This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
जवानी की प्यास की कहानी में पढ़ें कि मैं जवान हो चुकी थी लेकिन मैं सेक्स स्टोरी और पोर्न वीडियो को देख कर ही अपना काम चला रही थी। फिर क्या हुआ मेरे साथ?
दोस्तो, मेरा नाम अंजलि है और मैं बलिया की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र 25 साल की है।
जवानी के शुरुआत से ही मैं हमेशा प्यासी किस्म की लड़की रही हूँ। मैं सेक्स स्टोरी और पोर्न वीडियो को देख कर ही अपना काम चला रही थी।
लेकिन मेरी अभी तक सील नहीं टूटी क्योंकि मैं शुरुआत से ही बहुत शर्मीली रही हूँ।
मेरी चूचियों का साइज 36″ है और मेरी कमर 24″ और मेरी गांड काफी बड़ी है. और हर लड़का बस उसी चीज़ के लिए पागल है जो 36″ की है. लेकिन अभी तक किसी ने छुआ नहीं है.
मेरा फिगर एक पोर्न एक्ट्रेस कोडी ब्रायंट जैसी है. जो एक काली और बहुत मोटे और बड़े चूचों और चूतड़ वाली औरत है। बस आप उसको सर्च कर लीजियेगा, मैं बिल्कुल वैसे ही दिखती हूँ.
और मेरी छोटी बहन रागिनी जो अभी 21 साल की है; वो भी एकदम कमसिन कच्ची कली है. अभी वो कॉलेज जाती है। उसका बदन अभी भरा नहीं है लेकिन वो बहुत सुंदर और कातिल जिस्म की मालकिन है. एकदम गोरी … जिसको लिए बहुत से लड़के आये दिन उसका पीछा करते हुए घर तक आये हैं।
तो ये था हम दोनों का परिचय और अब चलिए अब सीधे कहानी पर आती हूँ।
बात आज से कई साल पहले की है जब हम अपनी दादी के साथ बलिया में रहते थे. दादी एक रिटायर पेंशन होल्डर थी. वो ही हम दोनों का खर्च और पढ़ाई का ज़िम्मा लिए थी।
पापा का बहुत पहले ही देहांत हो गया था जिसके वजह से मम्मी और एक बड़ा भाई लखनऊ में रहते थे।
अब यहां पर एक हमारे दूर के रिश्तेदार खन्ना अंकल रहते थे. उन्होंने अब तक हमारी बहुत मदद की थी और अभी भी बहुत सपोर्ट करते हैं। उन्ही का इकलौता बेटा साहिल जो कि अभी कुछ महीने पहले 18 साल का हुआ है वो है तो बहुत सुंदर और अच्छा लड़का।
शुरुआत में तो मेरे दिल में उसके लिए कभी कुछ गलत नहीं था. लेकिन एक दिन वो हमारे घर में शाम को आया था और कुछ देर बाद वो छत पर चला गया.
जब तक मैं उसके लिए चाय लेकर आई तो दादी ने बोला कि वो ऊपर गया है. तो मैं उसको बुलाने के लिए चली गयी.
लेकिन जैसे ही मैं छत पे पहुँचने वाली थी तभी मुझे ‘ओह्ह आह’ की आवाज़ सुनाई दी.
तो मैं छुप कर चुपके से देखने लगी. तो पहली बार मैंने उसका लन्ड देखा. उसका लन्ड … बाप रे बाप … इतना बड़ा और मोटा … वो था तो अभी 18.5 साल का और पतला दुबला सा … लेकिन उसका लौड़ा पूरे आठ इंच का और साढ़े तीन इंच मोटा!
और वो अपने मोबाइल में पोर्न देख कर अपना लन्ड हिला रहा था।
मैं वहां से चुपचाप नीचे आयी और फिर उसको आवाज़ दी तो वो पांच मिनट बाद सटका मार कर नीचे आया।
तब मैंने उसको चाय दी और चुपके से ऊपर जाकर देखा तो किनारे ज़मीन में बहुत सारा माल चुवा कर गया था साहिल।
मैंने वीडियो में बहुत बार देखा था कि लड़कियां लड़कों का वीर्य पी जाती हैं. तो मैंने भी उसका वीर्य अपनी उंगली में लगाया और हल्का सा चाटा. तो उसका बहुत खारा स्वाद था और मुझे उबकाई आ गयी.
शायद मैंने पहली बार चखा था किसी के वीर्य का स्वाद!
अब मैं नीचे आ गयी और वो कुछ देर बाद वहां से चला गया।
कुछ देर बाद हम लोग खाना खाकर लेट गए.
