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नमस्कार दोस्तो, यह मेरी पहली सच्ची घटना है मामी की चुत चुदाई की; अगर कुछ गलती हो जाए तो नजरअंदाज कर दीजिएगा.
मेरा नाम शिवम गुप्ता है, मैं कानपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. मेरी हाइट 6 फुट 2 इंच है. मेरे लंड का साइज़ औसत है, जो किसी भी लड़की या औरत को संतुष्ट करने के लिए काफी है.
ये सेक्स कहानी मेरे साथ मामा की शादी के दो महीने बाद घटी थी. यह बात साल 2017 की है.
मेरे मामा की शादी की शादी के दूसरे दिन से ही मेरे एक्जाम थे, जिसके कारण मुझे विदाई के तुरंत बाद निकलना पड़ा. इस वजह से मैं मामी के साथ समय नहीं बिता पाया, जिसका मुझे बहुत दुख था.
शादी के दिन ही मामी मुझे बहुत पसंद आ गई थीं. उस समय मेरी उम्र 19 थी और मामी 22 की थी. मेरी मामी का नाम निशा है, उनका फिगर 34-28-36 का है.
खैर एक्जाम ख़त्म होने के दो महीने बाद मैं मामा के घर गया. मेरे मामा एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं, इसलिये वो उस समय दिल्ली में थे. मैं मामी से मिला, मुझे देखकर मामी बड़ी खुश हुईं. मैं तो बस मामी को ही देखे जा रहा था. हालांकि मेरे मन में मामी के लिए उस वक्त केवल प्यार था और वो मुझे बड़ी खूबसूरत लग रही थीं.
मामी मुझे अपने कमरे में ले गईं. मैं जैसे ही उनके कमरे मैं गया … तो कमरे में इतनी अच्छी खुशबू आ रही थी कि मैं बयान नहीं कर सकता. खैर मामी ने मुझे बिठाया और नाश्ता लेकर आईं.
तभी नानी भी बाजार से लौट आईं, मुझे देखकर वो भी बहुत खुश हुईं.
फिर बातों का दौर शुरू हुआ, तो पता ही नहीं चला कि कब शाम हो गई. खा पीकर अब सोने की बारी आई, तो मामी बोलीं- तुम मेरे कमरे मैं ही सो जाना. उनके कमरे में AC लगा था और काफी दिनों के बाद गया था … तो उन्हें बातें भी करनी थीं.
मैं मामी के कमरे में चला गया. थोड़ी देर बाद मामी भी काम निपटा कर आ गईं. हमने देर रात एक बजे तक बातें की और कब नींद आ गई कि पता ही नहीं चला.
रात करीब 3:30 बजे मेरी नींद खुली, तो मैं पेशाब करने गया. लौट कर आया, तो देखा कि मामी की साड़ी का पल्लू उनके ब्लाउज से नीचे गिरा था और उनकी साड़ी और पेटीकोट उनके घुटनों के ऊपर था. मैं तो उनका गोरा बदन देखकर पागल ही हो गया. उनकी सांसों के कारण उनके दूध ऊपर नीचे होते देख कर मैं बेकाबू हो गया.
मैं उनकी साड़ी ठीक करके दोबारा लेट गया. उस वक्त तक मेरे मन में उनकी खूबसूरती को निहारने के अलावा दूसरा कोई गलत ख्याल नहीं था.
मुझे कुछ देर नींद नहीं आई और मैं यू ही आंखें बंद करके लेटा रहा. कुछ देर बाद मामी भी पेशाब करने को उठीं. जब वो बाथरूम में पेशाब कर रही थीं, तो उनकी सूसू की सीटी बाहर मुझे सुनाई दे रही थी.
बस चुत की आवाज सुनकर उसी वक्त मेरे अन्दर का शैतान जाग गया. जब मामी लौटकर आईं, तो मैंने आखें बंद कर लीं और सोने का नाटक करने लगा.
