This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
दो दिन बाद की बात है, मेरी चाची के पिता जी परलोक चले गए। मेरे सभी घर वाले वहीं चले गए, सबका जाना बनता ही बनता था इसलिए। उस दिन तो भाभी को भी जाना पड़ा। उधर खेतों में सीरी(नौकर) काम कर रहे थे, मुझे दिन में दो बार उनको खाना, चाय आदि बना कर भेजनी थी।
दोपहर का वक़्त था, मैं घर मेंअकेली थी, किस्मत माड़ी(बुरी) थी कि सोनू गाँव में नहीं था, उसके साथ फ़ोन पर लगी पड़ी थी। दरवाज़ा खुला था, सोनू से फ़ोन पर सेक्सी बातें करते हुए मेरा एक हाथ सलवार में था।
तभी हमारा एक सीरी खाना लेने आया, उसका नाम था काला ! उसने मुझे इस तरह अपनी चूत में उंगली करते देख अपना औज़ार निकाल कर पकड़ लिया। जैसे ही मेरी नजर उस पर पड़ी, मैं घबरा सी गई, उसके सामने ही सलवार से हाथ निकाला। वो हल्की-हल्की हँसी हंसने लगा।
मैं शर्म से लाल हो रही थी। वो बोला- वो खाना ? मैंने उत्तर दिया- बाहर बैठो ! देती हूँ !
वो बोला- क्या देती हो? जो फ़ोन पर दे रही थी या उस दिन नहर वाले गन्ने के खेत में दे रही थी? क्या भौंक रहे हो कुत्ते जैसे? भौंक नहीं रहा, आँखों देखा हाल सुना रहा हूँ ! लगता है जवानी सम्भल नहीं रही ! बिल्कुल अपनी माँ-चाची पर गई है। हरामजादे चुप कर !
बताता हूँ तेरे बाप को कि यह सोनू के साथ खेतों में जाती है। मैं थोड़ा घबरा गई- ऐसा मत करना ! हमें क्या मिलेगा?
मैंने सोचा- नंदिनी तेरी फुद्दी में इस वक़्त सोनू ने चिंगारी लगा दी है, उस पर क्यूँ न काले का घी डलवा लूँ ! मैं होंठ चबाती हुई काले को देखती हुई बोली- क्या लोगे? आओ ! बताओ ! वो खुश हो गया- तेरी फुद्दी मारूंगा और क्या ! तू बहुत कमीना है ! कुण्डी लगा और कमरे में आ जा !
जब तक वो आता, मेरी कमीज़ उतर चुकी थी, उस दिन मैं लाल रंग की ब्रा पहने थी, उसमें कैद कबूतर देख काले के पजामे का तंबू बन चुका था।
उसने मुझे दबोच लिया, कभी सोचा नहीं होगा उसने कि कभी मेरी गोरी-गोरी फुद्दी मारेगा वो ! उसने मेरी सलवार खोल दी, नीचे कुछ नहीं था, वो अपना हाथ मेरी पहले से ही गीली फुद्दी पर फेरने लगा, मैं और गर्म हो गई। वो मेरी ब्रा उतार पागलों जैसे मेरे मम्मे दबाने लगा, मेरे चुचूक अपने मुँह में लेकर चूसने लगा था। मैं भी उसकी दीवानी होने लगी।
मैंने उसका पजामा खोल दिया- हाय ! यह क्या है ? काले का लौड़ा इतना लंबा था, मोटा था कि जैसे नाग उसके पजामे में कैद हो ! और उसकी पटारी खोलते वो फन फ़ैलाने लगे !
मेरे मुँह से निकला- मेरी बहुत नाज़ुक सी फुद्दी है काले ! यह मेरी फाड़ देगा। बहन की लौड़ी ! मेरी बीवी इसको पूरा ले जाती है, तेरी चाची इसकी दीवानी है, मर्द का औज़ार जितना बड़ा हो औरत को उतना सुख मिलता है ! ले चूस के पूरा मजा ले ले !
