This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
हैलो मेरे प्यारे साथियो, कैसे हैं आप सभी? मैं उम्मीद करती हूँ कि आप सभी अच्छे होंगे. दोस्तो, मेरा नाम पारुल कुमारी है, मैं उदयपुर की रहने वाली हूं. मेरी उम्र अठारह साल ही है. आप सभी को पारुल कुमारी की चुत की तरफ से प्यार भरा नमस्कार. मैंने हाल ही में क्लास 12 वीं की पढ़ाई कम्प्लीट की है. मैं दिखने में गोरी हूँ और मेरी हाइट पांच फुट छह इंच की है. मेरा फिगर काफी सेक्सी है. मेरे बूब्स भी बहुत बड़े है और चूतड़ भी बहुत बड़े हैं. दोस्तो, आज जो मैं आप लोगों के सामने अपनी कहानी लिखने जा रही हूँ, ये मेरी पहली कहानी है. यह मेरे जीवन की सच्ची घटना है. मैं उम्मीद करती हूँ कि आप सभी लोगों को मेरी कहानी जरूर अच्छी लगेगी. आप लोगों को मेरी कहानी पढ़कर मजा भी आएगा.
ये मेरे जीवन की सच्ची घटना बीस दिन पहले की है. मेरे घर मेरे पापा, मम्मी, मेरा छोटा भाई पीयूष और मैं रहते हैं. मेरे पापा एक प्राइवेट जॉब करते हैं और मेरी मम्मी एक सरकारी स्कूल टीचर हैं. मेरा भाई अभी स्कूल में पढ़ाई करता है.
एक दिन की बात है कि मैं सो कर उठी तो मुझे नीचे रोने की आवाज आ रही थी. मैंने सोचा कि इतनी सुबह क्या हो गया है. तो मैंने नीचे जाकर देखा तो मम्मी रो रही थीं और पापा मम्मी को चुप करा रहे थे. मैंने पूछा तो पापा ने कहा कि अब तुम्हारे मामा जी नहीं रहे. यह सुनकर मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि मैं उन्हें कम पसन्द करती थी.
मेरे मम्मी पापा ने कहा कि हम तुम्हारे मामाजी के घर जा रहे है. हो सकता है कि लौटने में शाम हो जाए, तुम पीयूष को स्कूल से ले आना. इतना कहकर वो चले गए. उनके जाने के बाद मेरी आंखें चमक उठीं. क्योंकि उस समय मैं बिल्कुल अकेली थी और मैं उस दिन को किसी भी हालात में खोना नहीं चाहती थी. क्योंकि मैं बहुत समय से चुदाई के लिए तड़प रही थी. मुझे आज तक समय ही नहीं मिला था. इसलिए मैंने सोचा कि आज जो मुझे मौका मिला है, वो किसी भी कीमत में नहीं छोडूंगी. मैं अभी तक एक बार भी नहीं चुदी थी और अपने बॉयफ्रेंड से चुदने के लिए मचल रही थी. मैंने अपने बॉयफ्रेंड को कॉल किया और पूछा कि कहां हो आप?
तो उसने कहा- मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने आया हूं. मैंने कहा- आज मैं घर पर अकेली हूं और कोई नहीं है. मैं भी आज बहुत चुदासी हो रही हूँ. आ जाओ न प्लीज. उसने कहा- यार, मुझे तेरे घर पहुँचने में काफी समय लगेगा.
उसकी बात से मैं निराश हो गई और फ़ोन को कट कर दिया. बाद में उसका दो बार कॉल आया, तो मैंने कॉल रिसीव नहीं किया और फ़ोन को साइलेंट कर दिया.
मैंने सोचा कि अब और कोई रास्ता नहीं है. रोज़ की तरह खुद ही चुत को कि चोद कर शान्त करनी होगी. मैंने लाल कलर का सूट पहन रखा था. तो मैंने अपनी सलवार का नाड़ा खोला ही था कि अचानक किसी ने दरवाजे पर आवाज लगाई. मैं सलवार का नाड़ा बांध कर दरवाजे पर गई. तो मैंने देखा कि वहां पर मेरी बुआ का लड़का रितेश आया हुआ था. उसे देख कर तो मैं बहुत खीज उठी कि न तो लंड मिला और न उंगली मिली.
खैर … मैंने उसे अन्दर आने आने को बोला और वो अन्दर आ गया. फिर हम दोनों ने चाय बनाकर चाय पी ली. बाद में कुछ देर तक बातें करते रहे. वो मेरे को निहार रहा था क्योंकि मेरी सलवार का नाड़ा ढीला था और नाड़ा बाहर भी लटक रहा था.
