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अन्तर्वासना की सभी चुदासी लड़की, भाभी, आंटी और कहानी पढ़ने वाले सभी चुतों को मेरे खड़े लंड का चोदता हुआ नमस्कार.
मेरा नाम संतोष कुमार है, मैं अभी चेन्नई में जॉब करता हूँ और भोपाल का रहने वाला हूँ. अभी मेरी आयु 24 वर्ष की है. मैं गोरा कद 5 फीट 6 इंच है. दिखने में स्मार्ट हूँ. अब मैं आपको अपनी जिन्दगी की सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ. आप सब इस कहानी कि घटना को ऐसे सोचें कि यह सब आपके साथ हो रहा है तब आपको मेरी कहानी पढ़ने में पूरा मजा आयेगा.
मैं भोपाल के एल. न. सी. टी. कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था. मैं रोज सही समय से कॉलेज जाता और अपने आप में मस्त रहने वाला लड़का था. अपनी पढ़ाई पूरी करके मैं अपने सभी रिश्तेदारों से मिलने अपने गाँव गया. वहाँ पहुँचा तो मैंने देखा कि मेरी बुआ की बेटी रिंकी भी वहाँ आई हुई थी. बचपन में जब भी वो हमारे घर आती थी हम दोनों खूब मस्ती किया करते थे. फिर उसकी शादी हो गयी और अपने पति के साथ रहने लगी.
उसे देखकर मैं बहुत खुश हुआ. उसने मुझसे हाथ मिलाया और मेरे हाथ को धीरे से दबाकर मुस्कुरा दी. उस समय मुझे कुछ समझ नहीं आया और मैं नॉर्मल उसके गले लगा. फिर सबसे मिला नमस्ते किया, सबने मेरा स्वागत बड़े ही अच्छे तरीके से किया. मैं बहुत खुश था सबसे बहुत दिनों के बाद जो मिला था. पढ़ाई सही ढंग से करने के चक्कर में मैं सबसे चार सालों से नहीं मिला था.
दिन भर सबसे बात करते करते समय कैसे बीत गया और शाम हो गयी पता ही नहीं चला. रात को सभी लोग बैठकर टी. वी. देख रहे थे और मैं लॅपटॉप पर फिल्म देख रहा था. थोड़ी देर फिल्म देखने के बाद मुझे नींद आने लगी तो मैंने सोचा की अब सोया जाये. मैं लॅपटॉप बंद ही करने वाला था कि रिंकी मेरे पास आई और साथ में फिल्म देखने को बोलने लगी.
काले रंग की नाइटी में उसका गोरा रंग कहर बरसा रहा था. मेरी नींद हवा हो गयी उसे देखकर. मैं उसके साथ फिल्म देखने लगा.
तभी मैंने ध्यान दिया कि वो मेरे पैरों पर अपने हाथ रगड़ रही है. पहले तो मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन थोड़ी देर तक ऐसे ही करते रहने के बाद मैंने उसकी तरफ देखा तो देखा कि वो फिल्म नहीं मुझे ही देख रही थी. उसकी आँखों में बहुत ही मस्ती भरी हुई थी, ऐसा लग रहा था जैसे कह रही हो कि आओ और और प्यार करो मुझे. अब मैं भी बहन की जाँघ पर नाइटी के ऊपर से ही सहलाने लगा. ऐसे ही थोड़ी देर सहलाते हुए मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुरा रही थी. अब हम-दोनों बिस्तर पर लेट कर फिल्म देख रहे थे. उसने मेरे पीठ पर हाथ रखा और फिल्म देखने लगी. मेरा लंड अब खड़ा होकर 7 इंच का हो गया था.
मुझसे भी अब रहा नहीं गया तो मैंने व उसकी पीठ पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा. ऐसे ही सहलाते सहलाते कभी कभी उसके पिछवाड़े पर हाथ फेरने लगा धीरे धीरे. उसने अभी भी मेरी पीठ से अपना हाथ नहीं हटाया और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी. मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी नाइटी के अंदर डालने की कोशिश की. तभी वहाँ पर भैया का लड़का आ गया, मैंने झट से अपना हाथ सही किया और फिर वैसे ही सो गया और ऐसे दिखाने लगा जैसे कुछ भी नहीं हुआ हो.
