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दोस्तो … मेरा नाम दीप है, मैं अलीगढ़ से हूँ. मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है. मेरा रंग गेहुँआ है.
मैं बड़ी सोच विचार के बाद आज अन्तर्वासना के जरिए अपनी सेक्स कहानी आप तक पहुंचा रहा हूं. मैं आज अपनी एक बहुत सेक्सी चाची की चुदाई की कहानी सुना रहा हूं. ये चाची मेरे एक दूर के रिलेशन में आती हैं.
हुआ यूं कि चाची के पति फौज में हैं और वो उनको शांत नहीं कर पाते हैं. इसलिए वो अपनी शारीरिक भूख से परेशान थीं.
शुरुआत में मुझे ये बात नहीं मालूम थी. मैं बस उनकी तरफ बड़ा आकर्षित था. चाची मुझसे व्हाट्सएप पर बातें किया करती थीं, तो कभी कभी वो मेरे सामने रो दिया कर दी थीं. मैं उनको चुप करा देता था.
ऐसे ही एक दिन मैं उनसे चैट पर बात कर रहा था, तो वो रोने लगीं.
मैंने उनको चुप कराया, तो वो अपनी सेक्स की भूख की बात कहने लगीं.
अब आप जानते ही हैं कि जब कोई आपकी चाहत आपके सामने सेक्स की भूख को लेकर रोए तो आपका लंड खड़ा हो जाना लाजिमी है.
उनकी बातों से उनका दर्द मुझे समझ आने लगा. मैंने उनसे इस बारे में खुल कर बात की, तो चाची ने अपनी सारी कहानी मुझसे कह दी.
अब मैं उनकी बात को समझ गया था और उनको हर तरह से साथ देने की बात करने लगा था. इसी तरह हमारी बातें धीरे-धीरे बहुत आगे बढ़ गई थीं.
चाची दिल्ली में रहती थीं और मैं अलीगढ़ में रहता था. हमारी बातें अब तक सिर्फ व्हाट्सएप पर ही हुआ करती थीं.
एक दफा मैंने उनसे कहा- चलो चाची हम मिल लेते हैं. चाची ने हामी भर दी.
जब तक हमारा मिलना नहीं हुआ, तब तक हम दोनों वीडियो कॉल करके एक दूसरे से खुल कर सेक्स की बात करने लगे थे. वो मेरे सामने ब्रा पैंटी में आ जाती थीं और मैं उनको अपना लंड दिखा कर फोन पर ही चोद देता था. इस तरह से हम दोनों एक दूसरे को शांत कर देते थे.
वीडियो कॉल में जब मैं उनको लंड दिखाता था, तो वो मुझे अपनी चूत दिखाने लगती थीं. मैं मुठ मार कर उनके सामने वीर्य निकाल देता था और वो अपनी चुत में उंगली करके झड़ जाती थीं.
हम दोनों एक दूसरे को ऐसे ही शांत कर रहे थे. इस सबसे उनके अन्दर इतनी आग बढ़ गई थी कि वो सेक्स करने के लिए मुझसे भी ज्यादा वो तड़पने लगी थीं.
चाची मुझसे कहती थीं- जान, जल्दी से मेरे पास आ जाओ और मुझे चोद दो … मेरी चूत मार लो … मेरी गांड मार लो … मेरी चूत को भर दो … मैं बहुत प्यासी हूं … मुझे ऐसे चोदो कि मैं बस तुम्हारी हो जाऊं … तुम अपना लंड मेरे मुँह में दे दो.
वो मुझसे ऐसी ऐसी बातें किया करती थीं कि मुझसे रहा ही नहीं जाता था. मैं भी उनसे ऐसी ही बातें किया करता था- डार्लिंग, मैं तुम्हारी इस चुत की गर्मी को एक बार में ही शांत कर दूंगा. आप कहो तो मैं अभी आ जाऊं दिल्ली!
वो मुझसे मना कर दिया करती थीं कि आप अभी रहने दो, मैं खुद ही आ जाऊंगी.
