This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
रात के लगभग 2 बज चुके थे और मैं और सचिन उसके कमरे में बिल्कुल नंगे ही पड़े थे और इधर उधर की बातें कर रहे थे।
सचिन और मैं दोनों ही साफ होके आ गए थे बाथरूम से और बेड के सिरहाने की टेक लगा के नंगे बैठे थे टांगें खोल के! मेरा सिर बाईं तरफ से सचिन के कंधे पे झुका हुआ था और हम बातें कर रहे थे।
अब एक बार के सेक्स से किसका मन भरता है तो मेरे मन में दुबारा चुदवाने का ख्याल आने लगा।
ऐसे ही बात करते करते मैंने उसके लंड को हल्के से ऐसे ही छुआ तो वो झटका सा ले गया और सचिन ने हल्की सी ‘आहह …’ भरी। फिर सचिन भी समझ गया कि मैं दुबारा चुदवाना चाहती हूँ. तो सचिन ने मुझसे पूछा- सुहानी दुबारा चुदवाओगी क्या? मैंने कहा- हाँ यार, एक बार और करते हैं ना। उसने बोला- ऐसे नहीं, खुल के बोलो साफ साफ।
मैं हल्के से नीचे देखती हुई मुस्कुराई और फिर बोली- सचिन, एक बार और चोद दो ना मुझे प्लीज, बहुत मन कर रहा है फिर से चुदवाने का।
सचिन खुश हो गया और उसने भी मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया. मुझे फिर से जोश और मस्ती सी चढ़ने लगी। सचिन ने अपना हाथ मेरी चूत पे ले जा के उंगली मोड़ के मेरी चूत की दरार पे फिराने लगा।
अब मेरा काबू मेरे पे से छूटने लगा। मैंने बिना कुछ कहे उसके लंड की तरफ आकर उसका लंड मुंह में ले लिया और ऊपर से नीचे तक चूसने लगी। मुझे अब कोई घिन नहीं आ रही थी और मैं उसके बाहर लटके आँड तक को भी मुंह में भर भर के किस कर रही थी और लंड भी चूस रही थी।
वो एक मिनट में ही अपने पूरे उफान पे आ गया। मेरी चूत जोश के कारण अपने आप चिकनी हो गयी थी और मैं फिर से चुदवाने पे उतारू थी।
सचिन बेड के सिरहाने से कमर लगाए बैठा था और मैं उसकी तरफ मुंह कर के गोद में आ के बैठ गयी और लंड अपनी चूत पे लगाया और अपनी चूत में लेती हुई उसपे बैठ गयी और सचिन की बांहों में हाथ डाल लिए।
अब मैं उसके लंड से उचक उचक के चुदवाने लगी और ‘आहह … आहह … आहह …, सचिन आ … आ … आहह …’ करते हुए उसके होंठों को ‘पुच्च … पुच्च … ‘ किस करने लगी ज़ोर ज़ोर से होंठ खोल खोल के।
सचिन भी मेरे बूब्स को हाथ में भर के मसलता रहा और मैं आनन्द लेती हुई काफी देर तक उसके लंड पे कूदती हुई चुदवाती रही। फिर जब मैं थक गयी तो उसी पे बैठ के ‘उन्नहह … उनाहह … उनाहह … ‘ करते हुए हाँफने लगी। सचिन ने कहा- तुम लेटो, मैं चोदता हूँ ऊपर से।
मैं घुटने मोड़ के लेट गयी. सचिन मेरी टांगों के बीच आया और मेरी दोनों टांगें अपने कंधों पे उठा ली और चूत में लंड डाल के घपाघप ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। मेरी आँखें बंद थी और मैं बस अपने होंठ को दाँतो से दबाये ‘सी … सी … आई … आई … आहह … अहह … ‘ करते हुए बेड में ऊपर नीचे होते हुए चुदवा रही थी। मेरी चूत मुझे हर झटके के साथ आनन्द से भर रही थी.
सचिन मुझे लगभग 15 मिनट तक चोदता रहा पूरी ताकत से। फिर रुक के उसने पोजीशन बदलने को कहा और कहा- ऐसा करो खड़ी हो के झुक जाओ। मैं बेड से उतरी और अलमारी पे हाथ रख के आगे को आधी झुक के खड़ी हो गयी और चूत उसके हवाले कर दी।
सचिन ने मेरे कंधों पे हाथ रखा और मेरी चूत में अपना लंड हाथ से पकड़ के डाला एकदम से और मुझे ऊपर को उचका दिया। फिर तो मैंने कहा ‘अब झड़ने तक मत रुकना’ और उसने अपनी पूरी ताकत झोंक दी मुझे चोदने में।
उसके धक्के इतने जबरदस्त थे कि मेरा पूरा जिस्म ज़ोर ज़ोर से हिल रहा था, उसकी अलमारी में लगे शीशे में मैं खुद को चुदवाते हुए देख पा रही थी, मेरे बाल ऊपर नीचे और आगे पीछे हिल रहे थे, मेरे बूब्स भी थरथर काँप रहे थे ऊपर नीचे!