मैंने कुछ नहीं बोला. फिर उसने घर वालों के बारे में पूछा, तो मैंने बताया- मामा जी की डेथ हो गई और सब वहाँ पर गए हुए हैं. उसने कहा कि मतलब आज आप घर पर अकेली हो? मैंने कहा- पीयूष भी घर पर है, पर वो अभी स्कूल गया हुआ है और शाम को आएगा.
अब तक वो मुझे निहार रहा था. बाद में वो वहां से खड़ा हुआ और बाथरूम में चला गया. मैं भी उसके पीछे चली गई. वो बाथरूम में जाकर मुठ मारने लग गया था. मैं भी उसको देख रही थी कि अचानक उसने मुझे देख लिया और मैं वहां से अपने कमरे में जाकर लेट गई. मैंने कमीज को थोड़ा नाभि के ऊपर कर लिया और अपनी सलवार का नाड़ा भी खोल दिया, जिससे मेरी पेंटी की सिरा भी आसानी से दिख रहा था.
बाद में रितेश आया और बोला- तुम यहाँ पर हो, तो वहां बाथरूम के पास कौन था? मैंने मना कर दिया कि मैं तो नहीं थी. फिर रितेश बोला- चलो कोई बात नहीं. मैं अब चलता हूँ. मैंने मना कर दिया- पीयूष से भी मिलकर जाना.
वो नहीं गया और वहीं बैठ गया. उसे मैंने अपने पास बैठा लिया और हम दोनों बातें करने में लग गए. तब भी वो मुझे निहार रहा था.
अब भी मेरी सलवार का नाड़ा खुला था … और जैसे ही मैंने अपनी करवट बदली, तो मेरी पीछे से गांड बाहर दिखने लग गई.
फिर रितेश बोला कि दीदी आप अपनी सलवार पीछे से ठीक कर लो. मैंने कहा- क्या हुआ? उसने कहा- खुद ही देख लो.
मैंने पीछे जानबूझ कर हाथ रखकर थोड़ा और नीचे कर दिया. बाद में मैं खड़ी हुई तो मेरी सलवार पूरी पैरों में आ चुकी थी. और मेरी चुत पर सिर्फ पेंटी थी. उसने मेरी तरफ देखा और उसे एकदम से न जाने क्या हुआ कि उसने बड़ी हिम्मत करके मेरी चूत को देखना शुरू कर दिया.
मैंने चूत सहलानी शुरू कर दी. वो बोला- ये आप क्या कर रही हो. मैंने कहा- कुछ नहीं. मैं अपनी चूत को उंगली से रगड़ती रही. फिर मैंने उससे पूछा- आपका भी मन कर रहा है ना? वो थूक गुटकते हुए बोला- न..नहीं, मेरा कुछ नहीं कर रहा है.
मैंने कहा- फिर आप बाथरूम में क्या कर रहे थे? वो बोला- कुछ नहीं. मैं वहां पेशाब करने गया था. मैंने कहा- मैंने सब कुछ देख लिया था. तुम अपना लंड हिला रहे थे.
उसने मेरे मुँह से लंड शब्द सुना तो वो भी खुल गया. उसने मेरी चूत की तरफ देखा तो मैंने एक बार पेंटी नीचे खिसका कर उसे अपनी गरम चूत की झलक दिखाई और फिर से चूत ढक ली. मैंने उससे पूछा- चुत चोदेगा? वो मुझसे लिपट गया और अब वो भी मेरा साथ देने लग गया. वो मेरे बूब्स को मसलने लग गया.
उसके साथ खेल शुरू होने से मेरे मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… हाह …’ की आवाज निकलने लगी.
बाद में मैंने भी अपनी कमीज को उतार दी. अब मैं उसके सामने व्हाइट कलर की ब्रा और पेंटी में थी. उसने मेरी ब्रा को उतारकर फेंक दी और मेरे बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लग गया. दस मिनट की चुसाई के बाद उसने मेरी पेंटी उतार दी और मेरी चुत को चाटने लग गया. मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं.
काफी देर तक उसने मेरी चुत चूसी. फिर मैंने उसकी पैन्ट को उतार कर उसका लंड चूसने लग गई. वो मेरे बालों पर हाथ फेर रहा था. वो मेरे बूब्स भी दबा रहा था. उसके मुँह से ‘अहह हहहह उम्ह उम्ह..’ की मादक सिसकारियां निकल रही थीं.
अब वो झड़ने वाला था और सारा माल मेरे मुँह में निकाल दिया. इसके कुछ देर तक वो रुक गया. कुछ देर बाद वह फिर से जोश में आ गया. मैं भी फिर से उसके लंड को चूसने में लग गई. उसका पूरा सात इंच का लंड मेरे मेरे मुँह में जा रहा था और उसका पूरा लंड मैंने चूस कर गीला कर दिया था.
