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लिफ्ट की आवाज़ आयी। सुमन पैनिकया गयी और अपने कपड़े लेके मेरे सामने ही पहनने लगी। उतने में लिफ्ट खुली और इशी लिफ्ट से निकली।
इशिता को तो मैं देखता ही रह गया आज वो बाकी दिनों से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। उसने एक फ्रॉक जैसा कुछ पहना हुआ था। उसे सनड्रेस कहते है शायद। उसके सीने पर कुछ भी नही था। और उसकी पिंक ड्रेस उसके गोरे रंग को और भी ज्यादा गोरा कर रही थी उसके हाथ और पैर उसकी छोटी स्कर्ट में देखते ही बन रहे थे। उसके गुलाबी होठ और चेहरा देख के मेरा लंड उछलने लगा। वो शायद किसी महँगे पारलर से आई थी।
“हे सुस! हे रोहन सोरी आई एम लेट। रोहन कम”
मैं उठा और इशिता के रूम में चला गया। उसने अपने बैग्स बेड पर फेके और मेरी तरफ मुड़ी
“केसी लग रही हु मैं”
“हमारे बिहार में कहते है कंटाप। वही लग रही हो”
वो हसी और मुझे अपने ऊपर खिंच ली और बेड पर लेके गिरी।
“रोहन टोमोरो इस मय बर्थडे आई वांट मय गिफ्ट”
और मेरा लन्ड पकड़ लिया
“अउच धीरे से इशी”
“तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड तो नही है ना?”
“इशी वो…”
“कोई भी लड़की तुम्हे पा कर कितनी खुश होगी”
“नही इशी वो….”
इतने में उसने मेरा गीला लन्ड निकल लिया।
“उउउ अभी से इतना गीला!” और उसने मेरा लन्ड अपने मु में ले लिया।
अब उसको कैसे बताता जो नमकीन लंड वो चूस रही थी वो उसे उसकी माँ की चूत और गंड का स्वाद दे रहे थे।
“वाओ रोहन तुम्हारा लन्ड तो बहुत टेस्टी है।”
मैं वो नज़ारा बया नही कर सकता। सोचो आप लेटे हो और अपना लन्ड कोई चूस रहा हो। और वो इतना गोरा हो कि पूछो मत। और उसके बाल से लाल रेखा जा रही हो। और उसने अपने बूब्स के ऊपर कुछ नही पहना हो। और उसके DD बूब्स आपकी जांघो पर मसल रहे हो। और वो लड़की पूरी ताकत से अपनी ज़ुबा में आपका लन्ड लपेट के चूस रही हो।
मेरा लन्ड उसके हिलते बूब्स को देख के झेल नही पा रहा था ये सब तभी सुमन ने डिनर पर आने को चिल्लाया। इशिता ने मेरा लन्ड एक बार मे छोड़ दिया।
“मेरे दिमाग मे एक आईडिया आया है रोहन। इसे अंदर करो” और उसने कुछ पेपर नैपकिन से अपने होठों को साफ करना चालू किया।
“ठीक लग रही हु ना?”
“हमेशा की तरह”
“यू सो स्वीट”
मैं गया तो टेबल पे दुनिया भर की चीज़ थी। सुमन खुद ही सारा सामान किचन से ला रही थी। मैने सोचा कुछ मदद कर दु। सुमन ने बोला
“तो क्या किया उसने?”
“कुछ नही”
“रोहन मुझे अपनी के बारे मे पता है। मुझसे झूठ मत बोलो”
“उसने मेरा मु में लिया था”
“तो कैसे लगा उसे स्वाद?”
मेरे होश उड़ गए!
“उसने कहा अच्छे था”
सुमन हसने लगी।
“तुमने बताया उसे?”
“नही”
हम सब टेबल पे बैठ के खाना खाने लगे। पूरे समय इशिता का हाथ मेरे लन्ड पे था। हम तीनों बाते कर रहे थे। इशिता ने तभी अपना चमच नीचे गिराया और नीचे चली गयी। और धीरे से मेरे टैंगो के बीच आगई और मेरा लंड निकलने लगी।
मेरी गंड फैट चुकी थी। तभी उसने मेरा मु में ले लिया। आआह क्या होठ और ज़ुबा थी उसकी। सुमन मेरे को देख रही थी। उसने टेबल के ऊपर मेरा हाथ पकड़ा और धीरे से मेरे कान में बोला..