दादी आगे वाले कमरे में सोती थी क्योंकि उनको चलने में दिक्कत होती थी. इसीलिए वहां से बाथरूम पास में था.
और हम दोनों बहनें पीछे वाले कमरे में … क्योंकि दो ही कमरे थे उस घर में बस!
अब लेट तो मैं गयी थी लेकिन आज मुझको पता नहीं क्यों … बहुत बेचैनी थी. बार बार साहिल का वो मोटा लौड़ा मेरे दिमाग में घूम रहा था.
और इसी तरह उसके बारे में सोचते सोचते मेरी कुंवारी बुर ने पानी छोड़ दिया जिसके बाद मुझे नींद आयी।
अगले दिन सुबह रागिनी कॉलेज चली गयी. उसके बाद दादी को नाश्ता देकर मैं घर की सफाई करने के बाद नहाने चली गयी।
बाथरूम में कपड़े उतारते ही मेरे शरीर में सनसनाहट होने लगी. और ना जाने क्यों मेरी चूत अपने आप बिल्कुल गर्म हो गयी. तो मैंने आवाज़ बन्द करके अश्लील पिक्चर लगा ली और अपनी दोनों उंगलियों पर थूक लगा कर उसको अपने दोनों चूचियों के निप्पल्स पर रगड़ने लगी.
अब मेरे दिमाग में और मेरी चूत में बस वो साहिल का लौड़ा ही घूम रहा था।
मैंने सोचा क्यों ना ये मेरी ज़रूरत पूरी कर दे क्योंकि मैं भी बहुत प्यासी हूँ.
साहिल भी अब बड़ा हो गया था. उसके उस आठ इंच लौड़े को कोई मेरे जैसे भरी और बहुत गर्म चूत वाली लड़की संभाल सकती है.
साथ ही वो तो रिश्तेदार का ही लड़का है तो उससे रोज़ मिलने के लिए भी कोई दिक्कत नहीं होगी. और कोई कभी घर में मेरे या उसके शक भी नहीं करेगा.
अभी उसकी कच्ची उम्र में मैंने अगर उसको अपने जाल में फंसा लिया तो हमेशा के लिए मुझे एक मोटे तगड़े लन्ड का इंतज़ाम हो जाएगा।
इतना सब सोचते हुए मैं नहा कर बाहर आ गयी।
शाम को जब साहिल हमारे घर आया. वो लगभग हर दिन या हर दो दिन पर हमारे घर आ जाता था. संडे को पूरा दिन या कभी हम दोनों बहनें उसके घर जाकर उसके साथ खेलती थी।
उसके आने के बाद मैंने उसके लिए चाय बनाते हुए सोचा कि क्यों ना आज मार्किट इसको अपने साथ ले जाऊँ. आज धनतेरस है जिसके वजह से आज बाजार में बहुत भीड़ होगी तो उससे चिपक कर कुछ इसको अपनी ओर आकर्षित भी कर सकती हूँ।
वो मेरी दादी के साथ बैठ कर कुछ बात कर रहा था। मैं साहिल को चाय देकर दूसरे कमरे में आ गयी.
मैं दूसरे कमरे में आकर रागिनी को बोली- तू जल्दी से तैयार हो जा. बर्तन और कुछ सामान धनतेरस के लिए लेना है। अभी सात बज रहे हैं. भीड़ ज़्यादा हो जाएगी.
वो अपने कपड़े बदलने लगी.
मैंने भी एक बहुत सेक्सी काले रंग की लेग्गिंग निकाली जिसमें मेरे पूरे चूतड़ साफ आकार में दिखते हैं. मेरे कूल्हे इतने बड़े जो थे. उसपे एक बिल्कुल टाइट छोटी कुर्ती निकाल कर बाथरूम में जाकर बदलने लगी.
तभी मैंने सोचा कि क्यों ना मैं आज ब्रा ना पहनूं. जिससे अगर साहिल का हाथ लगे तो सीधे मेरी चूचियों को वो अपने हाथ पर महसूस करे. इस कुर्ती का आगे से काफी बड़ा गला भी था. जिसको पहनने के बाद मैंने काले रंग का ऊपर से दुपट्टा डाल कर अपने 36 की चूचियों को छलकते हुए दादी से छुपा लिया.
अब अंदर कमरे में आकर लिपस्टिक लगाई और थोड़ा मेकअप किया.
तब तक रागिनी भी तैयार हो गयी थी.
अब मैं बस यही सोच रही थी कि कैसे साहिल को अपने साथ बुलाऊँ।
मैंने दादी के पास जाकर बताया कि हम दोनों बाजार जा रही हैं. कल और आज त्यौहार के लिए सामान लेने! आपको कुछ चाहिए क्या? जिस पे दादी ने बोला कि उनको कुछ नहीं चाहिए.
