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प्रेषक : रवि
मेरी पिछली कहानी “शादी शुदा औरत की चुदाई” को आप सभी ने पसंद किया उसके लिए धन्यवाद। अब मैं आपको एक और कहानी बताने जा रहा हूँ, इस बार मैंने निशा और निशा की बहन लताशा के साथ सेक्स किया।
निशा के साथ सेक्स करने के बाद वो मुझे अकसर अपने घर बुलाया करती थी।
एक दिन की बात है कि उसने मुझे अपने घर बुलाया और हम सम्भोग कर ही चुके थे कि उसकी बड़ी बहन लताशा आ गई। निशा ने मुझे उससे मिलवाया। जैसे ही मैंने लताशा को देखा तो बस देखता रह गया। पूरी भरी हुई और एकदम सुगठित बदन। उसकी बड़ी बड़ी गाण्ड देखकर तो मैं दंग रह गया, लम्बी स्कर्ट में एकदम मस्त लग रही थी। मेरा मन तो किया कि अभी इसकी गांड चाट जाओ पर मैंने अपने ऊपर नियंत्रण रखा और उनके साथ चाय पीकर चला गया।
अगले दिन मैंने निशा को फ़ोन किया और थोड़ी बहुत बात करने के बाद मैंने बोल दिया- मुझे तुम्हारी बहन लताशा के साथ सेक्स करना है।
पहले तो निशा थोड़ा नाराज़ हुई, पर मैंने मना लिया, निशा बोली- अगली बार जब तुम आओगे तो मैं लताशा को बुला लूंगी।
उस दिन से मैं लताशा की गांड के सपने लेता रहा।
अगले सप्ताह निशा ने अपने घर खाने पर मुझे और लताशा को बुलाया। जैसे ही मैं निशा के घर गया, लताशा और निशा आपस में बातें कर रही थी और एसा लगा रहा था कि जैसे मेरा ही इंतज़ार कर रही थी। लताशा ने गुलाबी रंग की लम्बी स्कर्ट पहनी थी। बातों बातों में पता लगा कि लताशा के पति भी ज्यादातर बिज़नस टूर पर रहते हैं और लताशा के मुकाबले काफी मोटे हैं तो मैं अंदर ही अंदर सोचने लगा कि इसका मतलब लताशा को भी सेक्स के तलब तो रहती होगी।
खैर हमने कुछ बातें की और उसके बाद हम तीनों ने ड्रिंक लिया और हल्का म्यूजिक चला दिया। थोड़ा सा सरूर होने के बाद मैंने म्यूजिक थोड़ा तेज़ कर दिया और निशा को डांस करने के लिए बोला। हम डांस करने लगे, बीच-बीच में ड्रिंक भी लेते रहे।
फिर निशा बोली- तुम लताशा के साथ डांस करो, मैं कुछ बनाकर लाती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है।
लताशा भी थोड़ा नशे में आ गई थी। पहले तो हम सामान्य डांस कर रहे थे, फिर मैंने हिम्मत दिखा कर लताशा को कमर से पकड़ कर डांस करना शुरू किया। लताशा का जिस्म भरा था, कमर में हाथ डालते ही मेरा तो मन किया कि गांड को दबा दूँ लताशा की।
डांस के साथ साथ मैंने लताशा को एक और ड्रिंक दिया, इस बार ड्रिंक थोड़ा ज्यादा था। इतने में निशा भी आ गई और फिर हम तीनों डांस करने लगे। कभी मैं निशा को गले लगा लेता तो कभी निशा लताशा को, तो कभी लताशा को मैं।
निशा तो जानती थी कि आज मुझे लताशा के साथ सेक्स करना है इसलिए लताशा को सेक्स के लिए तैयार भी करना था। निशा डांस करते करते लताशा और मुझे चूम लेती थी। धीरे धीरे मैंने भी निशा और डांस डांस में लताशा को चूमा जिसका लताशा ने कोई भी विरोध नहीं किया जिससे मेरी हिम्मत बढ़ गई।निशा बोली- तुम लोग डांस करो, मैं खाना लगा देती हूँ।
मैं लताशा के साथ डांस करता करता, उसको चूमता रहा। मुझे लगा कि लताशा गर्म हो रही थी और मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था, जिसका एहसास लताशा को हो रहा था। डांस करते करते कभी मैं उसको उल्टा करके बाहों में ले लेता जिस कारण लताशा की गांड में मेरा लंड छू जाता। निशा मुझे किचन से देख रही थी। उसने मुझे इशारा किया कि तुम शुरू करो।
मैंने हिम्मत करके लताशा का चेहरा अपनी तरफ किया और उसके होटों पर होंट रख दिए। लताशा ने भी मेरा पूरा साथ दिया। लताशा के होंट चूसते चूसते मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया जिसका उसने कोई एतराज़ नहीं किया। डांस करते करते मैं लताशा को सोफे पर ले गया और उसको लिटा कर खुद उसके ऊपर लेट गया और चूमता रहा। चूमते-चूमते मैं एक हाथ लताशा की जांघ पर फेरने लगा और उसकी स्कर्ट ऊपर करने लगा।
