This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
आप सबको आपकी अंतरा का रस भरा नमस्कार
तो हुआ यूँ :
अब बाली उमर में मेरा दाना मस्तियाने लगा। उमर इतनी भी नहीं थी कि शादी की सोचती ! बड़ी बहनें भी तो थी ! मेरी चूचियाँ कमबख्त मेरी ही चोली की रगड़ से कड़ी हो जाती और कभी मूतने के लिए बैठने पर जब ठंडी हवा चलती तो मेरी चूत रस छोड़ने लग जाती। क्या करूं, कुछ समझ में ही नहीं आता था। हर वक़्त बस केला ही याद आता था। मेरी माँ भी बैरन रोज रात को सिसक-सिसक कर चूत पेलवाती थी और मेरी फड़कती चूत मुझे चिढ़ाती थी। मैंने भी सोच लिया कि कुछ रास्ता निकालना पड़ेगा।
एक रोज दोपहर को मुझे मेरी माँ ने पापड़ सुखाने के लिए दिए और कहा- इनको छत पर ठीक से फैला देना, देखना उड़ न जायें, मैं पड़ोस में जा रही हूँ, शाम तक आउंगी।
मैं पापड़ों को ले कर छत चली गई। दोपहर होने के कारण पड़ोस की सभी छतें खाली थी। हमारी छत में एक किनारे पर एक कमरा है जिसमे कबाड़ रहता है। मुझे वहाँ से कुछ आवाजें सुनाई दी। मैं दबे पांव वहाँ पहुँची तो देखा कि हमारे माली का लड़का वहाँ अपने लंड को निकाल कर मसल रहा था और उसके हाथ में एक किताब थी। मैं डर गई और दूसरी तरफ जा कर पापड़ सुखाने लगी। कुछ देर में वो वहाँ से निकला और मुझे देख कर जल्दी जल्दी भाग गया। मैं कुछ बोल भी नहीं पाई।
उस दिन मेरी बड़ी बहन सोमा ने मुझे बुलाया और मेरे कान पकड़ के दो थप्पड़ लगा दिए। मैं कुछ पूछती, इससे पहले उसने कहा- क्यूँ रांड ! छत पर कमल के साथ रंगरलियाँ मन रही थी?
मैंने कहा- नहीं, मैं तो पापड़ सुखाने गई थी !
तो सोमा ने मुझे फिर लताड़ा और मुझे वो नंगी किताब दिखाई और कहा- यह किताब मुझे कमल ने दी है और तेरी शिकायत की है कि तूने यह किताब उसे दिखाई और उसका लं…. पकड़ा !
यह साफ़ झूठ है सोमा ! मैंने कुछ नहीं देखा।
“कमीनी … रंडी…..”
सोमा ने मुझे बहुत पीटा। मुझे यह समझ नहीं आ रहा था कि साले कुत्ते के बच्चे ने मुझे किताब दिखाई होती तो रंडवे को मुठ मारने की जरुरत नहीं पड़ती…..
मैंने दोनों से बदला लेने की कसम खा ली।
उसी शाम की बात है मैं छत पर गई तो उसी कमरे से सोमा के हँसने की आवाज आई…
मैं फिर दबे पांव वहाँ पहुंची तो कमल की आवाज भी आई। मैंने खिड़की से झाँका तो मजा आ गया।
सोमा ने अपने लहंगे को कमर तक चढ़ा रखा था और कमल खड़े खड़े अपना लंड उसकी चूत में पेल रहा था। दोनों मेरे बारे में बातें कर रहे थे।
“साली को मारने में बहुत मजा आता है” …स्स्स्स ….हया……….
“उम्फ़ …… लेकिन दिखती मस्त है ….” कमल ने एक और चाप मारी….
“तेरे लंड को चाहिए क्या उसकी चूत……..मादर….स्स्स…..आःह्ह…..मेरी चूत ………चोद न…. हाईई..आःह्ह…….”
“दिला दे न…… तेरे को रोज चोदूँगा…….. “
” भोसड़ी के ………. मेरी मार ले ……….उसको तो मैं इस गाँव के हर कुत्ते से चुदवाउंगी. ….. रंडी ने हमारी माँ हमसे छीनी है…….”
मैं गुस्से से पागल हो गई और वहीं दरवाजे के सामने खड़े हो कर बोली- तू कौन सा शरीफों वाला काम कर रही है……. तेरी फ़ुद्दी नहीं फड़क रही क्या………
सोमा ने मुझे देखा और कमल से बोली- पकड़ इसको………
कमल ने तेजी से लपक के मुझे पकड़ा और घसीट के वहीं पटक दिया……
मैं कराह उठी…..
