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मेरा नाम अर्जुन है और मैं पेशे से एक होम डिलीवरी मसाज ब्वॉय हूं. जिस पार्लर में मैं काम करता हूं वह बहुत महंगा है. इसलिए जो कस्टमर आते हैं उनमें से कुछ मेरे द्वारा की गई मसाज को आजमाकर मेरा नम्बर ले जाते हैं. फिर वो मुझे अपने घर पर बुला लेते हैं. इससे उनको मसाज सर्विस भी मिल जाती है और उनका पैसा भी बच जाता है.
अन्तर्वासना पर मैं जो आपबीती आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूं वह एक सच्ची घटना है. इस कहानी को आगे बढ़ाने से पहले मैं आप लोगों को अपने बारे में बता देता हूं. मेरी उम्र 26 साल, हाइट 5.10 फीट और रंग गोरा है. मेरी बॉडी एथलीट टाइप है. मेरे लंड की लम्बाई 8 इंच है और उसकी मोटाई 1.5 इंच है. देखने में भी ठीक लगता हूं.
मसाज पार्लर में फीमेल टू मेल मसाज और मेल टू फीमेल मसाज सर्विस उपलब्ध होती है. जो लोग स्पा या पार्लर में गये हैं उनको इस बारे में पता होगा. मगर वहां पर आप अपनी मर्जी के हिसाब से भी मसाज सर्विस चुन सकते हैं. मसलन मेल टू मेल मसाज और फीमेल टू फीमेल मसाज की भी सुविधा होती है.
एक दिन सुबह ही मेरे पास एक कॉल आई. मैं उस वक्त पार्लर के लिए नहीं निकला था. वो कहने लगी कि उसको बॉडी मसाज होम सर्विस चाहिए. वह अपना नाम माही (बदला हुआ) बता रही थी.
मैंने उससे मेरे बारे में पूछा तो वो कहने लगी कि उसको मेरा नम्बर मेरी एक दोस्त से मिला है. जब उसने अपनी दोस्त का नाम बताया तो मैं उसको जानता था. वो हमारे पार्लर की रेगुलर कस्टमर थी. फिर मैंने माही को कहा कि वो हमारे पार्लर में आ जाये.
वो कहने लगी कि पारिवारिक संकोच के कारण वो पार्लर में नहीं आ सकती है. इससे पहले वो अपने घर से बाहर नहीं गयी थी. वो कहने लगी कि वो मुझे घर पर ही बुलाना चाह रही है. मैंने उसकी मजबूरी जानकर उसको हां कह दी.
माही ने अपना पता बता दिया और कहा कि मैं रात में उसके घर आऊं. मैं थोड़ा हिचक रहा था क्योंकि इससे पहले मैं रात में किसी के घर नहीं गया था. उसने जो पता बताया था वो भी शहर से 80 किलोमीटर दूर था.
दोपहर बाद तीन बजे के लगभग पार्लर से मैंने अपनी मसाज किट ली. फिर माही के घर के लिए निकल गया. निकलते वक्त मैंने माही को एक मैसेज छोड़ दिया. डेढ़ घंटे का सफर तय करके मैं उसके घर पर पहुंच गया. इतनी दूर वैसे मैं कभी जाता नहीं था लेकिन वो मजबूर थी और मैं उसकी आस को तोड़ना नहीं चाह रहा था.
रात को 8 बजे के करीब मैं उसके दिये पते पर पहुंचा. उसके घर पहुंच कर मैंने डोर बेल बजाई. अन्दर से किसी महिला ने दरवाजा खोला. दरवाजे पर ही मैंने उससे कहा- मुझे माही ने बुलाया है. वो बोली- आप अर्जुन हो? मैंने कहा- जी. फिर वो बोली कि मैं ही माही हूं. मैंने उससे हाथ मिलाया और उसने मुस्कराकर मेरा स्वागत किया.
