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आशा करता हूँ कि मेरी यह कहानी आप लोगों को बहुत पसंद आएगी और यदि कहानी पसंद आई तो मुझे मेल करियेगा, मैं और कहानियाँ आप लोगों की सेवा में पेश करता रहूँगा!
मेरा नाम शामी है! मैं रायपुर में रहता हूँ, बी.ए. सेकंड का छात्र हूँ, मेरे घर में मैं, मेरे पापा और मेरी मम्मी रहती हैं. मेरे पापा एक व्यापारी हैं, वो सुबह से घर से निकल जाते हैं और रात में आते हैं.
अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ.
यह बात तब की है जब हम लोग पहले किराए के घर में रहते थे, मैं पढ़ता था.
हमारे घर में हमारे अलावा और भी किराएदार रहते थे. हमारे घर के ठीक सामने वाले कमरे में अजीत अंकल रहते थे, वो बंगाल से रायपुर काम करने आए थे. उनके घर पर उनके साथ उनके कारीगर भी रहते थे.
अजीत अंकल का हमारे घर से अच्छा सम्बन्ध था वो प्रायः हमारे घर आते रहते थे. वो मेरे पापा के सामने कम आते थे पर पापा के चले जाने के बाद अंकल एक न एक बार जरूर आते थे.
मैं उस समय ये सब बातें ठीक से नहीं समझ पाता था कि अंकल पापा के जाने के बाद ही क्यों आते हैं!
एक दिन की बात है पापा घर में नहीं थे, शाम का समय था, मम्मी चाय बना रही थी. तभी अचानक अंकल घर आ गए.
अंकल ने आते ही मम्मी को आवाज़ दी और मम्मी आते ही उनको देख मुस्कुरा दी और अंकल बैठ गए. मैं भी वहीं बैठा था.
मम्मी चाय लेकर आई और अंकल से बातें करने लगी. अंकल मम्मी से बात करते करते उन्हें कुछ इशारा कर रहे थे पर मैं समझ नहीं पाया कि दोनों में क्या इशारेबाज़ी चल रही है.
मम्मी भी उनके इशारे का जवाब अपनी आँखों से दे रही थी.
बात करते करते अंकल मम्मी के और करीब आ गए और मम्मी को इशारे में कुछ कहा पर मम्मी ने मेरी ओर इशारा किया.
अंकल मम्मी से कुछ चाहते थे पर मम्मी उन्हें बार बार दूर करती जा रही थी. मैं समझ गया कि यहाँ कुछ गड़बड़ है! ये लोग मेरे कारण कुछ कर नहीं पा रहे हैं!
अब मैं भी जानना चाहता था कि आखिर बात क्या है और इसी लिए मैं दूसरे कमरे में चला गया.
अचानक जब मैं कमरे में आया तो मैंने देखा कि अंकल मम्मी के ब्लाऊज़ के अन्दर कुछ देख रहे हैं और मम्मी अपनी आंखे बंद कर उन्हें कुछ दिखा रही है.
अंकल मुझे देख कर मम्मी से दूर हट गए और फिर मम्मी से बातें करने लगे.
अब अंकल की आँखों में मुझे एक अजीब सी चमक नज़र आ रही थी और मम्मी की आँखों में एक नशा सा दिखाई दे रहा था.
थोड़ी देर बाद अंकल ने मम्मी के कान में कुछ कहा और वो अपने घर चले गए.
मुझे वो दृश्य बार बार याद आ रहा था और मैं समझ गया था कि अंकल और मम्मी अभी और मिलेंगे, इस कारण मैं घर पर ही पढ़ाई करते बैठा हुआ था.
कुछ समय बाद मम्मी खाना पकाने के बाद आई और मुझसे कहा- घर पर ही रहना! मैं पड़ोस में जाकर आ रही हूँ! और वो घर से चली गई.
मम्मी के जाते ही मैं खिड़की से देखने लगा कि मम्मी कहाँ जा रही हैं. और जैसा मैंने सोचा था, वैसा ही हुआ! मम्मी अंकल के घर पर जा घुसी!
फिर मैं भी उनका पीछा करता अंकल के घर की तरफ निकल पड़ा. मैं देखना चाहता था कि आखिर ये दोनों करते क्या हैं?
मैं जब अंकल के घर के पास पहुँचा तो घर का दरवाजा अन्दर से बंद था पर अन्दर से बात करने की आवाज़ आ रही थी. ये आवाजें मम्मी और अंकल की थी.
