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दोस्तो, मेरा नाम प्रिन्स है, मैं इंदौर का रहने वाला हूँ और यह मेरी इस पटल पर पहली सेक्स कहानी है. मैं आशा करता हूँ कि आपको मेरी और बहुत ही सुंदर भाभी से साथ की यह मस्त सेक्स कहानी बहुत पसंद आएगी.
यह घटना दो महीने पहले हुई थी. मैंने सोचा कि इस अनुभव को आपके साथ साझा करूं.
मैं अन्तर्वासना का पिछले दो साल से पाठक हूँ. पहले मैं आपको मेरे बारे में बता दूं. जैसा कि मैंने पहले बोला मेरा नाम प्रिन्स है और मैं इंदौर एमपी से हूँ. मैं एक मिडल क्लास फैमिली से हूँ. मेरे घर में मम्मी पापा, दादा दादी और एक छोटा भाई है. मेरी उम्र 21 साल है, मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूँ. मेरी हाईट 6 फुट 1 इंच है. मेरा कलर भी बहुत फेयर है. पिछले 2 साल से रोज़ाना जिम जाने के मेरी बॉडी भी काफ़ी अच्छी हो गई है और मैं बहुत आकर्षक दिखता हूँ, ऐसा सब कहते हैं.
मुझे मेरे कॉलेज में स्मार्ट बॉय का अवॉर्ड भी मिला है. मेरे लंड का साइज़ 6.5 इंच लंबा है और ये 3.5 इंच मोटा है. मैं अपने लंड पर बहुत ज्यादा ध्यान देता हूँ. जिम करने के बाद में अपने कमरे में नंगा होकर अपने लंड पर एक पचास ग्राम का वजन लटका कर लंड को ऊपर नीचे करता हूँ. इससे मेरा लंड काफी मजबूत हो गया है.
मैं बचपन से ही लड़कियों को बहुत पसंद आता हूँ और काफी लड़कियां भी मुझे पसंद करती हैं. अब तक की लाइफ में मेरे बहुत सारी लड़कियां के साथ अफेयर भी रहे हैं. लेकिन किसी भाभी के साथ यह पहला टाइम था. भाभी की लेने के बाद अब मुझे भाभियां भी अच्छी लगने लगी हैं.
मेरे कॉलेज के एग्जाम आने वाले थे, इसलिए मैं अपने दोस्त के घर पढ़ाई करने जाता था. मैं वहां इसलिए भी जाने लगा था कि मेरे दोस्त के घर के एक हिस्से में बने एक फ्लैट में नए किरायेदार आए थे. उसमें एक लड़की थी, उसे मेरा दोस्त बहुत पसंद करता था. मेरा दोस्त मुझे उस लड़की को दिखाने ऊपर छत पर ले गया.
दोस्तो, मुझे वो लड़की ज्यादा पसंद नहीं आई. वो बड़ी पतली सी थी, उसके मम्मे भी काफ़ी छोटे थे. लेकिन मुझे बहुत ज्यादा उसकी भाभी मुझे बहुत पसंद आई. इसलिए मैंने लड़की से ध्यान हटा दिया. मैं उसकी भाभी को देख कर दंग ही रह गया. वो भाभी बहुत ही सेक्सी थी और उसका कलर भी बहुत फेयर था. भाभी किसी हिरोइन से कम नहीं थी. भाभी की हाईट साढ़े पांच फुट थी और उसका फिगर साइज़ 34-28-36 का था. उसके मम्मे काफ़ी बड़े थे और बिल्कुल ऐसे तने हुए थे जैसे किसी कुंवारी लड़की के हों. ऐसे ही मेरी एक जीएफ के भी थे जब मैंने उसे पहली बार सेक्स किया था.
भाभी की गांड के बारे में क्या बताऊं … उसकी गांड बहुत उठी हुई थी. तोप सी तनी हुई गांड देख कर मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था. मेरा मन कर रहा था कि अभी की अभी भाभी की साड़ी उठा के पूरा लंड एक बार में ही पेल दूँ.
