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हेल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम नेहा (बदला हुआ) है. मैं बहुत खूबसूरत हूँ और उतनी ही घुल-मिल कर रहने वाली हूँ. मेरी गांड बहुत बड़ी और सेक्सी है. मैं दिखने में भी बहुत सेक्सी हूँ. मैं अपने आपको बहुत अच्छे से बन संवार कर रखती हूँ और फैशन में रहती हूँ. मैं हमेशा सलवार सूट पहनती हूँ और जब ऑफिस जाती हूँ तो मॉडर्न कपड़े पहन कर जाती हूँ.
मैं आपको मेरे पड़ोसी भाई और मेरी चुदाई की कहानी बता रही हूँ. यह कहानी कुछ दिन पहले की है.
मेरे पड़ोस में एक भैया है उनके घर मैं जाती हूँ. वो भी बहुत मुझसे बहुत अच्छे से बात करते हैं. मैं जब भी उनके घर जाती हूँ तो वो पीछे से मेरी गांड को देखते हैं क्योंकि मैं जब भी चलती हूँ तो मेरी गांड का उभार वो देखते हैं.मैं जब भी भैया के घर जाती हूँ तो उनकी पत्नी से बात करती हूँ और उनकी पत्नी भी बहुत अच्छी है और वो भी मेरे घर आती है. हम दोनों पड़ोसियों में बहुत प्यार है. मैं और भैया, हम लोग कभी-कभी साथ में टीवी भी देखते हैं. मैं कभी-कभी रात को भी भैया के घर जाती हूँ घूमने के लिए, तो उनकी पत्नी मुझे खाना खिलाये बगैर मुझे घर से आने नहीं देती है. हम दोनों लोग पड़ोसी हैं लेकिन हम दोनों के बीच में एक परिवार की तरह प्यार है.
जब मैं उनके घर जाती थी तो भैया मुझे हवस भरी नजरों से देखते थे. मैं भी सलवार सूट पहन कर एकदम सेक्स बम बन कर जाती थी. मुझे इस तरह से अच्छा लगता था जब लोग मेरी तरफ ध्यान देते थे. ऐसा लगता था कि सब मेरे जिस्म के भूखे हैं. मुझे उनको तड़पाने में बहुत मजा आता था इसलिए मैं जान-बूझ कर इस तरह से अपने आप तैयार करती थी कि सबकी नजर मुझ पर जाये बिना रह ही न पाये.
वैसे तो मेरा मकसद पड़ोसी भैया के घर ही जाना होता था क्योंकि मैं स्पेशल उनके लिये तैयार होकर जाती थी. मगर इसी के साथ मेरे मन की इच्छा भी पूरी हो जाती थी कि मुझे पड़ोस के और लोग भी देखें. घर से निकलती थी तो मुझे बाकी के पड़ोसी लोग भी देखते थे. भैया मुझसे हमेशा अकेले में बात करते थे और जब उनकी पत्नी मेरे साथ होती थी तो वो बहुत कम मुझसे बात करते थे. मैं कभी-कभी मॉडर्न सलवार सूट पहन कर भैया के घर जाती थी जिसमें से मेरी ब्रा और पेंटी का रंग बिलकुल साफ़ दिखाई देता था.
एक दिन मैं भैया के घर गयी थी तो उनकी पत्नी किसी पड़ोस की औरत के साथ बाजार चली गयी थी और भैया घर में अकेले थे.
मुझे नहीं पता था कि उनकी पत्नी पड़ोस की किसी औरत के साथ बाजार गयी है. भैया घर में अकेले थे तो मैं वापस अपने घर आने लगी तो भैया मुझसे बोले कि तुम अकेले में मुझसे बात नहीं करोगी क्या? उनकी यह बात सुनकर मैं भैया के घर रुक गयी और हम दोनों बात करने लगे. मुझे नहीं पता था कि उनकी पत्नी कब आएँगी और इधर भैया मुझसे बात कर रहे थे और मैं भी हंस-हंस कर उनसे बात कर रही थी. हम दोनों लोग पहले भी अकेले में एक दूसरे से बात करते थे तो हमें अकेले में एक दूसरे से बात करने में कोई परेशानी नहीं थी.
