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यह मेरी पहली कहानी है जिसमें एक अजनबी शहर में भाभी का साथ मिला और मैंने चूत चुदाई की कहानी लिख दी. वैसे तो मैं कभी कहानियां लिखता नहीं लेकिन अन्तर्वासना पर काफी कहानियां पढ़ के मेरा दिल भी लिखने का करने लगा.
मेरा नाम अमन है. मैं उत्तराखंड के एक छोटे से शहर से हूँ और उसी शहर से मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की है. मेरी उम्र 24 साल है.
मुझे कॉलेज के समय से एक अलग सा शौक पैदा हो गया था. वो था लड़कियों की मोटी मोटी गांड देखने का. वो भी जब पैन्ट में लड़कियां चलती थी और उनकी मोटी गांड मटकती थी. तब मैं ये सीन देख के पागल हो जाता था. मेरा मन करता था कि झपट कर उसकी गांड पकड़ कर को चूम लूँ और चूतड़ों पर एक दो जोर से थप्पड़ मार दूँ. कभी कभी जब स्कर्ट में किसी लौंडिया को देखता, तो मन करता कि इसकी स्कर्ट में घुस कर इसकी चूत चाट लूँ. ना जाने कितनी इच्छाएं पैदा हो जाती थीं. क्या मटकती थी गांड उन मस्तानी लड़कियों की … उफ्फ्फ …
वैसे मैं देखने में ज्यादा खास नहीं हूँ, लेकिन मुझे इतना भरोसा है कि मैं जिससे भी, जो भी बात करूँ, उससे वो दीवानी हो जाएगी.
यह बात तब की है जब मैं अपनी पढ़ाई कर रहा था. उसी दौरान मुझे अपने साथियों के साथ ट्रेनिंग पे जाना होता था. जोकि हमारे कोर्स का एक हिस्सा था. ट्रेनिंग का ये टूर पैंतालीस दिन का होने वाला था. तो वही करने के लिए मैं दिल्ली आ गया. मैंने दिल्ली में एक जगह रूम ले लिया. सुबह को ट्रेनिंग के लिए जाता था और शाम को वापस आ जाता. जहाँ मैं ट्रेनिंग करने जाता था, वहाँ कुछ दोस्तों से मुझे एक मोबाइल एप के बारे में पता चला. मैंने रूम पे आते ही उस एप पर अपना एकाउंट बनाया और नाम लिखा चूहा. उसमें मैंने अपने बारे में लिखा ‘नटखट चूहा लव्स मोटी गांड..’ उसके बाद मैंने काफी लड़कियों को मैसेज भेजा. कैसी हो जानेमन दोगी क्या चूत अपनी.
कोई रिप्लाई नहीं करती. मैं परेशान था कि लड़कियों की तरफ से कोई रिप्लाई क्यों नहीं आता है. मुझे जब भी मौका मिलता, मैं मैसेज कर देता, लेकिन साला रिप्लाई आने का नाम नहीं था. मेरा गुस्सा एकदम सर पर था … सो मैंने एप ही हटा दिया.
ऐसे ही चार पांच दिन बीत गए. संडे था, मैं अपने रूम पे बोर हो रहा था. मैं अकेला रहता था, सो मैंने एक मस्त चुदाई की वीडियो देख कर मुठ मारी. उसके कुछ देर बाद फिर बोर होने लगा. सोचा उस एप पर जाके देखता हूँ कि किसी का रिप्लाई आया हैं कि नहीं. एप को फिर से डाउनलोड किया और उसको खोला, तो सच में एक रिप्लाई आया हुआ था. उसकी प्रोफाइल पे कोई बेबी लड़की की फ़ोटो लगी थी. उसका रिप्लाई था कि तुम तो एक छोटे से चूहे हो, तुमको कौन अपनी गांड देखने देगी. चलो गांड देखने भी दी, तो एक ठुमका मारेगी तू तो दूर जा पड़ेगा. साथ ही उसने हँसने की कई सारी स्माइली भी भेजी थीं.
