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दोस्तो, मेरा नाम मिंटू है. यह कहानी मेरे और मेरी गर्लफ्रेंड के बीच की है. मेरी गर्लफ्रेंड का नाम नैना है. ये नाम गोपनीयता के चलते मैंने बदल दिया है.
मैं इंदौर का रहने वाला हूँ. मैंने एक प्राइवेट कॉलेज से इंजीनियरिंग की है. अभी मैं एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करता हूँ. मेरा शरीर एकदम स्वस्थ और हृष्ट पुष्ट है. मेरे लंड का साइज भी औसत से कुछ ज्यादा ही है. मैंने इसको खड़ी अवस्था में नापा हुआ है और ये साढ़े सात इंच का है. मैं किसी भी यौवना की योनि को सम्भोग करके तृप्त कर सकता हूँ.
मेरी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद मुझे कहीं भी नौकरी नहीं मिली … तो मैं घर चला गया. वहां पर मैं सरकारी नौकरी की तैयारी करने लगा. मैंने एक अच्छी सी कोचिंग क्लास ज्वाइन कर ली. नैना ने भी वहीं ज्वाइन किया था. वो भी क्लास में नई थी और मैं भी नया था.
शुरू शुरू में हम दोनों बात नहीं करते थे. लेकिन जब मैं रोज क्लास में जाने लगा, तो मेरी नजर सभी पर दौड़ने लगी. नैना मुझे पहली नजर में ही भा गई थी. मैं बहाने से रोज उसको चोर नजरों से देखता रहता था. कई बार मेरी उससे नजरें भी मिल जाती थीं, तो मैं अपनी नजर हटा लेता था. ये बात कई बार वो नोटिस कर चुकी थी.
मेरी रीजनिंग और मैथ्स बहुत अच्छा था, तो धीरे धीरे मैंने क्लास टीचर का और सभी लोगों का दिल जीत लिया. इस बात से नैना का दिल मुझ पर आ गया.
एक दिन में रोज की तरह क्लास में प्रैक्टिस वर्क कर रहा था, तभी वो भी आ गयी. हमारे बीच में बातचीत शुरू हो गई. सामान्य परिचय के बाद हम दोनों में दोस्ती हो गयी. फिर मैंने और उसने व्हाट्सैप नंबर शेयर कर लिए. अब हम दोनों में रोज चैट पर बात होने लगी. मुझे कुछ दिनों की चैट से ऐसा लगा कि वो मुझ में कुछ ज्यादा इंटरेस्ट ले रही है.
मैं रोज क्लास जल्दी जाता, तो वो भी क्लास जल्दी आ जाती थी. हम दोनों क्लास शुरू होने से पहले एक दूसरे से खूब बात करने लगे थे.
इसी बीच एक और लड़की, जो कि कोचिंग के कैश काउंटर पर बैठती थी, उसका नाम श्यामली था. वो मुझे बहुत घूरती रहती थी. मुझे और नैना को साथ देख कर वो बहुत जलती रहती थी. उसके मन में क्या था, ये तो नहीं पता, पर हम दोनों के बीच में वो बहुत टांग अड़ाती थी.
नैना ने भी इंजीनियरिंग की थी तो हम दोनों बराबरी वाले थे, दोनों में खूब कॉम्पिटिशन होता था.
एक बार क्लास के एक बन्दे का गवर्मेंट एग्जाम में पास होने पर हमारे टीचर ने एक बहुत अच्छे होटल में रात को डिनर की पार्टी दी, वो होटल शहर से थोड़ा बाहर था. नैना अपनी स्कूटी से आयी थी. लेकिन डिनर करने के बाद घर जाने के टाइम उसकी गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई. उसने मुझसे मदद मांगी, तो मैंने भी बहुत प्रयास किया, लेकिन गाड़ी नहीं चालू हुई.
