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मेरी गे सेक्स स्टोरी के पहले भाग क्रॉस ड्रेसर की सुहागरात की गे स्टोरी-1 में आपने पढ़ा कि मुझे लड़की के कपड़े पहनने और लड़की की रहना अच्छा लगने लगा था. अब आगे: मैं अब असली लंड की तलाश करने लगी थी, मैं वहां आसपास किसी का भी तो लंड ले नहीं सकती थी क्योंकि इससे पकड़े जाने का खतरा था.
तो मैंने फेसबुक पर अपनी एक आईडी बनाई, और यहाँ से मेरे मोहित से मोहिनी क्रॉसी में बदलने की कहानी शुरू होती है।
पहले तो मुझे कोई रिक्वेस्ट नहीं आयी तो मैंने ही एक दो क्रोसड्रेसर को रिक्वेस्ट भेजी, एक दो बॉयज को; साथ ही मैंने चार पेज क्रोसड्रेसर के लाइक किये। मैंने अपनी आईडी बन्द की और सो गई।
अगले दिन रात को अपनी आईडी चेक की तो उन सभी ने मेरी रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली थी। मेरी उन सबसे नार्मल सी बातें हुईं जैसे कि मैं कहाँ से हूँ, क्या करती हूं। उस रात को मैं चैट करके सो गई।
ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा, मेरे पास कई लड़कों और अंकल की रिक्वेस्ट आयीं। लेकिन सब फोटो मांगते थे। मैं जल्दी किसी पर भरोसा नहीं करती तो मैंने किसी को फोटो नहीं दिया और इसी वजह से बात नहीं बनी।
इन सब के बीच मेरे अंदर अपनी सुहागरात मनाने की तम्मन्ना पैदा हो गयी, अब मेरा मन अपनी सुहागरात मनाने का था।
ऐसे ही एक दिन मेरे पास एक रवि गुप्ता (काल्पनिक नाम) नाम के अंकल का मैसेज आया, उसमें लिखा था ‘you are so sexy’, मैंने कहा- क्यों? बोले- तुम्हारी फोटो देखकर बोला। मैंने कहा, मैं लड़की नहीं हूं न ही वो मेरी फोटो है, गूगल से ली हुई है और मैं एक लड़का हूँ जिसे लड़कियों की तरह रहना पसंद है। वो बोले- तो मैं तुमको लड़का समझूँ या लड़की? मैंने कहा- तुम मुझे लड़की समझ कर ही बात करो।
फिर हमारी बातें हुईं कि मैं कहाँ से हूँ, क्या करती हूँ, उम्र कितनी है। मैंने भी उनसे यही पूछा तो उन्होंने बताया उनकी उम्र 51 साल है, वो लखनऊ में जॉब करते हैं और वो अकेले रहते हैं. उनकी पत्नी उनके बच्चों के साथ दूसरे शहर में रहती है।
वो मुझे अच्छे व्यक्ति लगे और सबसे अच्छी बात उन्होंने मेरी फ़ोटो मांगी, तो मैंने मना कर दिया। तो वो खुद ही बोले- जब तुम्हारा मन करे तब दे देना।
ऐसे ही कुछ दिन हमारी बात हुईं और अब हमनें एक दूसरे का व्हाट्सएप नंबर ले लिया। थोड़े समय बाद हमारी बातें थोड़ी थोड़ी सेक्स चैट में बदलने लगीं थीं।
ऐसे ही एक दिन उन्होंने उन्होंने कहा कि तुम्हारी कोई इच्छा है जो तुम पूरी करना चाहती हो। मैंने कहा- हाँ! वो बोले- क्या? मैंने कहा- सुहागरात मनानी है। वो बोले- जरूर मैं तुम्हारी नथ उतारंगा।
कुछ दिन बाद मैंने उनको अपनी साड़ी वाली फ़ोटो भेजी, वो बोले- तुमको देख कर कोई नहीं कह सकता कि तुम लड़का हो। अब हमारी रोज बातें होती थीं।
एक दिन वो बोले- तुम लखनऊ आ सकती हो? मैंने कहा- मैं बिना कारण के तो नहीं आ सकती.
