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मेरा नाम अरुण शर्मा है मैं रायपुर में रहता हूँ, मैं रायपुर एक साल पहले ही आया हूँ। इस से पहले मैं उड़ीसा में रहता था उड़ीसा में मेरी एक गर्लफ्रेंड है उसका नाम श्वेता है। मेरा उसके साथ पाँच साल से चक्कर है वो भी मुझे बहुत प्यार करती है। मैं आप को अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई के बारे में बताता हूँ।
बात एक साल पहले की है जब उसका मुझे फ़ोन आया, उसने कहा- जब से तुम गए हो मुझे तुमसे मिलने का बहुत मन कर रहा है तुम मुझ से मिलने आओ ना!
तो मैंने कहा ठीक है मैं रविवार को उड़ीसा आऊँगा, तुम मुझे मेरे दोस्त के घर पे मिलने आ जाना। तो उसने हामी भर दी- मैं तुम से दोपहर 2:30 को मिलूँगी।’ मैंने कहा- ठीक है।’
वो दोपहर ठीक 2:30 को आ गई। मैंने उसे देखा, वो नीले रंग की टॉप और सफ़ेद रंग की स्कर्ट पहन कर आई थी। मैं तो उसे देखता ही रह गया, क्योंकि आज वो कुछ ज्यादा ही ख़ूबसूरत लग रही थी।
मैंने कहा अन्दर आ जाओ, वो अन्दर आई। वहाँ पर मेरा फ्रेंड भी था, उसने कहा- अरुण मुझे ज़रा काम है, मैं 2 घंटे में आता हूँ।’ कह कर वो चला गया अब कमरे में सिर्फ़ मैं और श्वेता ही थे। मैंने उससे कहा- बैठो श्वेता, मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने के लिए लाता हूँ,’ तो उसने कहा- तुम यहाँ बैठो, मैं लेकर आती हूँ।’
पाँच मिनट के बाद वह चाय लेकर आई। चाय पीने के बाद मैं उसके पास जाकर बैठ गया और उसका हाथ पकड़ कर कहा- जान, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।’ उसने कहा- जानती हूँ, तभी तो आई हूँ।’
फिर मैंने धीरे से उसके कान में कहा- जान मैं तुम्हें किस करना चाहता हूँ,’ तो उसने कहा- ठीक है, कर लो, लेकिन ज़्यादा कुछ नहीं करना’ तो मैंने ‘ठीक है’ कहते हुए उसके नाज़ुक होठों पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा।
वह मेरा पूरा साथ दे रही थी। तभी मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी चूचियों पर रखा, तो उसने मेरा हाथ हटा दिया। मैंने फिर से अपना हाथ उसकी चूचियों पर रखा, अबकी बार उसने कुछ नहीं किया। मैं समझ गया वह गरम हो रही है।
अब मैंने अपना एक हाथ उसकी पैण्टी में डाल दिया, उसकी पैण्टी गीली थी। मैंने पूछा कि ये गीला क्यों है? उसने कहा- तुम बस मुझे किस करो, इतने सवाल मत करो।
मैंने कहा- जान मैं तुम्हारा शरीर देखना चाहता हूँ’ तो उसने ना कर दिया। मैंने उसे मनाने की बहुत कोशिश की तब जाकर वह मानी, कहा- सिर्फ देखना, कुछ करना नहीं।’
मैंने कहा- तेरी कसम, कुछ भी नहीं करूँगा। फिर मैंने उसकी टॉप उतारी, उसने नारंगी रंग की ब्रा पहन रखी थी। मैंने उसकी ब्रा भी उतारी, ब्रा खोलते ही उसकी चूची मेरे हाथ में आ गई। मैं उसकी चूचियों को किस करने लगा तो वह पागल होने लगी। फिर मैंने उसकी स्कर्ट भी उतार फेंकी
अब वह सिर्फ नारंगी रंग की पैण्टी में थी, मैंने धीरे से वो भी उतार दी। मैं पहली बार किसी लड़की की नंगी चूत के दर्शन कर रहा था। उसकी चूत में हल्के भूरे रंग के बाल थे। मैंने उसकी चूत पर जैसे ही हाथ रखा, वह सिटपिटा कर उछल पड़ी। फिर मैं उसे किस करने लगा, उसकी चूचियाँ दबाने लगा।
वो पूरी तरह गरम हो चुकी थी। उसने कहा- आज मुझे मत छोड़ो, आज जो करना है कर लो.
