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हैलो मेरे प्यारे प्यारे दोस्तो, मैं राज आर्या, एक बार फिर से एक सच्ची सेक्स कहानी लेकर हाज़िर हूँ, जो अभी एक महीने पहले मेरे साथ घटित हुई.
आप सभी मुझे जानते ही हैं, अन्तर्वासना पर यह मेरी तीसरी कहानी है. इससे पहले मेरी दोनों कहानियां चाची के घर में गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स और दूसरी कहानी गर्लफ्रेंड को दोस्त के खेत पर दबाकर चोदा दोनों कहानियों को आपने बहुत पसंद किया, इसके बहुत बहुत धन्यवाद.
जो लोग मुझे नहीं जानते हैं, उन्हें मैं अपने बारे मैं बता दूँ. मेरा नाम राज आर्य है और मैं मध्यप्रदेश के मन्दसौर शहर से हूँ. मैं एकदम हृष्ट-पुष्ट बंदा हूँ.
तो दोस्तो, हुआ यूं कि अभी एक महीने पहले मुझे एक मेल आया. मैंने देखा तो वो मेल एक लड़की का था. मैंने मेल देखा और उसके जरिये ही बातचीत की. उस लड़की ने अपना नाम नूपुर जैन बताया. पहले तो मैंने उससे नॉर्मल बात की, फिर बाद में उसने मुझे बताया कि उसे मेरी पहली कहानी बहुत ही ज्यादा पसंद आई और उसने अपनी एक ख्वाहिश जाहिर की कि जैसे मैंने बड़े प्यार और आराम से मेरी गर्लफ्रेंड की चूत की सील तोड़ी और उसकी चुदाई की थी, ठीक उसी प्रकार मैं उसकी भी सील तोड़ कर उसे जवानी के मजे लेने के लिए तैयार करूँ.
उसने जैसे ही यह बात मुझसे कही, मैं हैरान हो गया कि कोई सच में मुझसे अपनी चुत की चुदाई करवाना चाहती है. मेरे मन में एक नहीं कई हज़ार लड्डू फूटने लगे कि ‘वाह यार मेरे शेरू की तो निकल पड़ी …’ कोई उससे चुदाई करवाना चाहती है.
खैर … मैंने बात की और उससे उसके बारे में जानकारी ली. उसने बताया कि वह देवास जिले की रहने वाली है, लेकिन कोटा राजस्थान (शहर और उसका नाम बदला हुआ है) में रह कर पी.एम.टी. की तैयारी कर रही है. वह एक कमरा किराये पर लेकर रहती है.
मैंने उससे उसका फ़ोटो मांगा तो उसने सेंड कर दिया. फोटो देखी तो लंड हिनहिनाने लगा, कसम से क्या बताऊं यार आपको … एकदम गोरी चिट्टी हीरोइन जैसा फेसकट और आकर्षक शरीर की मालकिन थी. उसका फिगर क्या मस्त फिगर था यारो … इतनी सी देर में ही मैं उसकी फ़ोटो देख कर पूरा पिघल गया और मेरा कच्छा गीला हो गया.
उसने भी मेरी फ़ोटो मांगी, तो मैंने भी दे दी. हम दोनों ने एक दूसरे की तारीफ की और बात आगे बढ़ी. उसने पूछा- आप कब कोटा आ सकते हो? तो मैंने कहा- यार अभी तो मुझे समय लगेगा क्योंकि मेरे पास अभी पैसा नहीं है. वो बोली- आपके वहां से यहां तक आने के लिए कितने पैसे लगेंगे? मैं बोला- बहुत ज्यादा तो नहीं, बस हजार पांच सौ रुपये लगेंगे. तो वह बोली- मैं आपको 3000 रुपये दूंगी … कृपया दो दिन में आ जाओ ना.
मैंने पहले मना किया कि नहीं मुझे पैसे नहीं चाहिए. इस पर नूपुर ने कहा- नहीं, यह तो में आपको मेरी सेवा करने के लिए दे रही हूं. उसने मुझसे मेरा एकाउंट नम्बर मांगा, तो मैंने भी दे दिया और उसने उसी समय मेरे एकाउंट में 2000 रूपए भेज दिए.
