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मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ, मेरा नाम अर्नव है, मैं अहमदाबाद, गुजरात से हूँ।
मेरा एक दोस्त है अभिषेक(नाम बदला हुआ) उसकी 4 साल पहले शादी हुई, तब वो 22 साल का था, मेरी अभी भी शादी नहीं हुई है। वो और उसकी बीवी रीमा (नाम बदला हुआ) एक फ्लैट में रहते हैं। रीमा दिखने में बहुत ही सेक्सी है। सच बताऊँ तो पहले मैंने उसके बारे में गलत नहीं सोचा था लेकिन दो एक बार मैंने उससे ऐसे देखा कि मेरा मन बदलने लगा, उसकी पतली कमर, चिकनी मस्त गांड, भरी हुई बड़ी-बड़ी चूचियाँ देख कर मेरे मन में उसके साथ रात बिताने के ख्याल आने लगे, पर मैं कुछ कर नहीं सकता था। हाँ, हम मिलते और बातें भी करते थे पर ऐसी कोई बात नहीं कर पाता था मैं ! अभिषेक स्टॉक-मार्केट का काम करता है, तो बीच में स्टॉक मार्केट में नुकसान होने की वजह से वो शराब पीने लगा था।
एक दिन हमारे एक दोस्त राजीव के घर पर पार्टी थी तो रीमा और अभिषेक पार्टी में आये थे। उस दिन रीमा ने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी और स्लीवलेस ब्लाऊज़ और पीछे पीठ का भाग पूरा खुला ही था सिर्फ एक डोरी बंधी हुई थी, उसे देख कर मैं पागल होने लगा था, मैंने सोच लिया था कि कुछ भी करके इसे पटाना पड़ेगा।
फिर मैंने देखा कि अभिषेक रीमा को एक जगह बिठा कर अपने दोस्तों के साथ शराब पीने लगा। रीमा उदास सी बैठी हुई थी, तो मैं उसके पास गया और बातें करने लगा। मैंने कहा : रीमा तुम आज बहुत खूबसूरत लग रही हो ! रीमा ने कहा : थैंक्स अर्नव, वैसे तुम भी काफी अच्छे दिख रहे हो ! मैंने कहा : पर क्या फायदा? कोई लड़की पटती ही नहीं ! बस अकेले रहना पड़ता है।’ रीमा ने कहा : किसे पटाने की कोशिश कर रहे हो?
मैंने हिम्मत करके बोल दिया : सच बताऊँ तो तुम्हें ही पटाने की कोशिश कर रहा हूँ। वो शर्म से नीचे देख कर बोली : मुझे क्यों…?
इतने में हमारे एक दोस्त ने आकर बताया कि अभिषेक बेहोश हो गया है… पहले तो रीमा खड़ी नहीं हुई, तो मैंने कहा : क्या हुआ रीमा?
रीमा की आँखों में आंसू थे, मैंने उससे सँभालने के लिए उसके कंधे पर हाथ रखा और वो फिर खड़ी हुई तो मेरा हाथ फिसल कर उसकी कमर पर आ गया। रीमा की कमर पर हाथ लगते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे पैंट का उभार देख कर वो समझ गई कि मेरा इरादा क्या है। फिर उसने कहा कि अभिषेक को घर पहुँचाने में उसकी मदद करो। मैंने कहा : ठीक है !
मैंने अभिषेक को उठाया और अपनी कार की पीछे की सीट पर लिटा दिया, फिर मैंने रीमा को कहा : तुम्हें आगे मेरे साथ बैठने में कोई परेशानी तो नहीं है ना? उसने कहा : तुम्हारे साथ तो अब कोई परेशानी नहीं है।
उसके तेवर कुछ बदले बदले लग रहे थे, कार चलने लगी, मैं गियर बदलने लगा, मेरा हाथ रीमा के हाथ पर लगा तो मैंने अपना हाथ नहीं हटाया और हाथ दबा दिया। वो मुझे देख कर मुस्कुराई .. मैं समझ गया कि अब कोई अड़चन नहीं है। फिर उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख कर सहलाने लगी और बार बार पीछे देख रही थी। मैंने कहा : चिंता मत करो ! आज उसको होश नहीं आएगा।
हम घर पहुँच गए। मैंने अभिषेक को उठाया और बेडरूम में सुला दिया।
कमरा बंद करके जैसे ही मैं बाहर आया, तो रीमा मुझसे लिपट गई और कहने लगी : मैं अभिषेक से तंग आ गई हूँ, मुझे थोड़ा प्यार चाहिए ! मैंने कहा : थोड़ा नहीं, मैं बहुत प्यार दूंगा। उसने मुझे सोफा में बिठाया और बोली : मैं कपड़े बदल कर आती हूँ.. मैंने कहा : ठीक है !!