“क्या वो अभी चूस रही है?”
“हा सुमन”
“कैसे?”
“ज़ुबान लपेट के। मेरा आधा लंड उसके मु में है।”
फिर ज़ोर से बोला
“इशी बेटा मिला वो?”
“हा मोम जस्ट वन मिनेट”
इतने मैंने सुमन को अपनी तरफ खींच और उसके मुंह मे अपनी जुबान डाल दी। और बोबे मसलने लगा।
आह क्या जन्नत थी बेटी का मुंह मेरे लन्ड पे और उसकी माँ के बबले मेरे हाथ मे। इशिता खेर थोडी देर बाद ऊपर आयी। मैं इस समय खाना खाना छोड़ दिया था। मेरा लन्ड अभी भी बाहर था और अपने एक हाथ से इशिता की गंड सहला रहा था और दूसरे से सुमन की गंड दबा रहा था।
मेरे लन्ड से अब रहा नही जा रहा था। मैं खड़ा हो गया। मेरा लन्ड अभी भी बाहर ही था। सुमन और इशिता की फट गई। इशिता मेरे लन्ड को अपने टॉवल से ढकने के लिए जैसे ही बढ़ी। मैंने उसे ऊपर खिंचा (खड़ा किया) और उसे टेबल पे फेक दिया।
उसके पीछे की प्लेट नीचे फेका और उसे लेता दिया। और उसके ऊपर चढ़ने लगा और उसके बबले पकड़ कर उसे किस करने लगा। वो मेरा साथ नही दे रही थी पर माना भी नही कर रही थी। क्या स्किन थी उसकी। इतनी कोमल हाय कैसे हो सकती है?
आभा की भी इतनी कोमल नही थी और सुमन की चिकनी चुत भी इतनी कोमल और गोरी नही थी।उसके होठ इतने प्यारे और नाजुक थे जिन्हें मैं अपने दांतों से काट रहा था। वो “उमम आह” की अवज़े निकाल रही थी। और मैं दोनो हाथ से उसके मखमली कपड़ो के उपर से उसके मोटे मुलायम बबले और मोटी गांड दबा रहा था।
मेरे मुंह से थूक बह रही और उसके मुंह मे जा रही थी और वो उसे निगलते जा रही थी। जब मैंने उसे जी भर के चुम लिया तो मैं उसके ऊपर से उठा और उसको सास लेने दिया। उसका सीना गहरी सांस लेने की वजह से ऊपर नीचे हो रहा था। मैंने देखा सुमन अपनी चुत रगड़ रही थी हमे देख के। इशी का चेहरा सुमन को देख के पूरा लाल हो चुका था।
“इट्स ओके इशी बेटा आज तुम्हारा बर्थडे है। यू शुड एन्जॉय”
मैंने ये सुनते ही इशी को टेबल से उठाया और पीछे लिविंग रूम के सोफे पे लिटा दिया। वो एक टके मुझे ही देखे जा रही थी। और फिर वो मेरा सीने पर किस करने लगी।
सुमन ने पीछे धीमा से गाना लगा दिया और मेरे बाल सुमन ने पीछे से खींचे और मुझे भी इशी के बगल बैठा दिया और खुद भी मेरे बगल बैठ गयी।
मैं बीच मे बैठा था दये से इशी मेरे पर चढ़ी हुई थी मेरी शर्ट उत्तर रही थी और मेरे सीने पे किस कर रही थी और बाएं से सुमन मेरे बाल पीछे से खींच रही और मेरी जुबान से अपनी जुबान से खेल रही थी। इशिता गले से धीरे धीरे सीने फिर पेट फिर नाभि फिर नीचे मेरी पैंट का बटन खोल रही थी। मैं भी दाय हाथ से उसके रेशमी बालो से खेल रहा था और बाएं हाथ से सुमन का दाया बोबा दबा रहा था।
