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प्रेषक : हॉट प्रिन्स
मैं पहले अपने बारे में बताता हूँ ! मेरा नाम सुमीत है, मेरी उम्र 30 साल की है, फ़रीदाबाद में रहता हूँ, मेरी शादी हो चुकी है।
आज मैं आपको अपने साथ बीती हुई एक घटना बताता हूँ।
मेरे घर के सामने एक बहुत ही सुन्दर लड़की रहती है, उसका नाम है राखी, उम्र होगी उसकी करीब 20 साल, रंग बिलकुल गोरा और स्लिम और सेक्सी बदन, सीने पर छोटे-2 गोल स्तन पूरा उभार लिये हुए, होंठ बिल्कुल गुलाब, वो जब चलती थी तो पीछे से उसके गोल-गोल नितम्ब बहुत ही सेक्सी लगते थे।
उसका हमारे घर पर खूब आना जाना था, वो मेरी पत्नी को भाभी कहती थी। वो जब भी हमारे घर आती थी तो मेरी नजर उसकी चूचियों पर होती थी, वो भी समझ जाती कि मेरी नजरें उसकी चूचियों पर है और वो मुझे देख कर एक मुस्कान दे जाती।
मेरा ऐसा दिल करता कि उसको पकड़ लूँ और अपने बाहों में भर कर चोद डालूँ ! यह अहसास होते ही मेरा लन्ड मेरी पैन्ट में अकड़ जाता और फ़िर रात को मैं राखी को अपने मन में रख कर अपनी बीवी की चुदाई ऐसे करता जैसे राखी मेरे सामने नंगी पडी हो और मैं राखी की चुदाई कर रहा हूँ।
एक रात मैं अपने घर की छत पर टहल रहा था तो मैंने देखा कि राखी अपनी छत पर थी। मैंने देखा कि उसने अपनी सलवार का नाड़ा खोला और पेन्टी नीचे कर के नाली पर मूतने बैठ गई। मुझे बस पीछे से उसकी गोरी गाँड नजर आई जिसे देख कर मेरा लन्ड फ़िर से तन गया। जब वो उठी तो अचानक उसकी नजर मेरे ऊपर पड़ी और वो शरमा कर नीचे चली गई और फ़िर उस रात को मैंने अपनी पत्नी की राखी समझ कर जम कर चुदाई की।
कुछ दिन तक तो शर्म के मारे वो हमारे घर पर नहीं आई, परन्तु एक बार मैं जब ओफ़िस से घर जा रहा था तो मेरी नजर राखी पर पड़ी, वो झेंप सी गई और मैं जानबूझ कर उस से टकरा गया। उस दिन पहली बार उसके जिस्म से छू जाने से मेरे शरीर में आग सी लग गई।
बस यही सोचता कि राखी की चूत कैसे मिले।
पर जहाँ चाह होती है वहीं राह भी निकल आती है, हुआ ऐसे कि मेरी बीवी मायके गई हुई थी, मैं ओफ़िस से सीधा घर गया, और फ़्रेश होने के लिये बाथरूम में चला गया, बाहर से दरवाजा खुला हुआ था, मुझे बाथरूम में किसी के आने की आहट सी हुई, मैंने बाहर झांक कर देखा तो सामने राखी मेरे बेडरुम में चली आई थी। मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि आज मौका है शायद मेरा काम बन जाये। मैं जान बूझ कर ऐसे ही अनजान बन कर अचानक तौलिया लपेटे हुए बाहर आ गया। मैंने देखा कमरे में टीवी चल रहा था और उस पर एक ब्लू फ़िल्म चल रही थी, जो शायद मैं बाथरूम जाते हुए बन्द करना भूल गया था। फ़िल्म में बहुत ही गरम सीन चल रहा था जिसमें एक लड़का लड़की की चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था।
राखी इस सीन को देखकर इतनी गरम सी हो उठी थी कि उसका एक हाथ उसकी चूत को मसलने लगा, उसको पता भी नही चला कि मैं बाथरूम से बाहर आ गया हूँ।
फ़िर अचानक मेरा पैर स्टूल से टकरा गया और उसका ध्यान मेरी तरफ़ गया, उसका चेहरा लाल हो गया।
उसने मुझसे पूछा- भाभी कहाँ है?