भैया बात करते-करते मुझे हवस भरी नजरों से देख रहे थे. हम दोनों लोग एक दूसरे से बात करते-करते घुल मिल गए थे. अचानक से भैया ने मुझे पकड़ लिया और मैं भैया से बोली- आप ये क्या कर रहे हैं? वो बोले- मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ! और जब तक मैं कुछ और कह पाती वो मुझे किस करने लगे. हम दोनों लोग घर में अकेले थे तो किसी के आने का भी डर नहीं था.
किस करने के बाद मैंने खुद को पीछे हटाया और कहने लगी- ये सब मत करिए. वो बोले- मैं तुमको बहुत चाहता हूँ. और वो मुझे पकड़ कर फिर से किस करने लगे.
मैं भी गर्म होने लगी और वो मुझे किस करते-करते मेरी सलवार के ऊपर से मेरी चूत को सहलाने लगे. भैया मुझे अपनी बाँहों में उठा कर बेडरूम में ले गए. वो मुझे बेड पर गिरा कर किस करने लगे. मेरी चूचियों को दबाने लगे और मैं भी ज्यादा गर्म होने लगी. उन्होंने मुझे किस करते करते मेरी सलवार और सूट को निकाल दिया और मैं ब्रा और पेंटी में रह गयी. वो मुझे ब्रा और पेंटी में देख रहे थे.
उनकी नजरों से हवस टपक रही थी. ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई भूखा भेड़िया अपने शिकार को देख रहा है.
उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींच लिया. मेरे जिस्म को चाटने लगे और उसके बाद वो मेरी ब्रा निकाल कर मेरी चूचियों को अपने हाथों से दबाने लगे और मेरी एक चूची को पकड़े हुए दूसरी चूची को मुंह में लेकर चूसने लगे. मेरी चूची को चूसने के बाद वो मेरे निप्पल को मसलने लगे और फिर मेरे निप्पल को चूसने लगे. मेरी चूचियों को पीने के बाद वो मेरी चूची को बहुत जोर से दबा रहे थे. मेरी चूची बहुत बड़ी हैं तो उनको मेरी चूची को दबाने में मजा आ रहा था. वो मेरी चूची को दबाने के बाद वह उठ गये.
फिर भैया किचन से चॉकलेट लेकर आये और मेरी चूची पर चॉकलेट लगा कर मेरी चूची को चूसने लगे. मेरी चूची पर से चॉकलेट को चूसने के बाद वो मेरी पेंटी को निकालने लगे. उन्होंने मेरी पेंटी को खींच कर मेरी टांगों से अलग कर दिया और फिर चूत को गौर से देखने लगे. कुछ देर तक देखने के बाद उन्होंने मेरी चूत पर चॉकलेट लगा दी.
मेरी चूत पर चॉकलेट लगाने के बाद वो मेरी चूत को चाटने लगे. मैं भी उनका साथ दे रही थी और वो मेरी चिकनी चूत पर चॉकलेट लगा कर मेरी चूत को चाट रहे थे.
मुझे लगा कि भाभी आ सकती हैं, मैं उनको मना करने लगी- अब रहने दीजिए, कोई आ जायेगा. वो बोले कि उनकी पत्नी अभी नहीं आएगी. वो मेरी चूत को जोर से चाटते रहे.
मेरी चूत को खूब चाटने के बाद अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगे. भैया अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ रहे थे तो मैं बहुत ही गर्म हो गई और वो अपना लंड मेरी चूत में डालने लगे. मेरी चूत में वो अपना लंड डाल कर मुझको चोदने लगे. मेरी चूत में उनका लंड अन्दर बाहर हो रहा था. वो मेरी टांगों को फैला कर मेरी चूत को चोद रहे थे. हम दोनों लोग सेक्स कर रहे थे और वो मुझे अपने बेडरूम में नंगी करके मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरी चूत को चोद रहे थे.
उनका लंड मेरी चिकनी चूत को चोद रहा था. हम दोनों लोग सेक्स करते करते गर्म हो गए थे. वो मेरी चूत में झटका मार रहे थे और मैं सिसकारियाँ ले रही थी. मेरी चूत गीली हो गयी थी और हम दोनों लोग सेक्स करते-करते एक दूसरे को किस भी कर रहे थे.