दोस्तो, मुझे लड़कियों की गांड मारना बहुत पसंद है. दरअसल मुझे गांड मारने का शौक बहुत ज्यादा है. इसलिए मैंने मेरी एक जीएफ की गांड भी मारी हुई थी. मेरी सारी गोपियां कहती थीं कि तुम बहुत अच्छे फकर हो.
इधर मैं भाभी को बिना निगाह हटाए बस देखता रहा. उसे भी यह पता चल चुकी थी, इसलिए वो भी मुझे तिरछी निगाहों से देख रही थी. उसकी नजरों में शरारत दिखने से थोड़ा चान्स बनता सा दिखने लगा था. मैं भी समझ गया था कि भाभी के साथ बात बन सकती है.
फिर हम दोनों नीचे आकर स्टडी करने लगे. सुबह पेपर दे कर मैं अपने घर नहीं गया. दोस्त के घर पर ही आ गया. लंच करने के बाद हम दोनों सो गए. फिर शाम के टाइम वापिस बुक्स लेकर ऊपर पढ़ाई करने चले गए. आज लड़की ही छत पर थी और मेरा दोस्त का काम शुरू हो गया.
मैं अपनी पढ़ाई कर रहा था. कुछ देर बाद किसी के खांसने की आवाज़ आई, तो मैंने नजर उठा कर देखा. सामने का नजारा देख कर मन एकदम उछलने लगा और मेरे चेहरे पर स्माइल आ गई. मेरे सामने भाभी आ गई थी और वह मुझे ही देख रही थी. मेरी नजर मिलते ही उसने भी रिप्लाइ में मुझे प्यारी सी स्माइल दे दी.
अब मैं उसे ही ताड़ता रहा. वह आज कमाल की लग रही थी. मैंने भाभी को ध्यान से देखा. उसके मोटे मोटे चुचे, फिर पतली सी कमर और फिर उठी हुई गांड … मेरा लंड तो पूरा खड़ा हो गया.
भाभी छत पर गांड हिलाते हुए घूमती रही. उससे मेरी आंखें काफ़ी बार मिलीं. फिर उसने मेरे पास आते हुए पूछा- क्या तुम्हारे एग्जाम चल रहे हैं? तो मैंने हां में जवाब दिया. इतने में मेरे दोस्त की मम्मी ने हमें खाना खाने बुला लिया और हम जाने लगे.
मुझे भाभी कुछ उदास सी लगी. हालांकि मुझे भी बहुत बुरा लग रहा था. मैंने अपने दोस्त से बोला कि तू तेरा और मेरा नम्बर लिख कर उधर फेंक दे. उसने बोला- इससे काम हो जाएगा? मैंने बोला- पक्का … वो हां बोल देगी.
वो लड़कियां के मामले में मुझ पर पूरा विश्वास करता था, तो उसने नम्बर उधर फेंक दिए. लड़की ने कागज उठा लिए और उसी वक्त मैंने भी स्माइल दे दी. उधर से भी उन दोनों के चेहरों पर स्माइल थी.
फिर 8 बजे मेरे दोस्त के नम्बर पर उस लड़की का फोन आया. उसने मेरे से बात करने को बोला. उसने मुझे प्रपोज किया, पर मैंने मना कर दिया. क्योंकि मेरा भाभी में ज्यादा इंटरेस्ट था. मैं उससे बोला- मेरी जीएफ है … मेरा दोस्त आपको पसंद करता है.
मैंने मोबाइल दोस्त को दे दिया और वे दोनों बातों में लग गए. फिर करीब 9 बजे के आस पास मेरे पास नए नम्बर से कॉल आया. मैं- हैलो कौन? भाभी- जब जीएफ है, तो लड़कियां को ऐसे मत देखा करो.