मैंने कहा- वो तो अपने मायके गई है !
तो वो जाने लगी, तो मुझे लगा ऐसे तो सारा काम बिगड़ जायेगा। मैंने हिम्मत करके उसका हाथ पकड़ लिया, और उसके माथे को चूम लिया, उसकी नजर तौलिये में उठे हुए लन्ड पर पड़ी।
मैने कहा- प्लीज ! राखी ! मत जाओ न ! और उसको बाहों में भर लिया।
वो थोड़ा कसमसाई, और अपने को छुड़ाने लगी, मैं घबरा गया कि यह कहीं किसी को मेरे बारे में बता न दे, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।
उसने बताया कि आज उसका सारा परिवार शादी में गया है और कल वापिस आयेंगे, वो तो मेरी पत्नी को अपने साथ सुलाने के लिये आई थी।
मैंने कहा- तुम ऐसा करो कि आज की रात यहीं पर सो जाओ, मैं भी अकेला हूँ !
और वो मान गई, उसने कहा “मैं भी चाहती हूँ कि कोई मेरी चूत को अपने तगड़े लन्ड से चोदे ! मैं भी आपसे चुदना चाहती थी, आप को देख कर मेरी चूत भी बहुत बार पानी छोड़ चुकी है और मुझे अपनी उंगली से काम चलाना पड़ता था !”
यह सुन कर मेरी खुशी का तो कोइ ठिकाना नहीं रहा।
कमरे में अभी तक फ़िल्म चल रही थी जिसे देख कर राखी का तन बदन जलने लगा और मेरे पास आ कर मुझसे लिपट गई, उसकी चूची मेरी छाती से दबने लगी। उसने मेरा तौलिया उतार फ़ेंका और मेरे लन्ड को अपने हाथों से रगड़ने लगी। मैंने भी उसके बूब्स दबा दिये, उसकी सलवार की डोरी खींच डाली और उसकी सलवार उसके पैरों में गिर पड़ी, मैं उसकी चिकनी जाँघो को सहलाने लगा, और उसकी पेन्टी के उपर से ही चूत को मसलने लगा।
उसका बदन मानो कामाग्नि में जल रहा था, उसने कहा ” प्लीज ! सुमीत ! कुछ करो न मुझे कुछ हो रहा है !
मैंने उसको अपने बेड पर लिटा दिया, और उसके सारे कपड़े उतार कर बिल्कुल नंगा कर दिया, उसके नंगे बदन को देख कर मेरा लन्ड बेकाबू हो गया, मैंने उसकी चूची के अग्र भाग पर अपनी जीभ फ़िराई और चूसने लगा। उस को बहुत मजा आने लगा और मेरे लन्ड को तेज तेज हिलाने लगी। मैं उसके सारे शरीर को चूमने लगा, पहले मैंने उसके सर को किस किया और फ़िर आँखो को फ़िर होठों को और ऐसा करते हुए उपर से नीचे चूमते हुए आने लगा।
जैसे ही मेरा मुँह उसकी चूत के ऊपर वाली जगह पहुंचा, वो सिमट ग़ई, मेरी नजर उसकी चूत पर पड़ी। उफ़्फ़ क्या मस्त चूत थी, बिल्कुल मुलायम और सुर्ख गुलाबी ! चूत के ठीक ऊपर हल्के हल्के काले रंग के बाल, गुलाब की पन्खुडियों की तरह चूत के छेद के आस पास मस्त उभार और उनके बीच एक पतली सी लकीर जैसी दरार और चूत की दरार के नीचे छोटा सा मस्त गुलाबी छेद, मैं उसकी चूत को देखकर व्याकुल हो उठा और अपने आप ही मेरे होंठ उसकी चूत से चिपक गये।
मैंने जैसे ही अपनी जीभ से उसके छेद को कुरेदा, राखी ने अपनी चूत उठा कर मेरे मुँह से सटा दी। उसकी चूत से भीनी भीनी सी महक आ रही थी। मैं उसकी चूत को चाटे जा रहा था। अचानक मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा दी, और उसको अन्दर से चूसने लगा।