मैं मुंह बाये बस ‘आहह … सचिन … आहह … अहह … आहह … सचिन और ज़ोर से … और ज़ोर से रुकना मत … बस चोदते रहो आज तो …’ बोलती रही. ऐसे ही चुदवाते हुए मुझे 7-8 मिनट हो गए। उसका लंबा लंड मेरी चूत की दीवार को खोलता हुआ अंदर तक जा रहा था, मेरी चूत के दाने को घिस रहा था।
फिर मुझे अचानक से बहुत आनन्द आने लगा और मैं चिल्लाने लगी- आहह … आहह … आ … अह … आ आ … सचिन आ आ … आई … मेरा होने वाला है, और तेज़ तेज़ … प्लीज सचिन … और तेज़ चोदो … और सचिन चोदता चला गया।
फिर अचानाक मेरे शरीर में सिरहन ही दौड़ गयी और मेरी सांस तक अटक गयी और मेरी चूत ने फच्छक से पानी छोड़ दिया जैसे अंदर कोई गुब्बारा फट गया हो।
और इसके बाद मैं सचिन से अलग होके वहीं गीले फर्श पर गांड टिका के बैठ गयी और ज़ोर ज़ोर से ‘उम्महह … उम्महह …’ सांसें लेने लगी।
सचिन का लंड फड़फड़ा रहा था तो सचिन ने कहा- मुझे भी तो झड़ने दो। मैंने कहा- अब नहीं, अब ताकत नहीं है, आओ इधर आओ. और मैंने बिना कुछ कहे उसका लंड मुंह में ले लिया और अंदर बाहर चूसने लगी।
मैं अब सिर्फ उसको झाड़ने के इरादे से चूस रही थी और अपने होंठों और जीभ से पूरा दबाव डाल के चूस रही थी।
फिर सचिन ने मेरा सिर अलमारी से सटाया और लंड मेरे मुंह में अंदर बाहर कर के ऐसे ही चोदने लगा। कुछ ही देर में उसका झड़ने का टाइम भी आ गया। उसने एक झटके में मेरे मुंह में लंड फसाया और अंदर ही झड़ता चला गया और जब तक खाली नहीं हो गया और उचक उचक के मेरे मुंह में ही पिचकारी मारता रहा।
मेरे पास उसका वीर्य उगलने के लिए कोई रास्ता नहीं था और वैसे भी मुझे लगा शायद इसको पीते ही होंगे क्यूंकि ब्लू फिल्मों में तो पी जाती है लड़कियां, तो उसका सारा वीर्य निगल लिया।
सचिन अब मुझसे अलग हुआ तो मैं और वो दोनों ही सांसें भर रहे थे। उसके लंड में मेरा थूक और उसका वीर्य लगा था, मैं चूत से निकले पानी में बैठी हुई थी और मेरे होंठों से सचिन के वीर्य की बूंदें झूल रही थी।
हमारे आसपास बहुत गंध फैल चुकी थी पर हम अपनी दूसरी चुदाई कर के बहुत खुश थे।
मैंने तेज़ तेज़ सांस भरते हुए कहा- हुम्म … हुम्म … आज तो मजा ही दे दिया तूने सचिन … हुम्म … हुम्म।
सचिन ने कहा- कोई नहीं, अपनी बेस्ट फ्रेंड के लिए इतना तो कर ही सकता हूँ, फिर भी कोई कमी रह गयी हो तो बता दियो। मैंने कहा- यार वैसे तो ब्लू फिल्म वाले सारे स्टेप कर लिए पर तुमने पीछे से तो किया ही नहीं। एक सीन में तो लड़के ने लड़की के पीछे वाले छेद में भी डाला था। चलो कोई बात नहीं, भूल गए होंगे।
सचिन ने कहा- अरे यार, तुमने पहले नहीं बताया, वो तो बहुत जरूरी होता है। मैंने कहा- बस इतना मजा आ रहा था कि मैं भूल गयी बताना, चलो फिर कभी कर लेंगे।
फिर हम दोनों ने आधा घंटा आराम किया और फिर मैंने कहा- अब चलना चाहिए, नींद आ रही है। उसने कहा- ठीक है।
मैंने अपने कपड़े समेटे और उधर सचिन ने कमरे की लाइट बंद कर दी ताकि मुझे निकलते हुए कोई देख ना सके।
