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मेरे प्यारे पाठको, मैं सविता सिंह फिर से आपके लिए एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आयी हूँ. आपने मेरी पिछली तीन सेक्स स्टोरीज साठा पे पाठा मेरे चाचा ससुर शादी में चूत चुदवा कर आई मैं शादी का मंडप और चुदाई
को बहुत प्यार दिया, उसके लिए आपका धन्यवाद. हालांकि अभी जो स्टोरी लिख रही हूँ, ये स्टोरी मेरी नहीं हैं, बल्कि मेरे एक पाठक की है, जिसका नाम उस्मान है.
आगे की स्टोरी उस्मान की जुबान से सुनिए और मुझे बताइएगा.
दोस्तो, मेरा नाम उस्मान है और मेरी उम्र 19 साल है. मैं लखनऊ (शहर का नाम भी बदला हुआ है) में रहता हूँ. वैसे ये कहानी मेरी अम्मी बारे में है, इस कहानी में मैंने अपनी अम्मी के अकेलेपन का इलाज ढूंढा है.
मेरी अम्मी का नाम फ़ातिमा है. वो 40 साल की हैं. मेरी अम्मी देखने में बहुत खूबसूरत हैं. दूध की तरह गोरी हैं. मेरे अब्बू सऊदी में जॉब करते हैं. वैसे तो वो साल में एक बार आते हैं, मगर पैसे हर महीने भेज देते हैं. वैसे वहां उन्होंने एक शादी और कर रखी है.
अब्बू के बिना अम्मी अकेलापन महसूस करती हैं. अम्मी रात को नंगी ही सोती हैं और अपनी चुत में एक नकली लंड डालती हैं. अम्मी को ये लंड उनकी बेस्ट फ्रेंड सुजाता ने दिया. वो सुजाता से सारी बातें शेयर करती हैं. अम्मी को अब्बू के लंड की कमी महसूस होती होगी, ये बात मैं समझ सकता था.
वैसे तो मैंने भी अपनी दो गर्लफ्रेंड और तीन आंटियों की चुदाई की है. मैं इस बात का श्रेय अपने पड़ोसी परवेज अंकल को देता हूँ. वो तलाकशुदा हैं और उनका प्रॉपर्टी का काम है.
जिन जिन आंटियों की चुदाई मैंने की है, वो भी उनके साथ ही की हैं. अंकल सेक्स में बहुत माहिर हैं. उनका लंड 7 इंच का है और काफी मोटा है. उनके लंड को मैंने अपने सामने ही उनको चुदाई करते वक्त देखा है. उनके साथ मैंने एक ही बिस्तर पर आंटियों को चोदा भी है. अंकल से मेरी बहुत बनती है.
आज तक अंकल ने मेरी अम्मी को बुरी नजर से नहीं देखा. मगर मैं अपनी अम्मी के अकेलेपन दूर करना चाहता था. मैंने सोचा अंकल उनके लिए बेस्ट रहेंगे.
अंकल और हमारे घर की छत जुड़ी हुई है. रोज की तरह जब मैं अंकल के घर गया, तो मैंने देखा अंकल ने उनकी काम वाली की चुदाई करके आराम कर रहे थे. मैं रुक गया और चुदाई खत्म होने के बाद उनकी काम वाली काम करने लगी थी.
मैं नीचे आया, तब अंकल ने कहा- अरे उस्मान, तुम एक मिनट देर से आए हो, मैंने अभी चुदाई खत्म की है, तुम होते तो लाइव देखने को मिल जाती. मैंने कहा- कोई बात नहीं.
मैं- अंकल, आपसे एक बात कहूँ, आप बुरा तो नहीं मानोगे? अंकल- नहीं उस्मान … बोलो क्या बात है? मैं- अंकल, आपको मेरी अम्मी कैसे लगती हैं. अंकल एकदम से चौंकते हुए बोले- कहना क्या चाहते हो उस्मान तुम? मैं- अंकल मेरा मतलब है कि मेरी अम्मी देखने में कैसी लगती हैं? अंकल- उस्मान देखो बेटा … ये सही बात नहीं है. वैसे मैं तुझे जानता हूँ. बात क्या है … सच बता मुझे, मैं तेरा दोस्त हूँ न!
