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प्रेषक : विनोद कोठारी
मैं आज अपनी सच्ची कहानी पहली बार आप सबको बताना चाहता हूँ। मैं ३६ साल का ५’११” लंबा ख़ूबसूरत मुंबई में रहता हूँ।
बात १ साल पहले की है. सविता नाम था उसका, टेली कालर थी वो, पहली बार जब उसका फ़ोन आया तो मैंने ज्यादा बात नहीं की उससे और ३५ मिनट में कॉल करने को कहा. ठीक ३५ मिनट के बाद उसका कॉल आया तो मैंने उसे कोम्प्लिमेंट दिया और इस तरह हमारी बातों का सिलसिला शुरू हुआ. वो रोज मुझे ऑफिस मैं ठीक उसी समय काल करने लगी और धीरे धीरे हम एक दूसरे को अच्छी तरह जानने लगे तो सोचा कि एक दिन हम कहीं मिलें।
तो उसने कहा कि इस रविवार को वो अपनी एक सहेली की शादी में अलिबौग जा रही है चाहो तो तुम भी आ जाओ. हमने एक दूसरे को अभी तक देखा भी नही था इसलिए मिलने की तड़प काफी थी. दोनों तरफ़ आग लगी थी. हमने गेटवे से फेर्री मै जाने का प्लान बनाया और तय समय पे गेटवे पे मिलने का वादा किया.
रविवार के दिन सुबह जल्दी से उठ कर मैं तय जगह पर पहुँच कर उसका इंतज़ार करने लगा. तभी मैंने देखा एक बहुत ही ख़ूबसूरत लड़की ३५-३२-३६ साइज़ वाली मेरी तरफ़ आ कर बोली- विन्स !
मैं तो एक पल के लिए सब कुछ भूल गया और उसे देखने मैं सब कुछ भूल गया, उसने टोका और कहा- कहाँ खो गए !
तो मैंने कहा- इस खूबसूरती में खो गया तो वो शरमा गई और बोली खोने के लिए और भी बहुत कुछ है, अभी यहाँ से चलो.
पूरे सफर में हम एक दूसरे के अंग से अंग रगड़ रहे थे। उसने बताया कि उसकी सहेली की शादी तो एक बहाना था, उसे तो मुझसे मिलना था, मैंने भी अपने दिल की बात उसको बताई तो वो मुझसे लिपट के बोली हम इतने दिनों तक क्यों नही मिले?
मैंने कहा- कोई बात नही देर आए दुरुस्त आए तो उसने पूछा- क्या मतलब?
मैंने कहा थोडी देर मै पता चल जाएगा.
हम अलिबौग पहुँच के थोड़ी देर बीच पे घूमे और पानी में मस्ती करने लगे तो उसके कपड़े गीले हो गए, जिससे उसके छाती के उभार सफ़ेद रंग के कपड़ों में काफी साफ़ दिखाई दे रहे थे. उसने मुझे कहा क्या देख रहे हो?
तो मैंने कहा- कहाँ दिख रहे है तो वो बोली- झूठे ! मुझे पता है तुम क्या देख रहे हो और मुझसे जोर से चिपक गई. उसके बदन की गर्मी से मेरे सारे बदन में करंट सा दौड़ गया और मैंने भी जोर से उसे बाहों में भर लिया. हम १० मिनट तक ऐसे ही खड़े रहे. फिर हमें ध्यान आया कि हम बीच पे हैं। उसने कहा भूख लगी है और कपड़े भी गीले हो गए हैं.
मैं तो जैसे इसी पल का इंतज़ार कर रहा था.तुंरत नजदीक के एक होटल मैं जा के एक कमरा बुक कर लिया और हम दोनों रूम में आ गए. मैंने उससे कहा अपने कपड़े बदल ले नही तो ठण्ड लग जायेगी. तो वो बोली वो तो तुम्हे भी लग जायेगी.हम दोनों ही बदल लेते हैं, खुला ग्रीन सिग्नल मिलते ही मैं तुंरत उसे बाथरूम में ले गया और उसके होठों को चूसने लगा, वो भी साथ देने लगी और धीरे धीरे मैं उसके बब्बो को मसलने लगा तो वो सिस्कारियां भरने लगी और गरम हो गई. धीरे धीरे मैंने उसको पूरा नंगा कर दिया और ख़ुद भी नंगा हो गया. उसके भरे भरे बब्बे देख के मेरा लण्ड तन के खंभे के जैसे खड़ा हो गया तो सविता की आँखे एकटक उसे ही देख रही थी।
मैंने पूछा क्या कभी देखा नही क्या तो वो बोली नहीं आज पहली बार देख रही हूँ सिर्फ़ सुना था कि मोटा और लंबा होता है, आज देख के मजा आ गया और मेरे लण्ड को छूकर बोली- माय गोड ! कितना बड़ा है यह !
फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर खूब रगड़ रगड़ के नहाये और बाहर बेड पे आ गए. सविता बोली आज तुम मुझे चाहे जैसे प्यार करो जो चाहे वो करो. मैंने कहा- हम ६९ पोसिशन में आ के एक दूसरे का चाटते हैं तो वो शरमा के बोली- पहले आप करो मैं साथ देती हूँ।
मैंने उसे बिस्तर पे लेटा के उसकी कुंवारी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो वो सिसकियाँ लेने लगी और पूरा कमरा आह ऊह से भर गया. वो अपनी गांड उठा उठा के अपनी चूत चटवा रही थी. थोडी देर बाद बोली- मुझे भी चॉकलेट खानी है तो मैंने अपने लंड को उसके मुंह की ओर किया और कहा- खा लो.