मैं दरवाज़े के छिद्र से अन्दर की ओर देखने लगा. जब मैंने अन्दर देखा तो मेरे होश उड़ गए.
मैंने देखा कि अंकल मम्मी को चूम रहे हैं और मम्मी उनको अपनी बाहों में लेकर किस करवा रही हैं. मुझे यह सब देख कर मजा आने लगा और मैं वहीं से सब कुछ देखने लगा.
अंकल ने मम्मी को किस करते करते उनको इधर उधर हाथ लगाना शुरु किया. मम्मी भी अंकल को इधर उधर हाथ लगा रही थी.
तभी अंकल ने कहा- डार्लिंग, आज मैं तुम्हें चोदने की सोच कर ही तुम्हारे घर गया था पर वहाँ तुम्हारा बेटा सब देख रहा था, इसलिए मैंने तुम्हें अपने घर बुला लिया!
तो मम्मी ने कहा- मैं भी बहुत दिनों से तुमसे चुदवाने का इरादा कर चुकी थी पर मुझे कभी मौका ही नहीं मिला! अंकल ने कहा- मैं जब भी तुम्हें देखता था, देखते ही मेरा लवड़ा तुम्हें चोदने को फुक्कारी मारने लगता था इसीलिए मैंने तुम्हें पटाने का सोच लिया था!
मम्मी- मैं भी तुम्हें कपड़े बदलते देख तुम्हारे ऊपर फ़िदा हो गई थी! अंकल- क्यों तुम्हारा पति तुम्हें पसंद नहीं है क्या?
मम्मी- पसंद है पर मैं उनसे चुदवा चुदवा कर बोर हो गई हूँ! मुझे तुम्हारे जैसे काले और मस्त आदमी से चुदाने का मन था. अंकल- चिंता मत करो डार्लिंग! आज मैं तुम्हें खूब चोदूंगा!
यह कह कर अंकल ने मम्मी को अपनी बाहों में भर लिया और उन्हें निरंतर किस करने लगे. मम्मी को भी बहुत मजा आ रहा था और बाहर मुझे भी..
अंकल ने मम्मी को अपने बिस्तर पर लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें प्यार से किस आदि करने लगे.
मम्मी भी अंकल को किस करते करते अपने मुँह से फुक्कारी मार रही थी.
अंकल ने मम्मी की साड़ी का पल्लू हटा दिया. अब मम्मी का पेट स्पष्ट नजर आ रहा था.
अंकल मम्मी के पेट पर हाथ फेरते हुए बोले- डार्लिंग तुम तो बहुत सुन्दर हो! मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि इतनी सुन्दर स्त्री को चोदने मिलेगा!
मम्मी- मुझे तुम जैसे मर्दों से चुदाने का बहुत शौक है, आज मेरा यह शौक भी पूरा हो जाएगा. मुझे पूरी ताकत से और पूरे जोश के साथ चोदना मेरी जान. अंकल- चिंता मत करो डार्लिंग! शिकायत का मौका नहीं दूंगा!
यह कह कर अंकल ने मम्मी के ब्लाऊज़ की तरफ हाथ बढाया और खोल दिया. अंकल ने मम्मी से सीने में किस किया.तब मम्मी जोर फुसकारी मार कर बोली- मेरी जान मुझे इस तरह मत जला! मुझे चोद दे!
उसके बाद अंकल ने मम्मी की साड़ी पूरी तरह से उतार दी. अब मम्मी बस ब्रा और लहंगे में थी.
अंकल ने अपने भी कपड़े उतार दिए और मम्मी अंकल के शरीर को देख कर बोली- इसी शरीर ने मुझे आज तुमसे चुदाने पर मजबूर कर दिया!
यह कहकर मम्मी ने अंकल को अपने सीने से लगा लिया. अब मम्मी लहंगे में और अंकल अंडरवियर में थे!
अंकल ने मम्मी की ब्रा भी खोल दी.
बाहर से मैं सारा दृश्य देख रहा था. मैंने पहली बार अपनी मम्मी को इस हालत में देखा था. मम्मी को देख मेरा भी लवड़ा खड़ा हो गया था.
अंकल मम्मी की चूचियों को चूसते जा रहे थे और मम्मी अंकल का मजा लेती जा रही थी.