मैं- अंकल आप तो जानते ही हैं कि मेरे अब्बू सऊदी में रहते हैं और वहां उन्होंने एक शादी भी कर रखी है. वो तो वहां ऐश करते हैं और मेरी अम्मी यहां उदास रहती हैं. अंकल- बेटा इसमें हम क्या कर सकते हैं? मैं- आप मेरे भरोसे के हो और मेरे दोस्त भी हो. आप मेरा ट्रस्ट भी नहीं तोड़ोगे. मैं चाहता हूँ कि आप मेरी अम्मी को पटा लो और उन्हें वो ख़ुशी दो, जो वे भूल गयी हैं. आपसे ये बात कहने का एक ये भी सबब है कि आप इस बात को गोपनीय रखोगे. अंकल ने लम्बी सी सांस ली और कहा- बेटा तू जानता है कि तू क्या कह रहा है? मैं- अंकल में मजाक नहीं कर रहा हूँ. मैं यही चाहता हूँ. मेरी अम्मी बहुत उदास रहती हैं. यहां तक की वे रोज रात को नंगी सोती हैं और एक नकली लंड से अपनी चुत की प्यास बुझाती हैं.
मम्मी की चुत की खुजली की बात सुनके अंकल का लंड खड़ा होने लगा. अंकल- उस्मान तूने ये सब देखा है क्या? मैं- हां अंकल, अम्मी को किसी के साथ की ज़रूरत है. वो भी शायद किसी पर ट्रस्ट नहीं करती हैं … वरना अब तक उनका अफेयर हो चुका होता.
तभी मैंने देखा कि अंकल का लंड पूरा हार्ड चुका था. मैंने अंकल से कहा- अंकल, आपका लंड तो अम्मी के नाम से ही खड़ा हो गया है. अंकल ने हंसते हुए कहा- बेटा मेरा लंड तो चुत के नाम से ही खड़ा हो जाता है … और यहां तो तुम अपनी अम्मी की मेरे साथ चुदाई की बात कर रहे हो बेटा. मैं- तो क्या आप मेरा ये काम करोगे? अंकल- हां बेटा, मैं जरूर करूंगा, मगर मेरी तुम्हारी अम्मी से ज्यादा बात कभी नहीं हुई है. वैसे मैं उन्हें पटा लूंगा. मगर तुम्हें भी मेरी हेल्प करनी पड़ेगी. मैं- थैंक्स अंकल आप मान गए. मैं आपको पूरी हेल्प करूंगा. बस एक शर्त है. अंकल- वो क्या?
मैं- शर्त ये है कि आप जब भी अम्मी की चुदाई करोगे, तो मैं आप दोनों की चुदाई देखूंगा. चौंकते हुए अंकल ने कहा- क्या बात कर रहे हो बेटा … मेरे साथ अपनी अम्मी की चुदाई को तुम देखना चाहते हो? मैं- हां अंकल … मैंने अम्मी को उस वक्त हमेशा पूरी नंगी देखा है … जब वो अपनी चुत में नकली लंड डालती हैं. मैं तो कहता हूँ आप मेरी अम्मी की रगड़ के चुदाई करो ताकि उन्हें कभी उस नकली लंड की जरूरत ही न रहे. अंकल- जरूर बेटा … वैसे मैंने आज तक तुम्हारी अम्मी को बुरी नजर से नहीं देखा, मगर अब हमेशा देखूंगा.
मैं- शुरुआत हम कल से करेंगे. कल संडे है और अम्मी कल मटन बिरयानी बनाएंगी, तो आपको कल आना है. शाम को आधा काम आप कल ही कर लेना. अंकल- बेटा अब तो कल तुम्हारे घर पक्का आऊँगा. वैसे अभी एक राउंड और हो जाए तुम्हारी अम्मी की बातें करके लंड पूरा टाइट हो गया है. मैं- तो बुला लो शायरा आंटी को … मेरा भी पूरा हार्ड हो गया है. इस पर अंकल ने अपनी काम वाली को आवाज दी- शायरा … अरे कहां रह गयी … आ जाओ, मुआ लंड पूरा टाइट हो गया है.
