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मैं मिथुन दास मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ, मेरा लंड 7 इंच लम्बा और 2.4 इंच मोटा है। मेरी हाईट भी सामान्य 5.11 इंच है, आपको अब ज्यादा बोर न करते हुए मै सीधे कहानी पर आता हूँ।
मेरे घर के बगल मे एक पूजा भाभी रहती है, जिनके 3 बच्चे है जिनमे 2 लडकी और एक लडका है। तीनो मे सबसे बडी लडकी का नाम अंजलि है, बीच वाली का नाम निधि है और सबसे छोटे लडके का नाम दिनेश है।
मैं अपनी स्कूल की पढाई खत्म करके कालेज मे दाखिला लेकर पढाई कर रहा था, और मेरे पडोस वाली पूजा भाभी की सबसे बडी लडकी कक्षा ** मे पढ रही थी।
इससे पहले वो कक्षा ** मे एक साल फेल हो चुकी थी, उसकी हाईट 5 फिट के लगभग थी। उस समय और उसका पूरा बदन सामान्य था और उसका रंग भी गोरा है।
उसके मम्मे भी ज्यादा बडे नही थे, उस समय जब वो मुझसे पढने आती थी जब वह कक्षा ** मे दाखिल हुई थी। तो उसकी मां पूजा ने मुझसे उसको कोचिंग पढाने को खा था।
तब मैंने उनकी बात को अनसुना कर दिया, करीबन 2-3 महीने बाद जब एक दिन मैं छत पर घूम रहा था। तो दोनो मां बेटी भी वहीं आ गई और दोनो मुझसे पढाने के लिए कहने लगी और कोचिंग पढाने के पैसे भी देने को बोली।
मैं – मैं फीस मे पैसे नही लूंगा।
भाभी – आपको जो फीस चाहिए मैं वह दूंगी, लेकिन अंजलि को कोचिंग पढा दीजिये।
मैं – ठीक है।
भाभी – ये फिर कब से आये?
मैं – आज से ही और इसको किताबे लेने भेज देना।
पूजा भाभी छत पर खडी रही और मुझसे फीस की पूछने लगी, उनके लिए उस समय मेरे मन मे कोई बुरा ख्याल नही था।
मैं – एक दिन खाना खिला दीजिये वो ही मेरी गई फीस होगी।
ये सुनकर वह काफी खुश हुई ओर नीचे चली गई। अब मैं भी नीचे आ गया, तभी अंजलि भी अपनी किताबे लेकर मेरे पास आ गयी। उस समय हमारा घर ज्यादा बड़ा नही था, तो मैं उसको वहीँ पर पढाने लगग गया।
धीरे धीरे उसकी पढाई मे सुधार हुआ और अगली परीक्षा मे उसके नम्बर अच्छे आये। तो पूजा भाभी भी खुश हो गई, ऐसे पढाते-पढाते 3 महीने करीब बीत गए और फायनल परीक्षा के दिन आ गये।
मैं उसको अपने घर मे पढाता था, वहीं पर मेरे घर के सभी लोग रहते थे तो उसको पढने काफी डिस्टर्व होता था। इतने दिनो तक पढने के बाद मैं और वो दोनो एक दूसरे की तरफ आकर्षित हो गये थे।
अगले दिन पूजा भाभी ने मुझे खाने पर बुलाया और मुझे खाना खिलाया।
भाभी – अंजलि आपके घर पर पढने जाती, तो सभी घर वालों के वीच मे पढाई ढंग से नही हो पाती है। तो क्यों न आप मेरे घर पर इसे पढाने आ जाया करो, क्योकि मेरे पति ट्रक चलाते है तो वो 15 दिनों बाद घर आते है।
उसका घर भी उतना बडा नही था, उसमे भी सिर्फ दो कमरे थे। और उसकी छोटी बेटी और लडका गांव अपने दादा के पास गये हुए थे। तो उनके घर मे अगले 15 दिन शांति रहने वाली थी।
इसलिए मैंने भी हाँ कर दी, और अब मैं पूजा को वहीं पर पढाने लग गया। एक दिन पूजा भाभी शक्कर लेने मोहल्ले की दुकान पर चली गई, और अंजलि ने मुझसे कहा कि मैं अभी आती हूँ।
ये कह वो बाथरूम मे चली गई, जब वह बाथरूम से बाहर आई और मेरे पास आकर बैठ गयी। फिर उसने मुझे घर का नोकिया मोबाईल दिया और कहा।
अंजलि – जरा देखना इसमे कुछ गंदा आ गया है उसको हटाना है।
तो मैंने मोबाईल लिया और देखा तो उसमे ब्लू फिल्म थी, जिनमे से रोमांटिक किस की वीडियो ज्यादा थी। तभी मेरे हाँथ से एक वीडियो चल गई, तो मैंने उसे जल्दी से बंद कर दिया।
जिसकी आवाज सुनकर वो मुस्करा दी, मैंने जल्दी से उसके मोबाईल से वीडियो हटा दी और उसको मोबाईल देकर उसको पढाने लग गया।
तभी पूजा भाभी आ गई और उसने हमारी चाय बनाई, हम दोनो एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे। फिर शाम को मै छत पर घूम रहा था, तभी वो भी छत पर आ गई और टहलते टहलते मुझसे बोली।
अंजली – कल सुबह पढाने आना।
मैं – ठीक है।
फिर जब मैं अगले दिन सुबह 11 बजे उसके घर पहुचा, तो उसके घर में कोई नही था। वो अकेली थी और मैं उसको पढाने बैठ गया, थोडी देर बाद उसने मुझसे पूछा।
अंजली – आपकी तो गर्ल फ्रेंड होगी ना?
मैं – तुमको क्या करना अपनी पढाई करो।
अंजलि – आपने वो किया है कभी जो कल मोबाईल मे था?
मैं – नही तो।
तभी वो किताबे एक तरफ रखकर मुझे बोली – मैंने एक दिन मम्मी पापा को देखा था वह करते हुए।
मैं – मुझे बताओ तुमने क्या क्या देखा?
अंजली – एक दिन मैं रात मे किचिन में पानी पीने गयी, तो किचिन और कमरे की दीवार मे बनी खिडकी से मैंने देखा कि मम्मी पापा दोनो नंगे है। मम्मी पापा का वो मुंह मे लेकर पी रही थी।
मैं – वो क्या?
अंजली – जिससे पेशाब करते है।
मैं – उसका नाम बताओ?
तो वो शर्माने लग गयी तो मैं फिर से बोला – अच्छा तुमने और क्या देखा?
अंजलि – पहले मम्मी ने पापा का वो चूसा, फिर पापा ने मम्मी के दूध पिये और फिर पापा मम्मी के ऊपर चढकर आगे पीछे होते रहे। फिर दोनो थोडी देर बाद सो गए।
अब तक मेरा लंड खडा हो चुका था, तो मैंने उससे पूछा – अच्छा तुम्हे कैसा लगा देखकर ये सब?
दोस्तों, अभी मुझे जाना होगा क्योकि मुझे एक काम है। पर इससे आगे क्या हुआ और केसे हुआ, ये सब मैं आपको अपनी इसी कहानी के नेक्स्ट पार्ट में अच्छे से बतुंगा। तब आप मुझे ये बताओ की आपको मेरी ये कहानी कैसे लगी है। आप मुझे मेरी ईमेल डी और कोमनेट के जरिये भी बता सकते है।
मुझे आपके कोमनेट और मेल का इंतजार रहेगा।
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