मैं समझ गया कि ये भाभी है क्योंकि मैंने लड़की की आवाज़ पहली बार सुनी थी और भाभी की भी छत पर सुनी थी. मैंने भाभी को झूठ बोला- मेरी कोई जीएफ नहीं है. और उस लड़की को मेरा दोस्त पसंद करता है तो मैं क्यों उसे हां बोलूँ. भाभी ने कुछ नहीं कहा तो मैंने बड़े रोमांटिक मूड में आगे बोल दिया- मुझे तो कोई और पसंद है. भाभी ने पूछा- तुमको कौन पसंद है? मैंने कहा- आप.
भाभी हल्के से हंस पड़ी. वो बोली- मुझमें क्या ख़ास देखा? मैंने कह दिया- आपका तो हर आइटम ख़ास है जी. उसने भी इठला कर कहा- एकाध आइटम का नाम भी बताओ न. मैंने कहा- आपके एवरेस्ट के मसाले बड़े तीखे हैं. भाभी समझ गई और बोली- बात बड़ी मस्त करते हो तुम.
दोस्तो, ऐसे ही मेरी और मेरे दोस्त दोनों की निकल पड़ी. भाभी से मेरी काफी देर तक बात होती रही. भाभी ने बताया कि उसका नाम सोनिया है और वह जयपुर से है. उनके पति का यहां ट्रांसफर हुआ, तो वो यहां आ गई. वो लड़की उनके पति के बड़े भाई की बेटी है और उसका नाम नेहा है. भाभी की शादी को एक साल हुआ था और अभी कोई बेबी नहीं था.
फिर भाभी संग ऐसे ही रोज बात होने लगी. हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया.
एक दिन भाभी के पति जैसे ही ऑफिस गए, मेरा दोस्त नेहा को मूवी दिखाने ले गया. मैं भाभी के घर पर आ गया. मैंने जैसे ही डोर बेल बजाई. भाभी ने डोर खोल दिया, मैं अन्दर आ गया.
भाभी पिंक साड़ी में आज कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही थी और कुछ ज्यादा ही सेक्सी भी दिख रही थी. उसने मुझे बड़े प्यार से बैठने को कहा और पूछा- क्या लोगे.. चाय या कॉफी? मैंने बड़े रोमांटिक मूड में कहा- आज तो मुझे दूध पीना है. इस पर भाभी ने हल्की सी स्माइल दे दी और मुझे नॉटी नज़रों से देखने लगी.
भाभी किचन में जाने लगी, तो पीछे से उसकी ठुमकती गांड बहुत सेक्सी लग रही थी. कुछ पल बाद भाभी कॉफी दो कप ले आई. कॉफी पीने के बाद में उसके पास को सरक गया. उसने मेरी तरफ बड़े कातिल निगाहों से देखा, तो मैं उसे किस करने लगा. भाभी भी मेरा साथ दे रही थी. मैं उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसके टाईट मम्मे दबाने लगा. उसके मम्मे काफ़ी बड़े और बहुत कड़क थे. भाभी के निप्पल ब्लाउज के ऊपर से ही खड़े लग रहे थे. मैं भाभी के मम्मों को ज़ोर से दबाने लगा और वह ज़ोर से मुझे किस करने लगी.
हम दोनों ने दस मिनट तक किस किया. फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठा लिया और उससे बेडरूम का पूछा. उसने मुझे बेडरूम का रास्ता बताया और मैंने वहां जा कर भाभी को बेड पर लिटा दिया.
भाभी ने बेड पर लेटते ही सेक्स के लिए अपनी बांहें मेरी तरफ फैला दीं. मैं भाभी के ऊपर ही चढ़ गया और उसको किस करने लगा. भाभी ने मुझे अपनी बांहों में समेट लिया. मैं भाभी के मम्मे दबाने लगा. कुछ ही देर में भाभी एकदम गर्म हो गई थी. वो मुझे नीचे करते हुए मेरे ऊपर आ गई और मुझे किस करने लगी.
