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नमस्ते मेरा नाम समीर है, और में कानपूर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 20 साल है और मुझे बचपन से ही औरतो की तरफ आकर्शण है। एक आंटी मेरे घर के सामने थी और दूसरी मेरे बगल में बगल में थी, उसकी बात ही अलग थी उसकी मोटी गांड बड़े बड़े चुँचे।
उसके लंबे पैर मोटी झांगे बहुत कमल की है, इसको पटाने में भी टाइम लग गया। क्योंकी इनका पति बैंक मैनेजर था। खेर जो कहानी आज में सुना रहा हूँ, वो एक अलग है कहानी है और ये बात कुछ दिन पुरानी है। जो में आप सब को सुनना चाहता हूँ।
अभी कुछ दिनों पहले मुझे कानपूर से झाँसी जाना था, मै वैसे हमेसा बस से जाता हूँ। पर इस बार एक दोस्त मिल गया और वो मुझे बोला कि ट्रैन से चलते है। तो मैंने भी उसे ठीक कह दिया था।
फिर हम लोग अगले दिन सुबह 8 बजे निकल गए, हमने जनरल की टिकट ली और हम लगेज वाले बोगी में चढ़ गए। क्योंकी उसमे भीड़ सबसे काम थी।
वहाँ कुछ लोग थे और एक औरत जिस पर मेरी नज़र बाद में पड़ी, फिर मैं आराम से बैठ गया, क्योंकी वो दिखने में कुछ खास नहीं थी। या फिर सफर की वजह से पर जो भी हो वो एक औरत थी।
मुझे उसे देखने में मज़ा ले रहा था, पर मै उसे उतनी गौर से नहीं देख पा रहा था। क्योंकी मुझे डर था कही कोई इसका पति न हो, पर धीरे धीरे ये मेरा डर ख़तम हो गया जब धीरे धीरे लोग अपने अपने स्टॉप पर उतर गये।
अब मै और मेरा दोस्त वो उसका पति और कुछ लोग हि रह गये थे। वो अपने अपने काम में लगे हुए थे, मै ऊपर से उसको देख रहा और अपना लन्ड मसलता रहा था।
जब वो मेरी तरफ देखटी तो में मुस्कुरा देता, और कुछ देर ऐसे हि चलता रहा। फिर उसका बच्चा रोने लग गया, वो छोटा था और मुझे लग गया अब मज़ा आयगा। और वही उसने अपना बच्चा उठाया और उसे अपने मोटे मोटे बूब्स से लग गया लिया।
वो बच्चा बिलकुल सांत हो गया और फिर मैंने अपने मन में कहा, अब ट्रैन की हवा से इसकी साडी जरूर उड़ेगी। और दोस्तों वैसा ही हुआ थोड़ी देर में साड़ी ऊपर हो गयी।
मुझे उसके बूब्स के दरशन हुए पर उसने जल्दी से सही कर लिया, पर उसे पता था की मैंने उसके बूब्स देख लिए है। अब मैं अपने खयालो में उन बूब्स को किसी छोटे बच्चे की तरह पी रहा था।
अचानक अगला स्टॉप आया और ट्रेन रुक गई, और उसका पति बोला – मैं दूसरी बोगी में शीट देखने जा रहा हूँ।
फिर वो चला गया और मैंने अपने दोस्त को भी बहार भेज दिया, और उससे मैंने मैसेज कर दिया था कि वही रहना और उसके पति को भी बिजी रखना। फिर यही हुआ थोड़ी देर में ट्रेन चलने लग गयी, और अब बोगी में सिर्फ मै और वो थी।
और उसका बच्चा था जिसका मैं शुकर कर रहा था, क्योकि आज उसकी वजह से मुझे उसकी माँ चोदने को मिलने वाली थी। फिर मैं अपनी जगह पर बैठा रहा, और मैं उसे देखता रहा।
मै अपनी जगह पे बैठा रहा और उससे देखता रहा, शायद अब वो मेरी इच्छा जान चुकी थी। पर इतने में उसका बच्चा फिर रोने लग गया और उसने मेरी तरफ देखा। तो मैंने आँखे बंद कर ली थी, ताकि वो खुल के कर सके और फिर वो उसे अपना दूद पिलाने लग गयी और वो ऐसे हि सो गयी।
हवा के कारण उसकी साडी उड़ गई और उसका पूरा बूब्स मेरे सामने आ गया था। मुझे लग गया मै इसे अभी चूस लू और चोद दूं, पर मैंने अपने आप पर काबू किया और उसके जागने का इंतज़ार किया।
जब वो जागी तो मुझे देख कर शरमा गई और में मुस्कुरा रहा था, तो वो भी मुस्कुरा दी। मुझे लग गया अब ये साली पट गई है, तो मै उतर कर उसके पास गया।
मैं उसकी तारीफ करने लग गया और मैंने उससे पूछा की वो कहाँ जा रही है। तो उसने मुझे बताया की वो झाँसी अपने मायके जा रही है, और जो उसे लेने आया है वो उसके चाचे का लड़का है।
उसकी बातो से मुझे पता चला की उसका पति बहार काम करता है, और वो घर बहुत कम आता है। हवा तेज़ चल रही थी इसलिए मैं उससे बोला – आप मेरे पास हि आ जाओ क्योकि हवा तेज़ चल रही है।