तभी शायरा आंटी गांड हिलाते हुए सामने से आती दिखीं. शायरा आंटी की उम्र 34 साल है. वो लखनऊ के पास की किसी गांव की हैं. उनका शौहर ड्राइवर है और उनके 2 बच्चे हैं. शायरा आंटी सच में माल हैं, पूरी तरह से भरा हुआ गदराया हुआ जिस्म है. आंटी पर एकदम मस्त जवानी छाई है. वो हमेशा साड़ी और ब्लाउज पहनती हैं … उनके चूचे इतने बड़े हैं कि उनकी क्लीवेज हमेशा उनके ब्लाउज में से दिखती रहती है. उनकी गांड के ऊपर मटकती हुई कमर के क्या कहने हैं.
वो जब किचन से बाहर निकल कर आईं तो उन्होंने गुलाबी रंग की साड़ी और ब्लाउज पहन रखा था. उनकी साड़ी उनकी नाभि से नीचे बंधी हुई थी. उनकी नाभि तो जैसे उनकी जवानी में 4 चाँद लगा देती है. उनकी नाभि काफी गहरी है, ऐसा लगता है कि किसी ने लंड डालकर वहां एक और छेद बनाया हो.
आंटी के इस लुक को कई बार मैं अपनी अम्मी पर इमेजिन करता हूँ कि वो इस साड़ी और ब्लाउज वाले स्टाइल में कैसी लगेंगी … क्योंकि मेरी अम्मी की नाभि भी शायरा आंटी जैसी ही है.
आंटी बाहर आईं, तो अंकल पूरे नंगे हो चुके थे. उनका लंड पूरा टाइट था, गुलाबी सुपारा पूरा फूला हुआ था. तभी आंटी आईं. उन्होंने मुझे देखा और बोलीं- अरे उस्मान भी आया है.
वो अंकल के पास आईं. अंकल ने उन्हें खींच कर अपनी गोद में बैठा लिया. आंटी- अरे कुछ तो शर्म किया करो … उस्मान आपके बच्चे की उम्र का है और आप उसे ये सब सिखा रहे हो? अंकल- तू इसे बच्चा कह रही है. जब वो अपना लंड तेरी चुत में डालता है, तब तो उससे बड़े मज़े से चुदाई करवाती है.
ये सुनकर आंटी हंसने लगीं. फिर अंकल बोले- उस्मान अपने कपड़े उतार दे … और चुदाई में शामिल हो जा.
फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए. मेरा लंड भी पूरा टाइट था.
तभी अंकल बोले- देख … क्या ऐसा लंड है तेरे पति का? वो हम दोनों जैसा मज़ा दे सकता है तुझे? शायरा अंकल का लंड हिलाते हुए आंटी बोलीं- नहीं कभी नहीं … तभी तो आपके पास चुदने आती हूँ.
फिर मैं शायरा आंटी के पास हो गया. उन्होंने मेरा लंड अपनी मुट्ठी में पकड़ा और आगे पीछे करने लगीं. उनकी दूसरी मुट्ठी में अंकल का लंड था.
मैंने शायरा आंटी के चूचे ब्लाउज के ऊपर से दबाने शुरू कर दिए. फिर अंकल ने आंटी को अपने लंड पर झुका दिया और आंटी ने अपना मुँह खोलकर अंकल के लंड का स्वागत किया. आंटी अंकल के लंड की चूस रही थीं, तभी मैंने आंटी का ब्लाउज खोल दिया. उनके चूचे ब्लैक ब्रा में कैद बड़े मस्त लग रहे थे. ब्लैक ब्रा में गोरे चूचे एकदम मारू लग रहे थे.
मैंने उनकी ब्रा को भी खोल दिया और उनके कबूतर बाहर आ गए. मैं उनके मम्मों को बहुत जोर से दबाने लगा था. आंटी भी अंकल का लंड पूरे मज़े से चूस रही थीं.
फिर मैं लेट गया और आंटी अंकल का लंड छोड़ कर मेरे लंड पर आ गईं. आंटी मेरा लंड डॉगी स्टाइल में खड़े होकर चूस रही थीं. मैं तो जैसे जन्नत में था. आंटी अपनी जीभ से लंड के सुपार े से खेल रही थीं.
