This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
इस मस्त सेक्स कहानी के पिछले भाग में अब तक आपने पढ़ा कि हम सभी लोग समुद्र तट पर गेम खेल रहे थे और आलिया मुझे अपने मम्मे दिखा कर बहकाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैं इस बार सतर्क था.
दोनों टीमों को जीतने के लिए सिर्फ एक पॉइंट की जरूरत थी. यह खेल अब पूरी तरह से रोमांचक हो चुका था.
अब आगे:
मैं- हमारे पास जीतने के लिए सिर्फ एक पॉइंट चाहिए और उनको भी जीतने के लिए एक पॉइंट चाहिए. नीरज- इस बार कौन जाएगा? मैं- मैं जा रहा हूँ. अविनाश- ओके … इस बार हमें किसी भी कीमत पर जीतना है. आकाश- सुनो कुछ भी हो जाए, पहले रूमाल मत उठाना … फिर चाहे यह खेल भले आधे घंटे तक और चले … क्योंकि लेडीज घबरा कर जरूर रूमाल उठाएंगी. मैं- ओके.
नीरज- बेस्ट ऑफ लक. मैं- थैंक्स. अविनाश- जा मेरे शेर … फतह करके आना. मैं- इस खेल में हमारी ही जीत होगी.
मैं मैदान में आया, तो मेरे सामने आलिया आई. हमने खेल शुरू किया. दोनों सावधानी से खेल रहे थे. हम दोनों रूमाल के चक्कर लगा रहे थे.
आलिया- राज उठा ले रूमाल. इस बार तुम जीत लो. मैं- हा हा … मैं मूर्ख नहीं हूँ. वो हंस दी.
मैं- अगर तुम जीतना चाहती हो, तो जीत सकती हो … लेकिन इसके लिए तुम्हें मुझे कुछ देना पड़ेगा. आलिया- क्या?
मैं- तुम्हारी वो फ्रेंड है न रिया, उसके साथ एक रात के लिए सैटिंग करवा दे. आलिया- शटअप … खेल पर ध्यान दे.
हम दोनों रूमाल के चक्कर लगा रहे थे और सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. पांच मिनट हो गए थे, फिर भी खेल जारी था. हम दोनों एक दूसरे को ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे थे.
करीब पंद्रह मिनट बाद आलिया ने थककर रूमाल उठा कर भागने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसे पकड़ लिया.
हम चारों जीत गए थे और हम जीत का सेलिब्रेशन करने लगे. उन चारों के चेहरे थोड़े गिर गए थे.
मैं- जीजा जी, मैंने बोला था न कि ये जीत हमारी ही होगी. जीजा जी- यू आर सो ग्रेट … आप चारों को शर्त तो पता है न? दीदी- हां हमें याद है.
आकाश- कल तुमने हमें तंग किया था … अब हम परेशान करेंगे. नीरज- सच में यार … मुझे तो भरोसा ही नहीं हो रहा है कि इस बार हम जीत गए हैं.
हम सब रेडी हो गए. तट से उठ कर अन्दर आ गए.
अविनाश- चित्रा, मेरे लिए एक कप कॉफ़ी ले आओ. तुम लोगों को कुछ चाहिए. मैं- मैं तो शर्बत पिऊंगा. नीरज- मुझे तो चाय चाहिए. आकाश- नताशा मेरे लिए ठंडी बियर लेकर आना प्लीज़. नताशा- तुम सबको अलग-अलग चाहिए. मैं- हां वो तो हमारी मर्जी है. जीजा जी- अब हमारा टाइम है.
फिर वो चारों चली गईं और हम वहां पर बैठ कर हंसने लगे.
आकाश- कल का पूरा हिसाब चुकाएंगे. जीजा जी- आज हम ऐसा करेंगे, जो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा. नीरज- मतलब! जीजा जी- मतलब आज हम ओरल सेक्स का आनन्द उठाएंगे और फिर रात को वाइल्ड सेक्स करेंगे.
मैं- आज तो मैं उन चारों को चुदवाने के लिए मजबूर कर दूंगा. जीजा जी- सुनो … आज वो चारों हमारी बीवी गर्लफ्रेंड बहन नहीं हैं. माल हैं बस ऐसा समझना. मैं- मेरी तो ऐसे भी शादी नहीं हुई है. अविनाश- तो अब कर ले. मैं- बस जल्द ही करनी है.
आकाश- सुन ले राज … हमें भी हनीमून में बुला लेना … हम भी तेरी बीवी को चोदने में तेरा साथ देंगे. मैं- उस दिन वो सिर्फ मेरी है, लेकिन आज आपके पास मौका है. अविनाश- हम तीनों को सील पैक बीवी मिली और तुम्हें तो चार मर्द से चुदी हुई बीवी मिलेगी. मैं- मुझे चलेगी.