फिर एक दिन एक वक्त आ ही गया कि हमारा मिलन हो गया. चाची मुझसे मिलने के लिए बहाने से अलीगढ़ में अपने किसी रिलेशन के यहां आ गई थीं.
उन्होंने मुझसे फोन करके कहा कि चलो अलीगढ़ में ही मिल लेते हैं.
हम दोनों ने प्लान बनाया कि कैसे मिला जाए. चाची ने अपने घर पर बहाना किया था कि मैं अपनी सहेली से मिलने जा रही हूं. ये कह कर चाची मुझसे मिलने आ गईं.
हम दोनों अलीगढ़ में मिले. मैं उनको लेने गया. वो अपनी कार से आई थीं, तो उन्होंने मुझे कार में बिठाया और हम दोनों एक होटल में चले गए.
दोस्तो, मैंने उनको इस रूप में पहली बार देखा था. वैसे भी मैं उन्हें काफी टाइम बाद सामने से देख रहा था. उनका फिगर देखकर मेरे लंड से तो पानी ही निकल गया था.
उनका कामुक फिगर क्या बताऊं यार … कितना मस्त था. चाची की चूचियां 34 इंच की एकदम भरी हुई थीं. गांड 36 इंच की तरबूज सी उठी हुई थी और क़मर तो उनकी इतनी बलखाती हुई थी कि एक झटके में ही मेरा लंड चुत में सैट हो जाता.
आप खुद ही समझ लो कि चाची कमर एकदम जीरो साइज की थी.
मैंने पहले ही एक रूम बुक किया हुआ था. हम दोनों रूम में गए और दरवाजा बंद करते ही मैं शुरू हो गया. मैं चाची को किस करने लगा. चाची भी मुझसे चुम्बक सी चिपक गई थीं.
किस करते करते ही हमें दस मिनट हो गए. इसी बीच हमारे कपड़े कब उतर गए, हमें पता ही नहीं चला. मेरे बदन पर सिर्फ अंडरवियर रह गया था और उनके तन पर ब्रा और पेंटी रह गई थी.
ब्रा पैंटी में कसी हुई उनकी चूची और गांड को देख कर मेरा लंड एकदम लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया था.
मैं बहुत जल्दी करने में लग गया. मेरा मन कर रहा था कि अब देर कैसी, चाची को पास पटक कर चोद ही दूं, अभी के अभी चाची की चुत में लंड डाल दूं.
लेकिन मैंने जल्दी करना सही नहीं समझा क्योंकि लड़की हो, आंटी हो या भाभी हो … आराम से उसकी चुदाई करना चाहिए.
मैंने उनकी ब्रा उतारी, तो उनके चूचे जैसे ही आजाद होकर उछल पड़े. मेरा मन खुश हो गया. मैंने झट से चाची की एक चूची को अपने मुँह में दबा लिया और चचोरने लगा. चाची की दूसरी चूची को मैं हाथ से दबाने में लग गया.
बस चाची के मुँह से निकलने लगा- उई म..माँ … हां खा जाओ जान इनको … साले बहुत तड़पाते हैं. ये तुम्हारे लिए ही तने हैं … आह चूस लो इनको … सारा रस निचोड़ लो इनका.
मैं उनके चूचे चूसने में लगा हुआ था और वो अपना एक हाथ मेरे अंडरवियर में डालकर मेरे लंड को सहला रही थीं.
हम दोनों अपने काबू में ही नहीं थे. सातवें आसमान पर उड़ रहे थे.
मैंने चाची के होंठों से होंठ लगाए और किस करने लगा. चाची भी अपनी जीभ को मेरे मुँह में ठेले दे रही थीं. मैं उनकी जीभ को पूरी मस्ती से चूस रहा था.
दोस्तो, वैसे भी मुझे गर्म माल को किस करना बहुत ज्यादा पसंद है. खासकर जब सामने कोई आंटी होती है या भाभी, तो मैं पूरी मस्ती से चुसाई करता हूँ.
