बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां भी……-2

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प्रेषक : पप्पू राम

हम दोनों घबरा गए, मै झट से कपड़े ठीक करके उसकी तरफ़ लपकी और उससे विनती करने लगी,”सन्जू रुक ! हम तो ऐसे ही खेल रहे थे, प्लीज, पापा से कुछ मत कहना, तू जो कहेगा, जो माँगेगा वो तुझे दूँगी, प्लीज रुक जा।”

निक्कू भी उससे विनती करने लगा।

सन्जू,”एक शर्त पर मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा।”

हम दोनों एक साथ बोले,”हमें तेरी हर शर्त मन्जूर है।”

सन्जू-“तुम दोनों मेरा हर काम करोगे और जो खेल तुम अभी खेल रहे थे, मुझे भी खेलाओगे, मन्जूर है?”

“थैंक्यू ! सन्जू !” मैंने खुशी के मारे उसे गले लगा लिया और उसके गालों को चूम लिया। मुझे मेरी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा था कि आज एक के बजाय दो-दो लण्ड मिलने वाले हैं।

मैंने सन्जू के होंठों को चूमना शुरु किया और निक्कू मेरे पीछे से मेरी गाण्ड को सहलाने लगा। अब मैं सन्जू के कपड़े उतारने लगी और उसकी पैन्ट उतार कर उसका प्यारा सा लण्ड अपने मुँह में ले लिया।

इधर पीछे से निक्कू मेरी गाण्ड पर अपनी जुबान फ़ेरने लगा।

आहहहहाह!

अब सन्जू ने मेरे चूचे दबाने शुरु कर दिए।

मैंने सन्जू से कहा,”क्या ऊपर से ही मजा लेगा, चल अपनी बहन को नन्गी कर दे !”

सन्जू ने मेरा टॉप उतार दिया और मेरे स्तनों को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा।

वाह !! सन्जू !! आहहहाहह ! और जोर से चूस !!! मेरे मुँह से मादक सिसकारियाँ निकलने लगी।

निक्कू ने अपने कपड़े खुद ही उतार दिए और मेरी रसीली चूत चाटने लगा।

आहहहहाह ! आहहहह ! स स सी सी !! आऊऊऊ !! निक्कू की गरम जबान मेरी चूत में जाते ही मैं तो जैसे सातवें आसमान पर पहुँच गई। उसके मुँह से निकलने वाली गर्म-गर्म सांसों से मेरे चूत में जैसे आग लग गई। आज मुझे लगा कि मेरे घर में ही चुदाई स्पेशलिस्ट मौजूद है और मैं कहाँ इधर-उधर ताक रही थी। कभी सन्जू तो कभी निक्कू बारी बारी से मेरी चूत और गाण्ड चाटते, तो मैं कभी सन्जू का तो कभी निक्कू का लण्ड चूसती।

करीब एक घन्टे तक मस्ती करने के बाद मैं एकदम गर्म हो चुकी थी, मेरे मुँह से सित्कार की आवाजें आ रही थी- आहहहहाह ! निक्कू !! सन्जू !! अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा है, प्लीज!! मेरी चूत चोदो ! आहहहहाहहहह !

निक्कू ने मुझे नीचे लिटाया और मेरी टांगों को फ़ैलाकर मेरी चूत में अपनी अँगुली डाल दी। मेरे मुँह से फ़िर से मादक सित्कार निकल उठी- आआअहहहहाह !! स स्सी!!!!!!!!आऊ!!!!! निक्कू प्लीज, मेरी चूत चोदो!!!! आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्हह्ह !

अब निक्कू अपने लण्ड का सुपारा मेरी चूत पर रखकर रगड़ने लगा, मेरी चूत से गर्म तरल बाहर आने लगा, निक्कू ने जैसे ही अपना लंड मेरी चूत में डालने की कोशिश की मेरे मुँह से दर्द के मारे चीख निकल गई- उई मम्मी !!! मर गई !!! निक्कू मत करो !! मेरी चूत फ़ट जाएगी !!