हम दोनों सेक्स करते हुए पूरा मजा ले रहे थे. बहुत दिनों के बाद मेरी चूत की चुदाई हुई थी. मैं तो पहले से ही चाहती थी कि भैया मेरी चूत को चोद दें मगर अभी तक मौका नहीं मिल पा रहा था. हमें चुदाई करते हुए बीस मिनट हो गये थे. फिर एकदम से दोनों का माल निकलने को हो गया. भैया ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और वो अपना माल मेरे चूची पर छोड़ने लगे. मेरी चूची पर उनका सफेद माल आकर गिरने लगा और यहाँ-वहाँ बहने लगा. मुझे बहुत मजा आया उनका माल अपनी मोटी चूचियों पर लगवा कर. मैंने उनके माल को अपनी चूचियों पर पूरी तरह से मल दिया. मेरी चूची पूरी तरह से भैया के माल से सन गई थी.
मेरी चूची पर अपना माल छोड़ने के बाद वो मेरी चूत को चाटने लगे और मैं उनके माल को साफ़ करने लगी. मैंने एक कपड़े से अपनी चूचियों को साफ़ किया और उसके बाद वो मेरी चूत को बहुत अच्छे से चाटने लगे. बीच-बीच में वो दो उंगली डाल कर मेरी चूत को चोद रहे थे.
कुछ देर तक ऐसा करने के बाद वो मेरी चूत में अपनी जीभ डालने लगे. मुझे फिर से मजा आने लगा. मैं अपनी चूत को उनके मुंह में फेंकने लगी. गांड उठाकर अपनी चूत को उनकी जीभ की तरफ धकेल रही थी. भैया जीभ पूरी अंदर डाल कर मेरी चूत को चोद रहे थे. मैं भी उनका साथ दे रही थी. फिर भैया ने अपना लंड मेरे मुंह की तरफ कर दिया. वो मेरी चूत चाट रहे थे और मैंने उनका लंड मुंह में ले लिया. मुंह में लेकर उनके खड़े हुए लंड को चूसने लगी. मैं बहुत ही मजे से उनके लंड को चूस रही थी.
हम दोनों फिर से पूरी तरह गर्म हो चुके थे. भैया अपना लंड मेरी चूत में डाल कर मुझे चोदने लगे. अबकी बार मेरी चूत को और भी ज्यादा मजा आ रहा था भैया के लंड से चुदने में. यह दूसरी बार की चुदाई थी. वो जोर-जोर से मेरी चूत को चोदने लगे. हम दोनों सेक्स का पूरा मजा ले रहे थे.
मेरी चूत को चोदते हुए भैया के मुंह से आह्ह् … ओह्ह जैसी आवाजें निकल रही थीं. मैं भी अपनी चूत को उनके लंड की तरफ धकेल रही थी. मेरे मुंह से भी उम्म्ह… अहह… हय… याह… कामुक सिसकारियाँ निकल रही थीं. हम दोनों बहुत आनंद ले रहे थे.
जब कुछ देर भैया को मेरे ऊपर लेट कर चुदाई करते हुए हो गई तो उसके बाद उन्होंने मुझे उठने के लिए कहा. उन्होंने मेरी चूचियों को जोर से मसला और मेरी गर्दन को पकड़ कर अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया. घुटने के बल बेड पर खड़े हुए भैया मेरे मुंह को अपने लंड पर धकेलने लगे. उनका लंड मेरे मुंह जाकर अंदर तक पहुंचने लगा. कभी कभी तो भैया इतनी जोर से मुंह को धकेल देते थे कि उनका लंड मेरे गले में जाकर फंस जाता था. मेरी हालत खराब होने लगी थी. मुझसे अच्छी तरह सांस भी नहीं ली जा रही थी.
उसके बाद जब भैया ने अपना लंड बाहर निकाला तो उनका लंड मेरे थूक से पूरा गीला हो गया था. मैं हाँफने लगी. उसके बाद भैया ने मुझे पलटा दिया और बेड पर धकेल दिया. उन्होंने मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मुझे घोड़ी की पोजीशन में ले आये. उन्होंने ने पीछे से मेरी चूत पर अपना लंड लगा दिया और मुझे घोड़ी बनाकर चोदने लगे.
वो पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत को चोद रहे थे. हम दोनों लोग जिस बिस्तर पर सेक्स कर रहे थे वो बिस्तर भी हम दोनों की चुदाई से गर्म हो गया था. भैया मेरी कमर से चिपके हुए थे. उनका लंड मेरी चूत में जाकर उसको मजा दे रहा था. हम दोनों लोग एक दूसरे से चिपक कर सेक्स कर रहे थे.
