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हेलो दोस्तों जैसा की आपने पार्ट 7 में पढ़ा मम्मी सरपंचजीसे मेरे और पापा के सामने चुदवा रही थी। फिर सरपंचजी मम्मी को चोद कर उनके कमरे में चले गये और मम्मी मेरे बाजू में आकर लेट गयी फिर मैं भी सो गया।
सुबह नींद खुली तो देखा मम्मी के ऊपर एक बेडशीट थी। और शायद मम्मी अंदर पूरी नंगी थी। मैंने बाजू में देखा तो पापा नहीं थे बाथरूम से पानी की आवाज आ रही थी और थोड़ी देर बाद पापा बाथरूम से बाहर आ गये।
मैं सोने का नाटक कर रहा था। मैंने थोडी आंख खोलकर देखा की पापा मम्मी की तरफ गये और मम्मी को जगाने लगे।
पापा के आवाज सी मम्मी जग गयी। पापा मम्मी को कह रहे थे “ये क्या है रजनी सारे कपड़े उतार कर क्यों सो गई ??”
तो मम्मी थोड़ी परेशान हो गयी और सोचकर पापा से बोलने लगी कि “वाह जी वाह रात में सब आप करते हो और फिर से सुबह उठ कर पूछते हो कि क्या हुआ ??कल रात आपने नशे में क्या किया आपको याद नहीं”
पापा बोले ” नहीं क्या हुआ?”
मम्मी बोली “कल रात आप सरपंचजी के साथ दारू पीकर नशे में आये थे और फिर फिर मेरे साथ यह सब किया यह आपको निशान नहीं दिख रहे मेरे बूब्स पर देखिये आपके दांतों के काटने के निशान है” पापा को कुछ समझ नहीं आ रहा था।
फिर पापा मम्मी से कहने लगे “मुझे तो याद नही आ रहा है रजनी। पर कल मैं नींद में हिल रहा था शायद बेड ही हिल रहा था जैसे भूकंप आया हो मुझे सब बस इतना ही याद है”
मम्मी बोली ” भूकंप वुकंप कुछ नही आया था”
पापा बोले “अच्छा सरपंच जी कल हमें बाहर से आवाज दे रहे थे क्या??”
मम्मी बोली “नहीं तो आपको इतना नशा चढ़ गया था क्या आपको कुछ भी महसूस हो रहा था।”
मम्मी पापा को आसानी से चुतिया बना रही थी और पापा को कुछ याद नहीं था। तो पापा भी मम्मी की बातों को सच मानने लगे पर कल रात क्या हुआ था यह तो सरपंचजी मैं और मम्मी ही जानते थे।
फिर मम्मी बेड से उठी और मम्मीने सारी से बदन ढका और बाथरूम में गयी।
मम्मी बाथरूम में जाने के बाद सरपंचजी हमारे कमरे में आ गये और पापा से पूछने लगे कि “गुड मॉर्निंग नींद आयी ना रातको ठीक से? कैसी रही रात ?”
पापा बोले “हां ठीक रही। अच्छी मेहमाननवाजी की आपने !!”
पापा सरपंचजी से पूछने लगे कि “कल रात आप हमारे कमरे के बाहर से हमें आवाज दे रहे थे क्या ?”
सरपंचजी भी मजे लेते हुये बोले “हां आवाज तो दे रहा था पर आपको आवाज सुनाई नहीं दी रही थी शायद। पर एक बात कहु आपके कमरे से मुझे कुछ आवाजे आ रही थी”
पापा बोले “कैसी आवाजे??”