यह पढ़ कर मुझे बड़ा गुस्सा आया, मैंने भी रिप्लाई किया- एक बार मेरे लंड के सामने गांड आ गयी ना … फिर चाहे तुम्हारी हो या किसी की भी … थप्पड़ मार मार के लाल कर दूंगा, फिर जाके गांड सैंकोगी अपनी. उसका शाम को रिप्लाई आया- बस रहने दो … तुम बस फेंकते रहो, भला कौन थप्पड़ मरवा के गांड लाल कराये अपनी. ऐसे ही मेरी उससे बातें होती रहीं.
बातों बातों में मैंने उससे उसके बारे में पूछा तो वो बोली- मैं क्यों बताऊं, चलो मैं बता दूंगी, पहले तुम अपने हिसाब से सोच के बताओ कि मेरी उम्र क्या होगी और वो सब भी बताओ जो तुम मेरे बारे में सोच रहे हो? उसकी यह बात सुनकर मैं पूरा कन्फ्यूज्ड हो चुका था. भला ऐसे कैसे मैं किसी के बारे में बता पाऊंगा, वो भी बिना देखे. फिर भी इतना तो मैं समझ गया था कि लड़की तो होगी नहीं … क्योंकि लड़की इतनी बेशर्मी से बात नहीं करती. हो सकता है कोई शादीशुदा भाभी हो.
मैंने उसको रिप्लाई किया कि इतना तो पक्का है कि तुम लड़की नहीं हो. मुझे तो तुम कोई शादीशुदा औरत लगती हो. तुम्हारी उम्र 35 के आस पास हो सकती हैं. रात को खाना खाने के बाद उसका रिप्लाई आया, उस वक्त लगभग 9 बजे होंगे. वो बोली- अंदाज़ा तो एकदम सही लगाया है, लगता है तुमने भाभियां चोदी हैं. मैंने रिप्लाई किया- लौड़ा चोदी हैं … आज तक किसी की गांड पर हाथ भी नहीं लगाया … भाभियां की तो छोड़ो लड़कियों तक की सूंघने नहीं मिली. बस लंड को हाथ से समझाता रहता हूँ. उसका रिप्लाई आया- अच्छा.
उसके बाद हमारी रोज बातें होने लगीं. धीरे धीरे उसके बारे में जानकारी हुई. मैं आपको भी उसके बारे में बता दूं. वो एक अध्यपिका थी, उसकी उम्र तो वही थी जो मैंने अंदाजा लगाया था. मतलब वो पैंतीस साल की थी, उसके चुचे 36 इंच के थे और उसकी गांड 37 इंच की थी. वैसे भी भाभियों की गांड ज्यादा मोटी होती है. इसी तरह हमारी चुदाई वाली बातें होती रहीं. जितने दिन भी उससे बातें हुईं, रोज मैं उसकी ऑनलाइन चुदाई करता था. जबकि मुझे अब तक ये पक्का नहीं था कि ये कोई भाभी ही है क्योंकि मैंने उसे अभी तक देखा ही नहीं था.
एक दिन उसने मेरे से मेरा मोबाइल नंबर मांगा. मैंने मना कर दिया. उसका रिप्लाई आया- अरे नंबर देने में इतना क्यों भाव खा रहा है?
मैंने सोचा कि साली गजब है, आजकल तो लड़कियां ही उल्टे नंबर मांगने लगीं. पहले तो मुझे फिर लगा कि साला कोई लड़का न हो, कोई लड़की ऐसे कैसे नंबर मांग सकती है. मैंने उससे बोला कि तुम लड़का हो या लड़की … क्यों चूतिया बना रही हो? वो रिप्लाई में बोली- अरे मैं भाभी हूँ … तुमको ऐसा क्यों लगता है कि मैं फ़र्ज़ी हूँ. मैं बोला- इंटरनेट का जमाना है, किसका क्या भरोसा, कौन कैसा एकाउंट बना के पागल बना रहा हो. उसका रिप्लाई आया कि ठीक है, अगर तुमको विश्वास नहीं है, तो रहने दो … मत दो अपना नंबर. अगर तुम दे भी दोगे तो कौन सा मैं तुमको खा जाऊँगी. वैसे भी तुम इतने गोलू मोलू हो.