दादी ने मुझे कुछ पैसा दिये और बोली- जल्दी आना। अब मैं और रागिनी वहां से जाने लगी.
मैं ना तो साहिल और ना ही दादी से साहिल को साथ ले जाने के लिए बोल पाई।
अभी अब दोनी सीढ़ियों तक पहुँची थी तब तक दादी ने रागिनी को आवाज़ लगा कर बुलाया. मैं सुनने लगी कि क्या काम है.
दादी बोली- साहिल को भी अपने साथ लेती जाओ. ये यहां अकेले बैठा बोर होगा।
अब मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था; मेरा काम बन गया था मेरे बिना कुछ बोले।
रागिनी साहिल को अपने साथ ले आयी तो मैंने भी चुपके से अपना दुपट्टा निकाल कर अपने बैग में रख दिया और बाहर आकर एक रिक्शा पकड़ा. जिसमें रागिनी बैठी और मैं बीच में और मेरे बगल साहिल … वो ऊपर हो कर बैठा था.
रिक्शा चला तो मैं नीचे थी. साहिल की निगाह एक बार मेरी चूचियों के बीच बनी गहराई पर पड़ी. जिसे मैंने भाम्प लिया.
इसके बाद मैं हल्का सा दोनों हाथों को बांध कर अपनी चूचियों पर टाइट करके साहिल को दिखाने लगी। अब उसके देख कर साहिल के लन्ड में भी थोड़ी हरकत हुए जिसको उसने अपने हाथ से सही किया।
अब हम लोग उतर कर पहले तो एक बर्तन की दुकान में गए. वहाँ बहुत ही ज़्यादा भीड़ थी; इतनी कि हम लोग अंदर तक नहीं जा पा रहे थे।
अब आप लोग जानते ही होंगे कि धनतेरस वाले दिन कितनी भीड़ होती है।
रागिनी आगे आगे थी और उसी भीड़ में मैंने चुपके से साहिल का हाथ पकड़ लिया था।
हम अपनी बारी आने का इंतज़ार करने लगे.
मैं उसके बिल्कुल पीछे खड़ी थी और मेरे गांड से चिपका हुआ साहिल; जिसका लन्ड अंदर आते आते मेरी गांड से टकरा कर पूरा खड़ा हो गया था. वो अंडरवियर नहीं पहनता था, उसने उस दिन एक ढीली पैंट पहनी थी जिसमें उसका लौड़ा अलग से छलकता हुआ दिख रहा था.
आठ इंच का मोटा लन्ड जब मेरी गांड पर छू रहा था तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैं भी बार बार अपनी गांड पीछे करके लंड को मसल देती थी।
जैसे ही रागिनी के आगे वाली औरत आपने सामान लेकर निकली तो रागिनी आगे हुई. और मैं भी बढ़ी.
लेकिन उस आगे वाली औरत के निकलने की वजह से पीछे से धक्का लगा. जिससे मैं बिल्कुल गिरने को हुई. तो साहिल ने पीछे से मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझको सहारा दिया।
अब वो अपना हाथ रखे रहा और मैं काउंटर तक पहुँच गयी. मेरे बगल में रागिनी भी बर्तन देखने लगी.
साहिल ने अपना हाथ आगे काउंटर पर रख दिया. जिससे मेरे निप्पल उसके हाथ को छूते. और जब पीछे से धक्का लगता तो उसका लन्ड अब मेरी गांड में चुभता और मेरी चुची उसके हाथ से दब जाती.
इसी तरह हम दोनों ने चुपके से मज़ा लेते हुए पहले तो बर्तन खरीदे. और फिर कपड़े की दुकान में भी यही सब हुआ.
एक दो दुकान देखकर हम तीनों थोड़ा घूमे और कुछ खाकर घर आ गए।
इस कहानी को गर्मागर्म लडकी की सेक्सी आवाज में सुनें.
साहिल घर आने के बाद कुछ देर में अपने घर चला गया. मैं भी सब काम करके सोने की तैयारी करने लगी।
अब मुझे और ज़्यादा चुदास चढ़ रही थी. साहिल की हरकतों से और उसने जिस तरह आज बाजार में मुझे दबाया. मैंने भी उसके मोटे लौड़े को अपनी गांड में महसूस किया. यही सब सोचते हुए मैं सो गई।
मेरी जवानी की प्यास की कहानी आपको कैसी लग रही है? मुझे मेल करें. [email protected]
जवानी की प्यास की कहानी का अगला भाग: मेरी जवानी और सेक्स की प्यास- 2
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000