इसे संयोग ही कहा जायेगा कि मुझे याद आया कि मेरे एक एग्जाम का सेंटर लखनऊ में था और मेरा एग्जाम चौदह दिन बाद था। तो मैंने उन्हें बताया- लेकिन चौदह दिन बाद आ सकती हूँ। वो बोले- ठीक है आने से पहले बाद देना, कुछ इन्तजाम करने पड़ेंगे। मैंने कहा- कैसे इन्तजाम? बोले- सुहागरात के इंतजाम। मुझे उस समय इतनी शर्म आ रही थी कि मैं बता नहीं सकती।
मैंने उनको जाने से सात दिन पहले बताया कि मैं आ रही हूँ। वो बोले- तुमको किस किस चीज की जरूरत पड़ेगी? मैंने कहा- जरूरत तो बहुत चीजों की पड़ेगी, तुम्हारे बहुत रुपये खर्च हो जाएंगे। वो बोले- तुम उसकी टेंशन न लो, बताओ बस।
मैंने कहा- मेकअप किट, ब्रा पैंटी, साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट, कुछ आर्टिफिशियल जेव्लरी और एक सिलिकॉन बूब्स का जोड़ा 32 साइज का। उन्होंने कहा- सब इन्तज़ाम हो जाएगा।
मैं ये 7 दिन बड़ी मुश्किल से काट रही थी। 7 दिन बाद मैं लखनऊ पहुँची, मेरा एग्जाम 12 बजे खत्म हुआ। एग्जाम देने के बाद मैंने उनको कॉल किया, वो मुझे गाड़ी से लेने आये। जब मैं उनसे पहली बार मिली तो वो 51 के लग ही नहीं रहे थे, वो 40 के लग रहे थे। मैं गाड़ी में बैठकर उनके घर गयी।
घर में सिर्फ उनकी नौकरानी थी, वो भी मुझे तैयार करने के लिए। उन्होंने उसे बोला- ये मेरे दोस्त का बेटा है इसका एक नाटक है, इसे तैयार करके तुम चली जाना।
वो मुझे कमरे में ले गयी। वो बोली- नहा कर आओ।
मैं बाथरूम में गयी, वहाँ हेयर रिमूवल क्रीम, बॉडी मॉइस्चराइजर, ब्रा पैंटी और सिलिकॉन बूब्स रखे हुए थे। यह बात उस नौकरानी को नहीं पता थी।
मैंने उससे पहले कभी अपने बॉडी के बाल नहीं हटाये थे, मैंने हेयर रिमूवल क्रीम अपनी पूरी बॉडी पर लगाई और पाँच मिनट बाद मैंने अपने शरीर को धोया तो शरीर के सारे बाल हट चुके थे। मेरा शरीर एक दम चिकना हो गया था, मुझे बहुत ही अच्छा फील हो रहा था।
उसके बाद मैं नहायी और बॉडी पर मॉइस्चराइजर लगाया। फिर मैंने सिलिकॉन बूब्स पहने, उसके ऊपर ब्रा और अंत में पैंटी।
मैं बाहर निकल आई, वो मेरे जिस्म को देख रही थी, मुझे बहुत ही अजीब महसूस हो रहा था।
उसने कहा- साहब इधर बैठ जाइए! मैं बैठ गया।
उसने मुझे ब्लाउज पहनाया, फिर पेटीकोट। ये सब करते करते मेरा लंड खड़ा हो गया था, वो ये बात जान गई लेकिन कुछ बोली नहीं।
फिर उसने मुझे एक लाल साड़ी पहनाई, जेव्लरी पहनाई और अन्त में दोनों हाथों में चूड़ियां। मैंने चुड़ियों का तो नहीं बोला था फिर भी ये आये थे, मुझे उस वक़्त बहुत खुशी हुई।
