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प्रेषक : निखिल मेहरा
सभी पाठको मेरी तरफ से प्यार भरी सत श्री अकाल ! यह मेरी अन्तर्वासना पर पहली कहानी है ! मेरा नाम निखिल है ! उम्र इक्कीस साल और मैं पंजाब का रहने वाला हूँ । आज मैं आपको अपनी गर्ल फ़्रेंड कोमल जो 20 साल की है, की एक सच्ची घटना बता रहा हूं।
हमारी दोस्ती को हुए डेढ़ साल हो गया था पर मैंने उसे अब तक छुआ तक नहीं था। एक दिन जब हम रोक गार्डन गये हुए थे तो मैं उसे सिर्फ़ किस ही किया और जब मैं उसके वक्ष पर हाथ लगाने लगा तो वो गुस्सा कर गई और कम से कम एक महीने मुझसे बात नहीं की। आखिर मैंने भी उसे एक दिन मना ही लिया और उसको कहा- यह सब तो चलता रहता है !
तो वो बोली- मेरे को यह सब अच्छा नहीं लगता !
तो मैंने कहा- अच्छा नहीं लगता तो नहीं करूंगा।
उस दिन के बाद हम दोनों मिलते तो थे पर किस तक ही सीमित थे, पर अब मेरे से सब्र नहीं होता था और मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा।
फिर एक बार जब मैं गरमियों में उससे मिलने गया तो वो बोली- आज तुम ओफ़िस से छुट्टी कर लो, आज बैठ के बातें करेंगे !
तो मैंने ओफ़िस फोन कर के बोल दिया कि आज मैं नहीं आउंगा।
उसके बाद हम दोनों कुछ देर उसके कॉलेज में ही बैठे रहे। फिर मैंने उससे कहा कि कहीं चलते हैं तो वो भी मान गई। पर उस समय 12.40 हो रहे थे, तब न तो हमें फ़िल्म का टिकट मिलना था न ही हम किसी गार्डन में जा सकते थे क्योंकि दिल्ली में अधिकांश 12:30 तक सारे सिनेमा में शो शुरू हो जाते हैं और गार्डन में इसलिये नहीं जा सकते हैं क्योंकि वहां पर गर्मी बहुत होती है।
फिर मैंने कहा- मेरे कमरे पर चलते हैं !
पर वो मना कर रही थी, कह रही थी कि मुझे डर लगता है कि कहीं कुछ हो गया तो?
पर मैंने उसे तसल्ली दी और कहा- अगर तुम्हें मुझ से प्यार है और अगर तुम मुझ पर भरोसा करती हो तो चल सकती हो।
इस पर वो बोली- तुम मेरी कसम खाओ कि तुम ऐसा वैसा कुछ नहीं करोगे !
मैंने उसकी कसम खा ली और वो तैयार हो गई। रास्ते में सोचता रहा कि कसम तो खा ली पर उसको चोदूंगा कैसे।
फिर जब मैं और वो मेरे कमरे पर पहुंचे तो मैं दरवाजा बंद करने लगा, तो वो बोल पड़ी- दरवाजा क्यों बंद कर रहे हो?
मैंने कहा- अगर कोई देख लेगा तो क्या कहेगा कि कौन है !
