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पिछले भाग में आपने पढ़ा कि लॉज का मैनेजर मेरी चूत को पेल रहा था और जीजा सामने कुर्सी पर बैठे हुए अपना लंड हिला रहे थे. लॉज के नौकर ने मेरे मुंह में लंड दे रखा था. जीजा को लंड हिलाते हुए देख कर मुझे उन पर तरस आ गया और मैंने उनको अपने पास आने का इशारा किया. अब आगे:
जीजा मेरे सामने लंड निकाल कर खड़े हो गये थे और भोला मेरी चुदाई जोरों से कर रहा था. जीजा ने कहा- भोला भाई, तुम आराम से इसकी चूत की चुदाई करो. लगता है इसको तुम्हारा लंड ज्यादा ही अच्छा लग रहा है. देखो कैसे उछल रही है तुम्हारा लंड लेते हुए साली छिनाल. भोला ने कहा- आखिर बेटी किसकी है! इतनी मस्त आइटम को देख कर तो कोई भी पागल हो सकता है. आह्ह … मैं समझ सकता हूं कि उसकी उठी हुई गांड को देख कर तुम्हारा लंड भी तुम्हारे काबू में नहीं रहा होगा. अगर इस साली को मेरा लंड नहीं मिलता तो ये शायद तुम्हारा लंड लेने के बाद पूरे लॉज के स्टाफ से चुदवा लेती. इसकी चुदास बहुत ज्यादा ही बढ़ गई है. जीजा बोले- हां, मुझे इसके बारे में आज ही पता चला कि ये इतनी गर्म चुदाई करवा सकती है. भोला भाई, तुम इसकी चूत को शांत करते रहो, तब तक मैं उसकी टाइट गांड में डालने की कोशिश करता हूं.
भोला ने कहा- हां, आखिर बेटी किसकी है. जीजा हंसते हुए बोले- हां, बताता हूं बाद में कि ये किसकी बेटी है. भोला ने कहा- तुम्हारी ही तो बेटी है. तुम ऐसे क्यों हंस रहे हो. जीजा बोले- तुम इसकी चुदाई करो अभी, मैं बाद में बताता हूं. इसकी चूत की चुदाई करके ऐसी बना दे भोला इसको कि ये साली शांत हो जाये. बहुत बड़ी चुदक्कड़ है ये. मैं तब तक इसकी गांड को संभालता हूँ. भोला ने कहा- आ जाओ फिर … देर किस बात की है.
जीजा पीछे से घूम कर दूसरी तरफ चले गये. जीजा ने मुझे आंख मार दी कि मैं उनको पापा ही बोलती रहूं. भोला ने कहा- बंध्या तुम जरा और पीछे की तरफ हो जाओ. तभी मजा आयेगा तुम्हें तीन लंड एक साथ लेने में.
मैं थोड़ी और पीछे हुई तो जीजा ने मेरे कूल्हों को अपने नाखूनों से खरोंचते हुए पीछे की तरफ खींच लिया और मेरे कूल्हों को पीछे खींच कर उनको चाटने लगे. उनका मुंह मेरे कूल्हों में लगा हुआ था. उन्होंने मेरे कूल्हों को फैला कर मेरी गांड में अपनी जीभ लगा दी. जीजा ने मेरी गांड पर जीभ लगाई तो मैं मजे से नौकर के लंड को काटने लगी. उसने अपना लंड मेरे मुंह में पूरा ही घुसा दिया. मुझे सांस भी नहीं आ रही थी.
फिर जीजा ने कहा- मेरी चुदक्कड़ बेटी, तेरी गांड में अब लंड डालने का टाइम आ गया है. लेकिन गांड में लंड लेने में बहुत दर्द होगा तुझे. तू उसके लिए तैयार हो जा. मैंने अपने मुंह से नौकर का लंड निकाल लिया और फिर बोली- मैं दर्द सह लूंगी पापा.
अभी मैं जीजा को पापा ही बुला रही थी. फिर जीजा ने मेरी गांड के छेद को अपने थूक से भर दिया और फिर अपने लंड के टोपे को मेरी गांड के छेद पर लगाकर जोर देने लगे. उनके लंड का सुपाड़ा मेरी गांड में घुसने लगा. जैसे-जैसे लंड अंदर जाने लगा तो मैं चीखने लगी. मगर मेरे मुंह में नौकर का लंड था इसलिए मेरी आवाज बाहर नहीं आ पा रही थी.
मैंने नौकर के लंड को दांतों से काट लिया तो वो भी चीख पड़ा. फिर उसने मेरे मुंह से लंड निकाल दिया. लंड मुंह से बाहर आते ही मैंने कहा- बहुत दर्द हो रहा है … आह्ह … बचाओ मुझे कोई. मैं गांड में लंड नहीं ले सकती हूं. मुझे पीछे गांड में लंड नहीं लेना है. मत डालो मेरी गांड फट जायेगी. मुझे छोड़ दो.