उसके बाद उसने मुझे कुर्सी पर बैठाया और एक टैबलेट दी, बोली- बड़े साहब ने दी है आपके लिए। मैंने उससे एक गिलास पानी मांगा तो वो पानी ले आयी। मैंने वो टैबलेट खा ली।
तब वो बोली- अब मैं तुम्हारा मेकअप करूँगी।
उसने मेरा मेकअप शुरू किया, उसे एक घंटा लग गया मेरा मेकअप करते करते। जब मेकअप लगभग पूरा हो गया तो बोली- साहब लिपस्टिक कौन से रंग की लगाएंगे? मैंने कहा- लाल रंग की … जो दुल्हन लगाती है। उसने मेरी लिपिस्टिक लगाई।
फिर उसने मुझे आईना दिखाया, बोली- साहब कोई कमी तो नहीं रह गयी? मैं अपने आप को देखता ही रह गया कोई नहीं कह सकता था कि मैं लड़का हूँ।
थोड़ी देर बाद वो बोली- साहब, आप तो किसी नई नवेली दुल्हन की तरह लग रहे हो. मैं शर्मा गयी। वो बोली- साहब मैं जा रही हूँ, आप बड़े साहब के कमरे में जाकर बैठ जाइए।
अब उसे क्या पता कि आज मैं पूरी रात उसी कमरे में नंगी रहने वाली हूँ।
नौकरानी चली गयी थी और मैं रवि के कमरे में उसका इन्तज़ार कर रही थी। उस वक़्त मुझे लग रहा था किसी ने मेरे अंदर सेक्स भर दिया। तब मुझे समझ आया कि वो टेबलेट कामोत्तेजित करने की थी।
तभी थोड़ी देर बाद डोर बेल बजी. इस वक्त कौन आ गया? रवि जी दूसरे कमरे में थे और वो नहा चुके थे। रवि जी ने दरवाजा खोला, मुझे अभी तक नहीं पता चला कि कौन आया था।
रवि जी मेरे पास आये और मुझे दूसरे कमरे में ले गए, वो बोले- फूलों वाला आया है, कमरा सजवा दूँ। मैं अब शर्म से लाल हो गयी थी. वो बोले- शरमाओ मत … अभी बहुत कुछ बाकी है।
फूल वाले ने पूरा कमरा और बिस्तर सजा दिया था, उन्होंने फूल वाले को पैसे दिए, वो पैसे लेकर चला गया।
उसके बाद उस घर में सिर्फ हम दो थे, जो कि थोड़ी ही देर में एक जिस्म होने जा रहे थे।
वो मेरा हाथ पकड़ कर अपने कमरे में ले गए। बिस्तर सजा हुआ था, वो मुझे बिस्तर पर बैठा कर किचन में गए और दूध का गिलास लेने चले गए। मेरे लिए अब अपने आप को रोक पाना मुश्किल हो रहा था। वो जब दूध लेकर आये तब तक मैं घूंघट डाल कर बैठ गयी थी। वो मुझे इस तरह देख कर मुस्कराने लगे। उन्होंने ग्लास पास में ही रखी मेज पर रख दिया।
मैंने वो गिलास उठाया और उनको पीने को दिया. वो बोले- मैं तो आज बिल्कुल ताजा दूध पियूँगा। मैं शर्म से लाल हो गयी।
उन्होंने आधा गिलास दूध पिया बचा हुआ मुझे दिया। मैंने वो दूध पी लिया।
उन्होंने मेरा घूँघट उठाया और मुझे एक सोने की नथ दी, वो बोले आज तुम्हारी नथ उतरेगी, इसीलिए तुमको ये दी। उन्होंने मेरी नाक में पहनी हुई नथ उतार दी।
वो अब मुझे मेरे लाल होठों पर चूमने लगे, ये मेरा पहला किस था। हम दोनों बहुत देर तक स्मूच करते रहे.
