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कहानी के पिछले भाग में मेरी सारी बातें मेरे भाई के दोस्त ने सुन ली थी. वो कहने लगा कि अगर मैंने उसकी बात नहीं मानी तो वो मेरे यार के साथ मेरी चूत चुदाई का सारा प्लान मेरे भाई को बता देगा. उसने मुझे बांहों में उठा लिया, अंदर ले जाकर मेरी पैंटी और स्कर्ट को खींच कर मेरी चूत को नंगी कर दिया. उसने मेरी टांगों के बीच में लेट कर मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. मुझे भी मजा आने लगा.
वो मेरी चूत को ऐसे खा रहा था जैसे उसको रस मलाई मिल गई हो. करीब पांच या छह मिनट तक वो ऐसे ही मेरी चूत को चाटता रहा. मेरी चूत से छप-छप की आवाज आने लगी. उसने मेरी सबसे कमजोर नस पकड़ ली थी. उसके चाटने से मेरी चूत तुरंत गीली होना शुरू हो गयी. ये मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है. अगर कोई मेरी चूत को चाट लेता है तो मेरी चूत तुरंत पानी छोड़ना शुरू कर देती है.
चूत को चटवाने के बाद मैं खुद को नहीं रोक पाती हूं. फिर कोई भी हो मुझे चोद सकता है. मैं बिना चुदे नहीं रह सकती हूं. बिक्कू ने भी मेरी चूत को इतना चाटा कि मचल उठी थी. मेरी चूत गीली होकर पच-पच करने लगी थी. उसको अब कुछ और करने की जरूरत नहीं थी. मैं खुद ही उससे चूत चुदवाने के लिए तैयार हो गई थी.
अब मैं बिक्कू का सर पकड़ कर जोर से अपनी चूत में दबाने लगी और बोली- बिक्कू, तू बहुत मस्त और प्यारा लड़का है, तूने पहले ऐसा क्यों नहीं किया. अगर तू मुझे किसी दिन पकड़ कर मेरी चूत को चाट लेता तो मैं अब तक तेरे लंड से चुद चुकी होती. आह्ह बिक्कू इतना प्यार आ रहा है तुझ पर. मैं तो पहले ही चुदाई के लिए मान जाती. तुझे इतने दिन तक इंतजार करने की जरूरत ही नहीं थी. तू तो बहुत मस्त तरीके से चूत को चाटता है.
वो बोला- हां बंध्या, तेरी चूत है ही इतनी मस्त. तेरी चूत की खुशबू लेकर तो मैं पागल हो रहा हूं. ऐसी सुगंध और टेस्ट मैंने आज तक नहीं लिया है. मेरा मन कर रहा है कि सारी उम्र तेरी चूत में इसी तरह से मुंह डाल कर लेटा रहूं. मैं तो हमेशा के लिए तेरी चूत को चाटने के लिए तैयार हूं मेरी रानी. बस अब तू अपना दूध भी पिला दे मुझे. मेरी सारी तमन्ना पूरी हो जायेगी.
यह कहते हुए उसने मेरा टॉप ऊपर किया. मैंने अपने आप ही दोनों हाथ ऊपर कर दिए. उसने मेरी टॉप उतारी तो मैं समीच में आ गई. समीच के ऊपर से मेरे निप्पल निकले हुए दिख रहे थे तो बिक्कू ने समीच के ऊपर से ही कस कर मेरे दोनों दूधों को पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया. वो जोर से अपने हाथों की पूरी ताकत लगाते हुए मेरे दूधों को दबाने लग गया. उसका दबाव इतना तेज था कि मेरी चूचियों से सच में ही दूध निकलने को हो गया था.
उसके बाद वो मेरी नाभि को चाटने लगा. उसने मेरी नाभि में अपनी जीभ डाल दी. मेरी नाभि को चूसते हुए वो कहने लगा कि बंध्या तेरी कमर तो 24 से भी कम की लग रही है. तूने तो कयामत वाला हुस्न पाया है साली. तुझे कैसे चोदूं, तू तो पूरी आग है एकदम!
उसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये और उसके सामने पूरी नंगी हो गई. उसने जैसे ही मेरे दूध देखे वो बोला- बंध्या, तेरे निप्पल तो एकदम से पिंक हैं. ज्यादातर लड़कियों के काले ही होते हैं लेकिन लाखों में किसी एक लड़की के निप्पल इस तरह के होते हैं. मैं तो इनको सारी उम्र पीता ही रहूंगा. आह्ह … कितने रसीले लग रहे हैं तेरे निप्पल देखने में.