आकाश- वैसे ये चारों लेडीज के लिए एक न एक कोइंसीडेंट जरूर हो गया है. नीरज- कैसा कोइंसीडेंट? आकाश- हमने अपनी बीवी की चुत का सील तोड़ी, लेकिन उसकी गांड सबसे पहले उसके भाई ने मारी. नीरज- जीजा जी, आपकी बहन की गांड सबसे पहले मैंने मारी थी. आकाश- उसे गांड मारना नहीं … सिर्फ टेस्ट करना कहते हैं. मैं- वो तो आप दोनों लक्की हो … अगर जिया ने वेलेंटाइन डे से पहले ब्रेकअप नहीं किया होता, तो उसके साथ सबसे पहले मैं सेक्स करता. अविनाश- तो आज कुछ अलग ही सीन होता. शायद हम ऐसे कभी नहीं मिलते. आकाश- अविनाश यह बात तो तुमने बिल्कुल सच कही.
हम चारों में बैठकर बातें हो रही थीं, तभी वो चारों आईं और हमारी पसंद चीज हमें दे दीं.
वो खुद भी हमारे साथ बैठ कर शर्बत पीने लगीं.
अविनाश- चित्रा, मेरे पैर की मसाज कर देना. चित्रा- क्यों? अविनाश- पैर थोड़े दर्द कर रहे हैं. चित्रा- चल झूठे. मैं- दीदी शायद आप भूल गईं … कल हम भी आपके पैर की मसाज कर रहे थे.
ये सुनकर दीदी जीजा जी के पैर दबाने लगीं. तभी आकाश नताशा की जांघ को सहलाने लगे.
आकाश- जानू मेरे पैर भी दबा दो प्लीज़. नताशा- तुम कहो तो गला भी दबा दूं. आकाश- इतनी भी सेवा करने की जरूरत नहीं है.
फिर नताशा भी आकाश के पैर दबाने लगी.
आकाश- नीरज, तुम भी मसाज करवा लो. जिया- भाई, आप चुप रहो. नीरज- अगर आलिया मसाज कर दे, तो मजा आ जाएगा.
मैं- आलिया तुम्हारा बुलावा आ गया … जा मेरे दोस्त की अच्छे से खिदमत कर दे. आलिया- नीरज के पैर दबाने के लिए जिया है न. मैं- प्लीज़ आलिया. आलिया- ठीक है. मैं- जिया तुम इधर आ जाओ. जिया- मैं इधर ही ठीक हूँ. मैं- नीरज … बोल न यार. नीरज- जिया अपने ब्वॉयफ्रेंड के पास नहीं जाओगी?
जिया- राज मेरा ब्वॉयफ्रेंड नहीं है. नीरज- अभी तो तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड है. आलिया- जिया मान जाओ यार … अब ये सब जरूर कल का बदला लेंगे. मैं- बदला तो दुश्मन लेते हैं … हम नहीं.
तभी जिया खड़ी होकर मेरे पास बैठ गई. वो तीनों पैर दबा रही थीं. मगर जिया अभी ऐसा नहीं कर रही थी.
जिया- राज तुम्हें पैर की मसाज नहीं करवानी है? मैं- नो … मेरे पैर एकदम ठीक हैं.
मैंने पूछा- हम चारों में से तुम्हें किसका लंड पसंद आया है? जिया- क्यों? मैं- बताओ तो सही. नीरज- हां जिया मैं भी जानना चाहता हूं. जिया- नीरज का. अविनाश- हमारे लंड कांटे वाले लगे? जिया- ऐसा ही समझो. अविनाश- अच्छा … तो आज यही कांटे वाले लंड तुम्हारी चुत में घुसेंगे. चित्रा- अविनाश स्टॉप इट.
तभी मैं जिया के होंठों को घूमने लगा और वो सभी हम दोनों को देखने लगे. जिया भी बिना इन्कार किए मेरा साथ देने लगी. उधर जीजा जी गरमा गए और दीदी को गोद में बैठाकर किस करने लगे. उन दोनों ने भी रोमांस करना शुरू कर दिया.
हम सभी किस करने में मशगूल थे. फिर चुदास बढ़ने लगी, तो हम सभी धीमे धीमे करके अपने कपड़े निकालने लगे. मैंने अपनी शर्ट निकाल दी थी और जिया की टी-शर्ट भी उतार दी थी. ऊपर से हम सभी नग्न अवस्था में आ गए थे, बस लेडीज ने ब्रा पहन रखी थी.