चूसते चूसते वो इतना आकार ले गया कि चूसना मुश्किल होने लगा। बोला- साली, खोल टाँगें ! संभाल संभाल कर डालना !
उसने अपना काला मोटा कोबरा नाग मेरी गुलाबी गोरी गोरी चिकनी फुद्दी पर रख आगे दबाया। हाय मर गई ! काले, निकाल ले ! अभी देख तेरा क्या करता हूँ ! उसने जोर से एक झटका दिया, आधे से जयादा घुस गया।
मैं रोने लगी लेकिन काले ने पूरा डाल कर दी दम लिया। फिर धीरे धीरे से झटके लगाने लगा। मेरी फुदी बेचारी मानो रो-रो कर कह रही थी- बचा लो ! बचा लो ! उसने भी पूरा नज़ारा लिया।
लेकिन जल्दी ही उसकी बात सही साबित हुई, मुझे मजा आने लगा। वो बोला- कहे तो तेरी गांड में घुसा दूँ? पागल हो क्या ? कमीने फाड़ देगा यह उसको ! चल आज छोड़ देता हूँ ! किसी दिन तेरी गाण्ड ज़रूर मारूँगा ! वो मर्द क्या जो औरत के किसी छेद को चोदे बिना छोड़े !
हाय सच ! ज़ालिम और मार ! बहुत मजा आ रहा है ! मैं कूल्हे उठा-उठा कर चुदने लगी। बोला- घोड़ी बन !
मैंने मना कर दिया, मुझे डर था कि कहीं गांड में न घुसा दे। मैं बोली- नहीं नहीं ! ऐसे ही चोदो ! और तेज़ी से चोदो ! बहुत अच्छे ! काले, और ले मेरी !
मैं झड़ने लगी, वो भी मेरी गर्मी से पिंघल गया और दोनों एक दूसरे को चूमते चाटते लुढ़क गए। फ़िर मैंने जल्दी से कपड़े पहने और उसको खाना दिया। इस तरह मैं कभी काले से, कभी सोनू से फुद्दी के मजे उठाती रही।
एक दोपहर खेत में काले के साथ नंगी गन्ने के खेत में चुद रही थी कि तभी वहाँ उसका दोस्त आ टपका, बोला- मुझे भी फुद्दी दे ! वरना भांडा फोड़ दूंगा ! मैं ना-नुकुर करने लगी। काला बोला- साली फुद्दी ही देनी है ! दे दे ! तू कौन सी किसी एक से वफ़ा कर रही है?
काला मेरी फुद्दी ठोक रहा था। लग रहा था कि यह सब उसकी रजामंदी से हुआ था, उसने ही अपने दोस्त को बुलाया था।
उसका दोस्त मिन्टू अपना लौड़ा निकाल कर मेरे मुँह के पास लाया। मिन्टू का लौड़ा भी काफी मोटा था, उसने मेरे मुँह में डाल दिया। काला बोला- चल आज घोड़ी बन ! और काले ने मेरी फुद्दी से गीला लौड़ा निकाला, थूक लगाया और मेरी गाण्ड में घुसा दिया।
मैं उससे बचना चाहती थी, उसके नीचे से निकलना चाहती थी, चीखना चाहती थी पर मुँह में लौड़ा था, शायद इसीलिए काले ने दोस्त को बुलाया था कि मुझे काबू करके मेरी गाण्ड मार सके ! दोनों ने मुझे दबा कर चोदा।
उस दिन जब घर गई तो माँ ने मेरी चाल-ढाल देखी और बोली- लगता है तेरी शादी करवानी होगी ! किसी-किसी के नीचे लेटती रहती है ! आगे क्या हुआ- अगले भाग में पढ़ना ! आपकी चुदक्कड़ नंदिनी [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000