इशिता ने मेरी पेंट उतार के फेक दी थी और मेरा लंड लेके चूस रही थी। मैं अब पूरा नंगा बैठा हुआ था इन माँ बेटी के साथ। तो मैंने भी सुमन का सफेद ब्लाउज़ खोल के उतार दिया। इशिता ने ये देख के मेरा लन्ड चूसना बन्द कर दिया। उसके होश उड़ गए थे सुमन के बबले देख के और मुझे उससे दूध पीता देख। सुमन ने धीरे से उसका हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया।
“इतस ओके इशी बेटा”
और उसके होठ अपने दाट से काटने और खेचने लगी। इशी भी सुमन का साथ दे रही थी अब। और उसके दूसरे बोबे पर धीरे धीरे से हाथ फेरने लगी।
मैंने इशी के हाथ के ऊपर हाथ रखा और उसे सुमन के बोबे को ज़ोर से दबाया। इशी की उंगलिया सुमन के निप्पल पे थी तो उसकी वजह से सुमन के बोबे से दूध की एक पिचकारी निकली जो इशी के होंठ गाल और चेहरे पर चली गयी। वो शॉक में थी पर उसने जैसे ही अपने होठ को चाटा उसे अपनी माँ के गरमा गरम दूध का स्वाद लग गया था।
वो समझ गयी थी कि सुमन कितनी बड़ी रंडी थी। फिर क्या था? वो सुमन को पूरी मस्ती में चुम्ने चाटने लगी और उसके निप्पल पकड़ के उसका दूध पीने लगी।
हम दोनों सुमन का दूध पीते पीते एक दूसरे को देख के मुस्कुरा रहे थे शर्मा रहे थे। और एक दूसरे को छू रहे थे। मैं सुमन का दूध पीता हुआ इशी के बोबे दबा रहा था और इशी मेरा लन्ड हिला रही थी। सुमन मस्त लेट के ज़ोर ज़ोर से सिसकिया ले रही थी।
“चुसो इशिता… मेरा पूरा दूध पी जाओ तुम दोनों। आआआह” मैंने भी सुमन की चूत उसकी योगा पैंट के ऊपर से रगड़ने लगा फिर थोड़ी देर बाद मैंने और इशी ने उसे भी उतर के फेक दिया।
इशी सुमन की गोरी चूत देख के बोली “ये तो डिट्टो मेरी तरह है” सुमन खुशी से फुले नही समा रही थी।
फिर हम दोनों एक साथ ही सुमन को चुत में उंगली करने लगे और उसे साथ साथ तो कभी बारी बारी से चाटने भी लगे। सुमन बुरी तरह से तड़प रही थी। उसके दोनो बोबे चूसे जा रहे थे उनसे दूध पिया जा रहा था और उसकी खुद की बेटी और उसका दोस्त उसकी चुत में उंगली कर रहे थे।
तभी घड़ी में 12 बजे। मैं औऱ इशी फिर एक दूसरे को किस करने लगे। सुमन ने मुझसे बोला कि फ्रिज से केक लेके आओ। जो कि मैं ले आया। लेकिन मैं जल्दी बाज़ी मे चाकू लाना भूल गया। सुमन ने बोला
“चाकू नही लाये? अब तो तुम्हारे लंड से ही केक काटना पड़ेगा”
इशिता ने कैंडल्स पर फुक मारा वो उस मोमबत्ती की रोशनी में किसी पारी की तरह लग रही थी। फिर उसने मेरा लन्ड पकड़ा और केक में गड दिया। और मेरे लन्ड से ढेर सारा केक उठा लिया। सुमन एक बार मे घुटने पर बैठ गयी और इशिता ने मेरे लन्ड सहित केक सुमन के मु में दाल दिया। सुमन मेरा लंड पागलो की तरह चूसने लगी।
“केसा लग रहा है रोहन?”