मैंने रिप्लाई किया- ठीक है, अगर तुम भाभी हो, तो जैसा मैं कहूँ वैसे मुझे सबूत दो. उसका उत्तर आया- ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्जी. मैंने उसको कहा कि तुम मेरा नाम अपनी ब्रा पर लिखो और मुझे फ़ोटो दिखाओ. वो उत्तर में बोली- यह भी कोई बात है यार … लगता है आज तुम मेरी ब्रा पे नाम लिखवा कर मेरी ब्रा खराब करवा दोगे. चलो कोई बात नहीं मेरे गोलू मोलू अभी लिख कर भेजती हूँ, तुम भी अब एक काम करो अपने लंड पर मेरा नाम लिखो और फोटो भेजो. मैंने उत्तर दिया- ठीक है.
यह बात होने के बाद मैं बाथरूम में गया और अपने लंड को खड़ा करके पेन से लंड पर उसका नाम लिखा. फिर खड़े लंड की फ़ोटो खींच कर उसको भेज दी. उसने भी उत्तर दिया- वाओ क्या लौड़ा है यार तेरा … उममुआआह … मैं चूस लूँ इसे. ‘चूस ले भाभी.’ उसने बहुत सारी किस की स्माइली भेज दीं.
मैंने कहा- अब तुम भी तो फ़ोटो दिखाओ. उसने भी अपनी सफेद ब्रा पे मेरा नाम लिख कर फोटो निकाल कर मुझे भेज दी. यह देख के मेरा दिल एकदम खुश हो गया कि पहली बार किसी की ब्रा पे मेरा नाम लिखा गया था. मैंने भी उसको चुम्मे वाली काफी स्माइली भेज दीं और उसको अपना नंबर भी भेज दिया. अब रात बहुत हो चुकी थी, मैं उसको शुभ रात्रि बोला और सो गया.
अगले दिन में तैयार होके अपनी ट्रेनिंग के लिए चल गया. मैं शाम को आया … काफी थका हुआ था, सो खाना खा के जल्द ही सो गया.
फिर करीब 8 बजे होंगे, तो मेरे सेल पर एक कॉल आयी. मैंने नींद में ही फोन उठाया. मैं- हैलो? उत्तर- हैलो, क्या अमन से बात हो रही है? मैं- हां मैं अमन ही हूँ, तुम कौन? उत्तर- अरे भूल गए, मैंने तुमसे नंबर लिया था.
मेरी झक्की खुल गई और मैं बेसाख्ता बोलने लगा- ओह तुम … यार बड़ी मस्त आवाज़ है तेरी … एकदम एकदम गांड फाड़ दी. उसका उत्तर- अच्छा आवाज़ भी गांड फाड़ होती है क्या? मैं- अब अगर भाभी जवान माल हो तो क्या उसकी आवाज़ गांड फाड़ नहीं हो सकती … भला बताओ? वो- हा हा हा … हां क्यों नहीं हो सकती खैर तुम इस समय क्या कर रहे थे? मैं- सोया था मेरी जान … तूने कॉल करके उठा दिया. वो- अच्छा … यह भी कोई सोने का टाइम है, अभी तो 8 ही बजे हैं. मैं- अरे यार ट्रेनिंग पे थक जाता हूँ, अब उठ गया हूँ तो खाना खाने बाहर जाऊंगा.
वो- तुम अकेले रहते हो क्या? मैं- हां, अकेला रहता हूँ. वो- अरे पहले बताते, मेरे घर पे एक रूम खाली है, हम किराये पे देते हैं, दो रूम तो पहले से ही फुल हैं. मैं- सच में! वैसे तुम्हारे रूम का क्या किराया है? वो- पहले तुम बताओ, तुम वहां एक महीने का कितना देते हो? मैं- मेरे से तो यहाँ महीने के 4000 लिए हैं. वो- अच्छा तो तुम मुझे 3000 दे देना.
तभी मेरे दोस्त की कॉल आने की रिंग सुनाई देने लगी, मैं उसको बोला- चलो रात को बात करते हैं, अभी दोस्त की कॉल आ रही है. वो बोली- ठीक है, मैं 11 बजे के बाद कॉल करूँगी.
