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दोस्तो, मेरा नाम मनदीप सिंह है और मैं आगरा में रहता हूँ. अब मैं मर्चेन्ट नेवी में हूँ. मेरी उम्र अब 24 साल है. मैं अन्तर्वासना का पिछले 7 साल से एक नियमित पाठक हूँ. यह घटना मेरी और मेरे मामा की लड़की के सेक्स की है. उसका नाम सोनिया था. यह कोई कहानी नहीं है, यह सच्चाई है, जो मैं आपको बता रहा हूँ. सोनिया मुझसे 4 साल बड़ी थी, मैं उसको उसके नाम से ही बुलाता था. जब मैं जवान होने को था, तब मैंने पहली बार उसकी चुदाई की थी.
उसके और मेरे घर में सिर्फ एक किलोमीटर का अंतर था. मैं जब चाहे वहां पहुँच जाता था.
गर्मियों की बात है. एक दिन में उसके घर गया. उसके घर का दरवाजा अन्दर से बंद था. मैंने दरवाजे पर आवाज लगाई, तो उसने दरवाजा खोला. वो मुझे देख कर बोली- अन्दर आ जा.
मैं अन्दर गया, तो मुझे वहां कोई दिखाई नहीं दिया. मैंने उससे पूछा- सोनिया सब लोग कहां हैं, कोई दिखाई नहीं दे रहा? जबकि उसके घर में उसके 3 भाई थे और मेरे मामा और मामी भी रहते थे. उन सभी को नदारद देखकर मेरे पूछना लाजिमी था.
वो बोली- पापा और बड़े भाई तो काम पर गए हैं और वो दोनों छोटे वाले कहीं घूम रहे होंगे. मम्मी किसी के साथ बाहर काम से गयी हैं. मैंने कहा- अच्छा.
अब वो खाना खाने बैठने लगी तो उसने मुझसे भी खाने के लिए पूछा. मैंने कहा- नहीं.. तू खा खाना.. मैं तो घर से खाकर आया हूँ. वो जबरदस्ती करने लगी, तो मैंने एक उसके साथ रोटी खा ली.
खाना खाने के बाद वो बेड पर लेट गयी और उसने मुझसे भी बोला- आ जा इधर यहां आकर ही सो जा, बाहर बहुत गर्मी हो रही है.
तो मैं भी उसके पास में ही लेट गया. कमरे में थोड़ा अंधेरा था क्योंकि उसने लाइट बन्द कर दी थी.
मैं आपको उसके बारे में तो बताना ही भूल गया. वो बहुत गोरी है, उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं हैं, बस 30 या 32 के होंगे लेकिन उसकी गांड बहुत बड़ी थी. बस उसी को देखकर मेरा दिमाग खराब हो जाता था. मैं उसकी गांड का दीवाना था. हम दोनों अलग अलग मुँह करके सो रहे थे मतलब उसकी और मेरी गांड आपस में मिल रही थीं.
मुझे कहां नींद आ रही थी. मैंने अपना मुँह उसकी ओर किया और नींद में होने का नाटक करने लगा. मैं अपना लंड उसकी गांड में घुसाने लगा और अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया. उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और अब मैं धीरे धीरे उसकी गांड पर दबाब बढ़ाने लगा. कुछ देर बाद मैं उसके मम्मों को भी दबाने लगा.
तभी अचानक से वो सीधी होने लगी, तो मैं रुक गया. जैसे ही वो एकदम सीधी हो गयी, तो उसने मुझे देखा और अपने पैर फैला दिए. मैं ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ फिराने लगा. थोड़ी देर तक मैं ऐसे ही करता रहा. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझ पर चिल्लाकर बोली- ये क्या कर रहा है तू?
मैं समझ रहा था कि इसको मजा आ रहा होगा. लेकिन उसके चिल्लाने से तो मेरी तो गांड ही फट गई. उस टाइम मैं एकदम शांत पड़ा रहा. मैं कुछ नहीं बोल पा रहा था. यह मेरी ज़िन्दगी की पहली चुदाई की स्थिति बन रही थी. फिलहाल मेरी गांड फट चुकी थी.
तभी वो खुद ही बोली- चल मेरे ऊपर आ जा, जो करना है, जल्दी कर ले नहीं तो मम्मी आ जाएंगी. इतना कह कर वो खड़ी हो गयी और लाइट ऑन करके अपनी सलवार का नाड़ा खोलने लगी. उसने अपनी सलवार पूरी उतारकर एक तरफ रख दी. जैसे ही वो अपने सूट को उतारने को हुई, वैसे ही दरवाजा खटखटाने की आवाज़ आयी. उसने तुरंत अपनी सलवार पहनी और वो गेट खोलने चली गयी. मैं भी सोने का नाटक करने लगा.
