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प्रेषक : राज कुमार सिंह
हेल्लो दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं आज आपको अपनी जिन्दगी की पहली यौन-कथा बताने जा रहा हूँ। मैं मथुरा में रहता हूँ।
यह उस समय की बात है जब हमारे पड़ोस में एक नई लड़की अपने मामा के यहाँ रहने आई। उसका नाम शिवानी था। वो कानपुर की रहने वाली थी, उसका रंग गोरा था, उसके स्तन एकदम सेब की तरह थे। उसके कूल्हे मस्त थे, जब वो चलती थी तो उसके कूल्हों की उठा-पटक देख कर गली के लड़कों के लंड चैन तोड़ने के लिये बेकरार हो जाते थे।
वो कभी-कभी हमारे घर टीवी पर मूवी देखने आ जाती थी। जब वो हमारे यहाँ आती थी तो मेरी नजरें सिर्फ़ उसके कूल्हों पर ही रहती थी। उसके स्तन उसकी चोली को फाड़ने के लिये बेबस होते नजर आते थे।
एक दिन हमारे घर के सभी लोग एक शादी में गये थे। शिवानी के घर वाले बाहर गये हुए थे। वो जाने से पहले शिवानी को हमारे घर ही रात को सोने के लिये बोल गये थे। उस दिन जब वो हमारे यहाँ आई, तब मैं अपने घर में इंगलिश मूवी देख रहा था, वो चुपचाप आकर मेरे पीछे खड़ी हो गई मैंने उसे नहीं देखा, मूवी में चुदाई का सीन आ रहा था। लड़का अपना लंड लड़की की गांड में देकर चुदाई का मजा लूट रहा था।
मैं भी अपने मोटे लंड को हाथों में लेकर बैठा था, मेरा लौड़ा तनता जा रहा था, अचानक मेरे पीछे रखे गिलास के गिरने की आवाज आई तो मैंने घूम कर देखा तो शिवानी मेरे पीछे खड़ी मूवी को बड़े ध्यान से देख रही थी, उसकी आँखें बिल्कुल लाल हो रही थी। मैंने जल्दी से पास पड़े तौलिए को उठा कर अपने लौड़े पर डाल लिया।
वो भी सकपका गई। मैंने उसको अपने पास बैठने के लिये बोला तो वो आकर बैठ गई।
मैंने उससे पूछा- तुम कब आई?
तो वो शरमाते हुए बोली- जब हीरो हिरोइन को चूम रहा था तब।
मैं समझ गया कि उसने पूरी चुदाई देखी है। मैंने उसके हाथ को छुआ तो वो पूरी कांप रही थी, मेरे हाथ पकड़ने का उसने कोई विरोध नहीं किया। मैं समझ गया कि आज तो जिंदगी का मजा लूटा जा सकता है, मैंने उससे पूछा- आज हमारे यहीं रूकोगी क्या ? क्योंकि आज हमारे यहां भी कोई नहीं है।
मैं यह जानना चाहता था कि उसके मन में क्या है।
तो वो बोली- मुझे अकेले डर लगता है।
मैं खुश हो गया, मेरा लौड़ा चोदने के लिये बेकरार था, उसने लाल रंग की गहरे गले की चोली पहन रखी थी, उसके स्तन ऊपर से बाहर झांक रहे थे, वो बहुत सेक्सी लग रही थी।
मैंने उसको खाने के लिये मिठाई दी, रात काफ़ी हो चुकी थी मैंने टीवी का चैनल नहीं बदला था। थोड़ी देर बाद फिर चुदाई के दृश्य आये तो मैं उसकी तरफ़ देखने लगा। उसकी आँखें सेक्स से भरी नजर आ रही थी।
हीरो ने जैसे ही अपना लौड़ा बाहर निकाला तो उसके मुँह से उफ निकला। मेरा लौड़ा भी तन रहा था, मैंने उसके कंधों पर अपना हाथ रखा तो वो बिल्कुल मेरे करीब आ गई। मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैं अपने हाथ को धीरे-धीरे उसके सख्त स्तनों के ऊपर ले जाकर उनको सहलाने लगा। उसके मुँह से मीठी-मीठी आवाजें आने लगी। मैंने उसकी चोली को धीरे से ऊपर सरकाना शुरु कर दिया।
नीचे उसने ब्रा भी नहीं पहन रखी थी। वो मस्त होती जा रही थी। वो बोली- मुझे डर लग रहा है।
मैंने पूछा- क्यों जान?
तो वो बोली- मैंने आज तक सेक्स नहीं किया है !
मैंने सोचा कि मुझे बना रही है, मैं बोला- डरो मत ! मैं सिखा दूंगा।
मैंने उसकी चूत पर अपना हाथ रख दिया तो देखा उसकी चूत ने पानी छोड़ रखा था। मैं धीरे-धीरे उसकी चूत को सहलाने लगा। उसने मुझे बाहों में भर लिया। मैंने उसकी कच्छी को उतार दिया। वो शरमा गई। फिर मैंने उसको कहा- अब मेरे कच्छे को उतार !
वो फ़िर शरमा गई, तब मैंने अपने लंड को आजाद कर लिया। वो मेरे लंड को प्यासी नजरों से देखने लगी और बोली- यह तो बहुत मोटा है, मेरी चूत तो फट जायेगी।
मैंने कहा- रानी। यह तुझे जवानी के मजे देगा।
वो बोली- अब मैं क्या करूँ?
तो मैंने कहा- जिस तरह हिरोइन कर रही है वैसे ही कर !
