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मेरी हिंदी सेक्स कहानी मेरी और मेरे पड़ोस रहने वाली लड़की की पहली चुदाई की है. यह सच्ची सेक्स कहानी मैं आपके सामने शुरुआत से लेकर आ रहा हूँ कि कैसे मैंने उसे पटाया और उसकी जमकर चुदाई की. मेरा नाम यश है. मेरी उम्र अभी 21 वर्ष है. मेरा कद 5 फुट 5 इंच है और 6 इंच का लंड है. मेरा जिस्म सामान्य है.
बात कुछ समय पहले की है. जब हमारे पड़ोस में नए किरायेदार रहने आये थे. वो 3 लोग थे … पति–पत्नी और उनकी एक लड़की, जिसका नाम ज़ायरा था. ज़ायरा के बारे में क्या बताऊं दोस्तो … जब मैंने उसे पहली बार देखा, तो देखता ही रह गया. वो एकदम प्रिटी जिंटा जैसी खूबसूरत थी. उसका फिगर 36-26-34 का रहा होगा. जब उसे पहली बार देखा, तो देखते ही मन कर रहा था कि इसे अभी पकड़ कर चोद दूं. उसके तुरंत बाद ही मैं बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ भी मारने लगा.
कुछ दिन तो ऐसे ही बीत गए. एक दिन जब मैं छत पर कान में इयरफोन लगाकर टहल रहा था. तब वो अपनी छत पर बैठकर पढ़ाई कर रही थी. तब उसे देख कर मन कर रहा था कि अभी इससे बात कर लूँ, पर डर भी लग रहा था. तभी उसे किसी ने नीचे से बुला लिया और वो उठकर नीचे चली गयी.
अब तो मैं रोज छत पर जाकर उसे देखने लगा और शायद ये बात उसने भी नोटिस कर ली थी. मेरी उससे कभी कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं हुई.
फिर एक दिन हिम्मत करके मैंने उससे हैलो कहा … और फिर उसने भी हैलो बोला. हम दोनों में थोड़ी इधर उधर की बातचीत भी हुई. उसने बताया कि वो पास के गांव से है … और पापा की यहां जॉब की वजह से उन्हें यहां रहने आना पड़ा.
उस दिन के बाद से हम दोनों में काफी बातें होने लगीं. बातों ही बातों में उसने मुझे अपने फेसबुक एकाउंट के बारे में बताया. तो मैंने उससे फेसबुक पर भी दोस्ती कर ली. अब तो रात को भी उससे बातें होने लगीं. कुछ ही टाइम में हम दोनों अच्छे फ्रेंड बन गए. हम दोनों ने एक दूसरे के नंबर ले लिए और अब हम कॉल पर भी बात करने लगे.
एक दिन छत पर मैंने हिम्मत करके उसे प्रपोज़ कर दिया, पर उसने कोई जवाब नहीं दिया और वो बिना कुछ जवाब दिए वहां से चली गयी. मैं उसकी बेरुखी से उदास हो गया. मैंने उससे कॉल पर बात करने की भी कोशिश की, पर उसने कोई जवाब नहीं दिया.
उसी रात को उसका मैसेज आया कि छत पर आओ. मैं फटाफट छत पर गया, तो देखा कि वो पहले से ही उधर खड़ी थी. उसने मुझे बताया कि वो भी मुझे पसन्द करती है, पर डर लगता है कि उसके मम्मी पापा को पता चल जाएगा, तो वो उसे बहुत पीटेंगे.
मेरे कुछ देर समझाने पर वो मान गयी और मेरे गले लग गयी और मेरी हिंदी सेक्स कहानी बनाने का रास्ता साफ़ हो गया. उसने मुझे इतना टाइटली हग किया था कि उसके बड़े बड़े चूचे मेरे सीने पर दब रहे थे.