तभी अंकल ने चूचियाँ दबाते दबाते मम्मी के लहंगे के अन्दर हाथ डाल दिया और उनकी बुर को छूने लगे. मम्मी बहुत उत्तेजित थी. वो अंकल की चुदाई का पूरा मजा ले रही थी और अंकल भी इतनी खूबसूरत औरत को जमकर चोदना चाहते थे.
मम्मी ने अंडरवियर के ऊपर से अंकल का लवड़ा पकड़ लिया और कहा- डार्लिंग, आज इसे मेरे नाम कर दो! तो अंकल ने कहा- आज यह सिर्फ तुम्हारा है…
और यह कहते ही अंकल ने मम्मी का लहँगा भी उतार दिया. अब मम्मी सिर्फ चड्डी में थी.
जब मम्मी लहँगा उतारने के लिए खड़ी हुई तो मुझे उन्हें देख कर पता चला कि मेरी मम्मी कितनी सेक्सी दिखाई देती है. मम्मी सर से पाँव तक पूरी तरह से गोरी नारी थी, उनकी चूचियों के निप्पल गोरे शरीर पर बहुत अच्छे लग रहे थे.
अंकल ने मम्मी को अपनी बाहों में जकड़ कर कहा- रानी, आज तुम्हारे बदन का वो हाल करूँगा कि जीवन भर कभी इस चुदाई को भुला नहीं पाओगी!
यह कह कर अंकल ने मम्मी को लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर चूचियों को जोर जोर से मसलने लगे.
मम्मी बहुत उत्तेजित हो चुकी थी, अंकल का लण्ड पकड़ कर हिला रही थी.
अंकल मम्मी के पूरे शरीर को चूम रहे थे और अब अंकल ने मम्मी की चड्डी भी उतार दी, मम्मी को पूरी तरह से नंगी कर दिया.
बाहर मेरा लण्ड भी मम्मी को चोदने के लिए बेकरार हो रहा था.
अंकल ने अपनी अंडरवियर भी उतार दी. मम्मी उनका लंड देख कर चौंक गई और बोली- बाप रे! इतना मोटा लौड़ा मेरे लिए?
अंकल का लंड आठ इंच लम्बा और चार इंच मोटा था.
मम्मी उनके लौड़े को प्यार से चूमने लगी और धीरे से अपने मुँह के अन्दर ले लिया. अंकल मम्मी के मुँह में लंड देते हुए भी बहुत खुश थे.
मम्मी ने अंकल से कहा- डार्लिंग, जल्दी से इसे मेरे हवाले कर दो!
और अंकल मम्मी की टांगों को फैला कर उनके ऊपर चढ़ गए.
फिर अंकल ने अपना लौड़ा मम्मी की बुर पर रख दिया. ज्योंही मम्मी की बुर पर अंकल ने अपना लंड रखा, मम्मी जोर से फुसकारी मारते हुए बोली- अब मुझे न तरसाओ यार! अब चोद दो!
अंकल ने भी फुर्ती से अपने लंड को जोरदार धक्का लगाया और उनका लंड मम्मी की चूत में जा घुसा. मम्मी जोर से चीखी- बाप रे! यह लंड है या फौलाद? मेरी चूत की तो वाट लग गई!
अंकल ने कहा- चुप मादर चोद! कब से कह रही थी डाल दो! डाल दो! अब जब डाल दिया तो कहती है बाप रे? अब मैं तुझे बताऊँगा कि चुदाई किसे कहते हैं!
यह कहकर अंकल ने जोर जोर धक्का लगाना शुरु कर दिया. मम्मी चीखती रही, चिल्लाती रही, तड़पती रही पर अंकल ने धक्का लगाना कम नहीं किया.
मम्मी जोर जोर से चिल्ला रही थी- मुझे छोड़ दो! मुझे छोड़ दो! पर अंकल अपनी गति पर धक्का लग़ाते जा रहे थे.
थोड़ी देर बाद मम्मी का चीखना कम हो गया और अब मम्मी को भी बहुत मजा आने लगा. मम्मी पूरे उत्साह से चुदाई का मजा लेने लगी. मम्मी भी गाण्ड उठा-उठा कर झटके मार रही थी.
कुछ समय बाद अंकल ने कहा- आज की चुदाई पसंद आई या नहीं? तो मम्मी ने कहा- अब मुझे हमेशा चोदना!
और फिर अंकल ने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मम्मी ने भी अंकल को छोड़ दिया. और मैं घर चला आया. इसके आगे की बात कहानी के अगले भाग में लिखूंगा. अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो मुझे इमेल करके बतायें. [email protected]
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