मुझे आवाज आ रही थी. सोनिया अपनी मम्मी को बोल रही थी- मम्मी मनदीप आया है, वो अन्दर सो रहा है. उसकी यह बात सुनकर मैं भी चुपचाप सोता रहा. कुछ देर बाद वो दोनों भी वहीं आकर सो गईं.
शाम को 5 बजे हम सब उठे. सोनिया ने चाय बनाई, हम तीनों बातें करते करते चाय पीने लगे. फिर मैंने मामी को बोला- अब मैं घर जा रहा हूँ. उन्होंने बोला- ठीक है.
फिर मैं बाहर जाने लगा, तभी वो भी मेरे साथ बाहर तक आई और मुझसे बोली कि कल दोपहर में आ जाना. आज का अधूरा काम कल करेंगे. मैंने कहा- ठीक है.
अब मैं कल का इंतजार करने लगा. दूसरे दिन जैसे ही एक बजा, मैं घर से उसके घर के लिए निकल पड़ा. बस 5 मिनट में मैं उसके घर पहुँच गया. मेरी आवाज सुनकर गेट उसी ने खोला. कल के जैसे आज भी घर पर कोई नहीं था.
उसने जल्दी से गेट बंद किया और मुझसे बोली- चल जल्दी से आ जा.. नहीं तो कोई फिर आ जाएगा. हम दोनों कमरे में पहुंचे. हम दोनों बेड पर लेट गए. मैं उसे किस करने लगा. चूंकि मैं चुदाई का नया नया खिलाड़ी था. इसलिए मैंने उसके होंठों को चूसा, थोड़े बूब्स दबाये.
उसने जल्दी से अपनी सलवार को खोल दिया और पैंटी उतार दी. अब मैं भी अपनी पैंट और चड्डी उतार कर उसके ऊपर आ गया. मैं उसके मम्मों को चूसने लगा और उसकी चूत को सहलाने लगा. मैं कभी उसकी चूत में उंगली करता, कभी उसकी चूची को पीता.
उसकी चूत पर बड़े बड़े बाल थे. उसने मुझे पकड़ कर अपने ऊपर ले लिया और मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में लगा लिया. मैंने ज़ोर का धक्का मारा जिससे मेरा आधा लंड उसकी चुत में घुस गया. उसने ज़ोर से अपने मुँह पे हाथ रख कर खुद का मुँह दबा लिया ताकि आवाज़ बाहर ना जाए.
मैंने झट से उसके हाथ हटा के उसके होंठों को अपने होंठों में जकड़ लिया और चूसने लगा. एक मिनट बाद वो थोड़ी संयत लग रही थी. तो थोड़ा सा पीछे होके मैंने वापस एक झटका मारा. इस बार शायद पूरा लंड उसकी चुत में जा चुका था. उसने बहुत ज़ोर से मुझे पकड़ा और अपने नाख़ून ज़ोर से मेरी पीठ पे गड़ा दिए. पर मैं इस जवानी के खेल में इतना मस्त हो गया था कि मुझे दर्द का एहसास भी नहीं हुआ.
उसकी चुदाई के दौरान ही मुझे अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी याद आ गई. जिसमें सील टूटने पर लड़की की जोर से चीखें निकलती हैं. या उसकी चूत से खून निकलता है. लेकिन यदि लड़की चुदी हुई हो तो उसकी चूत से न तो खून निकलता है और न ही वो ज्यादा चीखती चिल्लाती है. मैंने सोचा कि शायद सोनिया पहले से ही चुदी हुई है, तभी तो ये ज्यादा हल्ला नहीं कर रही है. फिर मैंने सोचा कि अभी इससे कुछ नहीं पूछना चाहिए. हो सकता है सोनिया को बुरा लग जाए और उसको मेर लंड से चुदने में मजा न आए. इसलिए पहले चूत की चुदाई का मजा ले लिया जाए. बाद में इतिहास की जानकारी करूंगा.
कुछ देर की किसिंग के बाद मैंने धीरे धीरे स्ट्रोक मारने शुरू किए. अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैं सोनिया की धकापेल चुदाई करने लगा गया. उसकी मस्त जवानी को चूसने में मुझे काफ़ी मज़ा मिल रहा था.
वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां ले रही थी ‘इसस्स … उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्स्स्शहह … आआहह …’
मेरी ममेरी बहन चुदाई में मेरा भरपूर साथ भी दे रही थी. मैं सब कुछ भूल के बस उसकी चूत में लंड के धक्के पे धक्के दिए जा रहा था.
कमरे में सिर्फ़ ‘आआहह.. उऊहह..’ और ‘पच पच..’ की आवाज़ आ रही थी. हम दोनों भाई बहन कामवासना में डूब चुके थे. हमारा एक दूसरे के लिए प्यार आज दिल खोल के बह रहा था. हम भूल चुके थे कि हमारा रिश्ता क्या है और हम क्या कर रहे हैं. बस दो प्यासों की तरह एक दूसरे की जिस्म की अग्नि को बुझाए जा रहे थे.
तभी सोनिया ने गांड उठाते हुए मेरा लंड अपनी चूत की जड़ तक लिया और कहने लगी कि आह आज काफी दिनों बाद मुझे लंड का मजा मिला है. मैंने इस वक्त उससे पूछा- कितने दिनों बाद लंड ले रही हो सोनिया? सोनिया पहले तो हड़ाबड़ा गई, फिर बेशर्मी से मेरे होंठ चूमते हुए बोली- अब तुझसे क्या छिपाना. मेरा ब्वॉयफ्रेंड आजकल बाहर चला गया है, वर्ना मुझे तो उसके साथ ही मजा मिलता रहता था. कल तुमने मेरे साथ सेक्सी हरकत करके मुझे गरम कर दिया था तो मुझे फिर से आग लग गई थी.
मैंने सोनिया को चूम कर कहा कि अब तुझे कभी लंड की कमी नहीं रहेगी. मुझे जब चाहे बुला कर अपनी आग बुझवा लेना. सोनिया ने कहा- हां … पहले तो मुझे लगा था कि तू मेरा भाई है, तेरे साथ सेक्स कैसे करूंगी. पर सगे भाई बहन एक सेक्स स्टोरी पढ़ कर मुझे लगा कि जब सगे भाई बहन सेक्स कर सकते हैं, तो हम दोनों में तो तब भी दूर वाला बहन भाई का रिश्ता है. बस इसीलिए मैंने तेरे साथ सेक्स करने का तय कर लिया था.
मैंने भी उसको चूमते हुए उसे धकापेल चोदना जारी रखा.
इधर हमें ये सब करते काफी समय हो चुका था, पर वक़्त की परवाह किसे थी. सारे रिश्ते नाते, वक़्त, दुनिया … सब कभी पीछे छोड़ कर हम दो भाई बहन अपनी मानोकामना पूरी करने में लगे हुए थे.
अब मुझे अनंत सुख का एहसास होने लगा और 2-4 काफ़ी तेज धक्कों के बाद मेरे लंड में बहुत तेज दर्द हुआ. मुझे लगा जैसे मेरे लंड से पेशाब निकला हो. मैं झड़ गया और निढाल हो कर अपनी बहन के बाजू में गिर गया.
फिर 5-10 मिनट बाद जब हम भाई बहन होश में आए, तो टाइम देखा 3 बज रहे थे. मैं झट से उठा और फटाफट कपड़े पहन कर तैयार हो गया. सोनिया ने भी लेटे लेटे कपड़े पहने.
मैं उसको चूम कर बोला- मैं जा रहा हूँ. उसने भी मुझे चूम कर हां बोल दिया.
मैं तुरन्त वहां से निकल आया. रास्ते में मैं अपनी साईकल रोककर पेशाब करने लगा. तब मैंने लंड देखा मुझे बहुत दर्द हो रहा था. वहां कुछ चिपचिपा सा लगा हुआ था. वो मुझे अब पता लगा कि वो वीर्य होता है. उस टाइम मेरे लंड की सील टूटी थी.
उसके बाद मैंने उसे ओर भी बहुत बार चोदा, वो मैं अगली कहानी में बताऊंगा.
तो दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची आपबीती मेरे मामा की बेटी के साथ सेक्स की कहानी … मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को काफ़ी पसंद आई होगी. प्लीज़ दोस्तो, मेरी इन्सेस्ट सेक्स स्टोरी पढ़ने के बाद अपना फीडबैक देना मत भूलिएगा. आपका रिस्पॉन्स मुझे आगे भी स्टोरी लिखने में मदद करेगा. आप अपने विचार मुझे मेरी मेल पर भेज सकते हैं.
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