सरपंचजी बोले “आपकी और रजनीजी की लगता है कल रात आपने रजनीजी को बहोत परेशान किया”
पापा ये सुनकर थोड़ा शरमा गये और कहने लगे “हां मुझे तो कुछ याद नही पर रजनी भी कह रही थी कि मैंने कल उसे नशे में बहोत परेशान किया”
बेचारे पापा को कहां पता था कि जो मर्द पापा को चुतिया बना रहा है उसीने कल रात मम्मी को चोदचोद कर परेशान किया था। सरपंचजी के मुह से भी ये बात सुनकर पापा को मम्मी की बातों पर यकीन हुआ और उनका शक खत्म हुआ।
फिर मम्मी बाथरूम से बाहर आ गयी। मम्मी के बदन पर सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट था और टॉवल बालों पर बंदा था। मम्मी लाल बलाउज और काले पेटिकोट मे बहुत सेक्सी लग रही थी।
पापा और सरपंच जी दोनों ममी की ओर देख रहे थे सरपंचजी तो मम्मी के गदराये हुये बदन को भूखे शेर की तरह ताड़ रहे थे फिर मम्मी ने फटाक से कुर्सी पर की सारी उठाई और बदन ढकने लगी फिर सरपंचजी भी बाहर चले गए।
फिर सरपंचजी के जाने के बाद मम्मी पापा से कह रही थी कि “आपको कुछ समझ आता है क्या ??आपको मुझे बताना चाहिए था ना कि सरपंचजी आए हैं रूम में। अब उन्होंने मुझे इस हालत में देख लिया”
पापा बोले “बताने वाला था पर बातों बातों में हमें पता ही नहीं चला और तुम बाहर आ गयी। ठीक है कोई बात नहीं अब वह चले गए हैं”
मैं यह सुनकर मन ही मन में सोचने लगा कि कल जो औरत पूरी नंगी होकर अपने पति के सामने जिस मर्द के नीचे सो रही थी वह आज अपने पति को यह दिखा रही थी कि वह बहुत संस्कारी है ममी की इसी नाटक के वजह से ही पापा को कभी ममी पर शक नहीं होता था और पापा मम्मी की हर बात सच मान लेते थे।
फिर हम तैयार होकर नीचे आ गये। वहां सरपंचजी के साथ बैठकर हम सबने नाश्ता किया। सरपंचजी और पापा बाते कर रहे थे पर उनकी नजर तो मम्मी पर ही थी।
फिर पापा ने सरपंचजी से वापस जाने की इजाजत ली और सामान लाने नौकर के साथ दूसरी मंजिल पर चले गये जहां कल हम रुके थे।
पापा के जाने के बाद सरपंच जी मम्मी को देखकर हंसने लगे और कहने लगे की ” कैसी लगी हमारी मेहमान नवाजी आपको रजनीजी? ”
मम्मी भी मेरे सामने सरपंचजी से हंसकर कह रही थी “आपने तो हमारा बहुत अच्छे से ख्याल रखा। काश आप हमारा ऐसा रोज खयाल रखते ” और दोनों हंसने लगे।
फिर सरपंचजी ने मुझे पास बुलाया और उनके जेब मे से पैसे निकालकर मेरे हाथ मे रख दिये। मैं मम्मी की तरफ देख रहा था मम्मी मुझे लेने से मना कर रही थी।
पर सरपंचजी ने मम्मी से कहा “रजनीजी यह मेरी तरफ से आपके बेटे के लिये आशीर्वाद है ” और फिर मम्मी ने मुझे लेने की इजाजत दी और कहा कि “बेटा सरपंचजी के पैर छुओ। सरपंचजी तुम्हारे पापा के जैसे हैं”
यह सुनकर मैं थोड़ा आश्चर्यचकित होगा और सरपंच भी शायद चौक गये मम्मी ने सरपंचजी को देखकर आंख मारी।
सरपंचजी भी मजे लेते हुये कहने लगे ” हां बेटा सही कह रही है तुम्हारी मम्मी। अब तो मैं तुम्हारे पापा के जैसा ही हूं। मैं तुम्हारी पापा की तरह सारे काम करता हूं। तुम्हारी मम्मी को खुश करता हूं और तुम्हें भी खुश रखूंगा”
ऐसा कहकर मम्मी की ओर देखकर मुस्कराने लगे मम्मी शरमाकर हस रही थी। मैं ऐसे दिखा रहा था कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है।
फिर सरपंचजी ने मम्मी को ऊपर चलने के लिए कहा और मुझसे कहने लगे कि “बेटा तुम यहीं बैठो और पापा आये तो उनको कहना सरपंचजी और मम्मी ऊपर ही आये है”
मैंने ठीक है कहा और फिर सरपंचजी और मम्मी सरपंचजी के कमरे में चले गये। मैं भी उनके पीछे पीछे जाने लगा।
मैंने देखा सरपंचजी ने कमरे में जाने के बाद दरवाजा बन्द कर दिया और मम्मी को गले से लगाया। एकदूसरे से इतना चिपक गये की हवा भी ना गुजरे।
दोनों को शायद लग रहा था ना जाने फिर कब उनकी मुलाकात होगी। फिर सरपंचजी ने मम्मी को आयने के सामने खड़ा किया औऱ आंखे बंद करने के लिए कहा।
मम्मी ने भी आंखें बंद कर ली फिर सरपंचजी ने मम्मी को पीछे से एक सोने का नेकलेस पहनाया और मम्मी को आंखे खोलने के लिये कहा।
मम्मी वह सोने का नेकलेस देखकर बहुत खुश हुयी और कहने लगी “वॉव कितना खूबसूरत है ये मेरे लिये है ?”