मैंने फिर देर न करते हुए उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. ये मेरा पहला अहसास था. जब मैंने किसी लड़की के होंठों को चूमा था. मैं पागलों की तरह उसके रसीले होंठों को चूसे जा रहा था. मेरे हाथ अब उसके बड़े-बड़े स्तनों को ऊपर से दबा रहे थे. मैंने जैसे ही उसकी टी-शर्ट को ऊपर करना चाहा, उसने मेरा हाथ हटा दिया.
उसने बोला- यश अभी नहीं … फिर कभी. मैंने भी जिद न करते हुए उसकी बात मान ली. फिर वो बाय कहकर एक स्माइल के साथ नीचे चली गयी.
पर अब मेरा तो लंड खड़ा हो चुका था और शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा था, तो मैं बाथरूम में घुस गया और उसके नाम की मुठ मार कर सो गया.
अब हम दोनों रोज रात को छत पर मिलते, सबकी नजर बचा कर एक दूसरे को किस करते और फिर सो जाते.
एक दिन उसके मम्मी पापा किसी कार्यक्रम में चले गए. वो अगले दिन आने वाले थे. ज़ायरा अकेली ही घर में रह गई थी. जब उसने मुझे ये बताया तो मेरे मन में चुदाई का कीड़ा जाग गया और बाजार जाकर दो कंडोम के पैकेट और डेरी मिल्क की चॉकलेट ले आया.
मैं अब रात होने का इंतज़ार करने लगा. शाम को मैंने फटाफट खाना खाया, फिर मैं अपनी छत पर सोने चला गया. जब से ज़ायरा से दोस्ती हुई, मैं मेरी छत पर अकेला ही सोने लगा था.
इसलिए जब उसका मैसेज आया, तो मैं उठकर उसकी छत से होते हुए उसके घर में अन्दर चला गया. उसने भी आज छत का दरवाजा लॉक नहीं किया था, इसलिए मुझे अन्दर जाने में दिक्कत नहीं हुई.
मैंने उसके रूम में जाकर देखा, तो वो पहले से ही तैयार थी. उसने आज पिंक कलर की टी-शर्ट और नाईट शॉर्ट्स पहन रखी थी. मैं जाते ही उस पर टूट पड़ा और उसे पागलों की तरह चूमने लगा. उसके मुँह में अपनी जीभ डालने लगा. उसके होंठों को काटने लगा, जिससे ज़ायरा और भी उत्तेजित होती जा रही थी.
मैंने उसकी टी-शर्ट को निकाल दिया और देखा कि उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था. उसके दूध की तरह सफ़ेद बड़े बड़े और रसीले चूचे मेरे सामने फुदक रहे थे. मैं बिना देर किए उन पर टूट पड़ा और उनमें से एक को मुँह में लेकर चूसने लगा. मैं एक आम को चूसता, तो दूसरे को दबाने लगा था. जिससे ज़ायरा कामुक सिसकारियां ले रही थी- ओह्ह यशसस … इस्स … ऐसे ही और जोर से चूसो डियर … यस!
फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके शॉर्ट्स को निकाल दिया. उसने अन्दर ब्लैक रंग की पैन्टी पहनी थी, जो पूरी गीली हो गयी थी. मैंने उसकी पैन्टी को सूंघा, तो उसमें से एक अलग ही मादक महक आ रही थी. उसकी चूत की महक मुझे पागल कर रही थी.
मैंने झट से उसकी पैंटी को निकाल दिया. आह … नंगी चूत को देखा … तो उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. शायद उसने आज ही चूत की सफाई की थी. उसकी गुलाबी चूत बिल्कुल फूली हुई और सील पैक लग रही थी.
मैं इस पल को यादगार बनाना चाहता था … इसलिये मैंने अपनी पैन्ट की जेब से डेरी मिल्क का पैकेट निकाला. जेब की गर्मी से चॉकलेट पिघल गई थी. मैंने चॉकलेट उसकी चूत पर लगा दी. कुछ उसके तने हुए चूचुकों की नोकों पर भी लगा दी.