फिर उन्होने मेरी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया, अब मेरे अंदर की औरत जाग चुकी थी। मैं भी उनका साथ देने लगी, वो कभी गर्दन चूमते तो कभी कान के लौ। अब वो मेरी साड़ी उतारने लगे, उन्होंने मेरी साड़ी उतार दी, अब मैं केवल ब्लाउज और पेटीकोट में थी।
अब मेरी बारी थी, मैंने उनकी शर्ट उतार दी और उनको सीने पर चूमने लगी। सीने पर चूमते चूमते मैं नीचे बढ़ने लगी। अब उनका पैंट मेरा रास्ता रोक रहा था मैंने उसे भी उतार दिया। वो अब सिर्फ अंडरवियर में थे।
मैं उनके लंड का साइज का अंदाजा लगा सकती थी, वो कम से कम आठ इंच का जरूर होगा। मुझे डर लग रहा था ये मेरी गांड के अन्दर कैसे जाएगा। हालाँकि मैं अपने गांड का छेद थोड़ा ढीला कर चुकी थी, लेकिन इतना नहीं कि इनका लंड अंदर ले सकूँ।
वो बोले- अंडरवियर भी उतारो! मैंने जैसे ही अंडरवियर उतारा, उनका आठ इंच का लंड बाहर आ गया। वो बोले- देख क्या रही हो? चूमो इसे! लेकिन मुझे घिन आ रही थी।
वो बोले- एक बार मुँह में लो, फिर तुमको भी अच्छा लगेगा।
मैंने उनके कहने पर लंड के टोपे पर जीभ रखी तो मुझे नमकीन सा स्वाद आया। फिर मैंने धीरे धीरे उसे मुँह ले लिया। अब मुझे उनका लंड मुँह में बड़ा ही अच्छा लग रहा था। उनका लंड मेरे मुँह में नहीं आ रहा था, जितना आ रहा था मैं उतने लंड को अपने मुँह में अंदर बाहर करने लगी।
तभी अचानक उन्होंने मेरा सिर पकड़ा और अपना पूरा लंड मेरे मुँह में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगे।
मुझे तकलीफ हो रही थी, फिर भी मैंने कुछ नहीं कहा क्योंकि मुझे तकलीफ से मजा आ रहा था।
वो थोड़ी देर बाद रुक गए, लेकिन मैंने उनका लंड मुँह से नहीं निकला। मैं उनका लंड चूसे जा रही थी. वो बोले- अभी तुम मेरा लंड चूसना नहीं चाहतीं थीं, अब छोड़ नहीं रही हो। मैंने शरमा कर उनका लंड छोड़ दिया।
उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटने को कहा और फिर वो मेरी नाभि को अपनी जीभ से चाटने लगे, मुझे बहुत मजा आ रहा था।
अब उन्होंने मुझे घोड़ी बनने को कहा तो मैं घोड़ी बन गयी। उन्होंने मेरा पेटीकोट ऊपर उठाया और मेरी पैंटी उतार दी।
अब उन्होंने जैसी ही अपनी जीभ मेरी गांड के छेद पर लगाई, मेरी सिसकारियां निकलने लगी। मेरी उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाजें कमरे में गूंज रहीं थीं। वो मेरी गांड को अपनी जीभ से चोद रहे थे। मेरे आनन्द की कोई सीमा नहीं थी।
अब उन्होंने मेरा ब्लाउज और पेटीकोट दोनों ही उतार दिए थे, मैं उनके सामने सिर्फ ब्रा में थी, मुझे अभी शर्म आ रही थी। उन्होंने उस पैंटी को पहले ही उतार कर फेंक दिया था। अब हम दोनों आदमजात नग्न थे, फिर ये मेरे बूब्स को जोर से दबा रहे थे, काट रहे थे. मैं उनसे बोली- रवि जी धीरे दर्द हो रहा है. लेक़िन वो नहीं माने।
थोड़ी देर बाद मुझे भी इस दर्द में मजा आने लगा था। थोड़ी देर चूमने के बाद उन्होंने एक जेल की ट्यूब ली जोकि पास की मेज पर रखी थी और उसे मेरी गांड में भरने लगे. जब जेल बाहर आने लगा तो उन्होंने जेल भरना बंद कर दिया।
अब उन्होंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और उस पर भी खूब सारा जेल लगाया।
वो अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रगड़ रहे थे, उनको मुझे तड़पाने में बहुत मजा आ रहा था, एक तो गोली का असर ऊपर से इनकी हरकतें। अब इन्होंने अपने लंड को धीरे से मेरी गांड में डाल दिया, लंड का टोपा ही अंदर गया था और इतने में ही मैं दर्द से तड़प उठी। मैंने उनसे कहा- दर्द हो रहा है. वो बोले- थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो मेरी जान!