उसके बाद वो मुझे अन्दर ले गई. अन्दर जाकर मैंने उसको देखा. वैसे मैं अपने काम से ही मतलब रखता था और इन सब बातों पर ध्यान नहीं देता था कि मेरी कस्टमर कौन है. फिर भी मैं आप लोगों की जानकारी के लिए यहां पर उसके शरीर की बनावट वगैरह के बारे में बता रहा हूं.
माही की उम्र 40 साल के करीब थी. उसने अपने शरीर को काफी मेंटेन करके रखा हुआ था. रंग की सांवली सी थी. चेहरा क्यूट था. उसकी छाती (चूचियां) एकदम से गोल थीं. उस औरत की चूचियां उस उम्र में भी एकदम से उभरी हुई दिखाई पड़ रही थीं.
उसके नितंब (गांड) की शेप भी काफी मस्त थी. वो न तो ज्यादा छोटे थे और न ही ज्यादा बड़े. कुल मिलाकर वो किसी अप्सरा के जैसी दिख रही थी.
फिर वो पानी लेकर आई. कुछ देर मुझसे बातें की. फिर मैंने उनको मसाज शुरू करवाने के लिए कहा क्योंकि मैं लम्बा सफर तय करके आया था और मुझे काफी दूर जाना था. समय रहते मुझे उसको मसाज सर्विस देकर वहां से निकलना भी था.
फिर हम लोग उस रूम में गये जहां पर उसको मसाज करवानी थी. मैंने उसको कमीज उतारने के लिए कहा. जब उसने कमीज उतारी तो देखा कि उसने लाल रगं की ब्रा पहनी हुई थी। उसके बाद वो बेड पर पेट के बल लेट गयी.
मैंने उसकी कमर पर ऑयल ड्रापर से तेल गिराया और उसकी पीठ पर मालिश करने लगा. कुछ ही देर में उसकी सांसें तेज होने लगी थीं. वो लेटी रही. मैं मसाज करता रहा. बीस मिनट तक मैंने उसकी पीठ की मसाज की.
उसके बाद वो सीधी होकर लेट गई. उसकी ब्रा में कैद उसके बूब्स को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. तनाव तो पहले भी आ रहा था लेकिन जैसे ही वो पलटी उसकी चूचियों को देख कर लंड एकदम से टाइट हो गया.
मगर मेरा काम ही ऐसा था कि मुझे अपने आप पर संयम रखना बहुत जरूरी था. मैं खुद को कंट्रोल में रखे हुए था. फिर मैंने माही के पेट और बूब्स पर मसाज देना शुरू किया. मेरे हाथ उसकी बगलों से होकर जा रहे थे. अचानक उसको पता नहीं क्या हुआ कि उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी लोअर के ऊपर से ही अपनी चूत पर मेरे हाथ को रगड़ने लगी.
मैं समझ गया कि मैडम से मसाज सहन नहीं हो रही है. ऐसा मेरे साथ पहले भी हो चुका था. मेरी कई कस्टमर बॉडी मसाज लेते हुए काफी उत्तेजित हो जाया करती थीं. सब ही सेक्स के लिए नहीं कहती थी लेकिन जब मर्द के हाथ औरत के बदन को सहलाते हैं तो उत्तेजना आ जाना स्वाभाविक ही है.
ऐसी स्थिति होने पर मैं कभी पहल नहीं करता था क्योंकि वह मेरा पेशा था. फिर मैंने उसकी लोअर को निकाल दिया. वो अब केवल ब्रा और पैंटी में थी. अब मैं उसके पैरों की मालिश करने लगा.
मेरे हाथ उसके पैरों से चल कर उसकी जांघों से होते हुए उसकी पैंटी तक पहुंच रहे थे. पैंटी तक पहुंच कर मैं वापस आ जाता था क्योंकि मेरा फर्ज मुझे इससे आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दे रहा था. अगले पन्द्रह मिनट के अन्दर माही की योनि से रिसाव होना शुरू हो गया.
