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कहानी का पहला भाग: बीवी को गैर मर्द से चुदाई के लिए पटा लिया-1 और मेरी फेंटसी पूरी हुई
और फिर शनिवार का वो बहुप्रतीक्षित दिन आ गया. बच्चों के स्कूल की छुट्टी के बाद उनको गाँव भेजने के बाद मैंने प्रिन्स को फोन कर आने के लिए बोल दिया. शाम को अंधेरा होने के समय वो आ गया. मैं स्टेशन जा कर उसको घर ले आया.
उसको मैंने सारी योजना पहले ही समझा दी थी. वो अपने शहर से नीता के लिए एक खूबसूरत गिफ्ट और एक डिब्बा मिठाई भी लाया था. नीता उसे देख कर खुश हो गई.
प्रिन्स एक औसत कद काठी का साधारण लड़का था किंतु बात करने में वो इतना कुशल था कि थोड़ी ही देर में हम लोगों से ऐसा घुल मिल गया कि वो कोई बाहरी व्यक्ति नहीं, बल्कि परिवार का सदस्य हो.
चाय नाश्ते के बाद हम दोनों उससे मसाज के लाभों के बारे में पूछ्ते रहे और वो बहुत अच्छे ज्ञानवर्धक जवाब देता रहा.
फिर डिनर के बाद जब मोहल्ले के लोग सोने लगे, तब हमने तैयारी की. किसी अनजान व्यक्ति का साथ पहली बार था तो मेडम मसाज लेने को रेडी नहीं हो रही थी. तो पहले प्रिन्स ने मुझे मसाज दी. मुझे सच में बहुत रिलेक्स फील हुआ. नीता पास में बैठी देखती रही.
फिर मैंने बोला- आप भी मसाज का आनंद लो. कुछ देर सोचने के बाद वो तैयार हुई और गाउन पहने हुए मसाज के लिए लेट गई.
प्रिन्स ने उसके पैरों से मसाज देना शुरू किया धीरे धीरे ऊपर की ओर आने लगा. वो पूछता जाता कि आप कंफर्टबल तो हैं ना? जहाँ कोई प्राब्लम हो तो बता दीजिएगा. नीता बोलती- हाँ अच्छा लग रहा है; कोई प्राब्लम नहीं है.
जांघों की मसाज के वक्त वो बोला- आपके कपड़ों में आयल लग जाएगा, इनको उतार दूँ क्या? वो कुछ नहीं बोली. मैंने उसके गाउन को उतार दिया. अब वो ब्रा और पैंटी में थी.
प्रिन्स नीता की मसाज कर रहा था और मैं वहीं सोफे पर बैठ कर उन दोनों का हौसला बढ़ा रहा था.
जांघों की मसाज के बाद वो ऊपर की तरफ आया और नीता के कंधों और पीठ की मसाज करने लगा तो मैं बोला- ब्रा में आयल लग जाएगा, ब्रा उतार दूं क्या? इस पर नीता बोली- नहीं, रहने दो, ब्रा नहीं उतारना.
मैंने प्रिन्स को इशारा किया कि वो अपनी फिंगर्स के हुनर से नीता को उत्तेजित करे. उसने मुझे आश्वस्त रहने का इशारा किया.
फिर वो बोला- भाभीजी आपके सामने मसाज का पूरा आनंद ना ले पाएँगी, आप दूसरे रूम में चले जाएँगे क्या? मैं बोला- ठीक है! फिर नीता और प्रिन्स को बोला- मैं बेडरूम में जा के सोता हूँ. कोई ज़रूरत हो तो मुझे बुला लेना.
और मैं बेडरूम में ना जा के स्टडी रूम में चला गया. वहाँ की खिड़की में ऑटो ग्लास था जिस से ड्राइंगरूम का सब कुछ दिखता था और ड्राइंग रूम से स्टडी रूम में कुछ भी नहीं दिखता था.
अब प्रिन्स ने खुल के नीता की हिप्स कमर और कंधों की मसाज करना चालू की. वो बात भी करता जा रहा था और बेडरूम की तरफ देख लेता था. इस बीच पीठ की साइड मसाज के बहाने उसने नीता के बूब्स को भी टच करना चालू कर दिया.
4-5 बार बूब्स टच करने के बाद उसने पूछा- भाभी जी, आप कंफर्टबल तो हो ना? अच्छा फील हो रहा है ना? नीता बोली- बहुत मस्त फील हो रहा है.