मैं भाभी की सेक्सी गांड को उसकी साड़ी के ऊपर से ही दबाने लगा. भाभी के चूतड़ बिल्कुल मखमल की तरह मुलायम लग रहे थे. क्या बताऊं दोस्तो … मैं तो इस वक्त सातवें आसमान पर था.
अब भाभी ने मेरी शर्ट को खोला और अलग कर दिया. शर्ट अलग करते ही भाभी मेरे सीने पर चुम्बन करने लगी. साथ ही वो मेरे छोटे छोटे निप्पलों को मुँह में लेकर चूसने लगी. उनको अपने दांतों से हल्के हल्के से काट भी रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. ऐसा मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया. मेरे मुँह से हल्की हल्की मादक आवाजें निकलने लगी थीं.
मैंने भी भाभी की साड़ी का पल्लू हटाया और ब्लाउज को खोल कर ब्रा में फंसे उसके दूधिया मम्मों को देखने लगा. भाभी के मम्मे काफ़ी बड़े लग रहे थे. मैंने भाभी की ब्रा भी खोल दी. भाभी के मम्मे बिल्कुल गोल मटोल थे और निप्पल भी एकदम खड़े थे.
इसके बाद मैंने भाभी को अपने नीचे लिया और उसके एक मम्मे को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा. भाभी गर्मागर्म सिसकारियां लेने लगी. मैं जैसे जैसे भाभी के चूचों को ज़ोर से दबाता गया, वैसे वैसे भाभी की कामातुर सीत्कारों की आवाज़ भी बढ़ती गई.
अब मैं खड़ा हो गया और भाभी की साड़ी पेटीकोट जल्दी से खींच कर निकाल दिया. अगले ही पल एक जरा सी पेंटी में भाभी मेरे सामने चित पड़ी थी. मैंने भाभी की पेंटी को भी खींचते हुए निकाल दिया. अब भाभी बेड में बिल्कुल नंगी पड़ी थी. वो एक परी की तरह लग रही थी. एकदम दूध सी गोरी. उसके बड़े बड़े मम्मे और पिंक निप्पल उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहे थे. नीचे देखा तो भाभी की झांट रहित सफाचट छोटी सी चूत अपना जलवा बिखेर रही थी. भाभी की चूत भी एकदम पिंक कलर की थी, जिसमें से पानी निकल रहा था. भाभी की चूत बिल्कुल किसी सील पैक लड़की से भी ज्यादा सुंदर दिखाई दे रही थी. इतनी सुंदर परी तो कोई मेरी आज तक गर्लफ्रेंड भी नहीं थी.
मैंने उससे पूछा- भाभी, क्या आपके पति कुछ करते नहीं … जो आप बिल्कुल कुंवारी लड़की जैसी हो. इतने कड़क मम्मे, गांड भी इतनी बड़ी पर बहुत मुलायम और एकदम फिट. भाभी बोली- मैं रोज योगा करती हूँ, साथ ही घर पर ही थोड़ा बहुत जिम भी करती हूँ.
उसके पति उसके साथ कुछ करते या नहीं, इस पर भाभी की अभी तक कोई टिप्पणी नहीं हुई थी.
मेरे से रहा नहीं जा रहा था. मैं उसके ऊपर किस करने लगा. मैं भाभी को पैरों से ले कर होंठों तक चूमता गया, फिर होंठों पर किस करने लगा. भाभी ने मुझे नीचे किया और किस करते करते वह नीचे मेरी पैन्ट तक आ गई. भाभी ने मेरी पैन्ट निकाल दी. मेरी जॉकी के अंडरवियर में फंसा हुआ लंड बाहर आने को मचल रहा था. फिर भाभी ने मेरे अंडरवियर को भी निकाल दिया. मेरा लंड एकदम से बाहर आकर गुर्राने लगा.
फनफनाता लंड देख कर भाभी आंखें फाड़ने लगीं क्योंकि दोस्तो, मेरे लंड की एक खास बात है, जब सबका लंड खड़ा होता है, तो सीधा होता है. पर जब मेरा लंड उत्तेज़ित होता है तो पेट से चिपक कर पूरा ऊपर की तरफ हो जाता है. आज भी मेरा लंड पूरा पेट से चिपक कर मेरी नाभि को टच कर रहा था.