भैया मुझसे पूछने लगे- चुदवाने में मजा आ रहा है? मैं पीछे पलट कर उनको देख कर स्माइल कर रही थी और वो अपना लंड मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत को चोद रहे थे.
मेरे पड़ोसी भैया बहुत ही चोदू किस्म के इंसान निकले. उनको देख कर यह नहीं लगता था कि उनको सेक्स के बारे में इतना कुछ पता है. उनको सेक्स की सारी पोजीशन के बारे में पता था. वो शक्ल से देखने में बहुत भोले लगते थे. मगर जब उन्होंने मेरी चूत की चुदाई शुरू की तो मैं आनंद में गोते लगा रही थी. हम दोनों का ये पहली बार ही था इसलिए भैया मुझे धीरे-धीरे चोद रहे थे जबकि मेरा बॉयफ्रेंड मुझे तेज-तेज चोदता है.
भैया की नजर मुझ पर बहुत दिनों से थी और मैं भी चाहती थी कि कभी भैया के लंड को अपनी चूत में लेने का मौका मिले. मेरे बॉयफ्रेंड के लंड से चुद कर मैं बोर हो गयी थी. वैसे मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरे साथ बहुत बार सेक्स किया है. उसने मुझे जवान बनाया था. मगर वक्त के साथ-साथ धीरे-धीरे मुझे उसके साथ बोर होने वाली फीलिंग आने लगी थी. जब से मैंने भैया को देखा कि वह मेरे बदन पर नजर रखते हैं तो उसके बाद से ही मैंने भी भैया की हरकतों पर नजर रखना शुरू कर दिया.
मैं बहुत समय से इस दिन का इंतजार कर रही थी जब भैया का लंड अपनी प्यासी चूत में लेने का मौका मिलेगा. मगर भैया तो मुझसे भी ज्यादा प्यासे थे. उन्होंने उस दिन मेरी चूत को जम कर चोदा. हम लोगों ने तीन बार चुदाई की. भैया ने अलग-अलग पोजीशन में मेरी चूत की चुदाई की.
कभी वो बेड के किनारे पर लाकर चोदने लगते थे, तो कभी सोफे पर ले जाकर घोड़ी बना देते थे. कभी कुर्सी पर बैठ जाते थे और मुझे अपने लंड पर बैठा लेते थे. जब मैंने कुर्सी पर बैठ कर उनके लंड की सवारी की तो मुझे बहुत मजा आया. इस पोजीशन में भैया का लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया था. भैया मेरी चूचियों के साथ खेल रहे थे. मैंने भैया के कंधों को पकड़ा हुआ था. वो मेरी एक चूची को अपने मुंह में लेकर पी रहे थे और दूसरी को अपने हाथ से दबा रहे थे. इस पोजीशन में तो मैं पांच-सात मिनट की चुदाई के बाद ही झड़ गई.
उसके बाद आखिरी चुदाई बेड पर हुई जब भैया ने मेरी गांड के नीचे तकिया लगा कर मुझे चोदा. इस चुदाई में मुझे दर्द होने लगा था. मगर मजा बहुत आया.
हम दोनों सेक्स करने के बाद मदहोश हो गए थे. हम सेक्स करने के बाद बिस्तर पर सो गए. कुछ देर हम सोये रहे और उसके बाद मैंने उठ कर अपने कपड़े पहन लिये. भैया भी मेरे साथ ही उठ गये थे. उन्होंने भी अपने कपड़े पहन लिये थे.
मैं उनके लंड से इतनी चुद गई कि मुझसे चला भी नहीं जा रहा था. मैं बड़ी मुश्किल से अपने दर्द को छिपाते हुए उनके घर से बाहर निकली. घर जाने के बाद मैंने अपनी चूत को साफ़ किया और उसके बाद नहा कर मैं सो गयी. मैं भैया से चुदवाकर बहुत थक गयी थी इसलिए मुझे नहाने के बाद तुरंत नींद लग गयी.
जब मैं उठी तो शाम हो चुकी थी. मैं अब फ्रेश फील कर रही थी. मैंने सोचा कि कुछ देर बाहर कॉलोनी के पार्क में घूम कर आती हूँ. मैं आज मन ही मन बहुत खुश हो रही थी. भैया ने मुझे जम कर चोदा था. मुझे एक नया लंड मिल गया था. इसलिए मेरे मन में खुशी और संतोष का भाव था.