उन्होंने मुझे बातों में लगा कर अपना पूरा लंड मेरी गांड में जड़ तक घुसेड़ दिया। मैं दर्द से चीख उठी. उन्होंने थोड़ी देर धक्के लगाने बंद रखे और बूब्स को दबाते रहे, साथ ही मुझे किस करते रहे। जब मुझे थोड़ा दर्द कम हुआ तो उन्होंने वापस धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए।
अब मुझे भी मजा आने लगा और ये इनको पता लग गया था क्योंकि मैंने अपनी कमर हिलाना शुरू कर दी थी। उन्होंने अपनी स्पीड बढ़ा दी, अब मैं उनके हर धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी। पूरा कमरा धप धप और मेरी आह आह ऊह ऊह की आवाज से गूंज रहा था। मैं सातवें आसमान पर थी।
थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे ऊपर आने को कहा, ये लेट गए और मैंने उनका लंड अपने गांड के छेद पर सेट किया और उस पर कूदने लगी। ये दोनों हाथों से मेरे बूब्स दबा रहे थे। टेबलेट के असर से हम दोनों में से कोई झड़ नहीं रहा था। आधे घण्टे की चुदाई के बाद रवि जी झड़ने को आये, तो उन्होंने लंड निकल कर उस पर से कंडोम हटा दिया और बोले- मुँह खोलो।
इन्होंने अपने सारा वीर्य मेरे मुँह में निकाल दिया और मैं उसे अमृत समझ कर पी गयी।
फिर इन्होंने मेरे लंड को हिला कर मेरा वीर्य निकाल दिया। हम दोनों हाँफ रहे थे. थोड़ी देर आराम करने के बाद हम दोनों ने डिनर किया।
हम दोनों में से किसी का भी लंड अभी बैठा नहीं था। हम थोड़ी देर बाद बिस्तर पर पहुँच गए, मैं इनके सीने पर सिर रख कर लेटी हुई थी। ये बोले- मजा आया तुमको? मैंने कहा- हाँ।
मैं उनका लंड हाथ में लेकर हिलाने लगी और उनसे बोली- मैं आपके वीर्य को अपने अंदर महसूस करना चाहती हूं। वे बोले- पहले क्यों नहीं बताया? मैंने कहा- अब बता दिया।
इस बार उन्होंने मेरे बूब्स पर बहुत काटा, उनको कस कर दबाया। मैंने इन्हें बताया कि सेक्स करते समय मुझे गालियाँ देना और सुनना अच्छा लगता है। वो बोले- ठीक है! अब ये मुझे रंडी, रखैल जाने क्या क्या बोल रहे थे। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
रवि जी ने मुझे पेट के बल लेटने को कहा, मैं लेट गयी।
उन्होंने इस बार अपना लंड एक ही बार में मेरी गांड में उतार दिया था। मैं सिसक उठी पर कुछ कर न सकी। मैं इनको भड़वा बोल रही थी। ये चोदे जा रहे थे, और गाली दे रहे थे कि तू मेरी रंडी है. मैंने कहा- हाँ, मैं तेरी रंडी हूँ, तेरी रखैल हूँ। तू मुझे अपने दोस्तों के चुदवा, मैं तेरे लिए पैसे कमाऊंगी।
करीब 45 मिनट की चुदाई के बाद ये मेरी गांड में झड़ गए. मैं इनके वीर्य तो अपने अन्दर महसूस कर रही थी। मैं औरत बन चुकी थी, मेरी नथ भी उतर चुकी थी। अगली सुबह मैं अपने घर वापस आ गयी।
इस तरह से मैंने अपनी सुहागरात की तमन्ना पूरी की।
दोस्तो, यह मेरी रियल स्टोरी थी, मुझे ईमेल करके बताएं कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी। [email protected]
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