थोड़ी देर बाद वो कपडे बदल कर आई तो मैं तो देख कर दंग ही रह गया, उसने पारभासक नाईटी पहनी हुई थी, जो उसके घुटनों से भी काफी ऊपर थी, ब्रा नहीं पहनी थी और पैंटी के नाम पर सिर्फ डोरी जैसी पतली पैंटी थी।
मैंने उसको देखते ही गले लगाया और चूमने लगा, उसके होंठों पर अपने होंठ रख के उनको चूसने लगा और अपना एक हाथ उसकी मस्त चिकनी गांड पर फ़िराने लगा।
रीमा भी अपना एक हाथ मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड पर घुमाने लगी। उसने जैसे ही मेरे लंड को छुआ कुछ अजीब सा लगने लगा और मेरा लंड बहुत कड़क हो गया।
मैं यह नहीं कहूँगा कि मेरा दस इन्च का है। मेरा लौड़ा सामान्य आकार का ही है पर ऐसा है कि कोई भी औरत उससे अपनी प्यास बुझा सकती है।
फिर उसने मेरे पैंट की चेन खोल दी, मेरा लंड धीरे धीरे हिलाने लगी और मेरे होंठों पर होंठ रख कर चूसे जा रही थी।
फिर उसने मुझसे कहा : बस अब तुम मुझे चोद डालो ! मैंने उससे कहा : बस ऐसे ही सिर्फ चूत में सिर्फ लंड डाल कर हिलने में इतना मज़ा नहीं… मैं आज तुम्हें पूरी चुदाई का मज़ा दूंगा। तो वो खुश हो गई। मैंने उसकी नाइटी उतार दी, उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को धीरे धीरे दबाने लगा, वो मदहोश होने लगी थी।
मैं एक चूची मुँह में लेकर चूसने लगा और अपना एक हाथ धीरे धीरे उसकी चूत पर ले गया, उसकी चूत बहुत गीली थी ! मैं अपनी एक ऊँगली उसकी चूत के ऊपर फ़िराने लगा। फिर धीरे से मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत में डाली, उसकी चूत बहुत कसी हुई थी। मैंने उससे कहा : साली तेरी चूत तो बहुत कसी हुई है? उसने कहा : तेरे जैसा कोई मिला नहीं जो इससे फाड़ डाले ! मैंने कहा : अब तो तू मेरी रखैल बन गई है, और अब तुझे रंडी की तरह चोदूँगा रोज़ ! ( दोस्तो, मेरा इरादा ऐसा नहीं था, मैं सिर्फ उससे गर्म कर रहा था ऐसे शब्द बोल कर)
फिर उसने मेरे कपड़े उतार दिए और मुझे चूमने लगी और मेरा लंड हिला हिला कर चूसने लगी, मैं उसे गर्म कर रहा था गंदे शब्द बोल कर !!!
उसने मेरे लंड के ऊपर की चमड़ी हटाई और लंड मुँह में लेकर चूसने लगी, मैं भी अपनी ऊँगली उसकी चूत में डालता और निकाल कर फिर अपने मुँह में डाल लेता, उसकी चूत की खुशबू मुझे बहुत पसंद आ रही थी।
मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया और हम 69 की दशा में हो गए, उसने अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी, उसकी भीगी हुई चूत की खुशबू मुझे बहुत भा रही थी। फिर मैंने अपनी जुबान उसकी चूत में डाल दी और चाटने लगा।
माहौल ऐसा हो गया था कि हम सब भूल कर एक-दूसरे में खो गए थे, वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था !!