जब मैं पार्क में पहुंची तो पड़ोसी भैया भी वहीं पर घूम रहे थे. हम दोनों ने एक-दूसरे को देख कर स्माइल किया. भैया मुझसे बात करने का मौका देख रहे थे.
जब थोड़ा सा अंधेरा हो गया तो हम लोग पार्क में एक तरफ पेड़ों के पीछे चले गये. भैया ने पूछा- सेक्स करने में मजा आया या नहीं तुमको? मैंने कहा- हाँ, बहुत मजा आया. मगर मेरी चूत अभी भी दुख रही है. भैया बोले- ठीक है, आज की चुदाई बहुत जोरदार थी. अब तुम कुछ दिन आराम कर लेना. हम उसके बाद फिर से चुदाई करेंगे.
जेब से फोन निकाल कर भैया ने मुझसे मेरा नम्बर पूछा. मगर मैं अपना फोन घर पर ही छोड़ आयी थी. भैया ने मुझसे मेरा नम्बर मांगा तो मैंने उनको नम्बर दे दिया. उन्होंने मेरे फोन पर मिस कॉल करके अपना नम्बर छोड़ दिया.
उसके बाद मैं घर आई तो मैंने सबसे पहले फोन को ही चेक किया. मैंने देखा तो मेरे फोन पर मिस कॉल आई हुई थी. मैंने भैया का नम्बर सेव कर लिया.
तीन-चार दिन बाद भैया का मैसेज आया कि मैं आकर उनसे मिलूं. मैं उनके घर गई तो भैया ने जाते ही मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मुझे चूसने लगे. उन्होंने मेरे कपड़े निकाले और खुद भी नंगे हो गये. अगले कुछ ही मिनटों के बाद हम बेड पर एक दूसरे के जिस्मों को चुदाई का मजा दे रहे थे. भैया ने मेरी चूत को फिर से जम कर चोदा.
अब जब भी उनकी पत्नी घर से बाहर होती है भैया मुझे चोदने के लिए बुला लेते हैं. मगर कई बार जब मेरा मन करता है हमारे पास जगह नहीं होती. एक दिन ऐसे ही मेरा मन भैया के पास जाने के लिए करने लगा. मैंने भैया को फोन किया तो उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया. मैंने सोचा कि शायद उनकी पत्नी घर पर ही होगी इसलिए वो फोन नहीं उठा रहे हैं.
मुझसे रुका नहीं जा रहा था इसलिए मैं खुद ही भैया के घर पर चली गई. घर जाकर देखा तो उनकी पत्नी वहीं पर थी. अब मुझे उनकी पत्नी के सामने बहाना बनाना पड़ा कि मैं उनके घर पर चीनी लेने आई थी. जब भाभी किचन में चीनी लेने गई तो मैंने भैया के लंड पर हाथ फेर दिया. भैया ने आंखों ही आंखों में अपनी पत्नी की तरफ इशारा किया. मैं उदास हो गयी. उसके बाद मैं अपने घर वापस आ गई.
कुछ देर के बाद भैया का फोन आया. मैंने पूछा- आपकी पत्नी चली गई क्या? वह बोले- नहीं, मैं बाथरूम से बात कर रहा हूँ. तुम तैयार हो जाओ. हम दोनों बाहर कॉलोनी के गेट पर मिलेंगे.
मैं जल्दी से तैयार हो गई और अपने दोस्त के घर जाने का बहाना बनाकर घर से निकल गई. भैया बाहर मेरा इंतजार कर रहे थे. मैंने मुंह पर कपड़ा बांधा और भैया के साथ कुछ दूर तक पैदल जाकर आगे हम लोग एक बात करने लगे. भैया ने बताया कि हम होटल में जा रहे हैं. मैं खुश हो गई.
हम लोग एक होटल में गये और वहाँ पर जाकर हमने मस्त चुदाई की. कई बार ऐसा होता है कि जब हमें जगह नहीं मिलती तो हम बाहर जाकर चुदाई करके आ जाते हैं. ऐसे में भैया मुझे बाहर होटल में लेकर जाते हैं. हम वहाँ पर जाकर अपनी प्यास बुझाते हैं.
आप सब को मेरी यह कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बतायें. कहानी पर अपना फीडबैक जरूर दें. मैं आपके मेल का इंतजार करूंगी. [email protected]
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