मैंने राखी से अपने लन्ड को मुँह में लेने को कहा। पहले तो वो नहीं मानी पर मेरे जोर देने पर वो मान गई और मेरा लन्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरु कर दिया। अब मैं राखी के साथ 69 की पोजिशन में आ गया। मेरा लन्ड उसके मुँह में था और उसकी चूत मेरे सामने थी। मैंने फ़िर से उसकी चूत को चाटना शुरु कर दिया, अपनी जीभ मैं उसकी चूत में घुमा रहा था, अचानक मैंने अपनी जीभ उसके चूत के दाने पर लगाई और कस कर चूस दिया। राखी के मुँह से सीत्कार निकल गई “उईई …… माँ……… और…… चूसो… न…… ।”
और ऐसा कहते हुए मेरे लन्ड को जोश में अपने मुँह में अन्दर बाहर करने लगी।
मैं लगातार उसकी चूत का स्वाद ले रहा था और करीब 10 मिनट के बाद उसने अपनी चूत मेरे चेहरे पर कस दी और रगड़ने लगी। और फिर मुँह से अजीब सी आवाजें निकालने लगी, ” उईईईईईईईईईई……… उम्म्म्म्म्म् ………… आह्ह्ह्ह्ह्ह्……मेरी……चूत……में कुछ हो रहा है !”
और अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ने लगी और फ़िर कस के अपनी चूत मेरे मुँह पर कस दी और उसका शरीर अकड़ने लगा और फ़िर शान्त हो गई।
मेरे चेहरे पर कुछ गरम गरम सा द्रव रिसने लगा, वो उसकी चूत का अमृत-रस था जो कि उसके झड़ने से उसकी चूत में से रिस रहा था। इतना झड़ी थी वो कि मेरा सारा मुँह उसके चूत-रस से भर गया था, नमकीन स्वाद लिये बहुत ही स्वादिष्ट रस मलाई थी जो उसकी चूत से अभी अभी निकली थी। मैं उसको बहुत ही स्वाद से चाटने लगा और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाली और सारी रस मलाई साफ़ कर दी।
अब मैं भी झड़ने वाला था, मैंने कहा,” राखी मैं भी झड़ने वाला हूँ !”
तो उसने कहा- मैं भी तुम्हारे लन्ड का स्वाद चखना चाहती हूँ !”
मैंने उसके सर को पकड़ा और उसके मुँह में अपने लन्ड को पेलने लगा और फिर एक झटका मेरे लन्ड ने उसके मुँह में लिया और उसके गले तक अपने वीर्य की एक तेज पिचकारी छोड़ दी, और उसका सारा मुँह मेरे गरम गरम वीर्य से भर गया। राखी ने भी बड़े अन्दाज से मेरे सारे वीर्य को निगल लिया।
मैंने पूछा,”मेरे लन्ड का रस कैसा लगा?”
उसने कहा,”बहुत ही स्वादिष्ट था, मैंने पहली बार यह चखा है !”
फ़िर कुछ देर बाद उसने कहा,” मेरी जान ! मेरी चूत तो अभी भी प्यासी है, इसकी प्यास भी तो बुझाओ, बहुत ही तंग करती है, मुझे ! बहुत ही खुजली मचती है इसमें ! बस अब मेरी चूत में अपना लन्ड डाल कर कस कर चोद डालो !”
राखी की चूत चुदाई अगले भाग में
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कहानी का अगला भाग : मेरी सेक्सी पड़ोसन राखी की कसी हुई चूत-2
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