फिर प्रिन्स ने बोला- भाभी जी, ब्रा में आयल लग रहा है, ब्रा की स्ट्रिप खोल दूं क्या? तो नीता बोली- हाँ खोल दो.
और उसने ब्रा की स्ट्रिप्स खोल दी और साइड की मसाज के बहाने साइड से ही बूब्स की भी मसाज करने लगा. अब वो खुल के नीता के हिप्स जांघों और बूब्स की साइड से मसाज कर रहा था और ‘भाभी जी अच्छा तो लग रहा है ना?’ बोल रहा था.
नीता भी मसाज से उत्तेजित हो चुकी थी.
फिर पीछे की मसाज पूरी होने के बाद प्रिन्स बोला- भाभी जी, सीधे हो जाइए तो सामने की मसाज कर दूं. नीता सीधी होकर लेट गई और खुली हुई ब्रा से अपने बूब्स को ढक लिया.
सामने की तरफ भी प्रिन्स ने नीता के पैरों से मसाज शुरू की और घुटने से होते हुए जांघों पर पहुच गया. जांघों की मसाज के बहाने वो नीता की चूत को भी पैंटी के साइड से टच कर रहा था . और पूछ रहा था- भाभीजी, आप कंफर्टबल तो फील कर रही हैं ना? कैसा लग रहा है? नीता बोलती- हाँ अच्छा लग रहा है; मस्त फील हो रहा है.
अब दोनों को विश्वास हो गया था कि मैं बेडरूम में सो गया हूँ जबकि मैं स्टडी रूम की विंडो से सब कुछ देख सुन रहा था और उनको डिस्टर्ब करना मैंने ठीक नहीं समझा.
पेट की मसाज करते करते प्रिन्स ने नीता की ब्रा हटा के दूर फेंक दी. मुझे आश्चर्य हुआ कि नीता ने इस पर कुछ नहीं बोला.
फिर वो सामने से उसके पेट और कंधों की मसाज करते हुए बूब्स पर जा पहुचा और बारी बारी से उसके बड़े बड़े बूब्स की मसाज करने लगा और बोला- भाभीजी, आपकी बॉडी बहुत मस्त है. इतनी अच्छी बॉडी तो फिल्मी हिरोइनों की भी नहीं होती. मसाज आपको अच्छी तो लग रही है ना? नीता बोली- हाँ सच में … मुझे नहीं पता था कि मसाज से इतना आनंद आता है. बहुत मस्त फील हो रहा है.
मैं स्टडी की खिड़की से देख देख के बहुत उत्तेजित था और मुठ मारते हुए एक बार अपना माल गिरा चुका था.
प्रिन्स फिर नीता के नीचे की तरफ आया. वह पेट वा जांघों हाथ चला रहा था और फिर बिना कुछ बोले उसने दोनों हाथ उसकी पैंटी पर लगा दिए और उसे नीचे की तरफ खींचने लगा.
घोर आश्चर्य … कि नीता ने अपने हिप्स उठा दिए और प्रिन्स को अपनी पैंटी उतारने में हेल्प कर दी.
फिर तो प्रिन्स सीधे उसकी पूसी पर आ गया और पूसी की मसाज करने लगा और फिर एक हाथ से बारी बारी से दोनों बूब्स और निपल्स को रगड़ने लगा.
नीता और प्रिन्स दोनों बहुत उत्तेजित हो गये उनकी सिसकारियाँ निकलने लगी. उसने नीता का हाथ पकड़ के अपने अंडरवियर के अंदर डाल दिया और अपने लंड पर दबा दिया. फिर अंडरवियर उतार के नंगा हो गया. उसका लंड 7 इंच से ज़्यादा लंबा और मस्त मोटा था, जबकि मेरा 6 इंच से थोड़ा कम है.
नीता हाथ से उसका लंड पकड़ के सहला रही थी, प्रिन्स ने अपना लंड उसके मुख में डालने की कोशिश की लेकिन नीता ने ऐसा करने को मना कर दिया. प्रिन्स नीता की चूत के अंदर उंगली डालने लगा और अंदर बाहर करने लगा और बोला- भाभीजी, अब मुझसे रहा नहीं जाता. आप कैसे कन्ट्रोल किए हुए हैं? आपका कुछ करने का मन नहीं हो रहा क्या? “ओह गॉड!” नीता बोली- सब कुछ तो कर लिया; अब इसके आगे कुछ भी करने के लिए शर्मा जी की अनुमति चाहिए होगी, उनकी मर्ज़ी के बिना मैं कुछ भी नहीं कर सकती.
