चुदासी किरायेदार लड़की की चुदाई कहानी

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दोस्तो … अब तो आप लोग मुझे जानते ही हो.

मेरी पिछली कहानी थी बस में मिली अनजान लड़की का जवान जिस्म

आज फिर मैं अपनी एक और कहानी लेकर आप लोगों के बीच आया हूँ. ये कहानी मेरी और मेरी किरायेदार लड़की की है.

बात तब की है, जब मैं किसी कंपनी में जॉब कर रहा था और छुट्टी लेकर घर गया हुआ था. हुआ कुछ ऐसा था कि मेरे घर पर दो लड़कियां किराये पर रह रही थीं. मुझे ये बात घर पे जाने के बाद पता चली, क्योंकि पापा ने कुछ दिन पहले ही कमरा किराये पे दिया था.

मैं शाम को घर पहुंचा, तो घर के आंगन में ही दोनों लड़कियां बैठी थीं और मम्मी से बातें कर रही थीं. मैंने मम्मी के पैर छुए और इशारे से पूछा कि ये दोनों कौन हैं. मम्मी ने बताया कि ये दोनों नई किरायेदार हैं. मैंने उनको हैलो बोला और घर के अन्दर आ गया.

मैं अन्दर आकर यही सोच रहा था कि क्या मस्त लड़कियां है, पट जाएं तो मजा आ जाए. लेकिन उस वक्त मैंने खुद को संभाला और मम्मी ने खाना बना दिया था, तो हाथ मुँह धोकर खाना खाने बैठ गया. परिवार के साथ बड़े दिनों बाद अच्छा लगा. पर रात को फिर उन लड़कियों की याद आने लगी. रात को मैं सोचने लगा कि कैसे भी करके इनमें से एक को तो पटाना ही है.

अगले दिन सुबह मैं ब्रश करते करते बाहर गया … तो उन दोनों में से एक लड़की दिखी … पर मैं उससे कुछ नहीं बोला. मैं बस उसको देख रहा था. उसकी मदमस्त जवानी देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा. वो टी-शर्ट और ढीले ढाले पजामे में बड़ी मस्त लग रही थी. मेरा दिल किया कि बस अभी जाकर इसे पकड़ लूँ. वो भी मेरी नजरों को भांप गयी थी कि मैं उसे किस नजर से देख रहा हूँ. मैंने अपने अरमानों को किसी तरह रोका.

मैं ब्रश करके अन्दर आ गया. मेरे पापा जॉब करते हैं, इसलिए वे तैयार होकर अपनी जॉब के लिए निकल गए. मेरी मम्मी भी पापा के जाते ही किसी काम से बाजार चली गईं. मतलब अब घर में मैं अकेला रह गया था.

हम लोग सगे भाई बहन तो थे नहीं … इसलिए मेरा मूड बन गया. बस फिर क्या था, मैं बाहर गया और उनके रूम की तरफ झांकने लगा.

मेरा घर कुछ इस तरह का बना हुआ है कि गेट के बाहर निकल कर आंगन है. फिर आंगन के दायीं तरफ से छत पे जाने के लिए सीढ़ियां हैं. सीढ़ियों से पहले एक कमरा है … जहां वो दोनों रहती हैं.

मैं गेट से निकल कर उनके गेट के पास जिधर सीढ़ियां थीं, वहां बैठ गया और फ़ोन चलाने लगा.

तभी उन दोनों में से एक लड़की घर से बाहर चली गयी. मैं उसे जाते देख कर खुश हो गया कि अब मैं एक पर निशाना बड़ी आसानी से साध सकता हूँ.

कुछ देर बाद दूसरी वाली बाहर आई, तो उसके बाल भीगे हुए थे. शायद वो नहा कर आयी थी. वे जिस कमरे रहती थीं, उस रूम में बाथरूम अन्दर ही बना है.

उसको इस हालत में देख कर मेरी हालत बिगड़ रही थी. पर मैंने खुद को संभाल कर लड़की को हाय बोला. उसने भी जवाब में हैलो कहा. मैंने उसका नाम पूछा, तो उसने उसका नाम सपना बताया. मैंने भी अपना परिचय दिया. मैंने पूछा कि यहां क्या करती हो? उसने बताया कि हम दोनों जॉब करती हैं.

जैसा उससे बात हुई उसके अनुसार आज चूंकि सपना की तबियत खराब थी, इसलिए वो घर पर ही थी.