जब मुझे लगा कि मामी सो गई हैं, तो मैंने धीरे से अपना हाथ उठाकर उनके पेट पर रख दिया और ऐसे ही लेटा रहा जब उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, तो उनके पेट को सहलाने लगा. फिर धीरे से अपना हाथ उनकी एक चूची पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा. मामी अब भी बेसुध थीं.
फिर मैं धीरे से उठा और उनकी साड़ी और पेटीकोट को जाँघों तक कर दिया. फिर जो मैंने देखा, उससे तो हैरान ही हो गया. मामी अपनी पैंटी बाथरूम में ही उतार आई थीं. अब मुझे सब समझ में आ गया.
मैंने मामी को धीरे से आवाज लगाई, लेकिन वो नहीं बोलीं. तो मैंने उनके गाल पर किस कर लिया. इससे वो एकदम से भड़भड़ा कर उठ गईं और मेरी तरफ़ गुस्से से देखने लगीं. उन्हें ऐसे देखकर तो मैं एकदम डर गया.
वो बोलीं- यह क्या कर रहे हो? मैं कुछ नहीं बोल पाया और चुपचाप अपनी जगह पर लेट गया. मामी भी मुझसे कुछ नहीं बोलीं … और वो भी लेट गईं.
करीब आधा घंटा बाद उन्होंने मेरा नाम पुकारा. मैं कुछ नहीं बोला. पर उस वक्त मेरा पूरा शरीर कांपने लगा, जब मामी ने मुझे देखा और उन्होंने मेरे गाल पर एक किस कर ली.
अब मैं मुड़कर उनसे चिपक गया और माफी मांगने लगा- मामी मैं बहक गया था … मुझसे गलती से हो गई थी. ये बोलते बोलते मेरे मुँह से यह भी निकल गया- मैं तो आपको बहुत प्यार करता हूँ. मैं आपका बुरा कैसे सोच सकता हूँ. ये सुन कर मामी ने मुझे अपने से अलग कर दिया. मैंने सोचा, ये मैंने क्या कह दिया.
मैं कुछ बोल पाता, इससे पहले ही मामी ने मेरी बनियान पकड़ कर मुझे खींचा और लिप किस कर लिया. मामी बोलीं- चाहती तो मैं भी हूँ तुम्हें … लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता. लेकिन मैं तुम्हें अपने जिस्म से एक बार प्यार करने का मौका जरूर दूँगी.
यह सुनकर मैं उनके होंठों से चिपक गया और उनके दूध दबाने लगा. फिर धीरे से मैंने उनके ब्लाउज और ब्रा को उतार दिया और चूचियों को चूसने लगा. इसके बाद मामी ने मेरी बनियान उतार दी और मेरी अंडरवियर को भी उतार दिया. वह खुद भी नंगी हो गईं.
मैंने उन्हें अपना लंड चूसने को कहा, तो उन्होंने मना कर दिया. मैंने भी ज्यादा फोर्स नहीं किया और उनकी चूत को चाटने लगा. वो ‘अअअ … ऊऊऊ … आआहहह …’ की आवाज निकालने लगीं.
इसके बाद मामी बोलीं- शिवम अब नहीं रहा जाता … ऊपर आ जाओ. मैं उनके ऊपर चढ़ गया. ऊपर आकर मैंने अपने लंड को उनकी चूत पर सैट किया और एक जोरदार झटका दे मारा. मेरा आधा लंड अन्दर चला गया. मामी की दबी चीख़ निकल गई. वो बोलीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई रे … आराम से करो.
मैं उनके होंठ चूसने लगा … तो दर्द कुछ कम हुआ. मैंने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाल कर झटका मारा … तो पूरा लंड अन्दर चला गया. इसके साथ ही मामी ने अपने नाखून मेरी पीठ पर गड़ा दिए … तब तो कुछ पता नहीं चला. बाद में दर्द हुआ, जिसे मैंने प्यार की सगात समझ कर स्वीकार कर लिया.