बहुत देर उसकी चूत चाटने के बाद वो झड़ गई और मैंने उसका सारा पानी चाट लिया। मैं अभी तक झड़ा नहीं था।
मैंने उसको सीधा लिटा दिया और उसका मुँह चोदने लगा। थोड़ी देर चोदने के बाद मैं झड़ गया, उसने सारा माल पी लिया, चाट कर मेरा लंड साफ कर दिया और मुझसे कहा : तुम्हारा माल बहुत मस्त लगा मुझे !
फिर मैं उसकी रसोई से शहद लेकर आया और उसको उल्टा लिटा कर उसकी गांड फैला कर उसके छेद में शहद डाल दिया। और फिर उसकी गांड चाटने लगा, उसकी गांड में मैं अपनी जुबान घुसा कर चाटने लगा और सारा शहद चाट कर उसकी गांड साफ कर दी… मैंने उसकी चूत पर ऊँगली गुमाई तो फिर से उसकी चूत गीली हो गई थी। उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और हिलने लगा।
मुझे तब भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वो मुझसे चुदवा रही है। फिर मैं जोर जोरे से धक्के लगाने लगा, वो मुझे कस कर पकड़े हुए थी और उसके नाख़ून मेरी पीठ पर गड़ रहे थे। पर मैं रुका नहीं !
वो चिल्ला रही थी : उफ्फ्फ्फ… आआआआ और बोल भी रही थी : अर्नव मैं तेरे लंड की दीवानी हो गई हूँ अब हर रात तेरा लंड लेना चाहती हूँ… मैं चोदे जा रहा था ! वो झड़ गई, फिर भी मैं रुका नहीं और 20 मिनट के बाद मैं भी झड़ गया। थोड़ी देर मैं उसके ऊपर ही लेटा रहा, फिर बाथरूम में जाकर लंड साफ किया और अभिषेक के कमरे में जाकर देखा कि वो तब भी सो ही रहा था।
रात के तक़रीबन ढाई बजे होंगे, मैं रीमा के पास ही सो गया, रीमा पूरी नंगी ही सोई हुई थी। उसकी गांड मेरी तरफ थी, मैं उसे सहला रहा था कि मुझे नींद आ गई।
काफ़ी देर के बाद मेरी नींद खुली, रीमा की नंगी गाण्ड देख मैं उसे सहलाने लगा। रीमा भी जाग गई, बोली : क्या इरादा है जनाब? मैंने कहा : तेरी गांड मारनी है ! बहुत मोटी और चिकनी है, इसे चोदे बिना तो तेरी चुदाई पूरी नहीं होगी ! वो बोली : रात भर तो मुझे रंडी समझ कर चोदा है ! मैंने कहा : साली, तू है ही ऐसी कि जी ही नहीं भरता ! फिर मैंने उसको कहा : चल साली कुतिया बन जा !
वो कुतिया की तरह अपनी गांड मेरे सामने करके लेट गई, मैंने क्रीम उंगली पर लेकर उसकी गांड के छेद पर लगा दी और अपने लंड पर भी ! फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया और उसकी गाण्ड चोदने लगा।
वो पहले तो बहुत चिल्लाई, बाद में वो भी अपनी गांड उछाल-उछाल कर साथ देने लगी और कहने लगी : अर्नव, तुमने मुझे आज अपनी रखैल बना लिया, अब जब तुम्हारा मन करे, तब मुझे चोदना और मेरा मन जब करेगा, मैं तुम्हारे लंड से ही अपनी प्यास बुझाऊँगी ! और 15-20 मिनट चोदने के बाद मैं झड़ गया। मैंने उससे कहा : साली, तू बहुत बड़ी चुद्दकड़ है ! फिर बाथरूम में जाकर अपना लंड साफ किया और कपड़े पहने।
जब मैंने रीमा से कहा कि मैं जा रहा हूँ तो रीमा मुझसे लिपट गई और मेरे होंठो को चूमने लगी। और मैं वहाँ से निकल गया…!! दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है, आपको कहानी कैसी लगी, मुझे बताइएगा, मेरा ईमेल है : [email protected] 1653
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