“बहुत अच्छा इशी, आज तो मैं मर ही जाऊंगा”
जब सुमन ने मेरा लंड चाट के साफ कर दिया तो उसने भी मेरे लन्ड से केक उठा के इशी के मु में दे दिया। अअअअअअह इशी के मुंह की बात ही कुछ और थी। कितनी कोमल मुलायम मु था उसका और उससे भी कोमल इसकी ज़ुबान उसके होठ तो किसी पंख की तरह मेरे तटों को छू रहे थे।
मैने इशी के बाल उसका सिर पकड़ रखा था उसकी जुबान नीचे से उसके होठो के बाहर निकल के मेरा लन्ड चाट रही थी। उसकी ज़ुबान मेरे टट्टे भी चाट रही थी जब मेरा टोपा उसके गले मे था। मेरे से रहा नही गया और मैंने अपना मोटा गर्म गढ़ा नमकीन सफेद सडका उसके मुह में दे मारा। इशिता की गोल गोल आंखे बड़ी हो गयी।
ब मेरा लन्ड तड़पना बंद किया मतलब सारा सडका निकल गया तो मेने उसके मुह से अपना ढीला लन्ड निकाला। उसने अपना मुंह खोला और सुमन को दिखाने लगी। मैंने देखा इतना सडका तो मेने कभी भी ज़िन्दगी में नही निकाला था। इशिता ने मुझे देखा और अपने होठ सी लिए। उसने मुझे आँख मेरी और पूरा पानी मेरा एक बार मे पी गयी। आआआह कितनी क्यूट थी वो।
अब केक खाने की बारी मेरी थी। मैंने उसे खड़ा किया तो वो पलट गई और अपने बाल आगे कर ली। मैं उसकी गोरी पीठ देख रहा था। मैंने उसके ड्रेस की ज़िप खोल के नीचे करने लगा।
जैसे जैसे उसकी ज़िप खुल रही थी उसकी गोरी नंगी पीठ मुझे दिख रही थी। मेरा हाथ ज़िप के नीचे तक गया। इसका ये मतलब था कि कपड़ा ढीला हो गया था अब इशिता को बस अपने हाथ ऊपर करने थे और जैसे ही उसने अपने हाथ ऊपर किया उसकी गुलाबी ड्रेस नीचे गिर गयी।
हाय…. क्या माल है यार।
इतनी ज़बरदस्त गोरी और पूरे बदन पर एक निशान नही। मैंने नीचे देखा हाय क्या मोती गांड है एक दम फूली हुई ताज़ा टाइट।
मैंने उसकी गंड पे एक चटा मारा और उसको पीछे से पकड़ के उससे लिपट गया। और उसकी गर्दन पे पीछे से काटने लगा। मेरा ढीला लंड उसके गंड के बीच मे था। वो मुड़ी और अपने बालों को फेका जो मेरे चेहरे से लड़ के उसकी पीठ पर चले गए। वो मेरे सामने खड़ी थी।
उसके ममय उसके बोबे उसके चुचो ने मेरे होश उड़ा दिए। वो DD नही DDD थे और 45/55 शेप के थे। जिसमें बूब्स का 45% मास निप्पल के ऊपर होता है और 55% निप्पल्स के नीचे। उसके बूब्स इतने मोटे और टाइट थे कि जहाँ थे वही थे , एक cm नीचे नही गिरे या दये बाये नही भागे। और उसके निप्पल्स सुमन की तरह बिल्कुल भी नही थे।
उसके निप्पल्स इतने गुलाबी थे कि ऑलमोस्ट गायब ही लग रहे थे। और उसके निप्पल्स इतने हार्ड थे कि उसके मममो से बाहर निकल गए थे। मैं इतनी खूबसूरती देख के पगला गया। मेरे तांग हिल रहे थे ये देख के और उसके मोटे बबले और पिंक निप्पल और जीरो फिगर देख के मैं अपने घुटनों के बल उसके सामने गिर गया।
और जब गिरा तो मैं मर ही गया। इशिता ने सुमन की चूत को देख के जो बोला था वो दुनिया का सबसे बड़ा झूठ था। इतनी गुलाबी और प्यारी चुत थी उसकी।