और मैंने दरवाजा बंद कर दिया। उसके बाद मैं बिस्तर पर उसके साथ बैठ गया और हम बातें करने लगे। बातें करते करते मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और उसके होंठों पर चूमने लगा। यह चुम्बन 15 मिनट तक चलता रहा और मैंने उसकी छाती पर हाथ फिराना शुरु कर दिया। उसने विरोध नहीं किया और धीरे धीरे मैं उसके पेट से होता हुआ उसकी चूत को सलवार के ऊपर से हाथ सहलाने लगा। अब मेरे होंठ उसके होंठों को चूम रहे थे और एक हाथ उसके वक्ष पर और एक हाथ उसकी चूत पर था।
अब मैं धीरे धीरे उसकी गर्दन और उसके बाद उसके स्तनों को कमीज के ऊपर से चूसने लगा तो उसके मुंह से अजीब से आवाजें आने लगी। तो मैं समझ गया कि अब वो गर्म हो चुकी है। उसके बाद मैंने धीरे धीरे एक हाथ कमीज के अन्दर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उसके स्तनों को दबाने लगा।
बाद में मैंने उसकी कमीज उतार दी, वो कुछ नहीं बोली क्योंकि वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी। उसने सेक्सी लेस वाली काली ब्रा पहन रखी थी और वो अपने स्तन अपने दोनों हाथों से छुपाने लगी। मैंने समय न गंवाते हुए उसे दोबारा किस करना शुरु कर दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से चूचियों को सहलाता रहा। फिर उसकी पीठ पर हाथ ले जा के उसकी ब्रा के हुक भी खोल दिये। अब वो मेरे सामने बिल्कुल टोपलेस थी।
मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके स्तन चूसने लगा। 20 मिनट तक उसके स्तन चूसने के बाद मैंने उसकी सलवार की तरफ़ हाथ बढ़ाया और उसका नाड़ा खोल दिया और उसकी चूचियों को चूसना चालू रखा। उसके मुंह से अजीब अजीब से आवाजें आ रही थी। मैंने सोचा कि पड़ोसी उसकी आवाज़ सुन लेंगे तो समस्या हो जायेगी इसलिये मैंने उसके स्तन चूसते-चूसते सीडी का बटन ऑन कर दिया। अब म्युज़िक जोर से बजने लगा और किसी को कुछ सुनाई देने का तो नाम ही नहीं था।
अब मैंने उसकी सलवार धीरे धीरे उतारनी शुरु कर दी। उसकी सलवार उतारने के बाद मैं उसकी चूत को उसकी काली पैंटी के ऊपर से चूमने लगा। तो वो और जोर से सिसकियां लेने लगी। धीरे धीरे मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया और उसकी चूत को चूमने लगा।
अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी और कुछ बोल भी नहीं रही थी। मैं लगभग दस मिनट तक उसकी चूत को चूसता रहा और जैसे ही उसकी चूत झड़ने वाली थी, मैंने चाटना छोड़ दिया तो वो बिना पानी की मछली की तरह तड़फ़ उठी और खुद ही अपनी उंगली चूत में डालने लगी। मैंने उसके दोनों हाथ कस कर पकड़ लिए तो वो मेरे आगे गिड़गिड़ाने लगी- प्लीज़ मेरी चूत को चूसो !
तो मैंने कहा- साली, पहले तो बहुत अकड़ती थी ! आज क्यों नहीं अकड़ रही है ?
तो वो दोबारा गिड़गिड़ाने लगी।
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारी चूत एक शर्त पर चूसूंगा ! पहले तुम्हें मेरा लंड चूसना होगा !
वो मान गई।
मैंने उसे मेरे कपड़े उतारने को कहा तो उसने जल्दी-जल्दी मेरे कपड़े उतार दिये और मेरे सात इंच और तीन इंच मोटे लंड को देख कर बोली- यह मेरे मुंह में कैसे आयेगा ?
मैंने कहा- साली, मैं बताता हूं !
और मैंने अपना लंड उसके मुंह मैंने थोड़ा सा डाल दिया। उसके बाद धीरे धीरे वो खुद ही बढ़ाती गई और मेरे पूरे लंड को मुंह में डाल के चूसने लगी। उसका एक हाथ मेरे बाल्स के साथ खेल रहा था। और मैं उसके वक्ष के साथ खेल रहा था। थोड़ी देर चूसने के बाद वो वोली- अब तुम मेरी चूत चूसो !
मैंने कहा- चलो 69 की पोजिशन में हो जाओ !
तो वो बोली- वो क्या होता है?