भाभी ने लंड हाथ में लिया और बोली- इतना बड़ा लंड मैंने आज तक नहीं देखा. वो भी ऐसा मोटा तगड़ा … वाह आज तो मजा आ जाएगा. मेरे लंड को भाभी मुँह में लेने लगी, तो मेरी जान ही निकल गई. मैं मादक सिसकारियां लेता रहा. भाभी ने आधा लंड मुँह में ले लिया और आधा लंड हाथ से गोल गोल घुमाया.
फिर मैं घुटनों पर खड़ा हो गया और भाभी को घोड़ी बना कर लंड मुँह में दे दिया. मैं भाभी के मुँह को चोदने लगा. मैंने अपना पूरा लंड भाभी के मुँह में घुसाने की कोशिश की, पर पूरा लंड भाभी के मुँह में नहीं जा पा रहा था.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने भाभी को सीधा लिटाया और उसके दोनों चौड़े करते हुए ऊपर कर दिए. मेरे सामने भाभी की गुलाबी चूत खुल गई थी. मैं भाभी की चूत को चाटने लगा. वह ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां ले रही थी. पूरा बेडरूम भाभी की गर्म सिसकारियों से गूँज रहा था. मैं अपनी पूरी जीभ उसकी छोटी सी चूत में घुसा घुसा कर चाटता रहा और अन्दर बाहर करता रहा. वह अपनी गांड उठा कर मजे से कामुक आहें निकाल रही थी. भाभी अपनी गुदगुदी गांड लगभग एक फुट तक उठा कर मेरे मुँह की में देने लगी.
उसी वक्त भाभी ने अपना पानी निकाल दिया. मैंने वहां से अपना मुँह हटाया और उसकी चूत को उसी के ब्लाउज से साफ करके वापिस चूत को चाटने लगा.
इस बार मैं भाभी की चूत के दाने को भी हल्के हल्के से अपने दांतों से काटते हुए चूसने लगा. इससे भाभी कुछ ही देर बाद फिर से मचलने लगी. अब भाभी बोली- अब नहीं रहा जाता … मुझे चोद दो.. नहीं तो मैं मर जाऊंगी. मैंने भी अपना लंड अपने हाथों में लिया लेकिन तभी मुझे याद आया कि मैं कंडोम लाना भूल गया था. मैंने भाभी को बताया, तो वो अपने बेड के गद्दे के नीचे से एक कंडोम निकाल कर मेरे लंड पर लगाने लगी.
लेकिन मैंने उसे एक बार और मुँह में लंड लेने को बोला क्योंकि मुझे लंड चुसवाना बहुत अच्छा लगता है.
जब भाभी मुँह में मेरा लंड ले के चूस रही थी, तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
फिर कुछ देर लंड चूसने के बाद भाभी ने मेरे लंड पर कंडोम लगा दिया. मैंने भाभी को बेड के एक कोने पर ले गया और उसके दोनों पेर ऊपर कर दिए. मैंने बेड से नीचे उतर कर अपने पैर भी बेड के इधर उधर कर लिए और अपना लंड को भाभी की चूत पर रगड़ने लगा.
भाभी लंड के टच से सिसकारियां लेती रही. फिर दो मिनट बाद भाभी सीत्कारने लगी- आह अब चोद दो प्रिन्स … मुझसे रहा नहीं जाता … मत तड़पाओ अपनी जान को … जल्दी से चोद दो मुझे प्लीज़ … फक मी हार्ड.