फिर सोमा ने कमल से कहा- तू इसकी लेना चाहता था न ………. ले अभी चोद डाल ! इसकी मुनिया को चूत बना दे……..
कमल ने मेरी स्कर्ट को खींचा तो वो उतर गई…..
मैं रोने लगी…. मुझे छोड़ दो……. मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगी ! मुझे जाने दो……
पर सोमा ने मेरे होठों पर अपने होंठ भीच लिए और मेरी जीभ चूसने लगी……….
कमल ने भी अपना हाथ तेजी से मेरी चूचियों पर फेरना शुरू किया …..
मैं हाथ पैर मारने लगी……
तो कमल ने वहीं कबाड़ से एक पुरानी साड़ी उठा कर मेरे दोनों हाथ पीछे करके बाँध दिए…..
मेरी कुर्ती को सोमा ने मेरा मुँह दबा के उतार दिया….. और मेरी छाती पर बैठ गई……..
कमल ने मेरे पैरों को फैला के अपना मुँह मेरी चूत में लगा दिया और जीभ निकाल के फिराने लगा। मेरी चूत तो सोमा की चुदाई देख कर ही पनिया गई थी।
रांड पूरी गर्मी में है…… कमल ने सोमा को देख कर कहा जो मेरे होठों को चूसे ही जा रही थी।
चल पेल दे अपना लौड़ा इसकी चूत में……….. सोमा ने मुझे देखते हुए कहा।
कमल ने बिना देरी किये अपना सात इंच का मूसल मेरी चूत में रखा और मेरे दाने को रगड़ने लगा।
मैंने आँखे बंद कर ली………
फिर कमल ने अपना सुपारा मेरी चूत में घुसाया तो मैं मचल गई ……..
सोमा ने भी अपनी चूत मेरे मुँह की तरफ कर दी और बोली- चाट इसको रंडी…
मैं तो मस्ती में आ गई थी….. मैंने सोमा की चूत में जीभ चलानी शुरू की…….
उधर कमल ने अपना लंड मेरी चूत में पूरा पेल दिया……..
हाय क्या मजा आया. उफ़. सी…….हाय……..हम्म्म्म……..
सोमा भी मेरे चाटने से मस्त हो रही थी- आह्ह.. क्या चाट रही है…. कुतिया………. हाय…… कसम से……..स्स्स….स्स्स्स….ह़ा.ह्ह्ह्हह……
उधर कमल मेरी चूत को अपनी पूरी मर्दानगी से चोद रहा था……………. उहम…हम्म.हा..हम्म्म…..
पूरा कमरा हम लोगों की बहकती आवाजों से गूँज रहा था……..
फिर सोमा मेरे दूध चूसने लगी और कमल कभी मेरी चूत में लंड डालता और कभी सोमा की चूत में डालता… मैंने भी सोमा को नंगा कर दिया था……. उसके दूध हिलते हुए मस्त लग रहे थे………
तभी कमल ने मेरी चूत में अपना लंड डाला और जोर जोर से पेलने लगा……
हाय..हाय…स्स्स.स्स्स्स. उम्म्म. हाँ चोदो……. मारो मेरी…….. फाड़ दो…….. हाय…… क्या मजा है……स्स्स्स. हाय. ….सोमा…..मुझे चुदवा दे……… हर कुत्ते से…………. हाय….. मैं तो मस्त हो गई…..
मेरा बड़बड़ाना सुन के सोमा भी मस्तिया गई और जोर जोर से अपनी चूत में ऊँगली चलने लगी…… स हा.आआ ………..और सोमा झड़ने लगी………. उसने अपनी चूत मेरे मुँह में टिका दी ……. मैंने उसकी चूत चाट के मस्त कर दी……सोमा अलग हट के मेरी चूची दबाने लगी…..
फिर….. कमल ने अपनी स्पीड बढ़ाई और मुझे कुचलने लगा…….. मैंने उसकी गांड को कस के अपनी ओर खींचा…… हया……..आःह्ह……..
और हम दोनों झड़ने लगे……… वीर्य की गर्म फुहार ने मेरे प्यासे जोबन को मस्त कर दिया….
कमल मेरे ऊपर लुढ़क गया….. मैं उसके बालों से खेलते हुए उसके लंड को सहलाने लगी…………
और सोच रही थी कि सोमा को गाली दूं या…….उसकी चूत चूम लूँ…………
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000