उसने तुंरत कहा- एक मिनट रुको और अपने बैग से कैडबरी डेरी मिल्क का एक बड़ा पैक ले आई और बोली अब लाओ और उसने डेरी मिल्क का एक टुकड़ा मुंह में लिया और थोड़ा खा के फिर लंड के नजदीक जा के बड़े ही प्यार से सुपाडे पे चॉकलेट का सिंगार किया और चाटने लगी। लंड मिक्स विद चॉकलेट गज़ब का स्वाद बोलते हुए वो लंड को एक सीखी हुई चुद्दकड़ के जैसे चूस रही थी। मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था मैंने भी थोडी चॉकलेट मुंह में ली और ६९ पोसिशन में चूत चॉकलेट का मजा लेने लगा. हम दोनों में जैसे होड़ लगी थी कौन कितना अच्छा चूस रहा है. इस बीच अचानक वो बोली- अन्दर कुछ तो हो रहा है जैसे कुछ बाहर आ जाएगा !
तो मैंने कहा- आने दो ! मैं तैयार हूँ पीने के लिए.
वो पूरी तरह से गांड हिला हिला के चुसवा रही थी और चूस रही थी. उसकी चूत से रस की फुहार निकली और मैंने पूरी पी ली। वो निढाल हो के बोली राजा ये क्या था? जो भी था बहुत मजा आया.
“असली मजा तो अब आएगा” मैं बोला तुम लंड चूसती रहो, मेरा भी रस निकलने वाला है।
तो उसने लपालप लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया और पूरा का पूरा मुंह में ले लिया, मेरे रस की फुहार पूरी चूस ली उसने.
सविता बोली- राजा मजा आ गया ! मुझे नही पता था लंड तो लंड उसका रस विद चॉकलेट कितना मजेदार होता है. पूरी जवानी के इतने दिन इस सुख से मैं कैसे वंचित रह गई.”
रानी क्यों घबराती हो, आज ऐसे चोदूंगा कि जितना खोया है उससे ज्यादा आज मिल जाएगा.
“सच” बोल के सविता चिपक गई फिर से लंड से, और सहलाते हुए बोली- हाय कहाँ था तू मेरे शेर ! कब से चूत तुम्हारे इंतज़ार में थी.
उसने लंड को चाटकर तुंरत ही फिर से घोड़े जैसे किया और बोली- राजा आ जा और चोद मुझे, फाड़ दे मेरी चूत को, बहुत तड़पा रही है मुझे, चूस मेरे इन बब्बो को दबा दबा के और पूरा दूध पी लो इनका !
आज मेरे लंड राजा को सविता की चूत मुबारक हो !
मैंने भी तुंरत लंड को चूत पे रखा और धीरे से धक्का दिया, पर सविता की कसी हुई कुंवारी चूत में मेरा घोड़े वाला लंड थोड़े ही आसानी से जाता !
वो तो चुदवाने के लिए मरी जा रही थी- हरामखोर ! खुली हुई चूत है, फिर भी तड़पा रहा है, डाल जल्दी से मुझसे नहीं रहा जाता है अब तो !भोसड़ा बना मेरी कुंवारी चूत को !
दो धक्के में लंड चूत में समां गया, सविता दर्द से कराह उठी लेकिन बोली- राजा छोड़ो मत ! चोदों मुझे !
८-१० धक्कों में ही वो मस्त हो गई और गांड उठा उठा के मजे लेने लगी। मैं भी मस्त हो के उसे चोद रहा था। अलग अलग आसन लगा के साली को चोदा।
वो भी मदमस्त घोड़ी के जैसे लंड से चुदवा रही थी,”मजा आ गया ! साले लन ऐसा होता है? पता होता तो हम फ़ोन पे फालतू ही गांड मरवा रहे थे। जानू पहले क्यों नही बताया कि चुदाई ऐसी होती है। बहनचोद ! क्या चीज़ है ये लंड और चूत ! मजा आ गया ! आज जिन्दगी का असली सुख मिला है ! जी भर के चोदों मुझे ! बब्बे चूसो मेरे ! चूत का भोसड़ा बना दो ! जैसे चाहो वैसे लो मेरी चूत को ! आज से ये तुम्हारी गुलाम है साली ! लंड राजा आजा !”
३० मिनट तक चोदने के बाद मेरे लंड से गरम गरम रस निकलने को तैयार हुआ तो धक्के और बढ़ गए- सविता रानी मैं अब आने वाला हूँ, संभालना ! मेरा घोड़ा तैयार है रस मलाई निकलने को !”
“मेरी चूत भी तैयार है खाने को.”वो बोली.
कुत्ते कुतिया की पोसिशन में उसको ले के जोर जोर से १५-२० कस के शोट लगाये- साली ले ! मैं आ रहा हूँ ! कहते हुए पूरा रस चूत मैंने उड़ेल दिया उसकी चूत के अन्दर तक.
सविता के चेहरे से खुशी झलक रही थी. उस दिन शाम तक हमने ५ बार चोदा और फिर शाम को खाना खा के फिर से अगली चुदाई का कार्यक्रम तय कर के मुंबई के लिए निकल पड़े…
अगली बार क्या हुआ? और कहाँ? किसके साथ हुआ? मैं आपके विचार जानकर लिखूंगा.
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