मैंने कहा- वाह यार, आप तो बहुत फ़ास्ट हो. उसने कहा- बस मुझसे अब रहा नहीं जाता, आप जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी कोटा आ जाइये. मैंने कहा- ठीक है मैं कल एक बजे यहां से ट्रेन से निकल जाऊंगा, तो 5 बजे तक आपके वहां आ जाऊंगा. नूपुर ने बोला- बहुत अच्छा है, मैं आपको लेने रेलवे स्टेशन आ जाऊँगी. मैंने कहा- ठीक है.
फिर उसने मुझे अपना मोबाइल नंबर मुझे मैसेज किया. मैंने तुरंत उसी समय कॉल किया. पहली रिंग में ही उसने फोन उठा लिया. मैंने ‘हैलो..’ बोला, उसने भी बहुत ही प्यारी आवाज़ में ‘हैलो..’ बोला. मैंने पूछा- पहचाना? तो उसने फट से बोला- हां पहचान लिया, आप राज बोल रहे हैं ना? मैंने बोला- हां मैं राज ही बोल रहा हूँ. फिर वो हँस दी और उसने बोला- चलो अब कल 5 बजे मिलते हैं, रेलवे स्टेशन पर. मैंने कहा- ठीक है. उसने बोला- ठीक है … अब सो जाते हैं, रात बहुत हो गई है.
मैंने समय देखा, उस वक्त रात की दो बजे हैं. फिर हम दोनों गुड नाईट बोलकर सो गए.
मैं सुबह उठा और तैयार होने लगा. मैंने अपना बैग तैयार किया, उसमें दो ड्रेस रख लीं और जरूरी सामान रख लिया. फिर खाना खा कर मम्मी को बोल दिया कि मैं दो दिन के लिए बाहर दोस्त के यहां जा रहा हूं. वो बोलीं- ठीक है, जल्दी आ जाना.
मैं घर से निकल गया, रास्ते में मैंने मेडिकल स्टोर से दो कॉन्डोम के पैकेट लिए और बैग में रख लिए, फिर रेलवे स्टेशन जा कर टिकट ली और ट्रेन में बैठ गया, क्योंकि कोटा जाने के लिए हमारे मन्दसौर से ही सीधे ट्रेन चलती है.
दो बजे ट्रेन चल दी और मैं ट्रेन में एक सीट ढूँढ कर बैठ गया. कुछ देर बाद मैंने नूपुर को कॉल किया. उसने मेरा कॉल उठाया और बोली- आप आ रहे हो ना? उसने जैसे ही ऐसा बोला, मेरे मन में शरारत सूझी और मैंने बोला- नहीं यार … मैं नहीं आ पा रहा हूँ. वो डर गई और नाराज हो गई. वो बोली- क्या यार … आपको नहीं आना था तो बोल देते, मैं सुबह से आपके आने के सपने नहीं देखती.
मैं हंस कर बोला- अच्छा ऐसी बात है … तुम सुबह से मेरे सपने देख रही हो? नूपुर- हां. मैं- अच्छा और क्या क्या तैयारी की है तुमने? नूपुर- सब कुछ तैयारी कर ली मैंने.. लेकिन अपने सारी बातों और तैयारी पे पानी फेर दिया. मैं- ये तो बताओ … क्या क्या तैयारी की? नूपुर- मैंने बाल हटाये हैं, कमरे की सफाई की है और आपके लिए कुछ बनाया भी है … और भी बहुत कुछ किया, लेकिन आपने मेरे दिल तोड़ दिया.. आई हेट यू. मैं- आई लव यू … मैं ट्रेन में हूँ और बस 2 से 3 घंटे में आने वाला हूँ. नूपुर ने एकदम से खिल कर कहा- सच्ची? आप आ रहे हो … तो फिर झूठ क्यों बोला? मैं- बस तुम्हारे मजे लेने के लिए. मैं जोर से हँस दिया.
नूपुर भी इठला कर बोली- अच्छा बेटा … ठीक है … आप अभी मेरे मजे ले लो … असली मजे तो मैं आपके लूँगी, यहां आने के बाद फिर मैं भी बताती हूँ आपको. मैं- ठीक है ले लेना बस. नूपुर- ओके रेलवे स्टेशन आने से पहले कॉल कर देना. मैं- ओके. फिर फोन रख दिया.
जैसे ही कोटा आने वाला था, तो मैंने नूपुर को कॉल किया, उसने बोला- ओके, मैं घर से निकल रही हूं. फिर करीब 15 मिनट बाद ट्रेन रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई और मैं स्टेशन पर उतर गया. इतने में नूपुर का कॉल आ गया, उसने बोला- कहां हो, दिख नहीं रहे हो? मैंने कहा- मैं गेट पर आ गया हूं, तुम कहां हो?