फिर मैंने उससे कहा कि गाड़ी यहीं होटल की पार्किंग में छोड़ दो और मेरे साथ चलो, मैं तुमको घर छोड़ देता हूँ.
दोस्तो, कह नहीं सकता क्या मौसम बनने लगा था. पर रात के वक्त एक जवान लड़की का साथ पा कर मुझे हल्का सा सुरूर चढ़ने लगा. मेरी बाइक पर वो मेरे पीछे बिल्कुल चिपक कर बैठी हुई थी.
फिर उसने एक सुनसान जगह पर बाइक रोकने को कहा. मैंने गाड़ी रोक दी और पूछा- क्या हुआ? वो बोली- मुझे घर जल्दी नहीं जाना, कुछ देर और यहां रुकते हैं. मुझे समझ नहीं आया कि इसके मन में क्या है. उसने बोला- मिंटू मौसम कितना अच्छा है. मैंने कहा- हां है तो.
उसने कहा- तुम्हारी कोई जीएफ़ है क्या? मैंने कहा- होती तो क्या तुम साथ मेरे होती? उसने एकदम से मुझे ‘आई लव यू …’ बोला. मैंने उसको बड़े प्यार से देखा, तो वो फिर वो बोली- डू यू लव मी? मैंने उसके हाथ को चूमते हुए उससे कहा- यस आई लव यू टू.
वो ये सुनते ही मेरे गले लग गयी. मैंने उसको अपनी पूरी ताकत से हग किया. तो उसने भी मेरा साथ दिया.
उसका शरीर क्या बताऊं, बॉलीवुड की कृति सेनन जैसा दिखता था. मस्त भरे पूरे शरीर से वो एक अल्हड़ कमसिन आइटम लग रही थी. मैंने उसको गले लगा कर जो दबाया, तो मजा आ गया. मैं उस पल का आनन्द वो बयान ही नहीं कर सकता.
फिर मैंने उसको धीरे से किस किया, तो वो भी मेरा साथ देने लगी. इधर मेरी जींस में मेरा लंड तना जा रहा था. जो उसे भी अपने पेट पर महसूस हो रहा था.
मैंने अपना एक हाथ उसकी ब्रा में डाल दिया. आह क्या सॉफ्ट सॉफ्ट चूचे थे. मुझे तो मज़ा आ गया. फिर उसने बोला- ये सब कुछ सड़क पर ही करोगे क्या?
मैं अपने आपको संभालते हुए वहीं रुक गया. उसको इस वक्त उसके घर छोड़ना ही मुनासिब लग रहा था. मैंने उसको उसको घर छोड़ दिया. मैं भी घर आ गया.
उस रात मेरी उससे दो बजे रात तक व्हाट्सैप सेक्स चैट होती रही. मैंने फोन सेक्स से उसका पानी भी निकाला और मेरे लंड को मुठ मार कर ठंडा किया. फिर मैं सो गया.
अगले दिन हम कोचिंग में जल्दी मिले. मैं फिर से शुरू हो गया, लेकिन श्यामली ने देख लिया था, तो हमने खुद पर कण्ट्रोल कर लिया.
उसके दो दिन बाद नैना का कॉल आया- आज मेरे घर कोई नहीं है, तुम मेरे घर आ जाओ. मेरी तो मानो लॉटरी लग गयी.
मैं उसके घर गया, अन्दर जाते ही दरवाजा लगा कर मैं उसको किस करने लगा. कुछ ही देर में मैंने उसकी टी-शर्ट और लोअर को उतार दिया. उस दिन वो पर्पल ब्रा और पेंटी में थी. मैंने भी जींस टी-शर्ट निकाल दी. इसके बाद उसकी ब्रा निकाल कर उसके मम्मों को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया. वो गर्म गर्म सिसकारियां ले रही थी.
पांच मिनट तक उसके मम्मों को सहलाने के बाद मैंने उसकी पेंटी को निकाल दिया और उसकी चुत के दीदार किये. उसकी चुत एकदम चिकनी थी. एक भी बाल नहीं था. ऐसे लगा कि जैसे आज ही उसने चूत की सफाई की हो.