मैं अब उसके सिर के पीछे आ गया और उसकी गर्दन व कंधों पर मालिश करने लगा. उसने अचानक से मेरे लंड को पकड़ लिया. मैं एकदम से पीछे हट गया और बोला- नहीं मैडम, ये सब ठीक नहीं है. वो बोली- जैसा मैं कह रही हूं वैसा ही करो.
उसका चेहरा हवस की उत्तेजना में एकदम से लाल हो गया था. उसकी आंखों में वासना साफ दिखाई दे रही थी. मैंने कहा- लेकिन मैम …
मेरी तरफ रुपये बढ़ाते हुए वो बोली- मुझे खुश कर दो. मैंने देखा कि उसने मेरे हाथ में काफी रुपये थमा दिये. उनमें से मैंने उतने ही मेहनताना रखा जितना कि मुझे पार्लर में मिलता है और बाकी उसको वापस कर दिये. ये बिल्कुल सच था कि मैं सिर्फ अपने काम की ही फीस लेता था. मुझे अपने काम से मतलब था.
वो सीधे शब्दों में बोली- मेरी चूत को चाटो. मैंने देखा कि उसकी पैंटी कामरस से गीली हो चुकी थी. उसके पैसे लौटाने के बाद मैंने उसकी पैंटी को खींच दिया और उसकी योनि को चाटने लगा. उसकी योनि से निकल रहे रस की खुशबू काफी मादक थी. मैंने उसकी योनि को अच्छी तरह से चाट चाट कर साफ कर दिया.
फिर उसने मेरे आठ इंचे लंबे लंड को निकाल लिया. मेरी तरफ देख कर बोली- तुम्हारी मसाज सर्विस की तरह तुम्हारा लंड भी बहुत मस्त है. उसके बाद उसने मुझे 69 की पोजीशन में आने के लिए कहा. हम दोनों अब 69 की पोजीशन में आ गये.
वो मेरे लंड को चूसने लगी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा. दस मिनट के अंदर ही उसकी चूत ने दो बार पानी छोड़ दिया था. अब मैं भी झड़ने के कगार पर पहुंच गया था.
मैंने सिसकारते हुए कहा- आह्ह मैम, निकालो मेरे लंड को बाहर, मेरा छूटने वाला है. वो बोली- बहुत हरामी लौड़ा है तुम्हारा, मेरे मुंह में ही निकलने दो इसके माल को. फिर आह्ह … ओह्ह … आह्हह करते हुए मैं कुछ पल के बाद ही उसके मुंह में स्खलित हो गया.
माही ने मेरे लंड के सारे माल को अंदर ही गटक लिया. मेरा सारा पानी पीने के बाद वो बोली- आह्ह मजा आ गया. फिर वो दोबारा से मेरे लंड को चाटने लगी. पांच मिनट में ही चूस चूस कर उसने मेरे लंड को फिर से खड़ा कर दिया.
उसकी योनि भी अब तक दोबारा से गीली हो गयी थी. वो बोली- अर्जुन, बस, अब रहा नहीं जा रहा. अब कुछ कर दो.
मैं उसका इशारा समझ गया था. वो मुझे उसकी चूत की चुदाई करने के लिए कह रही थी. मैंने अपने लंड को उसकी योनि पर सेट किया और हल्का सा दबाव उसकी योनि पर बना दिया. उसको मामूली सा दर्द हुआ और वो सिसकारते हुए बोली- आह्ह … जरा आराम से करना, काफी दिनों से मैंने अन्दर नहीं लिया है.
उसने बताया कि उसके पति बिजनेस में ही बिजी रहते हैं और उसको टाइम नहीं दे पाते हैं. इसके अलावा उसने ये भी कहा कि उसके पति का लंड काफी छोटा है. जिसकी वजह से उसकी चूत की भूख नहीं मिट पाती है.