कुछ ही देर में चाची पानी पानी हो गईं और जल्दी चोदने का कहने लगीं.
मैंने उनकी पैंटी उतार दी और अपनी 2 उंगलियां उनकी चुत के अन्दर डाल दीं.
वो सिसकारियां लेने लगीं. मैंने उंगलियों से ही चाची को झड़ने पर मजबूर कर दिया.
चाची गांड दबाते हुए चिल्ला रही थीं- आह मेरी जान … अब बस करो … पहले लंड डाल दो … बस जल्दी करो. मैंने कहा- रुक जाओ जान … अभी तो मजा आना शुरू हुआ है … इतनी जल्दी कैसे खत्म कर दूं. आप बार-बार थोड़े नहीं मिल रही हो मुझे.
मैंने उंगलियों से ही उनको दो बार झाड़ दिया. उनका दो बार में ही इतना अधिक रस निकला कि बेड की चादर तक गीली हो गई.
उन्होंने मेरे अंडरवियर को उतारा और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं. मुझे लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था.
उन्होंने थोड़ी देर तक मेरे लंड को चूसा, फिर बोलीं- जानू मुझसे नहीं रहा जा रहा है … इस लौड़े को जल्दी से अन्दर डाल दो.
मैंने उनको बेड पर चित लेटा दिया और चाची की टांगों के बीच में आ गया. जैसे ही मैंने अपना लंड चाची की चुत पर लगाया, उन्होंने आह करते हुए आंखें बंद कर लीं.
चाची ने एक जोर की सांस ली और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड चाची की चुत में घुसा दिया. वो एकदम मस्त होकर आवाज करने लगीं- आह … जानू आज से मैं बस तुम्हारी हो गई … मुझे जब चाहे तब चोद लेना … आज से मैं तुम्हारी रंडी हो गई … मुझे तुम जब भी बुलाओगे, मैं चुदने चली आऊंगी. तुम्हारा लंड खाने आ जाऊंगी!
मेरी चाची कामुकता के अधीन लगातार बोल रही थी- आंह … चोद दो मुझे … आह ऐसे ही और जोर से चोदो … मेरा पति मुझे बिल्कुल नहीं चोदता … आह … घुसा दो पूरा लंड मेरी चुत में … भर दो चुत को … उन्ह. … आज इस चुत को भोसड़ा बना दो … आह चोद चोद इसे ढीली कर दो. मैं आज से तुम्हारी दीवानी हो गई.
चाची के मन में जो आ रहा था, वे बके जा रही थीं. मैं उनकी चुत में लगातार लंड अन्दर बाहर करने में लगा था.
वो इतनी अधिक सेक्सी थीं कि मैं हैरान हो गया था. इससे पहले मैंने और भी भाभियों और आंटियों को चोदा था, उनमें मुझे उतना मजा नहीं आया था, जितना चाची की चुदाई में आ रहा था. मैं अपना लंड उनकी चुत में फुल स्पीड से अन्दर बाहर कर रहा था और उनको ताबड़तोड़ पेल रहा था. चाची का एक चूचा मेरे मुँह में दबा हुआ था और मैं एक हाथ से खुद को साधे हुए उनके दूसरे चूचे को खूब जोर से मसल रहा था.
अपनी सेक्सी चाची के मदमस्त चूचों को दबाने और चूसने में मुझे इतना मजा आ रहा था कि जैसे कोई रबड़ की बॉल मिल गई हो.
कुछ देर बाद चाची झड़ गईं, तो मैंने अपना लंड निकाल कर उनके मुँह में दे दिया और वो लंड चूसने लगीं.
मैं अभी बाकी था, तो कुछ देर बाद मैंने फिर से चाची की चुदाई शुरू कर दी. हम दोनों को सेक्स करते करते आधा घंटा हो चुका था और वो अब तक तीन बार झड़ चुकी थीं. उनके पानी से पूरी बेडशीट और मैं भी गीला हो चुका था. उनकी और मेरी आवाजों से पूरा कमरा गूंज रहा था. थप थप की आवाजें मदमस्त माहौल पैदा कर रही थीं.
