This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
आज मैं आपको जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरी मामी की है। मुझे पूरा भरोसा है कि ये कहानी आपको बहुत अच्छी लगेगी होगी।
मैं अपनी मामी के संग चूत चुदाई की दूसरी कहानी सुनाने जा रहा हूँ। उस कहानी में जैसा कि मैं आपको बता चुका था कि मामी जो एक विधवा हैं और उनकी एक बेटी भी है.. जिसकी उम्र पांच साल की है।
उस कहानी में मैंने मामी से सेक्स करते समय बताया था कि उनकी कोई समस्या थी जिसका समाधान स्वामी जी के द्वारा ही हो सकता है।
आज मैं वो कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ। ये मामी की स्वामी जी से मुलाकात की कहानी है। मैं जब दोबारा मामी के यहाँ गया तो उनसे स्वामी जी के पास चलने के लिए बोला।
मैंने उनसे बता दिया कि मैंने उनके लिए स्वामी जी से समय लिया है। मैं मामी के यहाँ शनिवार को गया था। रविवार को स्वामी जी जन साधारण से नहीं मिलते थे। इसलिए मैंने मामी से रविवार को स्वामी जी के पास चलने के लिए बोला।
मामी तैयार हो गईं। उन्होंने अपनी लड़की को एक रिश्तेदार के पास छोड़ दिया और मेरे साथ स्वामी जी से मिलने चल दीं।
जब हम लोग स्वामी जी के आश्रम पर पहुँचे.. तो उस समय शाम का छह बज रहा था। स्वामी जी अकेले ही थे।
मैंने स्वामी जी को पैर छूकर प्रणाम किया तो स्वामी जी ने ‘खुश रहो..’ कह कर आशीर्वाद दिया।
जब मामी ने उनको प्रणाम किया तो स्वामी जी ने मामी की पीठ पर हाथ फेरते हुए आशीर्वाद दिया और उन्होंने अपने दोनों हाथों से मामी के कंधों को पकड़ कर उठाया।
हमने अपनी समस्या स्वामी जी को बताई तो स्वामी ने सोचते हुए हम दोनों को बैठने के लिए कहा और वे खुद अन्दर चले गए।
कुछ देर के बाद स्वामी जी ने मामी को नहाने के बाद पूजा पर आकर बैठने के लिए बोला।
मैं आश्रम का मेन गेट को बन्द करके ऊपर चला गया और ऐसी जगह पर बैठा जहाँ से सब कुछ साफ़ दिखाई दे रहा था।
मामी ने नहाने के बाद दूसरे कपड़े पहन लिए और आकर स्वामी जी के सामने बैठ गईं।
स्वामी जी ने आँखों को बन्द कर लिया। आँखें बन्द करने के बाद स्वामी जी कुछ देर तक मन में कुछ गुनगुनाते रहे। इसके बाद उन्होंने मामी के सर पर हाथ रख कर मामी के बारे में वो सब कुछ बताया.. जो मैंने उनसे बताया था।
इस तरह स्वामी जी ने मामी को अपने विश्वास में ले लिया।
अब स्वामी जी मामी से बोले- अब तेरे पति की आत्मा मेरे पास में यहीं आ चुकी है.. वो तुमसे मिलना चाहता है। लेकिन वो सीधे तुम्हारे अन्दर नहीं आ सकता.. इसके लिए मैं उसे अपने अन्दर बुलाता हूँ। मैं जो भी कहूँगा.. उसे तुम चुपचाप करते जाना।
मामी ने सर हिला कर उनका जबाव दिया।
अब स्वामी जी ने आँख बन्द करके मामी से बोला- वो तुम्हारे साथ सम्भोग करना चाहता है। इसके लिए तुम बिल्कुल से निर्वस्त्र हो जाओ।
मामी ने खड़े होकर अपने तन के सारे कपड़े उतार दिए। अब वो स्वामी जी के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी हो गईं।
स्वामी जी ने आँखें खोल कर मामी को देखा और पास पड़े बिस्तर पर जाकर लेट जाने का इशारा किया.. मामी लेट गईं।
अब स्वामी जी वहाँ से उठ कर जब मामी के पास पहुँचे तो उनके हाथ में तेल की एक शीशी थी। स्वामी जी मामी के पूरे नंगे शरीर को ध्यान से देखते रहे। इसके बाद स्वामी जी ने मामी की चूत पर तेल डाल दिया। तेल डालने के बाद स्वामी जी ने मामी की चूत के कोमल बालों को सहलाना शुरू किया। मामी ने आँखें बन्द कर लीं।
कुछ देर के बाद स्वामी जी मामी के जांघों पर बैठ गए और मामी से बोले ‘अब तुम्हारा पति तुम्हारे अन्दर जाना चाहता है।’
इतना कहकर स्वामी जी ने अपने हब्शी लंड को.. जो लगभग बहुत लम्बा और मोटा था और मामी की चूत के बहुत बड़ा था.. उसको मामी की चूत से सटा दिया।
मामी ने उसे अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैलाते हुए लंड को रास्ता दिखाया।