सन्जू ने मुझे प्यार से पुचकारते हुए कहा,”दीदी! थोड़ी सी देर दर्द होगा, फ़िर मजा आयेगा।”

इतने में निक्कू ने एक झटका और दिया।

“उई मम्मी !!!!! मर गई !!!!! मेरे मुँह से फ़िर से चीख निकल पडी,”निक्कू !! तेरा लण्ड बहुत बडा है, ये मेरी चूत में शायद नहीं जाएगा!”

निक्कू ने सन्जू से कहा,”सन्जू ! पहले तू दीदी को चोद ले, तेरा लण्ड छोटा है, इससे दीदी को दर्द कम होगा।”

अब निक्कू कि जगह सन्जू आ गया, वह मेरी चूत पर अपना मुँह रखकर चाटने लगा, मैं फ़िर से अपना दर्द भूलकर आआअहहहहाह !!! स स्सी !!!!!!!! आऊ !!!!! की आवाजों के साथ अपनी चूत चटाई का मजा लेने लगी- आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह सन्जू!!!! अपनी जबान पूरी मेरी चूत में डाल दे!!!!

इधर निक्कू भी मेरे चूचुकों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। मैं उछ्ल-उछल कर अपनी चूत सन्जू के मुँह पर रगड़ने लगी। अब मेरा जिस्म कड़ा पड़ने लगा- आआअहहहहाह !!!! स स्सी !!!!!!!! आऊ !!!!! सन्जू !!! मैं गई !!!!! आआअहहहहाह !!!! स स्सी !!!!!!!! आऊ !!!!!

अपनी चूत से ढेर सारा पानी सन्जू के मुँह में छोड़ते हुए मैं पहली बार झड़ गई।

दोस्तो ! आज पहली बार झड़ी हूँ ! सच ! जन्नत का मजा अगर कहीं है तो वो चुदाई में है, आज मुझे इस बात का एहसास हुआ है।

थोड़ी देर तक मस्ती करने के बाद मेरी चूत में फ़िर से खुजली होने लगी और मैं फ़िर से चुदने ले लिए तैयार हो गई।

अब सन्जू ने मेरी दोनों टांगों को फ़ैलाकर अपना लण्ड मेरी चूत के मुँह पर रखा, उसके गरमागर्म लण्ड का एहसास करके ही मेरे मुँह से आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह आआअहहहहाह!!!! स स्सी!!!! की आवाजे निकलनी चालू हो गई, कुछ तो मेरी चूत पहले से गीली थी, फ़िर सन्जू का लण्ड भी थोडा छोटा था, इसलिए, एक ही झटके में उसका लण्ड मेरी चूत में आधा घुस गया।

“उई मम्मी !!!!! मर गई !!!!!

मेरी चूत से खून निकलने लगा लेकिन सन्जू ने इसकी परवाह नहीं की और एक और झटका लगाया, अब उसका पूरा लण्ड मेरी चूत में घुस चुका था; थोड़ी देर के दर्द के बाद मुझे भी मजा आने लगा, आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह सन्जू थोड़ा तेज !! आआअहहहहाह !!!! बहुत मजा आ रहा है !!! आआअहहहहाह !!!! और जोर से चोद !!! मैं चुदाई के जोश में चिल्ला रही थी और सन्जू जबर्दस्त तरीके से मेरी चूत मार रहा था।

करीब 25 मिनट की चुदाई के बाद सन्जू ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, मुझे लगने लगा कि अब सन्जू झड़ने वाला है।

आआअहहहहाह !!!! दीदी !!!!!!!!!!!! एक मादक सिस्कार के साथ ही सन्जू मेरी चूत में ही झड़ गया। सन्जू जोर जोर से हांफ़ रहा था, थोड़ी देर तक हम दोनों वैसे ही पडे रहे।

मैं चूंकि एक बार झड़ चुकी थी इसलिए मेरा अभी तक नहीं हुआ था, अब मैंने निक्कू से कहा,”मेरे प्यारे भैया! अब आजा तेरी बारी है!”