मैं एक पल की भी देर न करते हुए, उसकी चुत पर किस करने लगा. उसकी चुत से मादक कौमार्य रस की खुशबू आ रही थी. मैं थोड़ी देर उसकी चुत चाटता रहा. कुछ पलों बाद ही उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया.
अब मैंने उसको लंड चूसने का बोला, तो उसने पहले तो मना कर दिया लेकिन मेरे जोर देने पर वो मान गयी और धीरे धीरे लंड को सहला कर किस करने लगी. फिर वो पूरे लंड को अच्छे से चूसने लगी.
कुछ ही देर में मेरा लंड कुछ ज्यादा ही टाइट हो गया. मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और उसकी चुत में मेरा लंड डालने लगा.
एक दो बार कोशिश की लेकिन लंड फिसल जाता रहा. उसका भी पहली बार था. मैंने कमर पकड़ कर लंड को फिर से चुत पर सैट करके एक झटका दिया.
इस बार मेरा लंड उसकी कुंवारी चुत को चीरता हुआ आधा अन्दर चला गया. उसकी दर्द से भरी चीख निकली … लेकिन मेरा मुँह उसके मुँह से लगा होने के कारण उसकी आवाज दबी रह गयी.
थोड़ी देर बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए. अब उसे भी मजा आने लगा. वो बस ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करके मजे लेने में लगी थी. मैं पूरी स्पीड से उसकी चुदाई करे जा रहा था.
तभी वो कुछ गर्म ज्यादा हो गई और बोली- आह … और तेज़ तेज़ करो … फाड़ दो मेरी चुत को … यस यस औह यस..
मैं भी लगातार चुदाई किए जा रहा था. इस तरह करीब आधे घंटे उसकी चुदाई की. इस दौरान वो 2 बार झड़ी.
इसके बाद मैंने उसको घोड़ी बना कर चोदा. मैं अपना लंड उसकी चुत में पीछे से डाल कर उसकी ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा. जब-जब मेरा पूरा लंड उसकी चुत में जाता, उसकी चुत के अन्दर गर्भाशय में अन्दर तक टकराता, तो उसकी आवाज ‘आह हूँ … मममम ओह मिंटू फक मी फ़ास्ट आह अह … इस्सस हुम्म्म … निकल जाती.
जब हम दोनों एक साथ झड़ने को हुए, तो उसने बोला- मैं भी आ रही हूँ … मेरा भी होने वाला है. मैंने भी बोला- आज मेरी जान … मैं भी आ रहा हूँ … बोल कहां माल छोड़ूँ? वो बोली- मेरा पहली बार है … तुम अन्दर ही छोड़ दो.
मैंने मेरे लंड का गर्म लावा उसकी चुत में भर दिया.
झड़ने के बाद हम दोनों ऐसे नंगे ही पड़े हुए थे. वो उठ कर बाथरूम जाने लगी, तो उससे चला नहीं जा रहा था. वो लंगड़ा रही थी. मैंने उसको सहारा दिया. हम दोनों एक साथ बाथरूम में गए. उधर फव्वारे के नीचे हम दोनों ने फिर से एक राउंड खेला.
कोई 3 घंटे बाद मैं अपने घर आ गया. इसके बाद जब भी हम दोनों का मन होता है, हम दोनों जगह तलाश करके खूब चुदाई कर लेते.
दोस्तो, यह थी मेरी रियल सेक्स स्टोरी, जो मेरे साथ घटी थी. अब नैना की शादी हो गयी है और मुझे इंदौर में जॉब मिल गयी है. यहां मैं फ्लैट लेकर अकेला रहता हूँ.
कहानी कैसी लगी जरूर बताइएगा. मुझे आपके मेल और कमेंट्स का इंतज़ार रहेगा. मेरी मेल आईडी है [email protected]
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