उसकी चुत की पंखुड़िया बहुत बड़ी नही थी सुमन की तरह वो इतनी गुलाबी और छोटी और प्यारी थी और पूरी सिमेट्रिकल थी। उसकी गोरी गुलाबी चुत पे उसकी गंड की तरह एक बाल नही था। और क्योंकि उसकी चुत गीली थी उसपे छोटे छोटे पानी की बूंदे दिख रही थी और उसकी चुत से एक मीठी से महक भी आ रही थी।
जो कि आज तक मुझे कभी नही आई थी और इतने साल बाद 2020 में भी आज तक इशिता के चुत के अलावा नही आई। आज भी वो महक मेरे ज़ेहन में है। उस महक ने मुझे मंतरमुग्द कर दिया था मेरा मेरे पर कंट्रोल नही था। और मेरी नाक अपने आप ही धीरे धीरे उसकी चुत के पास चली गई।
उसकी चुत पास से देख के मेरी जबान अपने आप ही बाहर आ गयी और मेने अपनी जुबान के चौड़े से चौड़े भाग से उसकी चुत को चाटना चालू किया।
आह क्या चुत का स्वाद नमकीन ही होता है पर उसकी चुत की महक से उसकी चुत नमकीन काम और मीठी ज्यादा स्वाद आ रही थी। मैं पागलो की तरह दुनिया भूल के उसकी चुत चाट रहा था। वो ज़ोर ज़ोर से मेरे बाल खींच कर आहे भर रही थी।
मैंने भी चाट चाट के उसको मस्त कर दिया था। वो अपनी प्यारी सी गंड से मेरे मुंह पर ज़ोर ज़ोर से झटके मार रही थी और मेरे मुंह पर अपनी चुत रगड़ रही थी। मेरे दोनो हाथ एक उसकी मुलायम गंड दबा रहे थे और दूसरा उसके मखमली मम्मे दबा रहे थे। सुमन इशिता को किस कर रही थी तो मैंने भी अपनी उंगली सुमन की चुत में डाल दी और रगड़ने लगा।
हम तीनों बुरी तरह से अवज़े निकाल रहे थे आहे भर रहे थे। मैंने इशिता और सुमन को सोफे पे बगल बगल तांग फैला के बैठने को बोला और अपने हाथ से केक उठा के दोनो की चुत पे रगड़ दिया। बर्थडे में आये है, केक खाये बिना थोड़ी न जाएंगे।
फिर मैंने बारी बारी से इशिता और सुमन की चुत चटनी चालू की। वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और एक दूसरे को किस कर रही थी और एक दूसरे के मम्मे और चुत रगड़ रही थी मेरे चाटते हुए। मेरा लंड अब खड़ा हो चुका था। लेकिन मैं फिर भी चते ही जा रहा था दोनो की चुत बारी बारी से।
सच बताऊ तो सुमन की चुत चाटने का तो बिल्कुल ही मन नही कर रहा था उसमें इतनी पंखुड़िया थी किस किस को चाटु? लेकिन इशिता की मीठी चुत उसको कैसे छोड़ दु? मैं उसकी चुत और गंड के अंदर जीभ डाल के चाटने लगा..
करीब 5 मीनत बाद इशिता का पानी छूट गया। और मेरा पूरा सिर बाल सीन उसके पानी से तार बटर हो गया। सुमन बिना समय गवाए मेरे चेहरे से इशिता का पानी चाटने लगी ये देख के इशिता फिर से गर्म होने लगी और और फिर जब सुमन उसकी चुत से डायरेक्ट पानी चाटने लगी इशिता पागल ही हो गई।
उसके गोरे मोठे बोबे मुझे बुला रहे थे मैंने इशिता के पैर फैलाय और अपना नंगा टोपा उसकी गीली चुत पे सेट किया और धीरे से अंदर डालने लगा पर उसकी चुत इतनी टाइट और पानी की वजह से चिकनी हो चुकी थी।
सुमन भी मेरा लन्ड सेट कर रही थी इशिता की चुत पे उसके बहुत कोसिस करने पर मेरा आधा टोपा उसकी चुत में घुसा। इशिता मुस्कुरा रही थी फिर क्या था मैंने ज़ोर से झटका मारा और पूरा टोपा उसके चुत में घुस दिया।
“दर्द तो नही हो रहा इशी बेटा?”