निक्कू ने सन्जू को हटाकर मेरी चूत को साफ़ करके सन्जू से कान में कुछ कहा और अपना लण्ड मेरी चूत पर रखकर रगड़ने लगा।

आआअहहहहाह !!!! आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह निक्कू, इसे जल्दी से मेरी चूत में डाल दे !!! मै फ़िर से लण्ड लेने ले लिए मचलने लगी।

सन्जू ने मेरे होंठों को अपने मुँह में भर लिया। मौका पाते ही निक्कू ने एक जोर का झटका लगाया, मेरी चूत की दरो-दीवार हिल गई, मैं दर्द के मारे चिल्लाना चाह रही थी, लेकिन सन्जू ने मेरे होंठों को अपने मुँह मे दबा रखा था, इसलिए मेरी चीख मेरे मुँह मे ही घुटकर रह गई लेकिन मेरे चूत बुरी तरह से फ़ट गई थी। बहुत दर्द हो रहा था, सन्जू के मुकाबले निक्कू का लण्ड बहुत मोटा था, मुझसे सहा नहीं जा रहा था। लेकिन थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम पड़ने लगा।

अब निक्कू ने जोर जोर से धक्के मारने शुरु किए। थोड़ी देर बाद निक्कू के लण्ड ने मेरी चूत में जगह बना ली, फ़िर तो आराम से अन्दर-बाहर होने लगा। अब मुझे भी मजा आने लगा, आज मुझे लगा कि असली चुदाई क्या होती है। आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह की आवाज के साथ मैं अपनी गाण्ड उछाल-उछाल कर निक्कू का लण्ड अपनी चूत में लेने लगी। बडे मियाँ ने मुझे कई तरीकों से चोदा। इधर छोटे मियाँ मेरी चूचियों को चूस रहा था, अब उसका लण्ड फ़िर से तैयार हो गया। उसने निक्कू से करवट के बल लिटाकर चोदने को कहा और खुद मेरे पीछे आ गया। उसने अपना लण्ड मेरी गाण्ड के मुँह पर लगाया और थोड़ा सा थूक लगाकर एक जोर का झटका दिया और उसका लण्ड मेरी गाण्ड फ़ाडते हुए अन्दर घुस गया, मेरी गाण्ड में बहुत तेज दर्द हुआ, लेकिन चूत चुदाने में मस्त होने की वजह से मेरा ध्यान उस तरफ़ ज्यादा नहीं गया, अब मुझे दोहरा मजा आने लगा, आगे से निक्कू मेरी चूत चोद रहा था और अब पीछे से सन्जू ने मेरी गाण्ड मारनी चालू कर दी। मैं आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह की आवाज के साथ एक साथ दो-दो लण्ड का मजा लेने लगी। पूरे कमरे में फ़्च!!फ़्च!! आआ आअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह की आवाजें गूंजने लगी।

करीब 25 मिनट की गाण्ड मराई और चूत मराई के बाद मेरा जिस्म ऐंठने लगा और आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह!!! की सित्कार के साथ मैं झड़ गई। मेरे साथ साथ निक्कू और सन्जू ने भी अपना अपना गरम वीर्य मेरी चूत और गाण्ड में छोड़ दिया। उस रात को मैं पांच बार झड़ी।

सुबह को मुझे चलने में बहुत दिक्कत हुई, मम्मी ने पूछा तो मैंने बहाना बना दिया।

अब तो रोजाना बडे मियाँ और छोटे मियाँ मिलकर मेरी चुदाई का मजा लेते हैं।

दोस्तो! यह मेरी पहली चुदाई की सच्ची कहानी थी, उम्मीद है आपको पसन्द आई होगी।

आपकी चुदासी सखी सिमरन

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