उसने मेरे निप्पल को कस कर दोनों हाथों से दबा दिया तो दर्द के मारे मैं चीख उठी फिर मुट्ठी में भर कर इतनी जोर से कस कर मेरे दूध को दबाया कि मैं बिल्कुल जोर से ही चिल्ला उठी. इतना दर्द हुआ कि मैं बता नहीं सकती.
मैं बोली- बिक्कू टीवी चालू कर दे, आवाज बाहर जा रही है. तू राक्षसों की तरह कर रहा है। थोडा़ आराम से कर यार … मुझे दर्द हो रहा है. उसने तुरंत टीवी के बटन पर उंगली मारी और टीवी को चालू किया. मैं बोली- वॉल्यूम बढ़ा दे. उसने आवाज़ तेज कर दी.
फिर उसने मेरे दूध पकड़कर और जोर से दबाना शुरू कर दिये. मैं चिल्ला उठी- कुत्ते पागल हो गया है क्या? मार डालेगा मुझे आज? वो बोला- क्या करूं बंध्या, तू इतनी मस्त है कि मन कर रहा है तुझे काट कर खा लूं. ऐसा बोल कर वो मेरे चूचों को जोर से मसलने लगा और फिर दोनों चूचियों को उसने हाथ में भर लिया और एक को पकड़ कर अपने मुंह में ले लिया.
अब मुझे कुछ राहत मिली. जब उसने मेरे बूब्स को चूसना शुरू किया तो मेरे बदन में एक झनझनाहट सी होनी शुरू हो गई. एक अलग ही तड़प सी जाग उठी.
अब बिक्कू ने मेरी चूचियों से मुंह को हटा लिया और अपनी पैंट को खोलने लगा. मैं उसको देख रही थी. मेरे अंदर भी सेक्स की आग जल उठी थी. मैं उसका लंड देखना चाह रही थी. उसने अपनी पैंट को खोला तो उसने अंडरवियर में उसका लंड बिल्कुल टाइट होकर उठा हुआ था और उछल रहा था.
उसका लंड अंदर छिपा हुआ ही काफी बड़ा लग रहा था. फिर उसने अपना अंडरवियर भी उतार दिया. उसका लंड देखा तो मैं देखती ही रह गई. बिक्कू का लंड 8 इंच लंबा था और काफी मोटा भी था. मैं एकटक उसके लंड को देखने लगी. फिर वो उठ कर मेरे सीने के पास आकर बैठ गया. उसका लंड मेरे मुंह के पास में आ गया था.
फिर उसने पैरों को मेरी तरफ किया और उसका मुंह मेरी चूत की तरफ चला गया. अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये थे. उसका लंड मेरे होंठों को छूने लगा. फिर उसने मुझे लंड को चूसने के लिए कहा तो मैंने मना कर दिया.
वो मेरे मुंह में, गालों में, होंठों में अपने लौड़े को रगड़ने लगा तो मैंने एक बार अपने आप ही अपना मुंह खोल लिया और उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया. मगर उसने अगले ही पल अपने लंड को वापस से बाहर खींच लिया. वो बोला- नहीं दूंगा मैं अपना लंड तुझे. इतना सस्ता नहीं है मेरा लंड जो तुझे इतनी आसानी से चूसने के लिए मिल जायेगा. पहले मेरे पैर पकड़ तब तुझे मेरा लंड मिलेगा.
इस तरह से कहते हुए उसने फिर से मेरे मुंह की तरफ लंड किया. उसका लंड मेरे होंठों के पास आया तो मैंने फिर से उसको मुंह में लेने की कोशिश की लेकिन उसने फिर से अपने लंड को वापस हटा लिया. इसी तरह उसने तीन-चार बार किया. मैं उसका लंड मुंह में लेकर चूसना चाह रही थी.
मगर उसने उसी वक्त मेरी चूत में जीभ रख दी और अपना मुंह मेरी चूत में लगा कर मेरी चूत को चाटने लगा. मैं पागल होने लगी. मैंने अपने हाथ में बिक्कू का लंड पकड़ लिया. उसको मुट्ठी में लेकर रगड़ने लगी और बोली- तूने पागल कर दिया है बिक्कू मुझे. मैं तेरा लंड चूसना चाह रही हूं. अब मैं तेरे लंड को मुंह में लेकर ही रहूंगी.
वो बोला- ऐसे नहीं दूंगा मैं अपना लंड तुझे. पहले तुझे मेरे पैर पकड़ने होंगे उसके बाद ही मैं तुझे अपना लंड दूंगा. तूने मुझे बहुत तड़पाया है साली. मैं तीन साल से सिर्फ तेरे नाम की मुट्ठ मार कर ही काम चला रहा था. इस लंड को हाथ से ही रगड़ रहा था. इतनी आसानी से यह लंड नहीं मिलेगा तुझे.