अब उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी दोनों टांगें अपने कंधों पर रख लीं. फिर उसने मेरी चुत पर अपना लंड टिकाया और थोड़ा धक्का लगाया. उसका थोड़ा सा लंड मेरी चुत में चला गया. मेरे मुँह से इतनी तेज आवाज निकली कि पूरे घर में गूंज गई. फिर वह थोड़ा रुक गया. कुछ देर रुकने के बाद, फिर उसने एक जोर का धक्का लगाया और इस बार उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में चला गया.
कुछ देर के रोने धोने के बाद चूत ने भी नाटक करना बंद कर दिया. अब मेरे मुँह से ‘अहह हहहह उम्ह उम्ह उम्ह ईईई…’ की आवाज आने लगी. इस चुदाई से मेरी चुत से थोड़ा सा खून भी निकला. बाद में उसने मेरी चुत का खून पौंछा और मेरी चुत में लंड फिर से डाल कर आगे पीछे होने लगा.
अब मेरे मुँह से मस्त मादक आवाजें आ रही थीं. लंड पेलने के साथ ही वो मेरे बूब्स मसल रहा था. उसके मुँह से भी सिसकारियां निकल रही थीं. मैं भी अपनी उंगली से मेरी चुत और उसकी गांड को सहला रही थी. मैं भी अपनी गांड उठा उठा कर उसका पूरा साथ दे रही थी. उसने आधे घंटे तक मेरी चुत की चुदाई की. मैं इस चुदाई में दो बार झड़ चुकी थी. आधे घंटे बाद वो भी झड़ने वाला था. और अपना सारा का सारा माल मेरी गांड के ऊपर झाड़ दिया.
इसके बाद अगले दो घंटे में उसने मुझे कई पोजीशनों में चोदा. फिर वह कुछ देर मेरे ऊपर ही लेटा रहा था. आज उसने मेरी तीन बार चुदाई की. मैं अभी तक जोश में थी. मेरी चुदाई की प्यास अभी तक शांत नहीं हुई थी. मैंने पैंटी पहन ली थी.
तीन बार चूत चुदाने के बाद मैंने उससे कहा- एक बार और चुदाई करते हैं. वो भी मान गया. इस बार उसने मेरी गांड मारने को कहा. मैंने मना कर दिया कि मुझे दर्द होगा. वो जिद करने लगा और मैं मना कर रही थी.
लेकिन उसने मुझे जबरदस्ती नंगी किया और मेरी गांड को चाटने लग गया. उसका लंड पूरा खड़ा हो चुका था. वो अपने हाथ से लंड को सहला रहा था. मेरे मुँह से भी सिसकारियां निकल रही थीं. फिर उसने मुझे लंड चूसने को कहा और मैं उसका लंड चूसने लगी. वो मेरे सिर को पकड़कर आगे पीछे करने लगा. मैं भी उसका लंड चूसते चूसते सिसकारियां ले रही थी.
सात आठ मिनट लंड चूसने के बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी गांड पर थूक लगाकर अपना लंड टिकाया और एक जोरदार धक्का लगा दिया, जिससे उसका काफी लंड अन्दर चला गया.
मेरी गांड मानो फट गई थी, मैं जोर से चिल्लाई कि फट गई गांड … उई मम्मी रे … आआहह हहह ईईई उम्ह साले हरामी गांड फाड़ दी.
वो नहीं माना और लंड पेलता ही गया.
कुछ देर बाद गांड रसीली हो गई. अब मैं जोश ने आकर बोल रही थी कि आह फाड़ दे मेरी आज गांड … मैं रंडी बन चुकी हूँ. डाल दे तू तेरा पूरा लंड … आज फाड़ दे मेरी गांड को … ये गांड तेरी है … अब आआआ ऊमः उम्ह
उसने बीस मिनट तक मेरी गांड मारी. उस वक्त मैं अपनी उंगली से चुत चुदाई कर रही थी. उसने अपना पूरा माल मेरी गांड में ही झाड़ दिया था.
कुछ देर तक हम बेड पर ही लेटे रहे थे. वो मेरी चुत को सहला रहा था और मैं उसके लंड को सहला रही थी. कुछ देर बाद हम बाथरूम में गए और वहाँ पर एक दूसरे को स्नान कराया. इसके बाद हमने अपने अपने कपड़े पहन लिए. उस दिन हमने पांच बार चुदाई की.
बाद में पीयूष भी घर आ गया था. हमने चाय बनाकर चाय पी ली. बाद में रितेश भी अपने घर चला गया.
इसके बाद हमें जब कभी टाइम मिलता था, तो हम चुदाई कर लेते थे.
ये मेरी कहानी आप लोगों को जरूर अच्छी लगी होगी. तो कमेंट्स शेयर जरूर करना प्लीज. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000