जब प्रिन्स को लगा कि ऐसे बात नहीं बनेगी तो उसने नीता को तौलिया ओढ़ा दिया, अंडरवियर पहना और तौलिया लपेट के बेडरूम की तरफ आया और मुझे आवाज़ दी- भैया, भाभी आपको बुला रही हैं.
मैं जल्दी से बेडरूम में गया और वहाँ से निकल के सामने आया और पूछा- कैसी रही मसाज? मज़ा आया? प्रिन्स बोला- मस्त रही … भाभी जी ने बहुत एंजाय किया और अब वो आपको बुला रही हैं.
मैं रूम में आया और नीता से पूछा- कैसा रहा, मसाज एंजाय की? नीता बोली- मस्त रही, मस्त एंजाय की. अब प्रिन्स का सेक्स करने का मन है. मैंने पूछा- और आपका भी मन है क्या? आपको प्रिन्स के नये यंग लंड से एंजाय करने का मन है क्या? वो बोली- जैसा आप बोलो. मैं बोला- अगर आपका मन है तो एंजाय कर लो. वो बोली- आप बोलो तो कर लूं.
मेरा तो सपना पूरा हो रहा था, मैंने भी बोल दिया- एंजाय कर लो; ऐसा मौका बहुत किस्मत से मिलता है. वो बोली- ठीक है, जैसी आपकी मर्ज़ी!
फिर मैंने प्रिन्स को बेड पर बैठाया और उसका हाथ नीता के बूब्स पर रख दिया. अलमारी सेकॉन्डोम निकाल के दिया और बोला- बिना कॉन्डोम के सेक्स मत करना. वो मेरे सामने झिझक रहा था तो कुछ नहीं किया.
मैंने स्थिति को समझा और बोला- आप लोग एंजाय करो, मैं बेडरूम में जाता हूँ. और मैं फिर से बेडरूम से होते हुए स्टडी रूम में आ गया.
वहाँ प्रिन्स शुरू हो चुका था पर उसका लंड अभी पूरा खड़ा नहीं हुआ था. उसने अपना लंड नीता के हाथ में दे दिया. नीता ने सहलाया तो उसका 7 इंच का लंड फिर से टनटना गया.
फिर उसने अपना लंड नीता के मुख में दे दिया तो वो मस्त हो के चूसने चाटने लगी और वो दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये. प्रिन्स नीता की चूत चाटने लगा. दोनों की सिसकारियाँ तेज हो रही थी.
फिर प्रिन्स ने नीता को सीधा लिटाया और अपने 7 इंची लंड पर कॉन्डोम चढ़ाया और नीता की चूत में रगड़ने लगा. नीता बोली- अब तड़पाओ मत प्यारे … जल्दी से अंदर डाल दो. प्रिन्स ने धक्का दिया तो नीता की आह निकल गई. धीरे धीरे उसने अपना पूरा लंड नीता की चूत में अंदर डाल दिया और चुदाई करने लगा.
नीता तुरंत झड़ गई. प्रिन्स के धक्के तेज हो गये, नीता जल्दी जल्दी 3-4 बार झड़ती चली गई पर प्रिन्स का नहीं हो रहा था. गजब का स्टॅमिना था उस वंडर बॉय में. आख़िरकार नीता बुरी तरह थक गई और बोली- बस अब मुझसे और नहीं किया जाएगा. और प्रिन्स को लंड बाहर करने को बोलने लगी.
प्रिन्स का नहीं हुआ था पर उसको लंड बाहर निकलना पड़ा और नीता ने अपने हाथ से मुठ मार के उसका माल निकाल दिया. प्रिन्स बाथरूम चला गया.
फिर नीता ने मुझे बुलाया. प्रिन्स के आने के बाद वो भी बाथरूम गई. फिर वो गरमागरम दूध लाई. हम तीनों ने एक एक ग्लास दूध पिया.
मैंने प्रिन्स को वही सोने की व्यवस्था की और हम दोनों बेडरूम आके सोने लगे. नींद तो आनी नहीं थी. मैंने नीता को स्टोरी बताने को बोला तो बोली- ज़्यादा कुछ याद नहीं है. आज मस्त मसाज और चुदाई हुई है बस.
फिर बात करते और चिपकते हुए हम सोने की कोशिश करने लगे पर नींद कोसों दूर थी. तो मैं बोला- सुबह प्रिन्स चला जाएगा; अभी टाइम है; चाहो तो एक बार और मज़ा ले लो.
