This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
मेरा नाम रिंकू है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मैं आपको तीन साल पुरानी अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ, कृपा कर इसे पढ़ें, मेरा दावा है कि इस कहानी को पढ़ते समय भाइयों के लंड और भाभियों की चूत गीली हो जायेगी और यदि भाइयों के पास चूत का जुगाड़ है तो वो चूत मारने पर विवश हो जायेंगे यदि नहीं है तो मुठ मारेंगे। लड़कियों और औरतों के पास लंड का जुगाड़ है तो वो चुदवाने पर विवश हो जाएँगी यदि नहीं है तो वो उंगली-मैथुन या अपनी चूत में बेंगन जैसी लम्बी चीज़ से मुठ मारेंगी। मैं आपका ज्यादा समय बर्बाद न करके सीधा पॉइंट पर आता हूँ।
बात उन दिनों की है जब मैं ग्रेजुऐशन कर रहा था। मेरे दूसरे साल के पेपर चल रहे थे। हमारे घर में एक किरायेदार आया, जिसकी बीवी का नाम ममता था। ममता दिखने में कुछ ज्यादा सुंदर नहीं थी पर उसके स्तन बहुत बड़े थे जो हमेशा ब्लाउज से बाहर आने की कोशिश करते थे। ऐसा लगता था मानो अभी ब्लाउज से बाहर आ जायेंगे। जिनको देख कर मेरा मन मचल उठा और उसकी गांड के तो क्या कहने!
जब वो चलती थी तो उसका एक कूल्हा आगे और एक कूल्हा पीछे होता था, जिसे देख कर मेरा लंड खंभे का रूप धारण कर लेता था। उसे देख कर मेरा मन भटकने लगता और मेरा मन पढ़ाई में न लगता। जब मैं उसे देखता, उसके बड़े स्तन और उठी हुई गांड का दृश्य मेरे सामने आने लगता और मैं उसके बारे में सोच कर मुठ मारता। मुठ मारने के बाद मैं शांत हो जाता और पढ़ाई में मन लगाता लेकिन मन फिर भी नहीं लग पाता।
असली दिक्कत तो रात को होती थी जब ममता का पति आता था और रात को उसको चोदता था। उसके चीखने की आवाज़ मेरे कमरे तक आती थी, क्योंकि मेरा कमरा उसके कमरे से चिपका था। जब उसका पति उसे चोदता था तो वो सिसकारियाँ लेती थी। उसकी आवाजें मेरे कानों में गूंजती थी और मैं आँखों में उसकी तस्वीर ले आता और उसका नाम लेकर मुठ मारता था। एक दिन ममता आंटी ने मुझसे कहा कि मैं उनके केबल कनेक्शन लगवा दूँ।
तो मैंने उनसे कहा- आंटी, नए डिश कनेक्शन के लिए आपको 200 रुपये एडवांस केबल वाले को देने पड़ेंगे और 150 रुपये महीना देना होगा। आंटी बोली- यह तो बहुत मंहगा है! मैंने कहा- आंटी, मैं अपने केबल कनेक्शन में से आपका केबल लगा देता हूँ। वो बोली- आप कितने पैसे लोगे? मैंने कहा- जो आपकी इच्छा हो, दे देना… उसने कहा- लगा दो।
आंटी के टीवी में कनेक्शन करने के लिए मार्केट से केबल की तार खरीद कर लाया और मैं अपनी टीवी से कनेक्शन ले कर तार उनके टीवी तक ले जाने लगा, लेकिन तार छोटी पड़ गई।। मैंने कहा- आंटी। तार छोटी पड़ गई। तो आंटी ने कहा- कुछ जुगाड़ कर के लगा दो? मैंने कहा- आंटी, आपका कमरा और मेरा कमरा चिपका हुआ है, अगर मैं दीवार में छेद कर दूँ तो बहुत कम तार लगेगी। वो बोली- कर लो न…
मैं ड्रिल मशीन लाया और ऐसी जगह छेद किया जहाँ से ममता आंटी की चुदाई के दर्शन साफ़ तरीके से हो सके और मैंने दीवार का छेद काफी बड़ा किया जिससे मुझे आंटी की चुदाई की रासलीला का भरपूर आनन्द प्राप्त हो सके और आंटी की केबल लगा दी और मैं रात का इंतज़ार करने लगा।
रात हुई। मैं खाना खा ही रहा था कि अंकल ने अचानक अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर लिया। मैं समझ गया कि आंटी की चुदाई का कार्यक्रम शुरू होने वाला है। मैंने जल्दी से खाना खाया और अपने कमरे में चला आया और केबल के तार के लिए किये गए छेद पर आंखें लगाईं। और अचानक आंटी के कमरे में देख कर मेरे कान खड़े हो गए।
मैंने देखा अंकल ने टीवी पर ब्लू फिल्म लगा रखी थी, अंकल आंटी के गुदगुदी कर रहे थे और आंटी हंस रही थी। उस समय आंटी पेटीकोट, ब्लाउज में थी। अचानक अंकल ने आंटी के पैरों से चूमना शुरू किया। पेटीकोट उठाते हुए ऊपर चूत की ओर चूमते हुए आने लगे और धीरे धीरे पेटीकोट चूत से उपर हो गया। अंकल आंटी की जांघों को चूमते हुए आंटी की चूत में जीभ देकर कुत्ते की तरह आंटी की चूत चाटने लगे। आंटी सिसकारियाँ ले रही थी।
पहली बार मैंने ममता आंटी की नंगी चूत देखी जिसे देख कर मेरा लंड काबू में न रहा और नाग की तरह फुंकार मारने लगा। अचानक अंकल पूरे नंगे हो गए और आंटी को भी पूरी नंगी कर दिया और आंटी की चूत में अपना लंड डाल दिया। मैंने देखा कि अंकल का लंड 5 से 6 इंच का है। अंकल आंटी पर चढ़ कर जोरदार धक्के मारने लगे। मैंने देखा कि आंटी को छोटे लंड के कारण चुदने में कम मजा आ रहा था। इस चुदाई के सीन को देख कर मैं आंटी का ध्यान लाकर मुठ मारने लगा।