अविनाश- सुनो लेडीज … तुम चारों अब हमारे लंड चूसो. नीरज- अविनाश, आपको एतराज ना हो तो क्या मैं चित्रा के साथ.
अविनाश- जरूर.
चित्रा- हां कमीने … अब तू ही बाकी था … कर ले मजा. नताशा- तुम तीनों ने नीरज को भी बिगाड़ दिया है. आकाश- अविनाश … नताशा के साथ मजा करना चाहोगे. नताशा- मैं कोई खिलौना नहीं हूँ. अविनाश- मैं भी यहीं सोच रहा था.
मैं- सुनो तुम चारों भी लोवर और शॉर्ट निकाल दो. जिया- क्यों? मैं- क्योंकि अब यहां चुदाई होगी. जिया- शटअप. चित्रा- हमें पता ही था कि तुम लोग ऐसी ही हरकत करोगे.
फिर वो तीनों बदल गईं और हम खड़े होकर पूरे नग्न हो गए. फिर उन चारों ने भी अपनी लोवर और शॉर्ट उतार दिए. अब वो चारों सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं. फिर वो हमारे सामने घुटने के बल बैठकर लंड को मुँह में लेकर धीमे-धीमे चूसने लगीं. लंड चूसने की वजह से हम चारों मदहोशी की हालत में सीत्कार कर रहे थे.
कुछ ही पलों में उन चारों को भी लंड चूसने में मजा आने लगा था. तभी मैंने जिया की ब्रा निकाल दी और मेरे पीछे जीजा जी ने भी नताशा की ब्रा निकाल दी. आकाश ब्रा के ऊपर से आलिया के मम्मों को सहला रहा था. मैं एक हाथ से जिया के बाल को पकड़कर लंड चुसवा रहा था और दूसरे हाथ से उसके मम्मों को सहला रहा था.
सबसे ज्यादा हालत हम चारों में से नीरज की पतली थी. नीरज ने कामुकता की वजह से सीत्कार करते हुए अपनी आंखें बंद कर ली थीं.
हम सभी ओरल सेक्स का आनन्द ले रहे थे. वो चारों अच्छी तरह से ब्लो जॉब कर रही थीं. तभी नीरज झड़ गया और सारा माल दीदी के मुँह के ऊपर लग गया.
चित्रा- ओह फक … कमीने यह क्या किया. साले बता तो देता कि झड़ने वाला है … पूरा मुँह खराब कर दिया. नीरज- सॉरी यार … वो कन्ट्रोल नहीं हुआ. चित्रा- सॉरी का क्या मैंने अचार डालूंगी … ओह गॉड … सारा चिपचिपा कर दिया … अब तू मुझसे दोबारा कभी भी ब्लो जॉब के बारे में मत कहना. नीरज- सॉरी चित्रा.
हम सभी ये सीन देखकर धीमे से मुस्कराने लगे.
दीदी खड़ी होकर अन्दर चली गईं और नीरज अपने मुरझाए लंड को सहलाने लगा.
जिया- तुमसे इतना भी कन्ट्रोल नहीं हुआ. बेचारी को कितना अजीब लग रहा था. मैं- अगली बारी तुम्हारी है … पूरा माल अन्दर ही डालूंगा. जिया- नो वे … राज- नीरज तू एक काम कर … कंडोम लेकर आ … प्लीज़ वरना तेरी बीवी प्रेग्नेंट हो जाएगी.
आकाश- हम दोनों के लिए भी लाना, अब मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा. आलिया- ऐसी गलती मत करना. आकाश- डोन्ट वरी.
तभी नीरज खड़ा होकर कंडोम लेने चला गया. हम तीनों अपने पार्टनर के साथ किस करने लगे.
जीजा जी ने नताशा की पैंटी भी निकाल दी और उसे बैठाकर उसकी चुत चाटने लगे.
तभी नीरज कंडोम लेकर आ गया और हमें दे दिए. जीजा जी तो बिना देर किए कंडोम चढ़ाकर नताशा को चोदने लगे.
तभी आकाश ने भी आलिया की पैंटी निकाल दी और उसे सोफे पर घोड़ी बना दिया. फिर कंडोम लगाकर चोदने में शुरू हो गए.
मैंने जिया को कंडोम का पैकेट दे दिया और वो सेक्सी स्माइल करके कंडोम लंड पर चढ़ाने लगी. फिर उसने खड़े होकर अपनी पैंटी निकाल दी. मैंने जिया को अपनी ऊपर गोद में खींच लिया और उसे किस करने लगा.