स्वामी जी ने अपनी कमर को एक जोर का झटका देने के बाद कमर को हिलाना शुरू किया तो कमरे में मामी की ‘आआआ.. अह्हह्ह.. आह्हह.. ऊउईई.. औऊ.. आआअह्ह..’ की आवाज गूँज उठी।
स्वामी जी चूत में लंड पेल कर मामी के ऊपर पूरी तरह से चढ़ गए और उन्होंने कमर को हिलाना बन्द कर दिया।
फिर स्वामी जी ने पास रखी शीशी से सरसों का तेल निकाल कर मामी की दोनों चूचियों पर लगाया।
मामी की चूचियां तेल से चमक उठीं और स्वामी जी ने चूचियों को अपने हथेलियों में लेकर मसलना शुरू कर दिया।
अब जब मामी धीरे-धीरे शिथिल पड़ने लगीं.. तो स्वामी जी ने फिर से कमर को झटका देना शुरू कर दिया।
लंड की शंटिंग से कमरे में ‘आआह्ह.. आआऔऊ.. आआआह्ह..’ की आवाज आने लगी।
कुछ देर तक स्वामी जी मामी की चूत में धीरे-धीरे झटके लगाते रहे। जब उन्होंने देखा कि मामी के मुँह से आवाज बन्द नहीं हो रही है.. तो उन्होंने मामी के होंठों को अपने होंठों में दबा कर चूसना शुरू कर दिया।
अब एक तरफ़ स्वामी जी मामी की चूत में तेज रफ्तार से झटके लगा रहे थे.. तो दूसरी तरफ़ मामी की दोनों चूचियों को मसलते जा रहे थे व साथ में उनके होंठों को बुरी तरह से चूस रहे थे।
मामी एक जल बिन मछली की तरह छटपटा रही थीं।
स्वामी जी रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। कुछ देर के बाद मामी धीरे-धीरे शांत पड़ने लगीं।
तब स्वामी जी ने उनके होंठों को अपने होंठों से आजाद कर दिया और कमर को झटका देते हुए उठकर बैठ गए।
जब मैंने ध्यान से देखा तो पाया कि मामी की चूत में स्वामी जी का पूरा लंड चला गया था।
स्वामी जी की झांटें मामी की कोमल झांटों से टकरा रही थीं।
अब मामी भी मुस्कुरा रही थीं और साथ में कमर हिला-हिला कर स्वामी जी का साथ दे रही थीं।
मामी ने स्वामी जी से पूछा- और कितना बाहर है? तो स्वामी जी ने बोला- पूरा का पूरा अन्दर जा चुका है।
मामी इतना सुन कर कमर उठा-उठा कर झटका लगाने लगीं। कुछ देर तक झटका लगाने के बाद स्वामी जी जब मामी के होंठों को चूसने के लिए उनके चेहरे के ऊपर झुके तो मैं समझ गया कि अब स्वामी जी का माल मामी की चूत में गिरने जा रहा है।
मामी भी उनके होंठों को चूस कर साथ दे रही थीं। थोड़ी देर में दोनों शांत पड़ गए।
दस मिनट तक मामी के ऊपर पड़े रहने के बाद स्वामी जी उठकर बैठ गए और मामी की चूत से लंड को निकाल कर उनके ऊपर से हट गए।
स्वामी जी कुछ देर के बाद मामी से करवट बदलने के लिए बोला.. तो मामी ने उनकी तरफ़ अपनी पीठ कर ली। अब स्वामी जी ने मामी की गांड में तेल लगाया।
गांड में तेल लगाते समय स्वामी जी मामी की चूत की तारीफ़ करते हुए बोले- कितना कसा हुआ शरीर है। आज भी जवानी तुम्हारे पोर-पोर में भरी हुई है।
इतना सुन कर मामी बोलीं- आपके लंड में जवानी इस कदर भरी हुई है कि वो मेरी चूत को फाड़ देने के लिए बेताब था।
स्वामी जी मामी के बगल में लेट गए। लेटने के बाद स्वामी जी ने मामी की गांड पर लंड को सटाया। मामी ने लंड को अपने हाथ में ले लिया।
स्वामी जी ने मामी की गांड पर पहले हाथ फेरा फिर गांड के छेद को फैलाते हुए अपने लंड के लिए उसमें रास्ता बनाया।
मामी ने लंड को अपनी गांड के रास्ते पर ले जाकर जैसे ही सटाया.. स्वामी जी ने मामी की कमर को पकड़ कर एक जोर से झटका मारा।
मामी- आअह्हह्ह.. उह्हह.. धीरे आआ.. फट गई.. आईईई.. बाबाजी मामी कराह उठीं।
स्वामी जी ने बोला- क्या हुआ.. घुस गया न? मामी बोलीं- अह्हह.. उह.. थोड़ा आहह.. धीरेऐईईए.. ऊऊहह.. धीरे धक्का मारिए।
स्वामी जी ने मामी की कमर को पकड़ कर फिर से जोर का झटका मारा।
जब मैंने ध्यान से देखा तो पाया कि मामी की गांड में स्वामी जी का आधा लंड चला गया था।
स्वामी जी ने अब मामी की चूची को एक हाथ से पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया।
स्वामी जी ने मामी से पूछा- मजा आ रहा है?