फिर मैंने धक्के लगाने शुरू किए, तो मामी ‘आआहह … ऊउउहह … मम्म … आआ..’ जैसी आवाज निकालने लगीं. मैं और जोश में चोदने लगा.
लगभग 15 मिनट बाद मेरा निकलने को हुआ, तो मामी से मैंने पूछा- कहां निकाल दूँ? मामी बोलीं- अन्दर ही कर दो … कल से पीरियड आना है.
मैंने 10-15 धक्के लगाने के बाद अपना माल अन्दर ही निकाल दिया और थक कर उनके ऊपर लेट गया.
अगले दिन सुबह मैं देर से जगा, तो देखा कि मामी नहा चुकी थीं और चाय बना रही थीं.
आज उन्होंने गहरे नीले रंग की साड़ी पहनी थी, वो बहुत ही सुंदर दिख रही थीं. मैं रूम से बाहर निकला, तो उन्होंने मुझे देखकर स्माइल पास की. मैं उनके पास आ गया और एक प्यारी सी मॉर्निंग किस उनके माथे पर दे दी.
तब तक नानी मंदिर से वापस आ गयी थीं. उन्होंने मामी से कहा- इसे क्यों उठा दिया, कल सफ़र में थक गया होगा और सोने देतीं. मैं बोला- नानी, मैं खुद ही जग गया था, मामी ने नहीं उठाया. मामी बोलीं- अब जाकर फ्रेश हो जाओ और आकर चाय पी लो.
मैं बाथरूम से 20 मिनट बाद निकला और मामी के साथ बैठकर चाय पीने लगा. तब तक नानी पड़ोस में चली गईं क्योंकि बगल के घर में लड़की की शादी थी.
अब मैं और मामी घर में अकेले बचे थे. मामी बाहर के दरवाजे लगा कर अपने कमरे में चली गईं. उन्होंने मेरी तरफ ना तो देखा ना ही कुछ बोलीं. उनका ऐसा बर्ताव देखकर मैं परेशान हो गया. मैं दीवान पर लेट कर अपना मोबाइल चलाने लगा.
तभी मामी की आवाज आई- शिवम अन्दर आ जाओ … अकेले बाहर क्या कर रहे हो?
उनकी आवाज सुनकर सब कुछ भूल कर मैं जैसे ही रूम में अन्दर गया, तो एकदम हैरान हो गया क्योंकि मामी ने हल्के गुलाबी रंग की नाइटी पहनी हुई थी, जिसमें उनका जिस्म ऐसे चमक रहा था … जैसे चांदी की अंगूठी पर सोने का मोती लगा हो.
मैं खड़ा खड़ा उन्हें लगातार देखे जा रहा था. उनकी आवाज ने मेरी तन्द्रा तोड़ दी.
मामी खड़े हुए ही बोलीं- ऐसे क्यों देख रहे हो … कभी देखा नहीं है क्या मुझे? मैंने कहा कि आज आप बहुत सुन्दर और सेक्सी लग रही हो.
मेरी इस बात पर उन्होंने आगे बढ़ कर मुझे किस कर लिया. ऐसा होने से मैं भी अपना होश खो बैठा और मैंने सीधे उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा. इससे मामी की सांसें तेज चलने लगीं.
मैं कभी मामी जी का निचला होंठ चूसता, तो कभी ऊपर का. मामी भी इसमें मेरा भरपूर सहयोग दे रही थीं.
फिर मैंने उनकी नाइटी को उतार दिया. मैंने देखा उन्होंने ब्लैक ब्रा और पैंटी पहनी थी. मैं ब्रा के ऊपर से ही उनके दूध दबाने लगा. मामी बड़ी मादक सिसकारी लेने लगीं. उनकी मदभरी आवाजों को सुनकर मैंने उनकी रेशमी ब्रा उतार दी और दूध चूसने लगा.