सुबह उठा तो देखा कि रिंकी अपने मायके यानि मेरी बुआ के घर जाने की तैयारी कर रही थी. लेकिन यहाँ तो मेरे लंड में आग लगी पड़ी थी, मैंने सोचा अगर यह मौका हाथ से गया तो फिर कभी बहन की चुत नहीं मिलनी है. बुआ ने मुझे भी अपने घर चलने को कहा, पहले तो मैं दिखावा करने लगा लेकिन जब रिंकी ने मेरा हाथ पकड़ा तो मैंने भी हाँ कह दिया. अब मैंने अपने कपड़े अपने रिंकी को दिए और बोला कि इन्हें भी अपने कपड़ों के साथ ही रख लो.
हम सब तैयार होकर चल पड़े बुआ के घर. वहाँ पहुँचा तो बुआ ने मार्केट से ही रात के लिए चिकन लिया और फिर हम सब घर पहुँच गये. खाना वग़ैरह होते होते रात हो गयी. अब मुझे चेंज करने के लिए मेरे कपड़े चाहिए थे तो मैंने रिंकी से अपने कपड़े माँगे तो उसने कहा कि वो अभी काम कर रही है, मैं खुद ही उसके बैग से निकाल लूँ.
मैं अपने कपड़े लेने के लिए जैसे ही बेडरूम में पहुँचा, मैं बिना किसी आवाज़ के अंदर घुस गया. मैंने देखा कि मेरी सग़ी बुआ पूरी नंगी होकर नाइटी चेंज कर रही थी. उनके बड़े बड़े नितंब देखकर मेरा लंड पूरे जोश में आ गया, मन किया कि अभी अपना 7 इंच का लंड बुआ की गांड में डाल दूं. लेकिन मैंने अपने लंड और अपने आप पर कंट्रोल किया और दूसरी ओर मुंह करके खड़ा हो गया और ऐसे दिखाने लगा जैसे मैंने कुछ नहीं देखा हो. मेरे अचानक से आने से वो हड़बड़ा गयी और जल्दी से नाइटी पहनकर मेरी ओर घूमकर पूछा- तुम यहाँ कैसे? मैं बोला- मेरे कपड़े रिंकी की बैग में पड़े हैं, उन्हें ही लेने आया हूँ. वो अच्छा कहकर वहाँ से चली गयी. जाते जाते उनकी गांड मेरे लंड का बुरा हाल कर रही थी.
मैंने रिंकी का बैग खोला और देखकर दंग रह गया, उसमे मेरे कपड़ों के साथ साथ उसकी ब्रा और पैंटी भी थी. मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया और अपने पूरे कपड़े खोलकर उसकी ब्रा और पैंटी से मूठ मारने लगा और थोड़े देर में अपना सारा लंड का माल उसकी पैंटी पर ही निकल दिया. अपने कपड़े पहने और बेडरूम में चला गया जहाँ मेरे सोने का इंतज़ाम किया गया था. मैं जाते जाते यही सोच रहा थी कि क्या मेरी बहन ने जानबूझकर अपनी ब्रा और पैंटी मेरे कपड़ों के साथ रखी थी.
तभी मैंने देखा कि वो सामने से आ रही है और मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी. मैं भी उसे देखकर मुस्कुरा दिया और वो सीधा रूम में चली गयी.
रात में मैंने बुआ से पूछा- मेरे साथ कोई नहीं सोएगा क्या? तो उन्होंने बोला- तुम जाओ, मैं किसी को भेजती हूँ, अगर कोई नहीं गया तो मैं ही आ जाऊंगी.
घर में मेरे अलावा सिर्फ़ दो ही लोग थे, एक मेरी बुआ और दूसरी रिंकी. अब देखना यह था कि मेरे लंड को किसकी चुत मिलती है, बुआ की या फिर बहन रिंकी की.
मैं अपने लंड को सहलाता हुआ उनके आने का इंतज़ार करने लगा, तभी देखा कि कोई आ रहा है. मैं ऐसा हो गया जैसे कि सो चुका हूँ. मैंने आँखों पर हाथ रख लिया और आँखें खोलकर देखने की कोशिश की पर अंधेरे की वजह से कुछ ठीक से दिखा नहीं. वो कमरे के अगल बगल देख रही थी और फिर अचानक से कमरे में आकर मेरे बगल में लेट गयी.
थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद मैंने अपना हाथ उन पर रख दिया, जैसे ही हाथ घुमाया तो पता चला कि ये बड़े बड़े मम्मे मेरी बुआ के हैं रिन्की के नहीं. मैंने अपना हाथ वैसे ही उनके मम्मे पर रहने दिया. फिर धीरे धीरे अपना हाथ ऐसे ही उनके पेट की ओर घुमाया तो देखा कि ये वो नाइटी नहीं है जो उन्होंने उस वक़्त पहनी थी, इसमें आगे से बटन थे. मैंने धीरे धीरे हिम्मत करके एक बटन को खोल दिया और उनके नंगे पेट पर हाथ फिराने लगा.
जब उनकी ओर से कोई हरकत नहीं हुई तो मैंने अपना हाथ उनके मम्मों की ओर बढ़ाया लेकिन उन्होंने मेरा हाथ पर अपना हाथ रख दिया, मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी. लेकिन इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता, उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर नाइटी के ऊपर से ही अपनी चुत के ऊपर रख दिया और दबाने लगी. मैं अभी भी ऐसे दिखा रहा था जैसे मैं सो रहा हूँ.
बुआ ने धीरे धीरे अपनी नाइटी के दो बटन और खोल दिए. उन्होंने अब अपना हाथ मेरे हाथ से हटाया और मेरे लंड पर रख दिया जो एकदम गर्म लोहे के रॉड जैसा खड़ा था. उन्होंने मेरे माथे पर किस किया और मेरे लोवर के अंदर हाथ डालने लगी. मैंने भी देरी नहीं करते हुए, बुआ की नाइटी में हाथ डाल दिया. अंदर थोड़ा हाथ किया तो देखा कि उन्होंने पैंटी नहीं पहनी हुई हैं, बुआ की चुत बिल्कुल चिकनी थी जैसे अभी ही झाँटें साफ करके आई हों.
मैं हल्के हल्के बुआ की मोटी चूत को सहलाने लगा, वो भी मेरा लंड पकड़ कर मसल रही थी, उन्हें भी खूब मज़ा आ रहा था. सहलाते सहलाते मैंने अपनी 2 उंगली उनकी चुत में अंदर डाल दी. उन्होंने ज़ोर से सिसकारी मारी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
अब हमारे बीच शर्म ख़त्म हो चुकी थी. मैंने अपने होंठ उनको मुलायम होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसता रहा, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. कभी उनकी जीभ को अपनी जीभ से चाटता. उन्हें खूब मज़ा आ रहा था और मुझे भी. मैं एक हाथ से उनके मम्में दबा रहा था, वो बहुत गर्म हो गयी थी, मेरा हाथ पकड़ कर ज़ोर से दबा रही थी.
तभी मैंने उनके मम्मों को एक एक करके चूसना शुरू किया. वो सिसकारियाँ भर रही थी, मेरा सर अपने मम्मों में दबा रही थी. बुआ- आ.. आ आअहह इस्स … तेरा लंड बहुत मस्त है बेटा! मैं- आपको देख कर हो गया बुआ. आप कितनी अच्छी हो. ओह बुआ आई लव यू! बुआ- आई लव यू टू बेटा. बहुत दिनों से आग लगी है.. आ आआहह … अब नहीं रहा जाता अब चोद दे अपनी बुआ को … फाड़ दे मेरी चूत.
मैं अभी और मज़ा लेना चाहता था, मैंने उनको लंड चूसने को कहा, पहले तो उन्होंने मना कर दिया लेकिन जब मैंने कहा कि आप चूसोगी तो ये और भी बड़ा हो जाएगा तो वो राज़ी हो गयी.
बुआ मेरा लंड चूसने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि पहली बार किसी औरत के नाज़ुक होंठ मेरे लंड को चूम रहे थे, चूस रहे थे. मैंने उनकी पूरी नाइटी खोल दी. अब मैंने उनसे 69 की पोज़िशन में आने को कहा. अब वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उनकी चुत चाटने लगा. मैंने जैसे ही अपनी जीभ उनकी चुत में घुसाई, उन्होंने अपनी चुत को उपर उठा कर दिखाया कि वो कितनी चुदासी थी. वो अब तड़प रही थी, बार बार बोल रही थी- बेटा अब चोद दे मुझे, अब और ना तड़पा अपनी बुआ को.