इतने में मुझे वो दिख गयी और मैं पीछे से उसके पास जाकर खड़ा हो गया और धीरे से कान में बोला- हैलो नूपुर. वो झट से पलट गई और मुझे देख कर चौंक गयी. मैं भी उसे देख कर हैरान रह गया. क्या क़यामत लग रही थी वो … ऊपर से नीचे तक माल थी. मेरा मन किया कि इसे अभी गले लगा लूँ, लेकिन मैंने खुद पर कंट्रोल किया और नूपुर से बोला- घर चलें?
वह मेरा हाथ पकड़ कर अपने साथ ले गयी. मैं उसकी स्कूटी पर बैठ गया और वो स्कूटी चलाने लगी. मैं उससे थोड़ा दूर हो कर बैठा था, तो उसने ब्रेक लगा कर मुझे अपने पास कर लिया और मैं उससे टकरा गया.
नूपुर ने बोला- आराम से बैठो राज … मुझे पकड़ कर बैठ जाओ.
मेरे मन में लड्डू फूटे और मैंने उसे कस कर पकड़ लिया. हम दोनों स्कूटी पर ही एक दूसरे की गर्मी को महसूस करने लगे. मैंने उसकी जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और कमर में पकड़ ली और अपने आप को उससे चिपका लिया. नूपुर बोली- आप मेरा मजे ले रहे हो? मैंने कहा- ऐसे मौके बार बार भी तो नहीं आते हैं. वो बोली- हां बात तो आपकी सही है लेकिन राज अभी थोड़ा कंट्रोल करो, घर आने ही वाला है.
इतने में हम उसके कमरे पर पहुंच गए. नूपुर ने कमरे को और बिस्तर को एकदम सुहागरात जैसा सजा रखा था. मैंने कहा- वाह यार, कमरा तो बहुत ज्यादा ही अच्छा सजा रखा है. नूपुर बोली- सब आपके लिए है.
मैंने अपना बैग उतारा तो उसने बैग मेरे हाथों से लेकर अलग रख दिया. मैंने उसके हाथ पकड़े ओर नूपुर को अपनी तरफ खींच लिया और नूपुर मेरी बांहों में आ गई. मैंने उसे कसके गले लगा लिया. उसने भी मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया. करीब दो मिनट बाद हम दोनों ने एक दूसरे को छोड़ा.
नूपुर बोली- सब कुछ रात में करेंगे. अभी इंतज़ार करो राज … सब्र का फल मीठा होता है. मैंने कहा- ठीक है. वह मेरे लिए पानी का गिलास लेकर आई, मैंने पानी पिया और कुछ पानी बच गया, तो गिलास मैंने उसे दे दिया.
मैं देख कर हैरान रह गया, उसने मेरा झूठा पानी पी लिया और बोली- झूठा खाने पीने से प्यार बढ़ता है. मैं हँस दिया.
उसके बाद सारा दिन हम दोनों कोटा घूमे और रात को कमरे पर आ गए. कमरे पर आकर हम दोनों ने खाना खाया खाना. उसने बहुत अच्छा बनाया था. मैंने उसे आने हाथ से खिलाया और उसने मुझे खिलाया. इतनी देर तक साथ रहने से हम दोनों में काफी खुलापन हो गया था. हम दोनों के बीच अजनबियों वाला संकोच खत्म हो गया था.
खाना खाकर मैं बिस्तर पर बैठ गया और उसको देख कर अपनी बांहें फैला दीं. नूपुर बोली- जानू बस 10 मिनट में आई. उसने जल्दी से काम निपटा कर बाल संवारे और मेरे पास आ गई. वो मेरे पास आ कर बैठ गई और बोली- जानू प्यार से करोगे ना बेबी? मैंने उसका हाथ पकड़ कर कहा- मुझ पर विश्वास रखो … बहुत ही प्यार से करूंगा.
बाकी कहानी आपको में अगले भाग में लिखूंगा, आपको यह कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं.
इस प्यार से सील तोड़ने वाली चुदाई की कहानी पर आ मुझे मेल लिख सकते हैं. [email protected] मुझे आपके मेल्स का इंतज़ार रहेगा धन्यवाद.
कहानी का अगला भाग: कोटा कोचिंग की लड़की का बुर चोदन-2
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