“नो मोम इतस फाइन”
ये सुनते ही मैंने आधा लन्ड इशिता की चुत में डाल दिया और उसके मम्मे अपने होठों और ज़ुबान से चाटने लगा और उसके निप्पल काटने लगा वो पीठ अकड़ कर मज़े ले रही थी।
मैंने फिर समय का फायदा उठा के पूरा लंड इशिता की चुत में पल दिया। ऐसा नही है कि उसको दर्द नही हुआ होगा क्योंकि वो पहले भी कई बार चुद चुकी थी बस मेरा लंड ज्यादा ही मोटा था।
अब मेरे से रह नही गया और मेने इशिता को बजाना चालू किया वो ज़ोर ज़ोर से मस्ती में चीख रही थी। मेरे कानों की बैंड बाजी हुई थी। उसकी चुत इतनी मुलायम और गीली थी कि मेरा लन्ड आगे पीछे फिसल रहा था। और जब बाहर निकल जाता तो सुमन एक बार मेरे लन्ड को चूस के वापिस अपनी बेटी की चुत में डाल देती। इशिता मज़े से चुद रही थी फूल एन्जॉय ले रही थी मेरे लंड का। उसके मम्मे मेरे झटको से हिल रहे थे।
इशिता इतना चिल्ला रही थी कि सुमन उसके होठ को अपनी चुत से सील दी और मुझे चूमने लगी। इशिता की एक टांग मेरे दये कंधे पे थी। सुमन के होठ मेरे होठ पे मेरा दया हाथ सुमन के मम्मे दबादता हुआ और मेरा बया हाथ इशिता के चुचे दबाता हुआ।
हम सब पसीने में तर बटर थे। तभी इशिता ने बोला कि उसे घोड़ी बनना है। तो मेने बोला सुमन नीचे और इशिता उसके ऊपर घोड़ी बन जाये। मैंने फिर ईशिता की गोरी पीठ पे हाथ फेरते हुए उसकी चुत में लंड डाल दिया।
वो सुमन की चुत रगड़ रही थी। और मैं ज़ोर ज़ोर से उसे झटके मार रहा था। सुमन ईशिता को खूब चुम रही थी वो दोनों ही एक दुसरो के मममो से प्यार कर बैठी थी।
ईशिता बोल रही थी कि उसको भी सुमन जैसे जी बोबे चाहिए। वो एक दूसरे को बता रही थी कि वो किस किस से अब तक चुदी है।
सुमन कई मर्दो के नीचे आयी थी। वो ईशिता को अपनी सुहागरात के बारे में भी बता रही थी। ईशिता भी बता रही थी कि उसने एक बार अपने चाचा का चूसा था तो सुमन बताने लगी कि कैसे उसका पति सुमन को उसके चाचा से चाची के बदले एक्सचेंज करते है।
मैं उनकी बातें सुन सुन के पागल हो रहा था। मैं अपना लंड काफी इधर उधर कर रहा था। क्योंकि ईशिता और सुमन की चुत एक के नीचे एक ही थी तो कभी मेरा लंड ईशिता की चुत में होता तो कभी वही गीला लन्ड मैं सुमन की चुत में डाल के बहुत बुरे झटके मरता। जब मैं सुमन की चुत मरता तो ईशिता सुमन के चुत का दाना रगड़ने लगती और में अपनी उंगलिया ईशिता के चुत में दाल देता।
सुमन की दोनों टंगे मेरे कंधो पे थी और मैं बिना किसी रेहम के सुमन की चुत मार रहा था। तो मैने अपना लन्ड निकला और उसकी गंड में पेल दिया। उसको फर्क ही नही पड़ा वो इतनी एक्सपर्ट थी।
वो और मज़े से चुदने लगी। मैने फिर से ईशिता की गंड चाटनी चालू कर दी सुमन की गंड मरते हुए। मैं उसकी गंड में थूक भर भर के गीली कर रहा था।
उसकी गंड से मेरी थूक बह के उसकी चुत में जा रही थी। और वहां से टिप टिप गिर के सुमन की चुत पे गिर रही थी। जहाँ से बहते हुए वो उसकी गंड पे जा रही थी और मेरे मेरे लन्ड को और चिकना कर रही थी।