अंकल ने उनकी साड़ी को कमर पर पलट दिया. उनकी साड़ी पलटते ही उनकी बिना बालों की चुत अंकल की आंखों से सामने थी. तब अंकल ने अपनी दो उंगलियां आंटी की चुत में डाल दीं. उंगली से चूत को मजा मिलने लगा और उस आनन्द से आंटी की आंखें बंद हो गईं. उनकी मेरे लंड पर पकड़ मजबूर हो गयी.
तभी आंटी मेरे लंड को छोड़ कर उठ गईं और अपनी साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया.
तभी अंकल बोले- शायरा उस ड्रॉवर में कंडोम रखे हैं, जाओ निकाल लाओ. आंटी अपनी गांड मटकाते हुए गईं और दो कंडोम लेकर आ गईं. आंटी ने एक पैकेट फाड़ा और अंकल के लंड पर चढ़ा दिया. कंडोम अंकल के पूरे लंड पर फिट नहीं हुआ था, पीछे से अभी भी कभी जगह थी.
आंटी बोलीं- तुम्हारा लंड वाकयी बहुत बड़ा है यार … कंडोम भी पूरा नहीं आता है.
अब आंटी दूसरा पैकेट फाड़ने लगीं, तो मैंने उन्हें रोक दिया. आंटी बोलीं- क्या हुआ? मैंने कहा- पहले अंकल को तो खुश कर दो … तब तक मेरा लंड ऐसे ही चूसो.
आंटी मान गईं और बेड पर अपनी चिकनी टांगें खोलकर लेट गईं. मैं उनके सर के पास बैठ गया और अपना लंड उनके मुँह में दे दिया. अंकल उनकी टांगों के बीच में आए और अपना लंड आंटी की चुत पर रगड़ने लगे. काफी देर अंकल आंटी की चुत पर लंड रगड़ते रहे.
जब आंटी से रहा नहीं गया, तो उन्होंने अपनी गांड उठाते हुए कहा- अब डाल भी दो यार … क्यों मुझे तड़पा रहे हो. एक चुदासी औरत को लंड के लिए कैसे तड़पाया जाता है, अंकल ये बखूबी जानते थे. फिर आंटी ने अंकल का लंड पकड़ के खुद अपनी चुत में डाल लिया.
इधर आंटी मेरा लंड कुछ ज्यादा ही जोर से चूस रही थीं. मुझे लगा कि यदि ऐसे ही चलता रहा, तो मैं जल्दी ही झड़ जाऊंगा. मैंने उनके मुँह से लंड निकाल लिया और उनके मम्मों से खेलने लगा. क्या गजब के टाईट चूचे थे.
दूसरी साइड अंकल बड़ी जबरदस्त तरीके से आंटी की चुदाई में लगे हुए थे. आंटी की कामुक आवाज मेरे लंड की वजह से शान्त थी, लेकिन उनके चेहरे से साफ़ नजर आ रहा था कि आंटी लंड के पूरे मजे ले रही थीं.
जब मेरा लंड आंटी के मुँह में नहीं था, तो पूरे कमरे में आंटी की मादक आवाजें आने लगी थीं. उन्हें देखकर मैं अपनी अम्मी और अंकल को इमेजिन करने लगा कि कैसे अंकल अम्मी की चुदाई करेंगे … कैसे मेरी अम्मी अंकल का लंड अपनी चुत में लेंगी. मुझे लग रहा था कि शायद अंकल भी मेरी अम्मी को इमेजिन करके शायरा आंटी की चुदाई कर रहे थे.
अंकल आंटी से बोले- चल अब घोड़ी बन जा. इस तरह की चुदासी औरत को घोड़ी बना कर चोदने में ज्यादा मज़ा आता है.
आंटी अंकल के सामने डॉगी स्टाइल में आ गईं, जिससे उनकी गांड और चुत पूरी तरह खुल गयी थी. आंटी की चुत की खाल बाहर निकली हुई थी और उनकी चुत काफी गीली थी. अंकल ने अपनी लंड एडजस्ट किया और आंटी की चुत में पूरा डाल दिया. फिर अंकल आंटी के बाल पीछे से पकड़ कर पूरे जोश से चुदाई में लगे हुए थे. उधर आंटी के चूचे लटकते हुए हिलोरें ले रहे थे.