मैंने दोस्त की कॉल उठायी. फिर बात करके बाहर खाना खाने चला गया.
रात 11 के आस पास बजे होंगे, उसकी कॉल आयी- और जानेमन, क्या कर रहे हो? मैं बोला- कुछ खास नहीं … बस लेटा हूँ. अच्छा तुम एक बात बताओ यार, तुम लड़कों से इतना ओपनली कैसे बोल लेती हो? वो बोली- अरे बस एक तुमसे बोलती हूँ और एक और से बस. मैं- चलो अच्छा है … और सुनाओ तुम क्या कर रही हो?
यहाँ मैं उसे भाभी लिख के आगे की बातें स्टार्ट करता हूँ, जिससे आपको समझने में आसानी हो.
भाभी- कुछ नहीं, बस लेटी हूँ … तुम बताओ. मैं- मैं भी लेटा हूँ … अच्छा एक बात बताओ, इतनी रात को तुम एक लड़के से बातें कर रही हो, क्या तुम्हारा पति तुमसे कुछ नहीं बोलता है? भाभी- अरे पागल अगर पति साथ में होता, तो क्या मैं बात करती? वो बाहर जॉब करते हैं, महीने में एकाध बार आते हैं. मैं- ओह तभी इतनी रात रात तक बातें करना होता है … अच्छा है.
भाभी- यार, कुछ चुदाई वाली बातें करो ना … चूत में आग लग रही है. मैं- अरे भाभी तुम 15 मिनट रुको, फिर मजे करते हैं ठीक है! भाभी- हां ठीक है … अच्छा मैं तुमको शाम को बोल रही थी, तुम यहाँ मेरे घर पे किराये पे रह सकते हो? तुम अगर चाहो तो? मैं- रह तो सकता हूँ … लेकिन मैंने यहाँ किराया दे दिया है यार, तो मैं अभी कैसे आ सकता हूँ. मैं महीने के बाद ही आ सकता हूँ … बताओ? भाभी- ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्जी वैसे जब तुमने पैसे दे ही दिए हैं, तो तुम रूम तो कभी भी छोड़ सकते हो न … भले महीना पूरा हो या ना हो? मैं- अच्छा देखता हूँ यार.
भाभी- अरे तुम भी ना चिंता मत करो … तुम इतने अच्छे हो, तो मेरा भी मन लग जाया करेगा … और खाने की दिक्कत भी नहीं है, मेरे यहां ही खा लिया करना. मैं- फिर खाना मिला कर कितना किराया बैठेगा? भाभी- बड़े चूतिया हो यार तुम भी … जब देखो पैसा पैसा हुहंह.. मैं- अरे तुम्हारे अलावा भी तो घर में और कोई होगा ना … उसको भी बताना पड़ेगा न. भाभी- मेरा बेटा है, वो अभी छोटा है उसकी दिक्कत नहीं, वो तो तुम्हारे से ही लगा रहेगा. मैं- क्या बात है … मुझे बच्चे बहुत पसंद हैं.
भाभी- अच्छा है, तुम कल फ्री हो क्या? मैं- नहीं फ्री तो नहीं हूँ, वहीं ट्रैनिंग पे जाना है. अगर तुम कहो जल्दी आ जाऊंगा. भाभी- मर्जी है, मैं सोच रही थी, तुम घर देख लेते, अच्छा लगे तो यहीं रह भी सकते हो. मैं- ठीक है. उसने अपने घर का पता मुझे दे दिया और कहा कि तुम सुबह 11 बजे के आस पास घर आ जाना. मैं- ओके. भाभी- अब ज्यादा और बातें नहीं, अब मुझे चोदो … बहुत बातें होंगी, वो सब कल करेंगे … अब बस चोदो ना यार … देर मत करो. मैं- ठीक है … रुको मैं तुमको वीडियो कॉल करता हूं. भाभी- ठीक है करो.