मैं झुक के छज्जे पे आई और सुनिश्चित किया कोई नहीं है तो अपनी छज्जे पे कूद के अपने कमरे में आ गयी।
मैं इतनी थक चुकी थी कि अपने कपड़े बेड के नीचे फेंके और बेड पे नंगी ही धराशायी हो के गिर गयी। इसके बाद मुझे कब नींद आ गयी मुझे पता ही नहीं चला और मैं सो गयी।
अगले दिन मैं सुबह 6 बजे अलार्म बजा तो मैं उठी और तब ध्यान दिया मैं रात को ऐसे ही सो गयी, बिना सफाई किए। मैंने सोचा ‘चलो नहा ही लेती हूँ’ तो सीधा अपने कपड़े लिए और नहाने घुस गयी।
मैंने पहले पेशाब किया, फ्लश कर के नहाने लगी शावर चला के। मुझे नहाते हुए 5 मिनट भी नहीं हुए थे कि बाथरूम के दरवाजे पे खटखटाहट सुनाई दी।
मुझे लगा मम्मी होगी … पर ध्यान दिया कि दरवाजा तो अंदर से बंद है, मैं समझ गयी कि सचिन होगा.
तो मैंने हल्का सा दरवाजा खोला और सिर बाहर निकल के देखा, तो वही था। मैंने पूछा- यहाँ क्या कर रहा है तू? सचिन ने कहा- वो एक काम अधूरा रह गया था ना, उसी को पूरा करने आया हूँ। मैं समझ नहीं पायी तो पूछा- मतलब?
सचिन अपने कपड़े उतरते हुए बोला- अरे तुम कह रही थी ना कि पीछे से नहीं किया सेक्स, तो चलो अभी कर लेते हैं, मौका भी है, आज संडे है, वैसे भी तुम्हारे घर वाले 8-9 बजे तक उठेंगे। मैंने थोड़ा सोचा कि यार पता नहीं कब मौका मिले अब, थोड़ी सी देर की तो बात ही है कर लेती हूँ फटाफट। तो मैंने कहा- अभी आई नहा के, थोड़ी देर इंतज़ार करो।
सचिन ने सीधा बाथरूम के दरवाजे को धक्का लगाया और अंदर आ गया और बोला- यहीं कर लेते हैं, नहा भी लेंगे साथ में। मैंने कहा- ठीक है पर ज्यादा शोर मत करना। उसने कहा- शोर मैं नहीं, तुम करोगी.
और मेरे भीगे हुए चेहरे को पकड़ के मेरे होंठों पे अपने होंठ रख के दबा दिये, ज़ोर से और फिर हम होंठ रगड़ते हुए किस करने लगे।
सचिन बस कच्छे में था और हम दोनों शावर के नीचे आ गए। पानी हम दोनों को खूब भिगो रहा था और हमारे नंगे बदन एक दूसरे पे चिपके हुए थे और पागलों की तरह किस किए जा रहे थे। सचिन धीरे धीरे मेरे गीले बूब्स को मसल रहा था और मैं वासना की आग में उसके होंठ खाये जा रही थी।
मुझे सेक्स के लिए तैयार होने में ज्यादा देर नहीं लगी। सचिन का एक हाथ मेरी चूत को सहला रहा था. उसकी एक उंगली चूत में अंदर जा जा के मुझे बहुत उत्तेजित कर रही थी और मैं उसे चूमते हुए बस ‘आहह … आ … आहह … सचिन … आहह … ‘ कर रही थी।
लगभग 5 मिनट तक यही सिलसिला चला. फिर मैंने कहा- जल्दी करो ना, कितना तड़पा रहे हो, हटो! और मैं शावर में भीगते हुए ही घुटनों के बल बैठ गयी और उसका लंड जो आधे से ज्यादा खड़ा हो चुका था, तुरंत मुंह में भर लिया।
पानी की बूंदें उसके शरीर से बह बह के नीचे आ रही थी और मैं उसके भीगे हुए लंड को बिना शर्म के दबा के चूस रही थी। सचिन बस ऊपर देखते हुए ‘आहह … अह … आहह … अ … सुहानी’ कर रहा था।
फिर मैंने उसका लंड छोड़ा और कहा- लो अब चोदो फटाफट, ज्यादा टाइम नहीं है।
कहानी जारी रहेगी. आपकी प्यारी सुहानी चौधरी [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000