भोला ने कहा- साली रंडी, कैसी बेटी है तू? अपने बाप का लंड गांड में नहीं ले सकती है? फिर भोला ने जीजा से कहा- तू चोद साली को, इसकी गांड को ढीली कर दो. इसकी गांड भी फिर खुजली करने लगेगी इसकी चूत की तरह. इसने चूत तो बहुत चुदवाई है लेकिन इसको गांड चुदवाने का मजा भी दे डाल अच्छी तरह. साली रंडी बहुत उछल रही थी मादरचोद.
जीजा बोले- भाई साहब, ये साली रंडी है ही छिनाल, ये बहुत चुदवाती है. पता नहीं कितने ही लंडों को खा चुकी है ये. तभी तो इसकी चूत तुम्हारे लंड से चुद कर इतनी खुश हो रही है. मगर साली चिल्लाती बहुत है. नाटक कर रही है साली चुदक्कड़. इसकी मां भी ऐसी ही रंडी है. वह भी चोरी से पता नहीं कितने मर्दों से चुदवाती है. ये भी बिल्कुल उसी के जैसी निकली है.
भोला ने कहा- तू अपनी बेटी की चुदाई कब से कर रहा है? कुछ बता तो सही कि तूने इसकी चुदाई कैसे शुरू की?
अब जीजा ने मेरी चुदाई की बात बताई:
मैं रात को फोन पर इसकी बात सुनता था. यह साली मुझे सोता हुआ समझ कर अपने किसी यार से फोन पर चुदाई की बातें करती रहती थी. रात भर मर्दों से सेक्सी बातें करती थी. आए दिन इसकी यही कहानी हो गई थी. मैं बहुत दिनों से इसकी चुदाई की बातें सुन रहा था. पता नहीं कितने मर्दों को फंसा रखा है इसने.
साली फोन पर ही चिल्लाने लगती थी ‘चोद दो मेरी चूत को, फाड़ दो इसे. जोर से चोदो … मैं तुम्हारे सभी दोस्तों का लंड ले लूंगी. जम कर चोदो मुझे, बहुत मजा आ रहा है. बहुत मन कर रहा है लण्ड लेने का. ऐसी आवाजें करती थी. मैं चोरी से एक-दो बार इसको चुपके से आंखें खोल कर देख चुका था. यह उनसे बातें करते हुए अपनी चूत में उंगली करती थी. मुझे पहले तो बहुत गुस्सा आया लेकिन इसकी बातें इतनी मस्त होती थीं कि मैं सब कुछ भूल जाता था.
और फिर एक दिन मैंने इसकी लाल चूत देखी तो मुझसे भी रहा न गया. मैंने इसके दूधों को दबाते हुए इसके होंठों को चूस डाला और फिर इसकी गर्म चूत में लौड़ा भी पेल दिया. जैसे ही इसकी चूत में मेरा लंड गया तो मैं समझ गया कि ये साली बहुत चुद चुकी है.
दिखने में ये बहुत छोटी उम्र की लगती है लेकिन इसकी चूत फैली हुई थी. मैंने इसके बाल पकड़ कर इसकी चूत में लंड को अच्छे से पेल दिया. इससे पूछने पर इसने बताया मुझे बताया कि इसका एक यार है. उसके अलावा भी ये कईयों से चुद चुकी है.
फिर मैंने इससे कहा- तू तो बहुत रंडी है साली. मेरा लंड लेते हुए कैसा लग रहा है तुझे? मेरी बात का जवाब देते हुए यह बोली बहुत मजा आ रहा है पापा. मुझे आपका लंड लेने में कोई ऐतराज नहीं है. मैं समझ गया कि इसको कैसे ऐतराज हो सकता है. ये तो साली लंड लेने के लिए प्यासी ही रहती है. इसलिए इतने सारे मर्द पाल रखे हैं इस रांड ने.
जीजा ने भोला से बताते हुए कहा- तुम खुद ही देख लो भाई साहब, जब मैं नौकर के साथ नीचे गया तो कितनी जल्दी ये तुम्हारा लंड लेने के लिए भी तैयार हो गई. जब मैं लौट कर वापस आया तो यह अपनी चूत में तुम्हारा लंड बड़े ही मजे से ले रही थी. कैसे उछल रही थी ये तुम्हारा मोटा लंड चूत में लेते हुए. साली बहुत ही चुदक्कड़ लड़की है ये. अब तो मुझे भी कोई ऐतराज नहीं है कि इसकी चूत को कोई भी आकर चोद सकता है.
भोला ने कहा- सही कह रहे हो. अब किसी की चूत पर ताला तो नहीं लगा सकते, इसलिए तुमने इसकी चूत को चोद कर सही किया. अगर तुमसे नहीं चुदवाती तो यह किसी और से जाकर चुदवाती. मैं तो कहता हूं कि तुम औरों से भी इसको चुदवाया करो. तुम्हें पैसे भी मिलने लगेंगे. ये तो अच्छी कमाई करवाएगी. जीजा बोले- आप सही कह रहे हो. मैं तो इसको लेकर कहीं भी जा सकता हूं.
भोला और जीजा दोनों यही बातों कर रहे थे और दोनों ही मेरी चूत और गांड को चोदने में लगे हुए थे. मैं कराह रही थी. धीरे-धीरे फिर मेरी गांड का दर्द कम हो चला था. अब मैं पापा बने अपने जीजा का लंड भी मजे से गांड में ले रही थी.