इतने में ही उसकी योनि में मैंने आधा लंड घुसा दिया था. वो दर्द से कसमसा उठी. उसके बदन को सहलाते हुए मैं उसके होंठों को किस करने लगा. फिर मैंने नीचे ही अपने लंड को हल्का सा बाहर निकाला और दूसरा धक्का जोर से लगते हुए उसकी योनि में पूरा लंड घुसा दिया.
अब मैंने अपने होंठों से उसके होंठों को पूरी तरह से लॉक कर दिया. उसकी आंखों में पानी सा आ गया. मैं समझ रहा था कि उसको दर्द हो रहा है लेकिन चूत चुदवाने की ख्वाहिश भी उसी की थी. उसके मुंह से गूं … गूं … की आवाज बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने उसकी योनि में अपने लंड को घुसाये रखा.
कुछ देर तक मैं ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा. उसकी योनि में लंड पूरा फंसा हुआ था. फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी योनि में धक्के लगाना शुरू कर दिया. हम दोनों के जिस्म एक दूसरे के साथ चिपके हुए थे. चुदाई के साथ किसिंग भी हम पूरे जोश में कर रहे थे. फिर एकाएक उसकी योनि ने पानी छोड़ दिया.
मैं अभी भी उसकी योनि में धक्के लगा रहा था. कमरे में अब फच-फच की आवाज हो रही थी. वो अभी भी मैदान में डटी हुई थी. मैंने उसको घोड़ी बनने के लिए कहा. उसने अपने चूतड़ों को मेरी तरफ करते हुए अपनी गांड को उठा लिया और उसकी चूत मेरे सामने आ गयी.
पीछे से उसकी गांड और योनि की बनावट काफी मनमोहक लग रही थी. अब मैंने उसकी योनि में पीछे से लंड को धकेलना शुरू कर दिया. 15 मिनट तक घोड़ी बना कर मैंने उसकी चूत की चुदाई की. फिर मैं भी उसकी योनि में ही झड़ गया. मैंने उसकी योनि को अपने वीर्य से भर दिया.
माही अब थक चुकी थी. उसका चेहरा पूरा लाल हो गया था लेकिन उसके चेहरे पर अब एक संतुष्टि अलग से दिखाई दे रही थी. दस मिनट तक हम ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर निढाल होकर पड़े रहे. मेरा लंड अब दोबारा से खड़ा होने लगा था.
मैंने उसकी योनि को दोबारा से चाटना शुरू कर दिया. कभी उसकी योनि में जीभ से चोद रहा था तो कभी उसकी चूचियों के निप्पल को अपने दांत में भींच कर उसको चुदाई के लिए उकसा रहा था. वो भी धीरे धीरे फिर से चुदाई के लिए तैयार हो रही थी.
उसकी चूचियों के निप्पल तन कर एकदम से टाइट हो गये थे. मैंने उसकी चूत को इतनी जोर से चाटा कि उसने एक बार फिर से मेरे मुंह में ही पानी छोड़ दिया. उसकी योनि से निकले हुए कामरस को मैं बूंद बूंद करके पूरा चाट गया.
अब हम दोनों किस करने लगे. उसकी योनि का रस उसके मुंह में भी जा रहा था. मैंने उसको किस करते हुए एक बार फिर से गर्म किया. अब मेरा लंड भी सख्त हो गया था. मैंने उसकी योनि पर लंड को सेट किया और एक झटके में ही पूरा अंदर घुसा दिया. उसने मेरे लंड को एक बार में ही अपनी योनि के अंदर पूरा समा लिया.
कुछ देर तक मैंने उसके ऊपर लेट कर उसकी चूत चुदाई की और फिर उसको झुका कर पीछे से उसकी चूत में लंड को पेलने लगा. अबकी बार का यह राउंड आधे घंटे तक चला. वो इस दौरान कई बार झड़ी. उसकी योनि में दर्द होने लगा था लेकिन फिर भी वो मेरा मन रखने के लिए मेरा साथ देती रही.