उसने अपनी पूरी जीभ मेरी चूत में घुसा दी और उसको नुकीली बना कर अंदर ही अंदर घुमाने लगा. मैं बुरी तरह से कांपने लगी. वो मुझे हद से ज्यादा गर्म कर रहा था. मैं बिक्कू के लंड के लिए तरसने लगी थी. मैंने आखिर उसको बोल ही दिया- ला कमाने, मैं तेरे पैर पकड़ लेती हूं. मुझे अपना लौड़ा चूसने दे अब.
बिक्कू ने अपने पैरों को मेरे माथे पर रख दिया और मैंने उसके पैरों को हाथ से पकड़ लिया. मैं बोली- अब हो गई तसल्ली तेरी? अब तो चूसने दे मुझे तेरा लौड़ा हरामी? वो बोला- हां मेरी जान, अब ये लौड़ा तेरा हो गया है. तू इसको चूस या खा जा, कुछ भी कर ले. अब मेरा लंड तेरे लिए है.
उसके हां कहते ही मैंने उसका लंड अपने मुंह में ले लिया और उसको जोर से चूसने लगी. उसके सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी. एक अलग सी गंध थी उसके लंड की. मगर मुझे वो गंध अच्छी लग रही थी. मैं उसके लंड को अंदर ही अंदर जीभ घुमाकर चूस रही थी. बिक्कू ने फिर एक झटके से अपना लंड मेरे मुंह में घुसा दिया.
मेरे मुंह में उसका लंड था तो मैं उसको कुछ बोल भी नहीं पा रही थी. वो कह रहा था कि चूस साली मेरे लौड़े को. बहुत शौक था तुझे लौड़ा चूसने का साली छिनाल. चूस जा इसको पूरा. आह्ह … कर ले अपने मन की. बहुत दिनों के बाद तुझे ऐसा लंड मिला होगा. इसलिए इतनी बेचैन हो रही थी तू लंड को चूसने के लिए.
मैं भी उसके लंड को रगड़ रगड़ कर चूस और चाट रही थी. पता नहीं मेरे अंदर भी क्या पागलपन भर गया था. वो भी मेरी टांगों को फैलाये हुए मेरी चूत को हाथ से रगड़ते हुए उसमें अपनी जीभ को चला रहा था.
तभी उसका फोन बजने लगा. उसका फोन बजा तो मैंने उसको एक तरफ कर दिया. मैं डिस्टर्ब नहीं होना चाह रही थी. मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मगर उसके बाद ही तुरंत फिर से घंटी बजने लगी. बिक्कू फोन को उठाने के लिए चला तो मैंने उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया. उसको उठने ही नहीं दिया.
वो बोला- साली देखने दे किसका फोन है? मैं बोली- नहीं, पहले मेरी चूत को शांत कर, उसके बाद ही उठना. वो बोला- हां, मैं तेरी चूत को शांत करके ही जाऊंगा साली. पता है तेरे बारे स्कूल के सारे लड़के यही बात करते हैं कि तू बहुत महंगी माल है. बहुत पैसे लेती है. गांव के सारे लोग तुझे रंडी समझते हैं और सोचते हैं कि तू धंधा करती है. गांव के बुड्ढे भी तेरे बारे में बात करते रहते हैं.
फिर वो बोला- मैंने तो ऐसा भी सुना है कि तेरी मां तुझसे धंधा करवाती है. तेरी मम्मी ग्राहक लेकर आती है और तू अपनी चूत चुदवाती है.
मैं बोली- नहीं, ऐसा कुछ भी नहीं है. तूने गलत सुना है. मेरी मां को लोगों ने झूठ में ही बदनाम किया हुआ है. मैं कोई धंधा नहीं करती और न ही मेरी मां मेरे लिए ग्राहक लेकर आती है. गांव की औरतों को बस बातें इधर उधर करने के लिए मसाला चाहिए होता है इसलिए वो ऐसी बातें फैला रही हैं. हां, मगर मेरी मां पहले करती थी लेकिन अब तो वो भी नहीं करती है. मैं भी करती हूं लेकिन पैसों के लिए कभी नहीं किया. एक बार मैं अपने बॉयफ्रेंड आशीष के साथ नंगी पकड़ी गई थी. तब से ही लोग मुझे रंडी समझने लगे हैं. मेरी यह बदनामी उस सोनम की मम्मी और चाची ने ही पूरे गांव में फैलायी है. मगर मैं रंडी नहीं हूं.