मैं जिया की चुत में लंड सैट करके चोदने लगा. जिया भी मेरे लंड पर सवार होकर चुद रही थी. वो तीनों कामुक आवाजें निकाल रहे थे. मैं अभी जिया को धीमे धीमे चोद रहा था और नीरज हमें देखकर लंड को सहला रहा था.
तभी दीदी भी बाथरूम से मुँह साफ़ करके बाहर आ गईं.
चित्रा- लो … यहां तो चुदाई भी शुरू हो गई. अविनाश- आओ मेरी जान … नीरज तुम्हारा ही इन्तजार कर रहा था. चित्रा- तुम अपना काम जारी रखो.
दीदी ने भी पैंटी निकाल दी और नीरज के पास बैठकर उसके होंठों को चूमने लगीं.
कुछ देर में नीरज भी गर्म हो गया और वो लंड पर कंडोम लगाकर तैयार हो गया. उसने मेरी दीदी को सोफे पर लेटा दिया और चोदने लगा.
अब वो चारों जोरों से कामुक आवाजें कर रही थीं. उन सबकी चुत में लंड घचाघच चल रहे थे.
चित्रा- ओह फक उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह अम्मह यस ओह नीरज! आलिया- ओह आह याह आहह आह उहह! नताशा- आहह अम्मह आह ओह अविनाश फक मी हार्ड ओह चोदो मेरी चुत फाड़ दो. जिया- उहह आहह अम्मह ओह राज सो हार्ड आहह चोद दे मेरे यार..
उसी समय मैंने जिया को चोदना बंद कर दिया और जिया को अपने ऊपर से हटा दिया.
जिया- क्या हुआ? मैं- अभी आया. जिया- कम ऑन नीरज और जोर से चोदो … कम ऑन फास्ट. चित्रा- हां चोद दे बहनचोद … आहह वैसे भी अब मेरी चुत चुद चुदकर पूरी खुल गई है. जिया- तुम्हारी चुत में तो राज का लंड ही सही है. चित्रा- रुक अभी मेरा भाई तेरी बजाएगा … तब मजा लेना … आहह ओहह यस याह.
मैं अन्दर से वायग्ररा की गोली खाकर वापस आ गया और लंड को सहलाते हुए मैंने जिया को सोफे पर घोड़ी बना दिया. जीजा जी नताशा को अपने ऊपर सवार करके चोद रहे थे, तो आकाश अब आलिया की चुत को पेल रहे थे.
जिया कुछ बोल पाती, उससे पहले मैं लंड को जिया की गांड में एक जोर का झटका लगाकर घुसेड़ दिया, जिससे जिया चिल्ला उठी.
जिया- ओह मां मर गई … आहह राज धीरे चोदो … यार तुम पूरे कसाई बन जाते हो … अम्मह ओह आहह राज धीमे.
चित्रा- हां भाई और जोर से साली को … चोद मां की लौड़ी को … साली कुतिया बहुत उछल रही थी … छोड़ना मत आज इसकी गांड फाड़ देना.
चित्रा की बात सुनकर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. उधर नीरज ने अपनी बीवी के लिए गालियां सुनी तो वो भी जोरों से दीदी को गाली देते हुए चोदने लगा- ले साली रांड … तेरी मां को चोदूं.
चारों तरफ कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें सुनाई दे रही थीं. जिया के चूचे हवा में झूल रहे थे और मैं बिना रुके उसकी गांड चुदाई कर रहा था.
तभी वो तीनों थककर झड़ गए … लेकिन मैं अभी भी जिया को चोद रहा था.
जिया अब करहाने लगी थी … उसकी दम फूल गई थी.
ये देख कर नताशा बोली- राज अब बस कर. मैं- अभी तो पार्टी शुरू हुई है. जिया- आहहह ओह चोद बहनचोद … आज तू मन की कर ही ले … फाड़ डाल मेरी गांड को … उहह याह ओह यस. अविनाश- यह वायग्ररा का असर है. आलिया- क्या आह … फक … साला गोली खा कर जुल्म कर रहा है.
फिर मैंने जिया को पलटकर उसकी चुत में लंड पेल दिया. वो सभी हमें देखकर मजे कर रहे थे और इधर मैं जिया को बड़ी तेजी से पेल रहा था.
जिया- आहहह ओह यस याह राज … अब बस कर, चुत में दर्द हो रहा है. मैं- बस जान मेरा होने वाला है.
इसके एक मिनट बाद मैं हांफते हुए झड़ गया. मैं जिया को एक किस करके उसके पास बैठ गया.
कहानी जारी है. अपने विचार मेल और कमेंट्स में लिखें. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000