वो ‘आह उ आह आआहह … ऊहहह और तेज चूसो … आई लव यू शिवम आह ऊऊहहह … आहहह … बबहहुत … म्जजा आ रहा है.’ कहने लगीं.
इसके बाद मैंने उनकी पैंटी उतारी, तो देखा कि उनकी चूत तो पानी छोड़ रही थी. जिसकी मदहोश कर देनें वाली महक के कारण मैं अपने आपको रोक नहीं सका और मैंने नीचे रुख करते हुए मामी की चूत को चूम लिया. मामी की टांगें खुद ब खुद फ़ैल गईं और उन्होंने मेरे सर को अपनी चुत में दबा लिया.
एक मिनट तक मामी की चुत के दाने से खेलने के बाद मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाकर बेड पर लिटा दिया. फिर उनकी तरफ वासना भरी निगाहों से देखते हुए अपने कपड़े उतारने लगा. मामी ने भी अपनी चुत खोल कर गांड उठा दी. मेरी आंखें किसी भूखे कुत्ते से चमक उठीं और मैं कपड़े उतार कर उनकी चूत पर झपट पड़ा. मैं बड़ी बेसब्री से मामी की चूत चाटने लगा.
जैसे ही मेरी जीभ उनकी चूत पर लगी, तो बहुत तेज सिसकारी के साथ उन्होंने पानी छोड़ दिया. मामी की चुत के पानी को मैं पूरा पी गया. इसके बाद भी मैंने उनकी चूत को चाटना जारी रखा.
इससे मामी फिर से गर्म हो गईं और इस बार उन्होंने मुझे 69 की अवस्था में आने को कहा. मैंने लंड उनके मुँह से लगाते हुए पोजीशन बना दी. मामी मेरा लंड चूसने लगीं, जिसे उन्होंने पिछली रात को चूसने से मना कर दिया था.
मेरे मुँह से ‘आह मामी … और तेज..’ जैसे शब्द निकल रहे थे. मैं तो जैसे जन्नत की सैर के लिए निकल गया था. कुछ ही पलों में मेरा लावा उनके मुँह में छूट गया, जिसे उन्होंने मुँह में लिया और बाहर थूक दिया. मुँह से लंड चुसाई के बाद मामी ने अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाना जारी रखा. जिससे लंड महाराज तुरंत हरकत में आ गए और अपनी गुफ़ा में घुसने को बेताब हो गए.
मैंने मामी को सीधा लिटा कर उनके पैरों को अपने कंधों पर रख लिया. मामी की चुत की फांकों में लौड़ा फंसा कर मैंने एक जोर का झटका दे मारा. इससे एक बार में ही पूरा लंड अन्दर समा गया और मामी की एक तेज चीख निकल गई.
मैंने कुछ समय रुककर उनके होंठ चूसे और दूध सहलाए. अब मामी का दर्द कम हो गया और वो नीचे से गांड उठा कर सहयोग देने लगीं. मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी.
मामी ‘आआहह ऊऊहह ममजजा आआ रहा हैह..’ जैसे शब्द चिल्लाने लगीं. मैं भी उन्हें ‘आई लव यू …’ बोलता हुआ चोदता रहा. करीब 15 मिनट बाद मैंने अपना माल मामी की चूत में ही निकाल दिया और उनके ऊपर गिर कर किस करने लगा.
कुछ समय बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए और हम कुछ देर के लिए आराम करने लगे. बाद में मैं मामी जी के पास से उठ कर बाहर पड़े दीवान पर लेट कर सो गया.
यही थी मेरी मामी की चुदाई की कहानी दोस्तो … कैसी लगी … मेरे ईमेल पर कमेंट करके जरूर बताएं ताकि अपनी दूसरी सच्ची घटना आप लोगों के साथ साझा कर सकूं. तब तक के लिए धन्यवाद. [email protected]
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