सपना से मेरी बातों का सिलसिला शुरू हो गया. मुझे भी तो यही चाहिए था. उसकी तबियत के बारे पूछने से बातचीत शुरू हुई. इस सबके बहाने से मुझे उससे बात करने के लिए दो तीन घंटे मिल गए. उसने और मैंने बहुत सारी बातें की. मैंने बीच बीच में उससे फ़्लर्ट भी किया. वो भी समझ गयी थी कि मैं ज्यादा चिपक रहा हूँ, पर मुझे कुछ नहीं कह पाई.

कुछ देर बाद मम्मी वापस आ गईं.

दिन भर आराम करने के अलावा मेरे पास कोई काम नहीं था. शाम हुई, तो मैं छत पे ठहलने आ गया. थोड़ी देर बाद सपना भी ऊपर आ गयी. हमारी बातें फिर शुरू हो गईं. अबकी बार वो भी मेरे साथ थोड़ा फ़्लर्ट कर रही थी. वो मुझे दो अर्थ वाले जवाब भी दे रही थी. मैं समझ गया कि वो भी कुछ तो चाहती है. इस तरह एक दिन और निकल गया.

फिर अगले दिन मम्मी घर पर ही थीं. मम्मी को ये पसंद नहीं था कि मैं उस लड़की से जा कर बात करूं, इसलिए मैं सपना से बात नहीं कर सकता था. लेकिन मैंने दिमाग लगाया और सुबह उसके जॉब जाने से पहले मैं बाहर गया और सपना को इशारा करके उसे छत पे आने को कहा. वो थोड़ी देर बाद ऊपर आ गयी.

मैंने उससे उसका नंबर लिया. उसने भी मुझे नम्बर देने से मना नहीं किया. बस समस्या का समाधान हो गया. अब मैं उससे फ़ोन पर तो बात कर ही सकता था. माँ को भी पता नहीं चला और काम भी हो गया.

मैंने उससे फ़ोन पे बात करना शुरू की. मैंने ज्यादा देर न करते हुए उससे बातों बातों में उसके ब्वॉयफ्रेंड के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि उसका ब्वॉय फ्रेंड है. मैंने पूछा कि वो कभी मिलने आता है? सपना ने बताया कि मुझे आपके पापा मम्मी से डर लगता है, इसलिए मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड को रूम पे नहीं बुला सकती हूँ. मैंने कहा- अगर तुम मेरे से बात करोगी, तो तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड नाराज हो जाएगा? सपना बोली कि उसको इस बात का पता ही नहीं चलेगा.

उसकी इस बात से मुझे पक्का यकीन हो गया कि लौंडिया चुदने को मचल रही है.

हम दोनों शाम को छत पे मिले.

शाम को माँ ने मुझे बताया- कल से नानी बीमार हैं … इसलिए मुझे मामा के घर जाना है. मैं मम्मी की बात सुनकर मन ही मन खुश हो गया. दिन में तो पापा भी जॉब पर चले जाते हैं, किसी का कोई डर ही नहीं रह गया था.

रात को ही मैंने सपना से फोन पर बात की और उससे कहा- कल तुम जॉब पे मत जाना, मुझे तुमसे कुछ काम है. उसने हंस कर पूछा कि मुझसे क्या काम है? मैंने उसे कुछ नहीं बताया, बस इतना कहा कि कल रुक जाना. वो भी थोड़ी देर पूछने के बाद मान गयी.

मेरे तीन दिन की छुट्टी थीं और अगली शाम को मुझे निकलना था. इसलिए अगले दिन ही सपना को चोदना चाहता था.

अगले दिन सुबह मम्मी के निकलने के बाद उसकी फ्रेंड जॉब पे चली गयी. वो आज ऑफिस नहीं गयी थी.

जैसे ही उसकी फ्रेंड निकली, मैं सीधा उसके रूम में चला गया. मैंने उसके कमरे में जाते ही सीधे सपना को गले से लगा लिया. वो कुछ समझ नहीं पायी, तो मुझे धक्का देने लगी. मैंने उसको छोड़ दिया.

उसने मुझसे पूछा- आज मुझे घर रहने को क्यों कहा? मैंने उत्साह में उससे कहा- क्योंकि ‘आई लव यू …’ और मैं आज तुमसे प्यार करना चाहता हूँ.

उसकी आंखें चमकने लगीं. उसे खुद नहीं मालूम था कि मैं इतनी जल्दी उसके मन की बात करने लगूंगा. उसने हंस कर मेरी बात पर अपनी सहमति जता दी.

अब मैंने उसको पकड़ लिया. इस बार उसने मुझे नहीं रोका और खुद ही मुझे गले से लगा लिया. बस फिर क्या था. शुरू हो गयी रोमी और सपना की रासलीला.