अचानक अंकल झड़ गए लेकिन अभी तक आंटी नहीं झड़ पाई थी। अंकल निढाल होकर आंटी के उपर से हट गए और सोने लगे। आंटी अंकल को अपनी ओर खींच रही थी। अभी आंटी प्यासी थी लेकिन अंकल आंटी से हाथ छुड़ा कर सो गए। अंकल के सोने के बाद ममता आंटी रोने लगी और अपनी चूत को मसलने और उसमें उंगली करने लगी। यह देख कर मैं खुश हो गया कि अब मेरी दाल गल सकती है और मैंने अपना लंड झाड़ दिया। आंटी भी उंगली मैथुन से झड़ गई और सो गई।
सुबह मैं नहा रहा था। आंटी मेरे सामने बैठ कर अपने घर के बर्तन धोने लगी। मैंने सोचा यह अच्छा मौका है आंटी को अपने 9 इंच के लंड के दर्शन कराने का।
आंटी सामने बर्तन धो रही थी। मैं साबुन लगा रहा था, मैंने अपने कच्छे में हाथ डालकर अपने लंड पर साबुन लगाना शुरू किया और लंड खडा हो गया। ये सब आंटी देख रही थी, आंटी कच्छे में से मेरे लंड की लम्बाई भांप चुकी थी, आंटी के चेहरे पर ख़ुशी थी। मैं समझ गया कि आंटी लंड देखना और अपनी भोसड़ी में लेना चाहती है।
मैंने नहाने के बाद तौलिया पहन अपना कच्छा नीचे उतारा। लंड खड़ा था इसलिए तौलिया भी उठा हुआ था और मैं बैठ कर अपना कच्छा धोने लगा। आंटी बिल्कुल मेरे सामने थी इसलिए उनकी नज़र मेरी टांगों पर थी। मुझे महसूस हुआ कि उनकी नज़र मेरे लंड को देखने के लिए बेताब है। तभी मैंने अपनी दोनों टांगें चौड़ी कर ली, मेरा लंड तौलिये से बाहर निकलने लगा।
यह देख कर आंटी ने अपनी आँखें नीचे कर ली और बोली- रिंकू, तुम्हारा तौलिया छोटा है। मैंने कहा- आंटी, ऐसा क्यों कहा? उसने कहा- तुम्हारा बाहर निकल रहा है। मैंने जानबूझ के पूछा- क्या??
आंटी ने लंड की ओर इशारा किया, मैंने देखा लंड तौलिये से बिल्कुल बाहर था। मैंने कहा- आंटी जी, तौलिया छोटा नहीं, मेरा बड़ा है। आंटी बोली- वही मैं सोच रही हूँ… तुम्हारा कितना बड़ा है। मैंने कहा- आंटी, आपने पूरा देख लिया? उसने कहा- नहीं, थोड़ा सा…
मैंने आंटी के सामने अपना तौलिया खोल दिया, मेरे 9 इंच के खड़े लंड देख आंटी की आंखें चौंधिया गई, मैंने कहा- लो आंटी, पूरा देख लो। वो हैरान थी। मैंने आंटी का हाथ पकड़ा और अपना लंड उनके हाथ में दे दिया, वो मेरा लंड हिलाने लगी। मैंने कहा- आंटी, मेरी ही सारी बड़ी चीज़ देखोगी? या अपनी भी कुछ बड़ी चीज़ दिखाओगी?
यह कह कर मैंने उसे गोद में उठा लिया और उसके कमरे में बेड पर लिटा कर उसके स्तन दबाने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी और देखते ही देखते मैंने उसे नंगी कर दिया। आंटी की चूत बिल्कुल चिकनी थी। मैंने उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया जिससे वो तड़फ उठी और बोली- रिंकू, अब सब्र नहीं हो रहा है। प्लीज़ मेरी चूत में डाल दो और मुझे चोद दो।
मैंने उसकी दोनों टांगें चौड़ी की और उसकी चूत पर अपना लंड रख कर तेज धक्का दिया। मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और वो चीख उठी क्योंकि उसने इतना लंड पहली बार अपनी चूत में लिया था। मैंने दूसरा धक्का मारा और लंड उसकी चूत में समा गया। उसकी चूत से खून आने लगा और लंड भी काफी टाइट घुस रहा था।
मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू कर दिया और उसे मजा आने लगा। उसने मुझे अपनी बाँहों में कसना शुरू कर दिया। मैं समझ गया कि उसे अत्यंत आनन्द आ रहा है, उसकी पकड़ और भी टाइट होती जा रही थी और मेरे धक्के भी।
अचानक आंटी बोलने लगी- रिंकू, चोद डालो मुझे। मेरी भोसड़ी को भोसड़ा बना दो! और गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी।
आंटी की सिसकारियों से पता चल रहा था कि वो अब झड़ने वाली है, इसलिए मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। वो झड़ गई और उसके साथ मैं भी झड़ गया।
उसके बाद मैं ममता आंटी को अपनी लुगाई की तरह जब चाहता चोद लेता। वो हमेशा कहती- रिंकू, तुमने मेरी भोसड़ी को भोसड़ा बना दिया।
यह सिलसिला 6 महीने तक चला। उसके बाद वो हमारा कमरा खाली करके चले गए।
दोस्तो, मुझे बर्दाश्त करने के लिए धन्यवाद। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000