मैं आंटी के हिलते हुए मम्मे देख कर उनके सामने आ गया और अपने लंड से आंटी के मुँह की चुदाई करने लगा. बड़ा मज़ा आ रहा था.
अब तक 25 मिनट हो चुके थे.
तभी अंकल ने अपने धक्के तेज कर दिए और कुछ ही देर में अंकल का माल आंटी की गांड पर निकल गया था. उस 25 मिनट की चुदाई में आंटी दो बार झड़ चुकी थीं. तब भी आंटी की चूत लंड लंड कर रही थी. वास्तव में शायरा आंटी बड़ी चुदक्कड़ किस्म की औरत थीं.
अंकल झड़ने के बाद साइड में आराम करने लगे और आंटी ने कंडोम का पैकेट फाड़कर मेरे लंड पर चढ़ा दिया.
मैंने आंटी को अपने लंड पर बैठने को बोला. आंटी मेरे लंड बैठ गईं, उन्होंने मेरा पूरा लंड गुप की आवाज से अन्दर ले लिया. मैं उनके मम्मों को दबाते हुए नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर धक्के देकर आंटी की चुदाई करने लगा.
मैंने भी 15 मिनट तक आंटी की चुदाई की. इसके बाद मैंने अपना माल आंटी के मम्मों पर गिरा दिया.
अंकल बोले- देख शायरा लगता है, किसी भी तरीके से कि ये बच्चा है? आंटी अपने मम्मों को मसलते हुए बोलीं- बच्चा तो है … मगर इसका लंड बहुत मज़ा देता है.
कुछ देर के बाद आंटी अपने कपड़े पहन कर चली गईं.
मैंने अंकल से कहा- अंकल कल से आपकी और अम्मी की चुदाई की तैयारी शुरू करते हैं, आप तैयार रहना.
अगले दिन मैंने अम्मी से कहा- अम्मी आज आप मटन बिरयानी बना रही हैं. तो क्या मैं पड़ोस के परवेज अंकल को बुला लूँ. अम्मी बोलीं- क्यों … पहले तो तूने कभी नहीं बुलाया उनको? मैंने कहा- अम्मी वो स्टडी में मेरी बहुत हेल्प करते हैं … और भी काम में हमेशा मेरी मदद करते रहते हैं. अम्मी बोलीं- चल ठीक है … बुला ले.
मैं अंकल के घर गया और उनको आने के लिए बोल दिया. रात को 8 बजे दरवाजे की बेल बजी. मैं जानबूझ कर कमरे के अन्दर था, तो गेट अम्मी ने खोला. सामने अंकल ब्लैक पैंट और ब्लू शर्ट में खड़े थे, बहुत हैंडसम लग रहे थे.
अंकल ने अम्मी से कहा- अस्सलाम अलय्कुम. अम्मी ने भी कहा- वालेकुम सलाम.
फिर अम्मी उनको अन्दर ले आईं. अब अंकल और अम्मी बातें करने लगे. अम्मी भी अंकल से बहुत हंस हंस कर बातें कर रही थीं.
उसी वक्त मैं अपने रूम से बाहर आया और अंकल से बात करने लगा. अम्मी अंकल के लिए कोल्ड ड्रिंक लेकर आईं. अंकल ने कोल्ड ड्रिंक लेते टाइम अम्मी का हाथ टच कर दिया, जिस पर अम्मी ने हल्की सी स्माइल पास कर दी.
मुझे समझ आ गया कि फुलझड़ी की चमक दोनों को पता चल गई.
अब आगे मैं आपको अपनी अम्मी की चुदाई भरी इस सेक्स स्टोरी का अगला हिस्सा पेश करूंगा. तब तक आप मेरी इस सेक्स स्टोरी पर अपनी राय सविता जी की मेल पर कीजिएगा. [email protected] कहानी का अगला भाग: अम्मी को चुदवाकर उनका अकेलापन दूर किया-2
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