उसने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और हिलाने लगी। फिर धीरे से लौड़े को अपने मुँह में लेने लगी। मेरा लंड इतना मोटा था कि उसके मुँह में नहीं आ रहा था, वो उसे चाटने लगी। मेरा लंड बार बार हिल रहा था, उसको लंड चाटने में मजा आ रहा था। वो बोली- यह इतना मस्त लग रहा है कि दिल कर रहा है कि इसको खा जाऊँ !
मैंने कहा- जान, अगर तो इसको खा जायेगी तो मैं तुझे कैसे चोदूंगा ?
फिर धीरे-धीरे उसने लंड के टोपे को मुँह में ले ही लिया और लॉलीपोप की तरह चूसने लगी। मैं अब उसकी चूत में अपनी उंगली डालने के लिये चूत पर घुमाने लगा। उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे, उसकी चूत बहुत उभरी हुई थी पर मेरी उंगली उस चूत में नहीं गई तो मैं समझ गया कि वो बिल्कुल नई है। मैं बहुत खुश हुआ कि आज तो कुंवारी चूत की सील तोड़ने का मौका मिल ही गया।
मैंने उसको बाहों में उठा लिया और बेडरूम में ले गया। उसको बड़े प्यार से बिस्तर पर लेटा दिया, अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे, उसके कूल्हे वास्तव में जैसे बाहर से दिखते थे उससे भी कहीं ज्यादा गोल और सख्त थे। मैंने उससे कहा- अपनी टांगें चौड़ी कर ले !
उसने वैसा ही किया, अब मेरा लौड़ा उसकी सील तोड़ने के लिये मस्त हो रहा था।
मैंने अपने लंड को शिवानी की कुंवारी चूत से भिड़ाया तो वो मस्ती से हिल पड़ी। मैं धक्का लगाने को बिल्कुल तैयार था, मैंने अपने लौड़े को उसकी चूत में थोड़ा सा लगा कर धकेला तो वो चिल्ला पड़ी- हाय, मेरी चूत फट जायेगी !
तब मैंने अपने लंड को वापस बाहर निकाल कर उस पर क्रीम लगाई और वापस लौड़ा उसकी चूत में डालने लगा।
वो दर्द से तड़प उठी, वो अपने कूल्हों को हिलाने लगी तो मैंने कहा- जान, बस एक बार थोड़ा सा दर्द होगा ! फिर जिंदगी भर तुम लंड के मजे ले सकती हो !
वो बोली- आज तो मैं मजे लेकर रहूँगी !
उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरा लौड़ा 8 इंच का है। मैंने धीरे-धीरे लौड़े को चूत में डालना शुरू किया। दो धक्कों में लंड का टोपा उसकी मस्त चूत में घुस गया। वो दर्द से तड़प गई। मैं दो मिनट के लिये वैसे ही लेटा रहा। उसने अपनी चूत को जैसे ही थोड़ा ढीला किया मैंने एक जोर का हिट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ पूरा घुस गया।
वो बुरी तरह चिल्ला उठी- हाय मार डाला !
उसकी चूत से गर्म-गर्म खून आने लगा। शायद उसने नहीं देखा, मैं कुछ देर रुक गया, थोड़ी देर में उसने अपने कूल्हे हिलाने शुरू कर दिये तो मैं समझ गया कि अब दर्द कम हो रहा है। बस फिर मैं अपने लंड को हिलाने लगा उसकी चूत में मेरा लंड टकराने लगा वो हिल हिल कर लंड का स्वाद लेने लगी। मैं 20 मिनट तक उसकी चूत को अपने लंड से चोदता रहा।अब वो भी पूरे मजे ले रही थी। मेरा लंड कसी चूत में रगड़ रगड़ कर घायल हो गया। उसकी मस्त चूत ने पानी छोड़ दिया।
उसकी चुदाई में मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरा लंड उसकी चूत को नहलाने को तैयार था। मेरे लंड की तेज पिचकारी ने शिवानी की चूत को पूरा भर दिया, उसने अपनी टांगें जब तक ढीली नहीं की जब तक मेरे वीर्य की आखिरी बूंद नहीं निकल गई।
अब हम दोनों अलग हो गये।
वो बहुत खुश नजर आ रही थी, मेरे होंठों को चूम कर वो बोली- आज तूने मुझे लड़की होने का मजा दे दिया ! आज मैं पूरी रात इस मजे को लूंगी !
मैंने भी कह दिया कि तेरी चूत बहुत कसी थी पर मेरे इस लंड ने आखिर उसे फाड़ ही दिया।
वो बोली- तेरा लंड नहीं। यह तो हथौड़ा है ! यह दीवार में भी छेद कर दे ! यह तो मेरी कुंवारी चूत थी।
फिर वो रसोई में जाकर दूध ले आई। हम दोनों ने दूध पिया। मैं बाथरूम में जाकर अपने लंड को धो आया। आज मैं बहुत खुश था।
वापस आते ही उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया। वो बोली- आज इसने मेहनत की है ! देखो, लाल हो गया है !
थोड़ी देर में मेरा लंड फिर चुदाई के लिये तैयार था। इस बार मैंने उस को घोड़ी बना कर चोदा। वो आज बहुत खुश थी। जिंदगी में मैंने ऐसी चुदाई पहली बार की। मजे की बात तो यह थी कि वो और मैं तीन दिन तक अकेले रहे। हम दोनों ने तीन दिन और तीन रात मैं 14-15 बार सेक्स का मजा लिया। उसके बाद वो अपने घर कानपुर वापस चली गई पर दोबारा आने को कह गई।
अब इन्तजार है कि अगले महीने वो आयेगी तो आगे की कहानी फिर आने पर सुनाउंगा।
मेरी आपबीती आपको कैसी लगी- ज़रूर बताइयेगा।
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