सरपंचजी ने कहा “हां मेरी रज्जो डार्लिंग ये तेरे लिये ही है”
ये सुनकर मम्मी सरपंचजी के बाहो में चली गयी फिर सरपंचजीने मम्मी का चेहरा अपने हाथों से उठाया और मम्मी को किस करने लगे। दोनों एकदूसरे के होठों का जाम पीने लगे।
किस होने के बाद मम्मी ने कहा कि “पर यह नेकलेस मैं मनीष के पापा के सामने कैसे पहन कर आऊ”
तो सरपंच जी ने कहा “तो यहीं रख दे। मैं अगले महीने तुझसे मिलने शहर आनेवाला हूं तो तेरे घर जरूर आऊंगा तब साथ ही लाऊंगा। अब सिर्फ मैं तुझे दिखा रहा था कि तुझे पसंद तो है ना ये नहीं तो दूसरे डिजाइन का नेकलेस लाऊंगा तेरे लिए”
तो मम्मी बोली “नहीं मुझे यही पसंद आया सरपंचबाबू ”
और फिर दोनों कमरे से बाहर आ गए थे सरपंचजी के होठो पर मम्मी की लिपस्टिक की लाली नजर आ रही थी। मम्मी ने वह लाली देखी तो मम्मी ने अपनी सारी से सरपंचजी के होठ पोछे फिर दोनों नीचे आये और थोड़ी देर बाद पापा भी नीचे आ गए और हम हमारे घर के लिए कार से निकल पड़े।
मम्मी निकलते समय सिर्फ सरपंचजी को देख रही थी और सरपंचजी मम्मी को। पापा सरपंचजी के साथ बात कर रहे थे पर सरपंचजी का पापा की बातों पर ध्यान ही नहीं था।
वह तो सिर्फ मम्मी की ओर देख रहे थे फिर हम सरपंच जी को अलविदा कह कर निकल गए। हमारे घर आने के बाद मम्मी थोड़ा उदास रहने लगी।
लेकिन दूसरे ही दिन दोपहर को सरपंचजी का फोन आया मम्मी के फोन पर।
मैंने वह फोन उठाया और कहा ” हेलो हां कौन बोल रहा है ?”
तो सामने से सरपंचजी बोले “बेटा मैं बोल रहा हूं सरपंच अंकल”
मैंने कहा ” हां बोलिए”
वह बोले “क्या हाल है बेटा ? क्या चल रहा है ?”
मैंने कहा “कुछ नही अंकल ठीक है”
फिर वह मुझसे बोले कि “क्या हमारी याद आती है या नहीं आपको ?”
मैंने कहा “हां अंकल आपका गांव बहुत अच्छा है आपकी हवेली भी अच्छी है और आप भी अच्छे है”
फिर सरपंचजी ने मुझसे कहा कि मम्मी क्या कर रही है मम्मी को फोन दो, तो मैंने मम्मी को आवाज लगायी और कहा की मम्मी… मम्मी.. सरपंच जी का फोन आया है तो मम्मी किचन में थी बहुत खुशी से दौड़कर हॉल में आ गयी और मेरे हाथो से फोन लिया और बेडरूम में गई और बेडरूम का दरवाजा बंद कर लिया।
(मैंने कॉल रेकॉर्डिंग चालू की थी मैंने उनकी बातें बाद में सुनी)
सरपंचजी : क्या रज्जो डार्लिंग हमारी याद आती है या नहीं या भूल गयी एक दिन में।
मम्मी :सरपंचबाबू आप भूलने कहां देते हो मैं तो कल से आपके फोन का इंतजार कर रही थी।
सरपंच : अच्छा।
मम्मी : जी।
सरपंच: तुम्हारे बिना कल की रात बहुत सुनी सुनी लग रही थी। वह दो रातें मेरी जिंदगी की बहुत हसीन राते थी मेरी रज्जो।
मम्मी : हां सरपंचबाबू वो दो रातें तो मेरी भी जिंदगी की सबसे अच्छे पल है और आपने मुझे बहुत प्यार दिया सरपंचजी : अच्छा एक किस दो ना।
मम्मी : उम्म्महहा!
सरपंचजी : बहोत स्वीट है अच्छा कब आऊ मैं तुमसे मिलने अब तुझसे दूरी सह नही जाती यार।
मम्मी : मैं आपको बताऊंगी जब मनीष के पापा घर नहीं होंगे तब आप आ जाना।
फिर थोड़ी देर बाते की और फोन रख दिया सरपंचजी के साथ फोन पर बात करने के बाद मम्मी जो कल घर आने के बाद सहमी सहमी थी वह खुश नजर आ रही थी। मम्मी सरपंचजी की दीवानी हो चुकी थी ममी को अब सरपंच के लंड का चस्का लग गया था।
अब आगे क्या होता है ये जानने के लिये अगला पार्ट पढिये अगर कहानी अच्छी लगे तो like कीजिये कमेंट कीजिये और फीडबैक देने के लिये mail या hangout पर मेसेज कीजिये।
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