मैंने भी मौके का फ़ायदा उठाया और एक डील कर ली उनकी गांड चोदने की. वो चुत की आग में कुछ भी करने को रेडी थी. वो मान गयी. अब मैंने अपना लंड उनकी चुत पर रखा और धीरे से अंदर डाला. बुआ- आआहह … अभी चुत में लंड पूरा गया भी नहीं था कि उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया, जैसे ही मैंने अपना मुंह उनके पास किया उन्होंने मेरे माथे पर किस कर लिया, मैंने अपने एक हाथ से उनके मम्में दबाते हुए उनके मुंह में अपना जीभ घुसा दिया. वो उसे भी चाटने लगी, इसी बीच मैंने अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया.
बुआ- आआ आआआ आहह … तेरे फूफा से चुदाने में इतना मज़ा नहीं आता बेटा. मैं- अभी तो आप मज़े लो बुआ, आपकी चुत को जन्नत की सैर कराता हूँ. मैंने अपने झटके तेज़ कर दिए.
बुआ- आआआहह … आअह … आआआ आआअ … म्म्म्मम … फाड़ दे बेटा इस चूत को. मैं- आआआहह बुआ, आपकी चुत का भोसड़ा बनाता हूँ अभी. मैंने अपने झटके और तेज़ कर दिए. बुआ भी खूब मज़े लेकर चुदवा रही थी.
ऐसे ही करीब 15 मिनट धकापेल चुदाई में वो 1-2 बार झड़ गयी. मैं अभी भी उन्हें चोदे जा रहा था. मैंने उनसे पूछा- मैं आने वाला हूँ, कहाँ निकालूँ? तो उन्होंने कहा- चुत में मत गिराना! तो मैंने उनसे कहा- अपना मुंह खोलो, आपको मलाई पिलाता हूँ. उन्होंने अपना मुंह खोला तो मैं उनके मुंह को चोदने लगा और 3-4 मिनट चोदने के बाद में अपना माल गिरा दिया, उन्होंने बड़े चटकारे लेकर सब पी लिया.
बहुत खुश लग रही थी बुआ, उन्होंने मेरे माथे को फिर से किस किया तो मैंने फिर से उनको लिप्स पर ज़ोर से किस कर लिया. बुआ- तेरी गर्लफ्रेंड तो बहुत खुश रहती होगी, उसे रोज ऐसे चुदाई मिलती होगी. मैंने उनकी मम्मो को दबाते हुए कहा- मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, आज से आप मेरी गर्लफ्रेंड. आपको ही चोदून्गा. आप अपनी चुत मेरे लंड को दोगी ना? बुआ- तेरा जब मन करे मुझे चोदने आ जाना, आज से मैं तेरी रंडी. मैंने उनकी गांड दबाते हुए कहा- सोच लो बुआ, फिर ना कहना कि मैंने आपकी गांड मार ली? और आँख मार दी. बुआ- इसीलिए तो तेरी रंडी बनी हूँ, पत्नी नहीं, तेरा जैसे मन करे मुझे चोदना, आज से मैं तेरे लंड की गुलाम हूँ.
मैंने अपनी एक उंगली उनकी गांड की छेद में घुसा दी क्योंकि मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था. लेकिन बुआ की गांड बहुत टाइट थी. पूछने पर उन्होंने बताया कि फूफा बस जल्दी जल्दी में चोदकर सो जाते हैं, गांड को तो हाथ भी नहीं लगाया कभी. मैंने बोला- अब गांड की बारी मेरी रंडी! और आँख मार दी.
लेकिन तभी बाहर आवाज़ हुई थोड़ी … और बुआ को लगा कि रिंकी जाग गयी है. तो उन्होंने जल्दी से अपनी नाइटी पहनी और बाहर की ओर गयी.
कैसे लगी मेरी कहानी, आप कमेंट्स और मेल लिख कर मुझे अवगत कराएं! तब तक आप सभी चुतों को मेरे लंड का चुदाई भरा नमस्कार. आपके जवाब का इंतज़ार रहेगा [email protected] पर.
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