तो मैंने कहा- जान, तुमने ही तो मना किया है।
इस पर वो बोली- उस बात को भूल जाओ, सिर्फ मुझे याद रखो, और जो करना है कर लो। उसकी बात खत्म होने से पहले ही मैंने उसकी चूत में अपनी एक उँगली डाल दी, वह चिहुँक उठी- दर्द हो रहा है।’
तो मैंने कहा- जान पहली बार ज़रा दर्द होता है तुम अगर मुझसे प्यार करती हो तो आज दर्द सहन करना ही पड़ेगा।’
उसने कहा- ठीक है।
फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरी छाती पर चूमने लगी, और बाद में उसने मेरी पैन्ट भी उतार दी, लगे हाथ अण्डरवियर भी उतार दिया- इतना बड़ा मैं कैसे लूँगी?
मैंने कहा ‘तू बस देखते जा, तुझे तो ये भी कम पड़ेगा।
फिर मैंने उसे अपनी बाँहों में उठाया और पलंग पर ले जाकर उसे लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा, वो मदहोश हो रही थी, और चिल्ला रही थी- अब चोद दो मुझे, घुसाओ ना जल्दी।’
मैंने कहा- अभी नहीं, रानी, पहले तू मेरे लंड को तो मुँह मे ले।’ उसने देर न करते हुए मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। दस मिनट में मेरा माल निकल गया।
मैं उठा और जाकर अपने लंड पर तेल लगा कर आया और पलंग पर आकर बैठ गया, वो मेरे लंड से खेलने लगी। मैंने कहा- अभी खेल ले, थोड़ी देर में तू रोएगी।’
उसने भोलेपन से पूछा- क्यों रोऊँगी?’
मैंने कहा- बस अभी पता चल जाएगा।’ मैं उसकी पाँवों के बीच में आ गया और उसके दोनों पैरों को ऊपर उठा कर अपने कंधे पर रख लिया। मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुहाने पर रखा, जैसे ही घुसाने के लिए आगे बढ़ा तो बोली- दर्द हो रहा है।
मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रखे, क्योंकि अब उसका मुँह बन्द था, मैंने एक ज़ोर का झटका मारा तो उसकी आँखों में आँसू भर आए, वो मुझे धक्का देने लगी।
अबकी बार मैंने और ज़ोर का झटका मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसा गया, वो रो रही थी। मैं उसकी चूचियाँ दबाने लगा, वो मुझसे कह रही थी, प्लीज़ मुझे छोड़ दो। मैंने कहा- आज करने दे दिया, फिर पता नहीं तुमसे कब मिलूँगा, कुछ तो तुम्हे याद रहना चाहिए।’
उसने कहा- ठीक है, लेकिन धीरे-धीरे करो न,’ मैं बोला- ठीक है मेरी रानी, धीरे-धीरे करता हूँ। करीब पाँच मिनट तक मैं उसे धीरे-धीरे चोदता रहा, फिर उसने कहा- अच्छा लग रहा है।’
उसे मज़ा आने लगा था। वह और ज़ोर से, और ज़ोर से कहकर चिल्ला रही थी। मैंने अपनी गति बढ़ाई, फिर भी वह ज़ोर से करो! की रट लगा रही थी। मैंने कहा- हाँ जान और ज़ोर से करूँगा। फिर मैंने उसके दोनों पाँव उठाए और काफी तेज़ी से लंड को उसकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा और थोड़ी ही देर में मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में डाल दिया।
उसने कहा- यह क्या कर दिया, मैं तो गर्भवती हो जाऊँगी।’
मैंने कहा- चिन्ता मत कर, मैं तेरे लिए ई-पिल ला दूँगा, उसे खा लेने से कुछ नहीं होगा।’ वो बोली- ठीक है, शाम को ला देना।’ मैंने कहा- मैं एक बार और भी करूँगा।’ तो बोली- नहीं आज लेट हो गया है।’
मैंने कहा- एक बार और जान, मैं कल चला जाऊँगा।’ आग्रह करने पर वह मान गई, बोली- ठीक है, लेकिन जल्दी करना।’ मैंने भी कहा- ‘ठीक है।’
रानी को उस दिन मैंने ती बार चोदा और मैं जब भी उड़ीसा जाता हूँ, उसे ज़रूर चोदता हूँ। और मैंने किस प्रकार उसकी गाँड मारी, ये अगली कहानी में बताऊँगा।
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