फिर मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया, जिससे वो तड़प उठी. मैं अपने मुँह से उसकी चूत पर लगी हुई चॉकलेट को चाट रहा था और उधर ज़ायरा का हाल बुरा हो रहा था. वो बेड की चादर को कस के पकड़ कर तड़फ रही थी और मादक सिसकारियां ले रही थी- यस्स और जोर से चूसो … ओह्ह यश आह … यश … ऐसे ही बस और चूसो खा जाओ इसे … यस्स ओह्ह ऊऊऊऊ यस्स..
इसके बाद मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत के छेद के अन्दर डाल दिया. इस हरकत से वो और ज्यादा तड़प उठी. उसने मेरे बालों को कस के पकड़ लिया और खींचने लगी, जिससे मुझे दर्द होने लगा. तब भी मैं अपनी जीभ को उसकी चुत के अन्दर-बाहर करने लगा.
वो भी चुदासी सिसकारियां लेती हुई बड़े मजे से अपनी चुत चटवाने का आनन्द ले रही थी.
कुछ समय बाद ज़ायरा का बदन अकड़ने लगा. इससे मुझे पता चल गया कि ज़ायरा का रस आने वाला है. मैं और जोर जोर से उसकी चूत को चूसने लगा. बस कुछ ही पलों में उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया.
मैं वो सारा पानी चाट कर पी गया और वो निढाल होकर बेड पर लेट गयी. मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ था. मेरे लंड की साइज आज से पहले इतनी बड़ी कभी नहीं हुई थी.
अब मैं उसके स्तनों पर लगी हुई चॉकलेट को चूसने लगा. फिर मुझे पता नहीं क्या हुआ, मैंने उसके हाथों को खोला और उसकी बगलों में अपनी नाक डाल दी.
ज़ायरा की बगल से बहुत ही मादक खुशबू आ रही थी, जो उसके पसीने ने ओर भी मादक बना दी थी. मैं उसकी बगल को चूमने लगा और चाटने लगा, जिससे वो भी धीरे-धीरे उत्तेजित होने लगी और बोलने लगी- यश अब मत तड़पाओ … चोद दो मुझे और अपनी बना लो. मैंने भी देर न करते हुए अपनी पैन्ट को खोल दिया. मैंने अन्दर कुछ नहीं पहन रखा था.
उसके सामने मेरा नंगा खड़ा हुआ लंड था. उसे देख कर वो थोड़ा डर गई- यश ये तो बहुत ही बड़ा है … बहुत दर्द होगा इससे तो? मैंने उसे प्यार से समझाया- पहली बार है, दर्द तो होगा ही … पर मैं तुमको दर्द कम से कम दूँगा. थोड़ा समझाने के बाद ज़ायरा मान गयी.
मैंने फिर उसे लंड चूसने को बोला, तो उसने मना कर दिया. पहली बार होने की वजह से मैंने भी जिद करना ठीक नहीं समझा. मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया रखा, जिससे ज़ायरा की चुत और उभर कर दिखने लगी. मैंने फिर कंडोम को अपने लंड पर सैट किया. साथ ही उसकी चुत पर ढेर सारा थूक लगाया और लंड को उसकी चुत के ऊपर रगड़ने लगा. लंड के टच से वो और तड़पने लगी.
फिर मैंने देर न करते हुए लंड को उसकी चुत पर सैट किया और एक जोर का धक्का दे मारा. पर पहली बार होने की वजह से मेरा लंड फिसल गया. फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर अपने चुत के मुँह पर सैट किया और मुझे आंख मार दी. मैंने इस बार धक्का लगाया, तो लंड का टोपा अन्दर चला गया.
उसकी चूत बड़ी कसी हुई थी, आज से पहले वो कभी नहीं चुदी थी. उसकी चुत तो बिल्कुल गर्म भट्टी की तरह तप रही थी. उसकी चुत की गर्मी मेरे लंड को महसूस हो रही थी.