अब मेरे से भी कंट्रोल नहीं हो रहा था, तो मैंने चूत की फांकों में लंड रखा और ज़ोर लगा दिया. मेरा लंड आधा अन्दर चला गया. भाभी एकदम से उचक पड़ी. मैं उसे धीरे धीरे चोदने लगा. लंड चूत में सैट होते भाभी भी साथ देने लगी. मैं अब ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. मेरा लंड आधे से ज्यादा अन्दर घुसा हुआ था. लेकिन मैं उसे पूरे लंड से भरपूर चोदना चाहता था, तो मैं अपने कड़ियल लंड को पूरा अन्दर डालने लगा.
भाभी पूरा लंड लेने में हिचक रही थी. वो अपने हाथों से मुझे रोक देती और इतने लंड से ही चोदने को बोलती. मुझे रहा नहीं जा रहा था. मैं भाभी के मना करने के बाद भी कभी कभी लम्बा झटका दे देता, तो भाभी की चीख निकल जाती. उसको दर्द होने लगता और उसकी आंखों में पानी आ जाता, दर्द से भाभी बोलती- आह धीरे करो मेरे को अन्दर लग रही है … मेरे हज़्बेंड का इतना लम्बा नहीं है … प्लीज़ थोड़ा धीरे करो.
मैंने भाभी को वैसे ही चोदा. कुछ देर बाद भाभी भी अपनी गांड उचका उचका के मुझसे चुदवाने लगी. कुछ ही पलों के बाद भाभी ने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया. लेकिन मुझे अभी चुदास चढ़ी थी.
तब मैंने भाभी को घोड़ी बनने को बोला और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल कर चूत पेलने लगा. मैं भाभी की गांड पे चांटे मारते हुए बोला- ले मेरी जान सोनिया … कब से तुझे चोदने की सोच रहा था मेरी रानी … ले लंड खा. भाभी भी सिस्कार रही इथी- आहह उहहाआ आअहह फक मी जान अहह चोद दे मेरे राजा … मेरी आग को बुझा दो.
करीब 20 मिनट की चुदाई में भाभी दो बार और झड़ गई थी. अब मेरा भी आने वाला था. मैंने बताया- मैं आने वाला हूँ. भाभी बोली- मैं तुम्हारा दही पीना चाहती हूँ.
मैंने अपना लंड निकाल कर कंडोम हटाया और लंड उसके मुँह में डाल कर हिलाने लगा. दस बीस झटकों में ही मेरी पिचकारी उसके मुँह में छूट गई. भाभी ने लंड को एकदम कुल्फी की तरह चूस चूस कर पूरी मलाई खा ली और मेरे लंड को चाट कर एकदम साफ़ कर दिया.
इसके बाद मैं वहीं लेट गया. कुछ मिनट वैसे ही रहने के बाद मैं भाभी के मम्मे दबाने लगा. मैंने भाभी को बोला- मुझे अब आपकी गांड मारनी है. भाभी ने मना कर दिया- मैंने पहले कभी नहीं मरवाई. मैं भाभी को मनाने लगा- प्लीज़ भाभी, कुछ नहीं होगा, बस एक बार मार लेने दो.
मैं उसे किस करने लगा और मनाने लगा तो भाभी मान गई. इतनी ही देर में भाभी के मोबाइल पर कोई कॉल आ गया. भाभी का कोई रिश्तेदार उनके घर आ रहा था. हम दोनों जल्दी से अलग हो गए.
इस बार मैं भाभी की गांड नहीं मार पाया. पर भाभी ने प्रॉमिस किया कि अगली बार मुझे पक्का सब कुछ करने देगी. मैं उसको एक लंबी किस करके आ गया.
बाद में मैंने भाभी की गांड कैसे मारी, ये कहानी फिर कभी लिखूंगा. कुछ दिन बाद ही भाभी के हज़्बेंड का ट्रांसफर जयपुर हो गया, तो भाभी वहां चली गई. मैं अब भी भाभी को बहुत मिस करता हूँ.
आई लव यू सोनिया जान.
उससे अब भी मेरी बात होती है. दोस्तो, ये मेरी सच्ची भाभी सेक्स कहानी कैसी लगी. मुझे ज़रूर मेल करें. मेरी मेल आईडी है [email protected]
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