मैं उससे बात कर ही रही थी कि बिक्कू के मोबाइल फोन पर तीसरी बार घंटी बजी. मैंने कहा कि उठा कर देख ले किसका फोन है. उसने फोन उठाया तो मेरे भाई का ही फोन आ रहा था. उसने हैल्लो किया तो भाई पूछने लगा कि बिक्कू कहां पर है? बिक्कू बोला- तेरे घर पर ही हूं. भाई ने कहा- ठीक है, मैं दो मिनट में पहुंच ही रहा हूं. तू चले मत जाना. बिक्कू ने कहा- न..न्नही … मैं तेरा इंतजार कर रहा हूं.
भाई की बात सुन कर बिक्कू की गांड फट गई और फटाक से उठ कर कपड़े पहनने लगा. मैं हैरान थी. मैंने कहा- अब क्या हो गया. चोद दे ना मुझे?
बिक्कू बोला- साली मरवाएगी क्या? तेरा भाई घर पहुंचने ही वाला है 2 मिनट में. मैं बोली- दो मिनट के लिए बोला है लेकिन उसको आने में दस मिनट जरूर लगेंगे. प्लीज मुझे चोद दे बिक्कू, मेरा बहुत मन कर रहा है.
वो बोला- नहीं साली कुतिया, मुझे पिटना नहीं है तेरे भाई के हाथों. तू किसी और से चुदवा लेना. मैं बोली- बिक्कू ऐसा मत बोल, मैं बहुत गर्म हो चुकी हूं, देख मेरी चूत कैसे पानी छोड़ रही है. एक बार मेरी चूत में अपना लंड डाल दे.
मगर बिक्कू ने मेरी बात नहीं सुनी और वो उठ कर जल्दी से कपड़े पहनने लगा. मैं उठ कर उसके पास गई और उसके हाथ को पकड़ लिया. अपनी चूत को उसके सामने खोल कर दिखाने लगी और उसे अपनी चूत में लंड डालने के लिए मिन्नत करने लगी. मगर उसने मुझे एक तरफ हटा दिया और गाली देते हुए कपड़े पहनने लगा.
मैं बोली- तो कमीने, मुझे गर्म क्यूं किया. अब ऐसे ही बीच में छोड़ कर जा रहा है. देख मेरी चूत की क्या हालत हो रही है. वो बोला- साली, मुझे मरना नहीं है. अगर इतनी ही चुदास जग रही है तो कुछ देर के बाद तेरा भाई आने वाला है उससे ही चुदवा लेना. वैसे भी तू पूरे मौहल्ले से चुदवाती है. अगर तूने अपने भाई से चुदवी ली तो कुछ फर्क नहीं पड़ेगा.
उसकी बात पर मुझे बहुत गुस्सा आया. मैं बोली- साले कुत्ते, आज के बाद मुझे कभी अपनी शक्ल मत दिखाना. हरामी, अगर मुझे गर्म करके ऐसे छोड़ना था तो मेरे पास आया ही क्यूं? साले गांडू, अब मैं तेरी बातों में कभी नहीं आऊंगी. वो बोला- जो तेरी मर्जी, मैं तो चला. इतना बोल कर वो कमरे से बाहर निकल गया. तब तक मैंने भी कपड़े पहन लिये.
कुछ देर के बाद ही भाई आ पहुंचा. उसने पानी पीया और भाई व बिक्कू बाइक लेकर दोनों ही कहीं बाहर चले गये. मेरी चूत प्यासी ही रह गई. मुझे बिक्कू पर बहुत गुस्सा आ रहा था. मगर कर भी क्या सकती थी. मैं अपना ध्यान बंटाने लगी मगर चूत से बार-बार पानी निकल रहा था. हर 15 मिनट में मेरी पैंटी गीली हो जाती थी.
इस तरह से तड़पते हुए शाम हो गई. फिर शाम को मेरे बड़े जीजा आ गये. वो उम्र में मुझसे 20 साल बड़े हैं. उनके साथ मैं काफी खुली हुई हूं. उनको देख कर मैं खुश हो गई. अभी 10 दिन पहले ही जब मैं चित्रकूट घूमने के लिए गई थी तो होटल में जीजा ने मेरी चूत को जम कर बजाया था. उसके बाद से ही हम दोनों अच्छे दोस्त बन गये थे.
जीजा को देख कर मुझे खुशी हुई. मैंने उनके लिए खाना बनाया और भाई व जीजा जी साथ में बैठ कर खाने लगे. जीजा जी मुझे बीच बीच में देख कर मुस्करा रहे थे. मेरी चूत में खुजली होना शुरू हो गई थी.
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी. कहानी पर अपनी राय देने के लिए आप नीचे दी गई मेल आईडी का प्रयोग करें. [email protected]
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