अब लताशा भी गर्म हो चुकी थी, वो भी मेरा साथ दे रही थी। मैं खड़ा हुआ और अपनी टी-शर्ट उतार दी और अपनी पैंट भी और दोबारा उसके ऊपर लेट गया।
लताशा ने स्कर्ट ऊपर कर ली थी और दोनों टांगें खोल ली और मैं उसके ऊपर लेट गया। मेरा लंड उसकी चूत पर लग रहा था। फिर मैंने लताशा की स्कर्ट उतार दी।
जैसे ही लताशा की लम्बी स्कर्ट उतारी, लताशा का गोरा बदन मेरे सामने था और लताशा ने गुलाबी रंग की ब्रा और पैंटी पहन रखी थी। सेक्स बम्ब लग रही थी वो। उसके बड़े बड़े मम्मे देख कर में दंग रह गया और ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा। ज्यादा देर न करते हुए मैंने लताशा की ब्रा और पैंटी उतार दी, अपने आपको भी नंगा कर दिया और दोबारा लताशा के ऊपर लेट कर उसे चूमने लगा और उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा। धीरे धीरे उसके मम्मों को चूसते हुए मैं उसकी चूत तक आ गया। लताशा की चूत एक दम गुलाबी थी, ऐसा लगा रहा था कि जैसे में किसी भारतीय नहीं बल्कि किसी विदेशन की चुदाई करने जा रहा हूँ।
मैं लताशा की चूत चाटने लगा। लताशा के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। फिर मैंने लताशा को उल्टा कर दिया और उसकी कमर पर चूमते हुए उसकी गांड पर काट दिया, जिसके कारण वो थोड़ा चिल्लाई। आवाज़ सुनकर निशा भी रसोई से आ गई, वो तो हमको वहीं से देख कर कपड़े उतार चुकी थी। निशा मेरे पास आकर खड़ी हो गई। अब मैं लताशा की चूत चाट रहा था और निशा की चूत में ऊँगली कर रहा था।
पूरे घर में सिसकारियाँ सी गूँज रही थी जो मुझे और उतेजित कर रही थी। मैंने लताशा को घोड़ी बना दिया और उसकी गांड चाटने लगा। लताशा की गांड का छेद निशा की गांड से बड़ा और गुलाबी था। जिसको देख कर मैं पागलों की तरह चाटने लगा। फिर मैंने निशा को भी लिटा दिया और उसकी चूत और गाण्ड चाटने लगा। थोड़ी देर चाटने के बाद मैंने लताशा को घोड़ी बनाया और उसकी चूत के छेद पर लण्ड रख कर पेल दिया। जिसके कारण मुझे और लताशा को दोनों को हल्का दर्द हुआ। उसके बाद में लताशा की चुदाई करने लगा और ऊँगली उसकी गांड में डालने लगा।
निशा लताशा के मम्में चूस रही थी। जैसे ही मेरा झड़ने को हुआ, मैं लण्ड बाहर निकाल कर चूत चाटने लगा लताशा की। फिर लताशा के मुँह में मैंने अपना लंड डाल दिया और चुसाने लगा। थोड़ी देर चुसाने की बाद मैंने निशा और लताशा को घोड़ी बना दिया और लताशा की गांड में लंड डाल दिया और तेज़ तेज़ चुदाई करने लगा। कभी लताशा की गांड में डालता तो कभी निशा की। मेरे सामने एक ब्लू फिल्म का सीन घूम रहा था, ठीक वैसे ही कर रहा था। दोनों की गांड मारने में और देखने में बड़ा मजा आ रहा था।
थोड़ी देर चुदाई करने के बाद जब मैं झड़ने लगा तो मैंने दोनों को सीधा कर दिया और दोनों के मम्में आपस में जोड़ दिए और दोनों के मम्मों पर वीर्य गिरा दिया। फिर दोनों ने मेरे वीर्य को अपने मम्मों पर रगड़ा और फिर खड़ी हो गई। मैंने लताशा को गले लगाकर चूमा।
फिर निशा बोली- चलो, अब खाना खा लो।
तीनों ने नंगे ही एक साथ खाना खाया और उसके बाद मैंने रात वहीं गुजारी। रात में दो बार और लताशा के साथ सेक्स किया निशा थोड़ी जल्दी सो गई थी। उस दिन से आज तक कभी निशा और कभी लताशा के साथ सेक्स करता हूँ। अब तो लताशा अपने घर भी बुला लेती है कभी-कभी।
पिछली कहानी की तरह इस बार भी आपकी मेल का इंतज़ार रहेगा।
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