मैंने अपना लंड निकाला और ईशिता की गांड थोड़ा नीचे की और उसके गंड पे अपना लंड सेट करते ही ज़ोर का झटका मारा। मेरा लन्ड एक बार मे उसकी गांड में पूरा का पूरा फिसलता हुआ घुस गया। मेरा लन्ड का उसकी गंड में कचूमर ही निकल गया था क्योंकि उसकी गांड इतनी टाइट थी कि मेरा लंड जैसे रोड रोलर के नीचे आ गया हो।
फिर मेने टप्पे मारने चालू किये और बेरहमी से उसकी गांड मारने लगा। उसकी गांड मेरे झटको से हिल रही थी। उसके बबले आगे की तरफ फेका रहे थे और उसके बाल हिल रहे थे। मेरे टट्टे उसकी चुत पे रगड़ रहे थे। और मेरा लन्ड उसकी गांड फाड़ के अंदर तक जा रहा था। वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी। और मेरे में और जोश आ रहा था।
मैंने उसके बाल पकड़े और ज़ोरो से खेचना चालू किया वो और ज़ोर से चिल्लाने लगी। मैं ज़ोर ज़ोर से उसकी गंड मारा जा रहा था अब मैंने उसकी तेज़ी भी बढ़ा दी। ईशिता की आँखे ऊपर चली गयी थी और उसके मुंह से अब बस एक धीमी सी आआआआआआआ की आवाज आ रही थी।
वो पागलो जैसा बर्ताव करने लगी थी। और इधर उधर भागने की कोशिश कर रही थी मैं फिर भी उसे पकड़ के चोदे पड़ा था।
तभी जैसे उसकी चुत अपने आप खुली और उसमें से पानी की ज़ोरदार धार निकली और मेरे टट्टे और जांघो को भीगा दिया। और वो जैसे बेहोश हो के नीचे गिर पड़ी। मेरा लंड उसके गिरने की वजह से बाहर आ गया था वो नींचे गिरी तड़प रही थी। उसका पूरा जिस्म हिल और कांप रहा था।
सुमन भी नीचे लेट के उसको चुम रही थी। जब वो थोड़ी शांत हुई तो मैंने उसे अपनी गोद मे उठाया और सोफे पे बैठ के चूमने लगा। सुमन पीछे से उसकी चुत और गांड चाट रही थी। और मैं भी उसके होठ चूस रहा था। मैंने उसके बबले अपने मुह में लेके चाटने लगा।
ईशिता के अंदर इतनी गर्मी थी कि दो बार झड़ के भी फिर से गरम हो गयी थी वो। आज तक मैंने उस लड़की जैसा स्टैमिना किसी मे नही देखा। उसने मेरा लंड लिया और अपनी चुत में दाल लिया।
उसकी चूत किसी जन्नत से कम नही थी। जन्नत ही थी। इतनी टाइट गीली मुलायम और गरम चूत आये हए। उसने मेरे लंड पे उछलना चालू किया और सुमन ने मेरे टट्टे अपने मुह में लेके चाटने चालू कर दिए।
मै ईशिता के सीने से चिपक गया था। और उसके मम्मे चूस रहा था। वो अपनी मोती गोरी खूबसूरत गांड हिला हिला के मेरा मोटा लंम्बा लंड ले रही थी।
मैंने भी साथ साथ उसकी चूत में झटके मारने लगा। उसके गले से पसीना उसकी छाती और मममो के बीच से होता हुआ उसकी नाभि में जा रहा था।
उसके रेशमी बाल मेरी चुदाई से पूरे भीग गए थे और अब शायद उसमे भी ऊर्जा की कमी हो रही थी। मैंने उसको पलटा और उसके ऊपर आ के उसको चोदने लगा। सुमन इसकी वजह से दूर गिर गयी।
ईशिता की चूत ने मेरे इस हरकत की वजह से पानी छोड़ दिया। मेरा लंड अब उसकी चुत में आगे पीछे पानी पे फिसल रहा था। मेरे से भी अब रहा नही गया और मैंने भी अपना सडका उसकी चूत की गहराइयों में डाल दिया।
मेरे टट्टे उसकी चूत से चिपके हुए थे और उनके अंदर का एक एक बूंद ईशिता की चूत में चली गयी। मेरे टट्टे इतने हल्के हो गए थे मानो उनके अंदर अब कुछ नही बचा था।