उसने सुपारे के फंस जाने से थोड़ी बेचैनी दिखाई, पर वो चीखी नहीं. तभी मैंने एक जोर का धक्का लगा दिया, जिससे मेरा आधा लंड उसकी गर्म चुत में अन्दर जा चुका था.
आधा लंड अन्दर जाते ही वो जोर से चिल्ला उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… उई माँ मर गई … यश बाहर निकालो … बहुत दर्द हो रहा है. उसकी आंखों में आंसू आ गए, वो रोये जा रही थी. मैंने उसे बड़ी मुश्किल से चुप कराया.
फिर कुछ देर मैं ऐसे ही शांत पड़ा रहा और उसके मम्मों को चूसने लगा. धीरे-धीरे उसका भी दर्द कम होने लगा. मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख कर उसकी चुत में एक ओर जोरदार धक्का दे मारा.
इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चुत में समा गया था. वो उधर दर्द से चिल्ला रही थी, पर उसके होंठों को मैंने मेरे मुँह में भर रखे थे, इसलिये उसकी आवाज दब कर रह गयी. उसने अपने नाखून मेरी कमर में गड़ा दिए, जिससे मुझे भी बहुत दर्द होने लगा.
मैंने उसकी चुत की तरफ़ देखा, तो चुत से खून निकल रहा था. मैं थोड़ी देर उसे चूमता रहा. उसने भी दर्द भूल कर गांड को हिलाकर चोदने का इशारा किया. मैं अपने लंड को आगे पीछे करने लगा.
अब वो भी अपनी गांड उठाकर चुदा रही थी और मादक सिसकारियां ले रही थी- ओह … फ़क मी आआह … यश माय डार्लिंग … फक मी हार्ड … आआहह … और जोर से आआहह … बस ऐसे ही यस्स मुझे अपनी बना लो … यश आई लव यू..’ उसकी मादक आवाजों को सुनकर मैं और भी उत्तेजित हो गया. मेरे लंड की स्पीड बढ़ गयी और मैं उसकी जोर जोर से चुदाई करने लगा.
उसके हिलते हुए मम्मों को मैं अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसल रहा था. वो भी मेरे पीठ पर अपना हाथ घुमा रही थी. फिर मैंने अचानक उसकी चुत से लंड निकाला और उसकी चुत पर अपना मुँह लगाकर उसे चूसने और चाटने लगा.
मेरे इस हमले से वो तड़प उठी. मैंने उसकी चुत का रस पीकर, उसे डॉगी स्टाइल में झुका दिया. अब मैं पीछे से उसकी चुत को चाटने लगा और उसकी गांड के छेद पर भी अपनी जीभ लगाकर उसकी गांड के छेद को चूसने लगा. मेरी इस हरकत से ज़ायरा की सांसें तेज होने लगीं.
मैं पीछे से उसकी गुलाबी चुत में अपना लंड डालकर जोरदार धक्के लगाने लगा. उसकी चुत गीली होने की वजह से पूरी कमर फच फच और आआहह की आवाज से गूंज रहा था. कुछ मिनट लगातार ऐसे ही जमकर धक्के लगाने के बाद मुझे लगा कि मेरा काम तमाम होने वाला है, तो मैंने उसकी गांड को पकड़ कर अपने लंड की स्पीड और तेज कर दी. कुछ ही पल में उसका बदन भी अकड़ गया और हम दोनों एक साथ झड़ गए.
इस चुदाई से हम दोनों काफी थक गए थे, तो मैं उसके ऊपर ही गिर गया और हम दोनों को कब नींद आ गयी, पता ही नहीं चला.
सुबह 5 बजे मेरी नींद खुली, तो मैं उठकर उसकी छत से मेरी छत पर आ गया और सो गया.
दोस्तो, पड़ोस की मेरी पहली गर्लफ्रेंड की हिंदी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी. आपके मेल का इंतजार रहेगा. [email protected]
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