पापा बोले- मजा आ रहा है न बेटी? मैंने कहा- हां पापा, बहुत मजा आ रहा है. आपका भी अरमान था कि आप मेरी गांड को चोद दो. आपका अरमान भी पूरा हो गया आज. तभी नौकर बोला- बंध्या, तुम मेरे लंड के साथ इंसाफ नहीं कर रही हो. ये दोनों तो तुम्हारी चूत और गांड के मजे ले रहे हैं. मेरा लंड तुम्हारे मुंह से बाहर आने के बाद कितनी देर से तड़प रहा है.
मैंने नौकर का लंड अपने मुंह में ले लिया और पीछे से भोला और जीजा मेरी चूत और गांड को पेलने लगे और मैं जोर से नौकर का लंड अपने मुंह में भर कर चूसने लगी. तीनों ही मुझे रगड़ रहे थे. मेरे हर छेद में लंड था. एक गांड में, एक चूत में और एक मुंह में.
भोला ने कहा- बंध्या, आज से पहले तुमने एक साथ तीन लोगों के साथ अपने सेक्सी बदन को इस तरह से चुदवाया है. सच बताना मेरी बात का जवाब. इतना मजा तुमने पहले भी लिया है क्या कभी?
मुझे कुछ भी होश नहीं था. मेरे जीजा का लंड मेरी गांड में मजा दे रहा था. भोला का मेरी चूत में और उस नौकर अशफाक का लंड मेरे मुंह को चोद रहा था. मैं फुल जोश में थी तो मैंने मुंडी हिलाकर भोला की बात का जवाब दिया.
फिर उस नौकर ने एकदम से मेरे बालों को पकड़ कर अपने लंड को मेरे मुंह में और तेजी के साथ पेलना शुरू कर दिया. वो वहशी सा होकर मेरे बालों को खींच कर मेरे मुंह को चोद रहा था और फिर उसने बिना बताए ही मेरे मुंह में अपना माल गिराना शुरू कर दिया. मैं उसके माल को बाहर निकलवाना चाहती थी लेकिन उसने मेरे बालों को नहीं छोड़ा और उसका माल मेरे गले में जाने लगा. उसने अपना सारा माल मुझे पिला दिया.
मैंने नौकर का गर्म-गर्म रस पी लिया.
वो बोला- अह्ह … साली गजब का माल है ये तो. इस तरह से कभी मेरे लंड को चूत चोदने में भी इतना मजा नहीं आया जितना कि इसके मुंह को चोदने में आया. वह भोला से बोला- साहब, मेरा काम तो तमाम हो गया. अब आप लोग इसके साथ मजा लो. इतना कहकर उसने मेरे मुंह से अपना लंड बाहर निकाल लिया. फिर वो बेड के नीचे आकर खड़ा हो गया और अपने कपड़े पहनने लगा. भोला ने कहा- अशफाक, तू नीचे जाकर जरा कुछ खाने के लिए लेकर आ जा. बंध्या ने सबको खुश किया है. इसका स्वागत हमें अच्छे से करना चाहिए.
भोला के कहने पर नौकर वहां से चला गया.
उसके जाने के बाद भोला ने फिर से वही सवाल खड़ा कर दिया. वो पूछने लगा- साली बंध्या, तूने मेरी बात का जवाब नहीं दिया. तूने इससे पहले भी इतने मर्दों के साथ इतने लंड एक साथ लिये हैं क्या? क्या तूने कभी इतना मजा लिया है?
मैंने कहा: हां, मैं दो बार इस तरह से मजा ले चुकी हूं. एक बार तो अभी दो महीने पहले ही मजा लिया था मैंने इस तरह से. मामा के भतीजे की शादी में अपने यार आशीष को बुलाया था मैंने. जहां शादी का टेंट लगा हुआ था वहां पर मैंने आशीष को मिलने के लिए बुला लिया था कि एक-दूसरे को देख भी लेंगे और बातें भी कर लेंगे. मैं अपने यार का दीदार करने के लिए हमेशा मचलती रहती थी.
शादी के माहौल में सब लोग अपने में ही व्यस्त थे. फिर एकांत पाकर आशीष मेरे होंठों को चूसने लगा और मेरे बूब्स को दबाने लगा. हम सोच रहे थे कि पास में कोई भी नहीं है लेकिन पास ही में एक बोलेरो गाड़ी खड़ी हुई थी जिसका गेट अचानक से खुला और उससे चार लोग निकल कर बाहर आये. उन्होंने मुझे मेरे यार के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया. वो मुझे अपने साथ ले जाने लगे तो मेरे यार ने उनको रोकने की कोशिश की. मगर उन सब ने मिल कर मेरे यार को तीन-चार थप्पड़ मारे और आशीष उनके चंगुल से छूट कर भाग गया.
फिर मैंने पूरी घटना बतायी. जिन पाठकों ने मेरी वो कहानी नहीं पढ़ी है, वे इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं. मेरा पहला प्यार सच्चा प्यार
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी. [email protected]
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