मैंने उसको कॉल की, उसने कॉल उठायी. वो नाईट सूट में थी. मैं- क्या बात मेरी जान एकदम माल लग रही हो. भाभी मुझे देख कर हंस दी- तुम भी तो माल लग रहे हो … हां बस जरा पतला हो जा तू. मैं- अच्छा पतला हो गया, चूत मिलेगी क्या मुझे. भाभी- हां, जरूर मिलेगी. मैं- सही है.
मैं अपना लंड को लोअर के ऊपर से हाथ रगड़ रहा था. भाभी- जानू यह लौड़ा मुझे दे दे. मैं- तो ले ले ना. भाभी- गालियां दे ना बहनचोद. मैं- बहन की लौड़ी … साली लौड़ा चूस मेरा.
वो किचन से एक खीरा लायी और मुँह में लेकर ऐसे चूसने लगी जैसे लंड चूस रही हो. इधर से मैं अपना लौड़ा जोर जोर से हिला रहा था.
मैं- आह रंडी … क्या माल है तू … अन्दर लेके लौड़ा चूस न मेरा. वो बोली- आह … साले चूस तो रही हूँ … मेरे जानू … मेरे मुँह में और अन्दर डाल न … मज़ा आ रहा है.
वो अपने मुँह से खीरा चूस रही थी और एक उंगली चूत में कर रही थी. हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था. वो किसी रंडी की तरह एकदम पागल हो चुकी थी. मैं भी जोर जोर से अपना लंड हिला रहा था.
मैं बोला- साली अब तू कुतिया बन जा.
वो झट से कुतिया बन गयी, जैसे वीडियो कॉल पे साफ दिख रहा था. मैं इधर और जोर से अपने लंड को हिला रहा था. मेरे लंड से माल निकलने वाला था. वो अपनी गांड उठा के उल्टी लेट गई और उसने खीरे को अपनी चूत में ले लिया.
उसने पूरा खीरा चूत में घुसेड़ लिया और जोर से चुदासी आवाज में बोलने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… और जोर से चोद मुझे और जोर से … मैं भी उसका साथ दे रहा था- अच्छे से है चोद रहा हूँ … आह तेरी ये मस्त गांड वाओ … तेरी चूत तो एकदम कातिल है. फिर मैं उसको बोला- मेरा झड़ने वाला है. वो बोली- मेरे मुँह में झाड़.
मैं और जोर जोर से अपना लंड को हिलाने लग गया, झट से बाथरूम में गया और वहां झाड़ दिया. वो वीडियो में लंड से पानी निकलते हुए देख कर मुस्कुरा रही थी. मैंने पूछा- क्या हुआ? वो बोली- कुछ नहीं मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया … मज़ा आ गया मुआआह … मस्त एकदम. मैं- आह … हां मुझे भी बहुत मज़ा आया, सच में … तुम बड़ी गर्म माल हो. भाभी- तुम भी मस्त हो … अच्छा कल आओगे ना तुम? मैं- हां कल मैं समय निकाल के जरूर आऊंगा. भाभी- ठीक है अब सोते हैं. मैं- हां यार बहुत रात हो गयी, शुभ रात्रि.. भाभी- मुआआह शुभ रात्रि जानू.
फिर हम सो गए. अगले दिन मैं तैयार होके ट्रेनिंग के लिए चला गया. जाते ही मैंने अपने सर को बोला- सर आज मुझे 11 बजे डॉक्टर को दिखाने के लिए जाना है. उसने मुझे छुट्टी दे दी और कहा- ठीक है तुम 11 बजे चले जाना.
मुझे एक दो और काम भी थे, मैंने वो भी कर किये. फिर 11 बजे मेट्रो पकड़ कर उसके घर की तरफ निकल गया. बीच बीच में मैंने उससे दो बार कॉल करके पूछ भी लिया था कि सही समय आ रहा हूँ ना मैं. साथ ही मैंने उससे रास्ता भी पूछा था. वो रास्ता बता रही थी.