अब मैंने उस पर रहम किया और लंड को उसकी योनि से निकाल कर उसके मुंह में दे दिया. कुछ देर तक वो मेरे लंड को मुंह में बर्दाश्त करती रही. जब वो हांफने लगी तो मैंने उसकी गांड की तरफ रुख किया. उसने मुझे गांड चुदाई करने से साफ मना कर दिया. इससे पहले माही ने कभी अपनी गांड चुदाई नहीं करवाई थी.
मगर मैं तो अभी भी नहीं झड़ा था. कहीं न कहीं तो वीर्य को निकालना ही था. मेरी ख्वाहिश उसकी गांड चोदने की ही थी इसलिए मैं उसको मनाने लगा. बहुत कहने पर वो राजी हुई और बोली- बहुत ही आराम से करना. मैं उसकी बात मान गया.
अपने बैग से मैंने वैसलीन निकाली और ढेर सारी क्रीम उसकी गांड और कूल्हों पर लगा दी. उसके दोनों कूल्हे अब चमकने लगे थे. फिर मैंने उसकी गांड के छेद पर भी क्रीम की मालिश की. मैंने एक उंगली उसकी गांड में घुसा दी ताकि चिकनाई अंदर तक पहुंच जाये.
वो थोड़ा सा उचक गई लेकिन मैंने उसको दबा लिया. उसकी गांड में अंदर तक क्रीम लगा दी. अब वो उंगली को बर्दाश्त कर रही थी. मेरी उंगली उसकी गांड के छेद में अंदर बाहर हो रही थी.
अब हमने दोबारा से एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिया. लंड को उसकी गांड पर सेट कर दिया. धीरे धीरे बिना रुके ही मैंने पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया और उसको होंठों को अपने होंठों से दबाये रखा. दर्द से उसके बदन में अकड़न आ गयी. मगर मैंने उसको स्मूच करना जारी रखा.
फिर मैंने धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. अब उसको गांड मरवाने में मजा आने लगा. वो गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी. चूंकि उसकी गांड बहुत टाइट थी तो इस वजह से मैं भी पंद्रह मिनट में ही झड़ गया.
जब चुदाई खत्म हुई तो वह उठने की हालत में नहीं रह गई थी. मैं भी बहुत ज्यादा थक गया था. हमें सेक्स करते हुए रात के तीन बज गये थे. फिर हम दोनों ऐसे ही पड़ कर सो गये.
सुबह उठ कर मैं फ्रेश हुआ. फिर वो भी फ्रेश हुई और मैंने उसको राहत देने के लिए हल्की मसाज दी. उसके बाद मैं चलने की तैयारी करने लगा. जब मैं निकलने लगा तो उसने आगे बढ़ कर मुझे अपने गले से लगा लिया. उसकी आंखें नम हो गई थीं. मगर मैं पेशेवर था इसलिए इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता था.
मैंने उसको बाय बोला और उसके घर से निकल गया. उसके बाद तो वो हर हफ्ते मुझे मसाज के लिए बुलाने लगी. मैं भी सप्ताह में एक बार उसके घर मसाज देने के लिए चला जाता हूं. फिर उसने एक दिन अपनी एक और दोस्त से मुझे मिलवाया.
माही की दोस्त कौन थी और उसके साथ में मैंने क्या कुछ किया, वो सब मैं आपको अपनी आने वाली कहानियों में बताऊंगा. अगर आपको मेरी यह रीयल सेक्स स्टोरी पसंद आई हो तो मुझे इसके बारे में अपने विचारों से अवगत कराना न भूलियेगा. मुझे आप सबके मेल और मैसेज का इंतजार रहेगा.
आपसे निवेदन है कि कहानी में जिस महिला पात्र का जिक्र किया गया है उनकी सभी जानकारी गोपनीय रहेगी. इसलिए जानकारी मांगने में अपना और मेरा समय व्यर्थ न करें. [email protected]
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