मैंने उसे गाल पे किस किया, फिर उसकी खूबसूरत गर्दन पे किस किया. वो भी समझ गयी थी कि शायद उसकी प्यास बुझने की घड़ी आ गयी है. वो मेरा कोई विरोध नहीं कर रही थी.

मैंने उसको उसके बिस्तर पे बिठाया और फिर उसका हाथ अपने हाथों में ले के किस किया. मैंने उसकी तरफ वासना से देखा. वो भी मुझे ऐसे देख रही थी मानो कह रही हो कि बस यही इच्छा थी तुम्हारी? तो पूरी कर लो अब. अगले ही पल उसने मुझे गले लगा लिया.

मैंने कहा- रुको दरवाजा खुला है. मैंने झट से जाकर दरवाजा बंद किया और उसकी तरफ आगे बढ़ा.

आप तो जानते ही हैं कि मुझे किसी लड़की के साथ जबरदस्ती करना पसंद नहीं है. लेकिन अभी जो हो रहा था, वो हम दोनों की मर्जी से हो रहा था.

मैं दरवाजा बंद करके उसके पास गया और प्यार से उसके बालों को उसके कानों के पीछे करते हुए उससे प्यार जताया. फिर उसकी आंखों में झांकते हुए आगे बढ़ा. उसने भी मेरी तरफ चुदास से देखा. मैंने उसके कोमल होंठों को चूम लिया. मैं उसे पूरी शिद्दत से किस करने लगा. वो भी मुझे चूमने लगी.

थोड़ी ही देर में हम दोनों किस करते करते गरम हो गए. मेरे लंड महाराज खड़े हो गए. मैंने सपना को अपनी तरफ खींचा. तो वो मेरे सीने से चिपक गई. उसने मुझे बड़ी जोरों से चिपका लिया था. वो भी चुदाई के लिए मानो तड़फ रही थी. हम दोनों इतनी जोर से एक दूसरे को जकड़े हुए थे कि हमारे बीच हवा भी नहीं निकल सकती थी.

हम दोनों ने अपनी अपनी आंखें बंद कर ली थीं … और एक दूसरे के जिस्म की गर्मी को महसूस करने लगे थे.

कुछ पल बाद हम दोनों किस करते हुए पलंग पर लेट गए. मैंने उसकी एक जांघ को पकड़ा और अपनी कमर के ऊपर ले लिया. फिर उसे कसके पकड़ कर ऊपर से ही उसकी चुत को धक्के मारने लगा. उसको मेरे कड़क लंड का अहसास हो रहा था. वो बहुत प्यारी और बड़ी कामुक लग रही थी.

थोड़ी देर के लिए मैं रुक गया. मैं बताना भूल गया कि उसने उस दिन नीली रंग की लैगी और लाल टी-शर्ट पहनी थी. उसने आंखें खोली और मुझे देखने लगी. वो बोली- क्या हुआ … रुक क्यों गए? मैंने ना में सिर हिलाया और अपनी तरफ खींच के उससे फिर से प्यार से किस करने लगा.

मैं उसकी लैगी को धीरे से नीचे खिसकाने लगा. उसने भी अपनी चुदास के चलते मेरी मदद की और खुद ही अपनी लैगी और टी-शर्ट को उतार दिया.

मैंने भी अपना पजामा और टी-शर्ट आदि सब उतार दिए. अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में रह गयी थी. हम दोनों ने फिर से किस करना चालू किया.

अब मैंने उसकी ब्रा के हुक खोले और ब्रा से उसके मम्मे आजाद कर दिए. बड़े ही टाईट और मस्त चूचे थे.

अब मैंने उसको सीधा लेटाया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया. पूरी शिद्दत से मैंने उसके एक मम्मे को चूसना चालू किया और दूसरे हाथ से दूसरा मम्मा दबाना चालू कर दिया.

वो ‘आह उन्ह … आह उफ्फ … हाय …’ की कामुक आवाजें निकालने लगी. मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था. मैं उसके पेट पर किस करते करते उसकी चूत पर चुम्मियां करने लगा. उसने मुझे रोकने की कोशिश की … लेकिन मेरे सामने वो हार मान गयी. मैंने उसकी गीली पैंटी को थोड़ा सा हटाया और उसकी चूत को चाटने लगा. वाह क्या नमकीन चूत थी उसकी ‘उफ्फ …’ सपना की सांस तेज चल रही थी. ऐसे लग रहा था, जैसे बॉलीवुड में हाशमी और मल्लिका का सीन चल रहा हो.

बहुत देर तक मैंने सपना की चूत के मजे लिए और उसको भी दिए. इसके बाद मैं सपना चेहरे की तरफ बढ़ा और अपना लंड सपना के होंठों पर रख दिया.