खैर मैं द्वारिका पहुंच गया और मेट्रो स्टेशन से बाहर आ गया. मैंने उसको कॉल लगाई कि मैं द्वारका मेट्रो स्टेशन के बाहर खड़ा हूँ. वो बोली- ठीक है, उधर ही रुको, मैं आती हूँ. फिर 15 मिनट के बाद एक एक्टिवा मेरे पास आके रुकी और वो बोली- बैठो अमन. मैं बोला- तुम भाभी? भाभी हेलमेट लगाए हुए थीं- अरे हां भाभी हूँ … बैठो लेने आई हूँ. दरअसल वो हेलमेट पहनी थी, तो मुझे कंफ्यूजन हो गया था.
कुछ ही मिनट में मैं उसके घर पहुंच गया. उसने अपनी एक्टिवा खड़ी की और हम दोनों अन्दर आ गए. उसने एकदम से दरवाजा बंद किया और मुझे लिपलॉक करने लगी. मैं एकदम हैरान सा बोला- अरे तुम्हारा बेटा? वो बोली- स्कूल गया है.
मैं भी अब उसका साथ देने लगा. मैं उसके होंठ चूस रहा था और उसकी गांड दबा रहा था. आह गुलगुली गांड दबा कर मज़ा आ रहा था और उसके एकदम रसीले होंठ चूस कर मुझे मस्ती छाने लगी थी. वो भी पागलों के जैसे मुझे चूसे जा रही थी. मैं भी उसकी चूचियां मसल रहा था वाओ … क्या गदीले मम्मे थे.
एक दूसरे को चूसते चूसते हम सोफे पे आ गए. वो अब मुझसे अलग हुई और बोली- पहले खाना खाओगे क्या? मैं बोला- पहले तो तुमको खाऊंगा मैं. वो हंस दी.
फिर वो मेरे बगल में आकर भाभी ने एक ही झटके में अपना शर्ट उतार दिया और अब वो लाल ब्रा में खड़ी थी. क्या बताऊं यार? अब मैं तो पागल हो गया और बैठा बैठा उसे घूरता रहा. वो मेरे बाजू में बैठ गई. मैं उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चुचियां पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगा. वो कराहते हुए बोली- अरे दबा लेना, पहले यह बताओ तुमको कैसी लगी मैं? मैं बोला- एकदम गांड फाड़ माल हो यार … तेरी चुचियां देख कर तो कल ही पागल हो गया था मैं … आज चुचियां सामने हैं, तो समझ नहीं आ रहा है, क्या करूँ, चूस लूँ या दबाऊं इनको.
वो मादक स्वर में अपने हाथ से अपनी एक चूची पकड़ कर मेरे तरफ करते हुए बोली- ले चूस इसको. मैं उसकी चुचियों को दबा दबा के चूस रहा था. वो अपने हाथों से मेरी पैंट के ऊपर से लंड को रगड़ रही थी. मैं दबा दबा के उसकी चुचियां चूसे जा रहा था. उसने मेरी शर्ट खोल दी, मैंने भी उसकी सलवार को निकाल दिया.
वो नीचे बैठ गई और मेरी पैंट खोलने लगी. मैं बोला- ऐसे नहीं … मुँह से खोलो. वो बोली- ठीक है लेकिन पैंट उतार दो … मैं मुँह से अंडरवियर नीचे करूँगी और तुम अपने मुँह से मेरी पैंटी नीचे करना … ठीक है.
मैंने उसकी सलवार उतार दी और उसने मेरी पैंट निकाल दी.
फिर बारी उसकी थी, वो कुतिया के जैसे बन गई और मेरा अंडरवियर नीचे करके एकदम झट से लंड को मुँह में भर के चूसने लगी. वो लंड को जोर जोर से चूसने लगीं, बीच बीच में आंड भी दबा दबा के मुझे तड़पाने लगी.
वो लौड़ा चूसने में एकदम पागल हो चुकी थी. वो ‘आहा ऊनंह ऊउमह आहा ऊन्ह्ह्ह ऊम्मंह हाआ ऊनंह ऊउम्मंह अहाआ..’ करते हुए सिसकारियां ले रही थी. मुझे एकदम मजा आ रहा था, दूसरी बार कोई ऐसे पागलों के जैसे मेरा लौड़ा चूस रही थी. अब मैंने उसको 69 पोज़ में किया और उसकी चूत चाटने लगा.