मामी ने सर हिलाते हुए हामी भरी।
अब स्वामी जी ने अपने पूरे लंड को मामी की गांड में एक साथ पेलने के लिए उनकी कमर को पकड़ कर एक जोर की ठाप मारी।
मामी की तो जैसे जान ही निकल गई। कुछ देर तक कराहने के बाद मामी शांत हो गई।
स्वामी जी ने जोर-जोर के झटके मारने शुरू कर दिए और कई मिनट तक जोर-जोर से झटका लगाने के बाद शांत पड़ गए।
मैं समझ गया कि स्वामी जी ने अपनी टंकी को मामी की गांड में खाली कर दिया है।
अब स्वामी जी और मामी जैसे थे वैसे ही ढेर हो गए। मैं भी अपने बिस्तर पर सो गया।
मैं भोर के पांच बजे अचानक जब मेरी नींद खुली.. तो मैंने नीचे कुछ आवाज सुनी। मैंने जब नीचे देखा तो पाया कि मामी पीठ को ऊपर करके लेटी हुई थीं। स्वामी जी उनकी जाँघों पर बैठ कर उनकी गोरी गांड में तेल लगा रहे थे। तेल लगाने के बाद स्वामी जी अपने लंड में तेल लगाया।
अब स्वामी जी ने मामी की गांड पर जैसे ही लंड सटाया.. मामी ने उसे अपने गांड का रास्ता दिखाया।
स्वामी जी अपना लंड मामी के गांड में पेलने के बाद मामी पर लेट गए और जोर-जोर से कमर को हिलाने लगे।
कुछ देर में ही उनका पूरा लंड मामी की गांड में चला गया। लगभग बीस मिनट तक कमर को हिलाने के बाद स्वामी जी ने अपना बीज मामी की गांड में गिरा दिया।
अब स्वामी जी ने लंड निकाल लिया और बाथरूम में पेशाब करने के लिए चले गए।
मामी भी उठ कर चली गईं।
दोनों लोग एक साथ वापस रूम में आए। रूम में आने के बाद स्वामी जी ने मामी से बोला- अब तुम पहले मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसो।
स्वामी जी बिस्तर पर बैठ गए। मामी ने उनके लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। कुछ देर के बाद स्वामी जी गरम हो चुके थे। स्वामी जी ने मामी से लेटने के लिए बोला। मामी बिस्तर पर लेट गईं। स्वामी जी उठकर मामी के जाँघों पर बैठ गए।
इससे पहले की मामी कुछ समझतीं.. स्वामी जी अपना लंड पकड़ कर मामी के दोनों पैरों को फैला कर उसके बीच में समा गए।
मामी के पैरों को समेटते हुए स्वामी जी ने मामी के चूत पर लंड टिका कर एक जोरदार झटका मारा।
मामी के मुँह से ‘आहह.. ऊहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आऊऊ.. उईईई..’ की आवाज निकल उठी।
स्वामी जी ने मामी की दोनों चूचियों को बच्चे के तरह चूसना शुरू कर दिया और जोर-जोर से झटके मार के पूरे लंड को मामी की चूत में पेल दिया।
इस बार उन्होंने बहुत देर तक मामी की चुदाई की।
मामी की चूत से जब स्वामी जी ने लंड निकाला.. तो मामी की चूत फूल कर सूज चुकी थी। मामी को उठा नहीं जा रहा था।
कुछ देर तक मामी ने अपने चूत की सिकाई गरम पानी से की।
इसके बाद हम लोग तैयार होकर अपने घर वापस आने के लिए वहाँ से चल पड़े।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000