ सेकंड के बाद वह मुस्कुराते हुए वहाँ से भाग गई। मैं समझ गया कि ‘लड़की हँसी मतलब फँसी’।

फिर क्या था हम दोनों एक दूसरे को चोरी-चोरी नजरो से देखने लगे। मौका मिलते ही उसके गोल छोटे-छोटे चुचियों को दबा देता।

इसी तरह कई महीने गुजर गए। बस चुदाई के मौके की तलाश कर रहा था। कभी-कभी वह अपने सहेलियों के साथ मेरे घर पर भी आ जाती थी।

एक दिन अच्छा मौका मिला, पापा रोज की तरह अपने काम पर और मम्मी और बहन मेरी बुआ के घर चली गई थी। इत्तेफाक से वह रविवार का दिन था। मैंने उसे बहाने से बुलाया।

वह अकेले ही मेरे घर आई। जैसे ही मैंने दरवाजा खोला मैं उसे देखकर सुन रह गया।

उसने गुलाबी सूट पहन रखा था, जिसमे वह बहुत सुंदर लग रही थी। वह मुझे देखकर हँसी और घर के अन्दर आ गई। कुछ देर बाद हम दोनों मेरे बेडरूम में एक ही बेड पर लेटकर फ़िल्म देखने लगे।

फिर मेरे मन में एक शरारत सूझी, मैंने उठकर एक सेक्सी फ़िल्म लगा दी। जिसमे एक सुहागरात का सीन आ रहा था।

वह पेट के बल लेट कर फ़िल्म देखने लगी। जिससे उसकी चुचियाँ बेड पर दब रही थी। फिर मुझे ऐसा महसूस हुआ की फ़िल्म देखकर उसे भी कुछ हो रहा था। अचानक मुझसे पूछ लिया कि तुमने ये सब किया है कभी।

मैं अनजान बन कर पूछ- क्या ?

उसने कहा- यही जो इस वक्त टीवी में दिखा रहा है। मैंने कहा नहीं जो की सही था। मैंने पूछा क्या तुमने ?

वह शरमाते हुए बोली नही।

फिर मैं थोड़ा हिम्मत करके बोला- चलो आज हम दोनों ट्राई करते हैं। यह सुनकर वह उठ कर बैठ गई और बोली मैं तो ऐसे ही कह रही थी। नहीं यह सब ठीक नहीं है।

मैंने कहा- तो सीखेंगे कब?

वह बोली- नहीं इसमे बहुत दर्द होता है।

मैंने कहा- तुम्हे कैसे पता?

वह बताने लगी कि उसकी सहेली ने बताया था जब उसकी शादी हुई थी।

फिर मैंने कहा शुरू में थोड़ा दर्द होता है फिर बहुत मजा आता है, मैंने किताब में पढ़़ा था।

उसने कहा तुम बहुत गंदे हो, कहकर सर को झुका ली।

बस क्या था मैंने आगे बढ़कर उसके हाथों को चूम लिया। फिर उसके गुलाबी और कोमल होंठों को अपने होंठों से सटाया तो उसके गर्म साँसे महसूस हुई जो की काफी तेज चल रही थी। उसके होंठों को करीब 10 मिनट तक चूसता रहा।

वह भी अपनी जीभ मेरे मुंह में डालकर चाट रही थी। फिर मेरे हाथ उसके सर पर से सरक कर उसके चुचियों पर आ गए। जब मैंने उसकी चूची को हाथों से दबाया तो वह सिसिया कर बोली नहीं शाहिद आज नहीं आज मुझे बहुत डर लग रहा है|

मैंने उसकी एक न सुनी और धीरे धीरे उसके सू्ट को खोलने लगा। कुछ देर बाद उसके बदन पर केवल पैंटी और छोटी सी ब्रा ही बच गई।

फिर मैंने उसके गले पर किस करते हुए उसके पीछे जाकर ब्रा के हूक खोल दिए। वाह क्या नज़ारा था। वह मेरे सामने लगभग नंगी खड़ी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि अब मैं इसके साथ क्या करू।

वह केवल सर झुकाए खड़ी थी। फिर मैं आगे जाकर उसके चुचियों को धीरे धीरे मसलने लगा जिस कारण उसकी छोटी सी निप्पल कड़ी लगने लगी थी।

उसके निप्पल को अपने जीभ से चाटने लगा जिससे उसके मुंह से सी…सी…की आवाजे आने लगी थी। मैं समझ गया कि अब वह गर्म होने लगी है।

फिर अचानक मैंने उसके हाथ अपने 6 इंच खड़े लण्ड पर महसूस किया जो उसे पैंट के ऊपर से ही सहला रही थी। मैंने फट से अपने पैंट और अंडरवियर खोल दिया। वह मेरे लण्ड को आगे पीछे कर रही थी और मैं उसके चुचियों को बारी बारी से कुत्ते की तरह चाट रहा थ।

फिर मैंने उसे घुटने के बल बैठाया और अपने लण्ड को चाटने को कहा। पहले तो उसने मना कर दिया पर मेरे प्रेस करने पर अपने कोमल होंठ मेरे लण्ड पर रख दिया।

फिर धीरे धीरे उसे अपने मुंह में अन्दर बाहर करने लगी। पहली बार कोई मेरे लण्ड को अपने मुंह से चाट रही थी। मानो एक अजीब सी दुनिया में अपने आपको महसूस कर रहा था।