मैं ईशिता एक दूसरे को देखे जा रहे थे। और चूमते जा रहे थे। मेरा लंड अभी भी उसके अंदर था और सुमन उसकी चुत से निकलता हुआ मेरा सडका चाट रही थी। ईशिता बोली :
“बेबी थिस वास् दी बेस्ट बर्थडे एवर”
हम काफी देर ऐसे ही नंगे पड़े रहे। फिर कुछ देर बाद मैं और ईशिता उसके कमरे में गये और नंगे ही सो गए। वो पूरी रात मेरी बहो में लिपटी रही। उसकी खुशबू आज भी मेरे जेहन में है।
सुबह जब मेरी आँख खुली तो ईशिता मेरे बगल ही सोई हुई थी। सूरज की रोशनी में उसका जिस्म और भी चमक रहा था। मैंने उसकी कम्बल खींच लिए और उसके नंगे जिस्म को देख के मुठ मारने लगा। मैंने सोते में ही उसके मुंह मे अपना लंड दे दिया और धीरे धीरे हिलाने लगा और उसके मम्मे दबाने लगा।
10 बज रहे थे सुमन शायद हमे उठाने आयी थी। उसने मुझे ये करते पकड़ लिया। मेरे से रहा नही गया। और मैंने सुमन को पकड़ के बाहर ले गया और खाने की टेबल पे उसको पकड़ के उसका सिर वहां सता दिया। और उसकी लंबा प्लाजो गिरा के और चड्ढी बगल करके उसकी सूखी चूत में अपना गीला लंड दाल दिया। और ज़ोर ज़ोर से उसे चोदने लगा।
वो कुछ नही कर रही थी बस आंखे बंद करके मेरा लन्ड ले रही थी। मैंने उसके ब्लाउज़ से उसके चुचे निकल दिए और पीछे से ही बेरहमी से दबाने लगा। उसका दूध टेबल पे थोड़ा थोड़ा फैल रहा था जिसे वो चाटने लगी थी।
जब मेरा मन भरा तो मैंने अपना पानी उसकी चुत के अंदर दे मारा। वो चुदाई की थकान से नीचे फ़र्श पे गिर गयी और अपने चुचे अंदर करने लगी। मैं वापिस रूम पे आया तो देखा ईशिता बेड पे नही थी। और बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था।
मैं जब अंदर गया तो वो नाहा रही थी टब में। मैं भी उसके साथ टैब में चला गया और हम दोनों एक दूसरे की बाहों में काफी देर तक लेते रहे। खेर जब बाहर निकले तो मेरे कपड़े धूल के इस्त्री कर के ईशिता के बेड पे पड़े थे।
उस दिन मैंने ईशिता को उसके कपड़े पहनाये। उसको उसकी पतली सी लेसी पैंटी पहनाई उसको उसकी महँगी लेसी ब्रा पहनाई उसके एक एक पैर उसके फ्रॉक/सनड्रेस में डाली और उसके पीछे का एक एक बटन बन्द किया।
वो किसी पारी और अप्सरा से कम नही थी। हम लोगो ने साथ मे ब्रेकफास्ट किया। और ईशिता ने फिर मुझे अपनी गाड़ी से कॉलेज छोड़ दिया। जब हम गाड़ी में थे उसने मेरा हाथ एक पल के लिये भी नही छोड़ था। और जब मैं उतारने लगा तो मेरे गालो पे एक मीठी सी पप्पी भी दे दी।
जब मैं उतरा तो देखा आभा अपने दोस्तों के साथ कही जा रही थी। उसने मुझे ईशिता की गाड़ी से उतरते देखा तो मेरी तरफ भागते चली आयी और मुझपे कूद पड़ी। मैने भी उसे हवा में ही उठा लिया। वो मुझे सबके सामने ही होठो पर एक चुम्बन दी और मैने उसे नीचे उतारा दिया।
“कहाँ थे तुम कल से तुम्हे फ़ोन कर रही हु?”
मैं पीछे मुड़के देखा तो ईशिता की गाड़ी वही थी। उसने ये सब देख लिया था। उसने गुस्से में गाड़ी चलाई और वहां से चली गईं।
सच बताऊ तो इसके बाद ईशिता के साथ बस एक और बार सेक्स हुआ था वो भी इस दिन के 2 साल बाद। लेकिन वो कहानी किसी और दिन के लिए है।
आपको ये कहनी कैसी लगी? ज़रूर बताये।
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