सपना ने भी मेरा लंड मुँह में लेने से इंकार नहीं किया. वो झट से मेरा लंड चूसने लगी. आह … लंड चुसाई का क्या गर्म अहसास था … इसके सामने तो मानो चूत की चुदाई भी फीकी पड़ जाए. मुझे बहुत मजा आ रहा था.

थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड सपना के मुँह से निकाला और उसके पास में चिपक कर लेट गया. मैंने सपना को अपनी ओर खींचा. सपना की पैंटी को थोड़ा साइड में किया और अपना कड़क लंड उसकी चूत पर सैट कर दिया. उसने मेरी तरफ वासना से देखा, तो मैंने जोर से धक्का दे दिया.

लंड घुसते ही सपना जोर से चिल्ला पड़ी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं मर गई.

मेरा लंड सपना की चूत में घुसता चला गया. सपना ने कसके मुझे पकड़ लिया और मेरे कानों के पास होकर बोली- रोमी आह मजा आ रहा है … प्लीज़ और जोर से करो ना. बस फिर क्या था. मैंने भी अपना दम दिखाया और सपना की चूत को जोर जोर से चोदने लगा. सपना भी अपनी कमर हिला हिला के चुदने लगी.

बहुत देर तक चूत चोदने के बाद मैंने उसको सीधा लिटा दिया. मैं खुद सपना की चूत का पूरा मजा लेने की पोजीशन में हो गया गया. मैंने उसकी एक जांघ उठाई और अपने कंधे पर रख ली. फिर लंड सपना की चूत में पूरा पेल दिया.

सपना भी ‘उफ्फ आह ओह …’ कर करके लंड का मजा लेने लगी. फिर मैंने उसके पैर को कंधे से नीचे सरकाया और एक हाथ से जांघ को पकड़ कर उसके होंठों को किस करते हुए धक्के मारने लगा. सपना को भी चुदने में बहुत मजा आ रहा था. मैं उसके मम्मे को चूसते हुए चोदने लगा.

इसी तरह से सपना को बहुत देर तक चोदने के बाद मैं नीचे लेट गया और सपना को ऊपर आने को कहा. सपना भी देर न करते हुए जल्दी से मेरे ऊपर आ गयी. उसने खुद अपने हाथों से मेरा मोटा लंड अपनी रसीली चुत पे सैट किया और मेरे लंड के ऊपर चढ़ गयी.

अब सपना कमर हिला हिला कर चुदने लगी और कामुक आवाजें निकालने लगी. वो अपनी गांड को घुमाते हुए लंड का मजा ले रही थी. साथ ही वो मेरे होंठों पे किस करने लगी.

हाय सपना मुझे बहुत मजे दे रही थी. बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मेरा काम होने वाला था. मैंने सपना को फिर से सीधा लेटा दिया और उसके ऊपर आ कर उसकी चूत में लंड के जोर जोर से धक्के मारने लगा. सपना भी अकड़कर टाईट होने लगी थी. तभी मैंने अपना लंड बाहर खींचा और सारा वीर्य उसकी नाभि पर निकाल दिया.

चुदाई के बाद मैं सपना की साइड में लेट गया. थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे.

थोड़ी देर बाद सपना ने मेरी साइड में पड़ा मुझसे उसका दुपट्टा माँगा. मैंने उसको दे दिया. सपना ने मेरे वीर्य को अपने दुपट्टे से साफ किया.

फिर उसने मेरे करीब आकर एक किस की … मैंने भी किस किया.

सपना ने थोड़ी देर बाद कपड़े पहन लिए और कहा- एक बात कहूँ? मैंने कहा- हां बोलो. वो बोली- मुझे पता था कि तुमने मुझे क्यों रोका था आज. मैंने कहा- कैसे? उसने कहा कि तुम्हारी आंखों ने पहले दिन ही सब बता दिया था. मैं भी बाहर से ब्वॉयफ्रेंड को बुलाने से डर रही थी. इसलिए सोचा कि तुम भी कुछ चाहते थे मुझसे और मुझे भी रूम पे आने वाला ब्वॉयफ्रेंड चाहिए था. तो क्यों न तुम्हें मौका दे दूँ. मैंने भी उसे गले से लगा कर कहा- ओह मेरी जान आई लव यू.

शाम तक मैं उसी के साथ रहा और बाद मैं मैं घर से निकल कर काम पर वापस आ गया.

इस तरह मैंने अपनी किरायेदार लड़की सपना की चुदाई की.

आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताना. [email protected]

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