धीरे धीरे उसकी स्पीड बढ़ रही थी। एक समय ऐसा लगा की मैं झ्हड़ने वाला हूँ। मैं फट से लण्ड को बाहर निकाला और रानी को बेड पर लेटा कर उसके पैंटी को खोल दिया। उसके बिना बाल वाले चिकने बूर को देखकर मैं बेकाबू हो गया।

मैंने उसके बूर पर हाथ फेरते हुए एक ऊँगली बूर में डाल दिया। जिससे उसके सिस्कारियाँ निकल पड़ी। धीरे धीरे उसके बूर से पानी निकलना शुरू हो गया था।

मैंने अपना मुंह उसके बूर पर रखकर चाटने लगा। कभी कभी अपने जीभ उसके बूर में भी डाल देता जिससे वह चीख पड़ती।

करीब 15 मिनट यह काम चलता रहा। अबतक तो मेरा लण्ड गर्म होने जैसा हो गया था। अब मैं उठा और उसके गांड के नीचे एक तकिया रखकर उसके ऊपर आ गया। अपनी ऊँगली को 3 बार अन्दर बाहर किया।

फिर लण्ड को बूर के पास ले जाकर अन्दर डालने की कोशिश की पर नाकाम रहा।

अगली बार फिर से कोशिश की तो थोड़ा सा लण्ड बूर में जा सका जिससे उसक चीखे निकल गई। नही.. नही… पलीज… बाहर… निकालो की आवाज़ करने लगी।

मैंने फट से अपना हाँथ उसके मुंह पर रख दिया। कुछ सेकंड के बाद जोरदार धक्का के साथ उसकी बूर की झिल्ली को फाड़ते हुए मेरा लण्ड उसकी बूर में पूरा के पूरा समां गया था। जिससे उसकी भयानक चीख निकली पर मुंह बंद होने के कारण आवाज़ घर के बाहर नहीं जा सकी।

वह एक बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी और मुझे धक्का देने की कोशिश करने लगी।

मैंने उसे जोरदार मजबूती से पकड़ रखा था जिसके कारण वह नाकाम रही। उसकी आंखों से आंसू बहने लगे।

कुछ समय के बाद उसकी तड़प में कमी आई तो मैंने मोर्चा संभाला और शोट लगना शुरू कर दिया।

अभी भी उसकी बूर बहुत टाइट थी जिस कारण मैं लण्ड को आसानी से अन्दर भहर नहीं कर पा रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई चीज मेरे लण्ड को चारो ओर से कसे हुए थी।

मैंने महसूस किया कि कोई गर्म सा चीज मेरे लण्ड को जला रही है। जब मैंने देखा तो सु्न्न रह गया।

मैंने देखा मेरे लण्ड के चारो और से बूर में से खून निकल रहा था। मैं डर कर लण्ड को भाहर निकाल लिया तो रानी ने कहा यह क्या कर रहे हो। प्लीज उसे अन्दर डालो और पेलो। वह बार बार कहने लगी चोदो प्लेस चोदो जल्दी चोदो।

मैंने अपना लण्ड फिर से संभाला और जोर से धक्का लगा कर पूरा लण्ड बूर में डाल दिया। जिससे उसकी चीख निकली पर वह दर्द को सहन कर रही थी। बस पागलो की तरह कह रही थी –फक मी ,फक मी प्लीज चोदो, और जोर से चोदो शाहिद। काम ओंन और जोर से|

मैंने भी धक्का लगना तेज कर दिया था। उसकी आवाजे साफ साफ नहीं निकल रही थी। चूंकि हम दोनों की यह पहली चुदाई थी इसलिए हम दोनों जल्द ही झड़ गए थे। मैंने अपना सारा माल उसके बूर में ही डाल दिया था।

मैं पूरी तरह से थक गया था सो उसके चुचियों पर सर रखकर लेट गया था। करीब 30 मिनट के बाद हम दोनों उठे पर रानी ठीक से चल नहीं पा रही थी। मैंने उसे सहारा देकर बाथरूम में ले जाकर नहलाया और ख़ुद भी नहाया|

बाथरूम में अपने बूर और मेरे लण्ड पर लगा खून देखकर रानी चौक गई।

फिर मैंने उसे समझाया की यह तेरे बूर का खून है। क्योंकि तुमने पहली बार सेक्स किया है। पहली बार सेक्स करने पर खून निकलता है। अब तुम्हारे बूर का रास्ता खुल गया है।

जब वह बाथरूम से आई तो बेड पर खून देखकर बोली– इतना सारा खून !

फिर हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए। हम दोनों करीब 2 घंटे तक बात करते रहे और खाना खाया। जब वह कुछ नोर्मल हुई तो अपने घर चली गई। इसके बाद 2 बार और रानी की चोदाई कर चुका हूँ।

अभी हम दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ रहे हैं।

मैं जब भी नेट पर कहानियाँ पढ़ता हूँ तो मुझे वह दिन याद आ जाता है। वह दिन मैं कभी नहीं भूल सकता|

यह कहानी आपको कैसी लगी प्लीज हमें लिखिए हमें आपके प्यार का बेसब्री से इन्तेजार रहेगा

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