वो बोली- मज़ा तो बहुत आया. पर अब मेरा बिना कॉन्डोम के यंग लंड का मज़ा लेने का मन है. उसके माल की पिचकारी अपनी चूत में अंदर फील करने का मन है. मैं बोला- ठीक है, जैसा आप चाहो. “तो चलें ड्रॉयिंग रूम में प्रिन्स के पास?” वो बोली- अगर वो सो गया हो तो उसको डिस्टर्ब नहीं करेंगे. और अगर जाग रहा हो तो एंजाय कर लेंगे.
तो मैं ड्रॉयिंग रूम गया और प्रिन्स को धीरे से आवाज़ दी- प्रिन्स, सो गये क्या? वो बोला- नहीं भैया, नींद नहीं आ रही. मैंने पूछा- और एक बार एंजाय करने का मन है क्या? वो बोला- अगर आपका और भाभी जी का मन हो तो बिल्कुल! मैंने बोला- हाँ हमारा तो मन है. आप रेडी हो? वो बोला- जी भैया.
तो फिर मैंने नीता को बुलाया और हम दोनों भी प्रिन्स के साथ बेड में लेट गये. एक साइड प्रिन्स था बीच में नीता और एक साइड मैं था.
मैंने और प्रिन्स ने धीरे धीरे नीता को सहलाना किस करना चालू किया तो माहौल पूरी तरह से हॉट हो गया. जल्दी ही हम तीनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार के नंगा कर दिया.
मैं नीता का एक बूब दबा और चूस रहा था तो प्रिन्स दूसरा बूब मस्ती के साथ दबा दबा के चूस रहा था.
फिर मैंने अपना लंड नीता के मुंह में दे दिया; वो मस्ती के साथ मेरा लंड चूसने लगी. तो प्रिन्स उसकी पूसी को चाटने लगा.
फिर नीता प्रिन्स का 7 इंची लंड चूसने लगी तो मैं उसकी पुसी को चाटने और जीभ से चोदने लगा.
फिर उससे सहन नहीं हुआ तो बोली- अब मत तड़पाओ, डाल भी दो! तो मैंने अपना 6 इंची मोटा गोल टोपी वाला लंड एक ही झटके में नीता की चूत में अंदर डाल दिया, वो मस्ती से तड़पने चीखने लगी और वहशी तरीके से प्रिन्स का लंड और गोलियाँ चूसने चाटने लगी.
फिर कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने अपना लंड चूत से निकाला तो प्रिन्स ने अपना 7 इंची नॉकदार टोपे वाला लंड नीता की रसीली चूत में डाल दिया और मस्ती के साथ चोदने लगा. नीता मेरा लंड चाटने चूसने लगी.
इस तरह की घमासान चुदाई के बाद प्रिन्स थकने लगा तो वो रुक गया और सीधा लेट गया. नीता ऊपर से उसके लंड में अपनी चूत सेट करके बैठ गई और जोरदार चुदाई करने लगी. इस बीच नीता 6-7 बार झड़ चुकी थी पर मेरा और प्रिन्स का नहीं हुआ था.
जब नीता धक्के मार मार के थक गई तो हमने उसको डॉगी पोज़िशन में किया. प्रिन्स ने पीछे से उसकी चूत में अपना मस्त लंड डाल के घमासान चुदाई चालू कर दी. मैं सामने से उसको अपने लंड से उसका मुख चोदने लगा.
15-20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद प्रिन्स बोला- भाभी मेरा होने वाला है, कहाँ गिराऊँ? नीता बोली- अंदर ही गिरा दो!
8-10 जबरदस्त धक्कों के साथ प्रिन्स ने अपने माल नीता की चूत में गिरा दिया. नीता उम्म्ह… अहह… हय… याह… करके उसके माल की पिचकारियाँ महसूस करती रही और मैंने भी अपना माल निकाल दिया.
हम तीनों बहुत थक चुके थे. लगभग आधा घंटा हम लोग बेसुध पड़े रहे. फिर होश आया तो सुबह के 4:30 हो चुके थे. हम तीनों बाथरूम गये.
फ्रेश होने के बाद नीता ने हम सबको चाय बना के दी.
चाय पीने के बाद मैं प्रिन्स को स्टेशन छोड़ आया. अगली बार जल्दी ही आने का वादा कर वो अपने घर चला गया. इसके बाद तो हमारा जीवन नये उत्साह उमंग से भर गया और हमने बहुत एंजाय किया.
आपको मेरी सच्ची दास्तान कैसी लगी अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत अवश्य कराइयेगा. आपका दोस्त शुभ शर्मा [email protected]
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