‘अआहा ऊनंह ऊउमंह आहा ऊन्ह्..’ क्या मखमली चूत थी … एकदम साफ चिकनी. मुझे एक ख्याल आया, मैंने उससे पूछा- चॉकलेट है क्या तुम्हारे पास? वो बोली- नहीं है … लेकिन क्यों चाहिए तुमको? मैं बोला- चूत पे लगा कर तुम्हारी चूत चाटनी है. वो बोली- जैम है … चलेगा? मैं बोला- हां लेके आओ.
वो झट से उठी और गांड हिलाते हुए किचन में जाकर जैम लेकर आयी. उसने मुझे जैम की बोतल दी. मैंने अच्छे से उसकी चूत पे जैम लगाया और मस्ती से चाटने लगा. उसको चूत चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा था. वो मेरा सर चूत में घुसाने को लगी पड़ी थी.
मैंने उसकी चूत को अच्छे से चाट चाट के मस्त कर दी. अब वो बोली- जानेमन, अब तुम लेटो. मैं चित लेट गया. उसने मेरे लंड पे जैम लगाया और मुँह में भर के चूसने लगी. यह चुसाई कम से कम 20 मिनट के आस पास चली.
फिर वो उठी तो मैं बोला- कैसा लगा? वो बोली- एकदम मज़ा आ गया … आज तक किसी ने ऐसे मेरी चूत नहीं चूसी … कसम से जन्नत का मज़ा आ गया.
यह बोल कर वो मेरे ऊपर आ गयी और खुद चूत में लौड़ा टिका कर मेरे ऊपर उछलने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, वो भी खूब मजे में थी. मैं नीचे से धक्के मार रहा था और उसकी चुचियां अच्छे से चूस रहा था. वो ‘अआहा ऊनह उमंह आहा ऊन्ह्ह्ह ऊम्मंह आहाआ ऊनह ऊउम्मंह अहाआअ..’ करते हुए सीत्कारें भरने लगी. उसके बाद मैंने अपनी चुदाई तेज कर दी और जोर जोर से उसकी चूत को चोदने लगा.
वो और भी तेज ‘अआहा ऊनंह ऊउमंह आहा ऊन्ह्ह ऊम्मह आहाआ ऊनंह ऊउम्मंह हाआअ..’ करते हुए चुदाई में साथ देने लगी. उसको बड़ा मज़ा आ रहा था. वो मुझे बहुत गालियां दे रही थी- और चोद साले … और चोद … रंडी बना दे मुझे कुतिया बना ले अपनी.
अब उसको मैंने कुतिया बनाया, उसकी चूत में पीछे से लौड़ा डाला. वो गांड उठा उठा के मजे ले रही थी. उसकी गरम आवाज़ों से मुझे अलग सा नशा चढ़ रहा था.
ऐसे हमने 20 मिनट से ज्यादा चुदाई की. अब मेरा झड़ने वाला था. मैंने उसको बोला- मेरा झड़ने वाला है.
वो झट से खड़ी हुई और मेरे लंड को पकड़ कर मेरी मुठ मारने लगी. उसकी नजर लंड हिलाने पर थी, उसे मानो इन्तजार था कि लंड बिना बताए झड़ न जाए. तभी मेरा लौड़ा झड़ गया, उसने झट से लंड का सारा माल पी लिया.
फिर हम ऐसे ही लेट गए, वो एकदम खुश थी. बोली- तुम अब कोई किराया मत देना … तुमने मुझे आज बहुत मज़ा दे दिया.
अब 2 बजने वाले थे. उसने कपड़े पहन लिए. उसका बेटा स्कूल से आने वाला था. हम दोनों ऐसे ही बैठ कर बातें करने लगे.
इससे आगे की सेक्स स्टोरी फिर कभी लिखूंगा कि आगे क्या हुआ. मैं उसके यहां रूम पे शिफ्ट हुआ कि नहीं. तब तक के लिए नमस्ते. आपको मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे बताना जरूर. आपकी मेल का मुझे इंतज़ार रहेगा. [email protected]
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