तो मैंने उसे बताया कि 69 क्या होता है और इस तरह हम दोनों 69 की अवस्था में आ गये और एक दूसरे को चूसने लगे। बीच बीच में उसकी चूत में उंगली भी डाल रहा था तो वो कह रही थी कि दर्द होता है। दस मिनट के बाद वो झड़ गई और मैं उसका जूस पी गया। मुझे अच्छा लगा, उसकी चूत को चूसता रहा। उसके बाद वो दोबारा गर्म हो गई और जैसे ही मैंने चूसना बंद किया तो वो दोबारा गिड़गिड़ाने लगी कि चूसो।
मैंने कहा- अब मैं नहीं चूसूंगा बल्कि तुम्हारी चूत में लंड डालूंगा !
तो वो कहने लगी- इतना बड़ा मेरी चूत में कैसे जायेगा, मुझे तो तुम्हारी उंगली से भी दर्द होता है तो इसको कैसे सहन करूंगी?
तो मैंने उसे कहा- तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है, थोड़ी देर दर्द होगा, बाद में तुम भी मज़े लोगी !
और मैंने कहा- औरतों की चूत का छेद बहुत बड़ा होता है क्योंकि यहां से इतना बड़ा बच्चा निकल जाता है तो मेरा लंड तो आराम से जायेगा।
उसके बाद मैंने तेल लेकर थोड़ा से अपने लंड पर और बाकी उसकी चूत के होठों को खोल कर वहां पर लगा दिया और अपना लंड उसकी चूत में अंदर डालने की बजाय वहीं पर ही रगड़ने लगा तो वो थोड़ी देर में ही चिल्ला उठी- प्लीज़ अंदर करो।
उसके बाद मैंने थोड़ा सा अन्दर किया तो वो दर्द से चिल्लाने लगी। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और अपने लंड को वहीं पर रख कर थोड़ा सा हिलाने लगा। जब वो एंजोय करने लगी तो मैंने एक जोर से झटका दिया और मेरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो दर्द से तड़पने लगी।
पर मेरे सब्र का बांध टूट चुका था और मैं उसकी परवाह न करते हुए अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा। वो थोड़ी देर दर्द महसूस करती रही पर बाद में उसे भी आनन्द आने लगा और उसके मुंह से आवाजें आने लगी- आअह्हह्हह ! और जोर से चोदो ! और जोर से और अन्दर करो !
मैंने कहा- क्यों ? यह सब तो तेरे को अच्छा नहीं लगता था, साली अब लंड का स्वाद आ रहा है न? तेरी तो आज मैं पूरी फाड़ दूंगा।
और लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद मेरा छूटने वाला था (इस बीच वो दो बार छुट चुकी थी)।
मैंने उसको कहा- मैं झड़ने वाला हूँ, अन्दर छोड़ू या बाहर?
तो उसने बोला- बाहर ही छोड़ना ! मैं प्रगनेंट नहीं होना चाहती !
और मैंने उसकी चूत से लंड निकाल कर उसके मुंह में डाल दिया और चुदाई करने लगा। थोड़ी देर में मैं झड़ गया। उसका मुंह मेरे वीर्य से भर गया। कुछ तो उसने निगल लिया और बाकी बाहर उसके चेहरे से होता हुआ उसकी गर्दन पर गिर गया। उसके बाद मैं थोड़ी देर उसके ऊपर लेट कर उसको चूमता रहा और अपने माल को उसके स्तनों पर मलता रहा।
लगभग 15 मिनट आराम करने के बाद हम दोनों उठे। अब शाम होने लगी थी और उसने घर भी जाना था तो हम दोनों ने अपने आप को फ़्रेश किया और मैं उसको घर के पास छोड़ कर आ गया। वापिस आकर मैंने उसके खून और हम दोनों के रज से खराब हुई बेडशीट को साफ़ किया।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी ? मुझे मेल करें !
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