दूसरी तरफ चाची की कामुक आवाजें भी बड़ा मजा दे रही थीं- आह … और जोर से चोदो जानू … मुझे चोद दो … मेरी चूत में घुस जाओ … मेरी चूत में आग लगी है … आह आज से यह तुम्हारी चाची नहीं तुम्हारी रखैल है … खूब चोदो इसको.
जब चाची चौथी बार झड़ीं, तो मैंने अपना लंड उनकी चूत से निकाल कर उन्हें पेट के बल लिटा दिया और साइड करके पीछे से उनकी चूत में लंड डाला और एक हाथ आगे ले जाकर उनकी चूत के दाने को रगड़ने लगा.
दोस्तो, चूत मारते समय जब आप चुत को उंगली से रगड़ते हो, तो लड़की को डबल मजा आता है.
मेरे होंठ चाची के कंधे पर जमे हुए थे और मैं धक्के पर धक्के मारता जा रहा था. चाची को इतना मजा आ रहा था दोस्तों कि वो बस यही कहे जा रही थीं कि मेरी चूत मारते रहो जान … मुझे बहुत मजा आ रहा है. न जाने कितने दिन बाद ऐसा मजा आ रहा है … और जोर से चोदो … आहं खा जाओ मुझे … और तेज धक्के मारो.
कोई दस मिनट तक मैं उनकी चुत को पीछे से चोदता रहा. तभी चाची फिर से झड़ गईं.
अब मैंने अपना लंड निकाल कर उनको घोड़ी बना लिया. चाची अब चुदाई के रुकने का कहने लगी थीं.
मैंने चाची से कहा- मैं अब अपना लंड तुम्हारी गांड में डाल रहा हूं. वो बोली- जान … जरा धीरे करना, मैंने पहले कभी गांड में नहीं करवाया. पहले मेरे बैग से तेल की शीशी निकाल लो.
मैंने लंड पर थोड़ा सा ऑयल लगाया और धीरे-धीरे उनकी गांड में लंड डाल दिया मुझे चाची की चूत मारते मारते काफी देर हो गई थी … और मैं भी झड़ने वाला था. जैसे ही मैंने अपना लंड उनकी गांड में डाला, तो मैं कुछ ही देर में चाची की गांड में ही झड़ गया. चाची की चिल्लपौं भी हुई लेकिन जल्दी झड़ने से वो शांत हो गईं.
जब मैं झड़ा, तो मैंने देखा कि मुझे लगभग एक घंटा हो गया था. मुझे बहुत मजा आया.
मैं चाची की गांड में लंड डाले हुए ही उनके ऊपर ही लेट गया. वो कहने लगीं- जानू मेरी गांड में दर्द रहा है. अपना लंड बाहर निकाल लो.
मैं उनके ऊपर से उतर गया और साइड में लेट गया. मैं चाची को किस करने लगा और उनके मम्मों को सहलाने लगा.
वो कहने लगीं- बाबू तुम तो बहुत मजा देते हो … तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले. मैंने कहा- मुझे भी तो पहले आप नहीं मिलीं.
हम दस मिनट तक किस करते रहे. उसके बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. हम दोनों चुदाई से पहले बाथरूम में चले गए और एक साथ नहाने लगे.
मैंने एक बार वहीं बाथरूम में चाची की चुदाई की और इस बार उनकी चूत में ही अपना पानी छोड़ दिया.
चाची मुझसे बड़ी खुश थीं. उस दिन हम दोनों रात में होटल में ही रुके और मैंने उनको पांच बार आगे से बजाया … दो बार चाची की गांड भी मारी.
दोस्तो, यह थी मेरी सेक्स स्टोरी मेरी चाची की चूत और गांड चुदाई की … मुझे मेल करके बताइएगा कि आपको यह गर्म कहानी कैसी लगी. [email protected]
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