वो मेरा इशारा समझ गयी और वो मेरे पास आ कर मुझसे चिपक कर बैठ गयी। मुझे अब कोई डर नही था, क्योकि अब आखिर स्टॉप झाँसी हि था। अब मेरे लड़की और टाइम दोनों था।
अब हम दोनों की बातें हो रही थी, और इतने उसका बच्चा फिर रोने लग गया। तो वो फिर से उसे दूध पिलाने लग गयी।
मैं – सुबह आपका बच्चा आपको तंग का रहा करता था, और रात को उसके पापा आपको तंग करते होंगे।
ऐसे हि बातें करते करते वो मेरे कंधे पर सर रख कर सो गयी, मुझे अब बहुत मजा आ रहा था। मैंने अब उसके उपर अपना हाथ रखा और मैं उसे धीरे धीरे सहलाने लग गया। हालिक मेरे हाथ कांप रहे थे, और थोड़ी देर में मेरे हाथ उसके बूब्स आ गये।
मैंने अभी ब्लाउज निच्चे नही किया और मैं तभी अपना हाथ हटा लिया।
अब मैं उसकी तारीफ करने लग गया, और मैंने उससे पूछा की वो कहा जा रही है। तो पता चला वो भी झाँसी अपने मायके जा रही है, और जो उसे लेने आया वो उसके चाचा का लड़का है।
यहाँ वहाँ की बाते होती रही, और बात बात में पता चला उसका पति बहार नौकरी करता है और कम घर अता है। हवा तेज होने की वजह से मैंने उससे कहा की आप यही आ जाओ क्योकि मुझे आपकी आवाज समझ नहीं आ रही है।
वो मेरे पास आ गई और मेरे से पास चिपक कर बैठ गई। मुझे अब कोई डर नहीं था, क्योंकि आखिरी स्टॉप झांसी था और मेरे पास टाइम और लड़की दोने थी।
देखते देखते हमारी बाते होती रही पर उसका बच्चा फिर रोने लग गया, और वो उससे दूध पिलाने लग गयी। तभी तो मेरे मुंह से निकल गया, सुबह आपका बच्चा परेशान करता और शाम को बच्चा के पापा।
तो वो बोली- कोई शाम को परेशान करने वाला नही है।
फिर वो बात करते करते सो गई और मेरे सीने से टिक गई। मै भी पुरे मज़े ले रहा था, मैंने भी अपना हाथ उसके ऊपर रख दिया और धीरे से उसे सहलाने लग गया।
हलाकि मेरे हाथ कंप रहे थे थोड़ी देर में मेरे हाथ उसके बूब्स से टकरा गया, और मुझे लग गया इसने अभी ब्लाउज़ नीचे नहीं किया और तुरंत अपना हाथ हाथ हटा लिया।
पर एक बार छूने को मिले तो दुबारा मन और बढ़ जाता है, मैंने दूसरी बार हाथ ले जाके बूब्स पर रख दिया। पर अब वो जग गई और उसने अपना ब्लोउस सही किया और मेरा हाथ आराम से हटा दिया।
फिर वो सो गई, उसने कोई विरोध नहीं किया था। मैंने सोचा कोई जल्दी नहीं है, मैं आरम से काम करूँगा। फिर मैं उसकी पीट सहलाने लग गया, उसकी कमर में हाथ रखा तो वो बहुत गर्म थी।
अब मैं उसे सहलाने लग गया, उसने भी मेरे सीने को जकड़ लिया था उसके बूब्स मेरे सीने पर थे और मेरा हाथ उसकी पीठ पर था। मेरा हाथ मेरे काबू से बाहर हो चुका था मेरा हाथ साड़ी के ऊपर से उसकी गांड सहला रहा था।
देखते देखते मेरी हिम्मत इतनी बढ़ चुकी थी, कि अब मेरा हाथ अब उसकी साड़ी के अंदर था। उसकी पैंटी मेरे हाथ में थी, और उसकी गांड और हाथ के बीच में सिर्फ पेंटी थी।
मैंने अपने हाथ से उसकी पेंटी के नीचे कर दि, और उसकी गांड का स्पर्श पाते ही मेरा हाथ उसकी तपीश जल उठा, मेरा हाथ उसकी तपिश सहन नहीं कर पा रहा था। पहली बार किसी लड़की की गांड मैं अपने हाथो से स्पर्श कर रहा था, जो मेरे लिए रूहानी था। शायद आपने भी ये महसूस किया होगा, दूसरे हाथ से मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके हाथों में दे दिया।
उसने भी तुरंत हाथ में ले लिया और जोर जोर से हिलाने लग गयी। अब मै सातवें आसमान पर था, मैंने उसे फिर कुछ देर के लिए रोका और मैं उठकर गेट बंद करने चला गया।
फिर मैंने गेट लग गयाने के बाद नीचे लेट गया और उसे अपने पास बुला लिया। पहले तो मैंने उससे कहा कि तुम ब्लाउज उतारो मुझे तुम्हारे चुँचे देखने है, तो उसने तुरंत उतार दिया।
अब मैं भूखे भेड़िए की तरह उन पर चढ़ गया, छोटे बच्चे की तरह महसूस कर कर रहा था मेरे दिमाग में कुछ नहीं चल रहा था। मैं बस उस चीज का आनंद ले रहा था, उसके बाद मैंने उससे कहा।
मैं – अब तुम तुम लेट जाओ।
फिर मैंने उसकी साड़ी उतारती और पैंटी के ऊपर से मैं उसकी चूत मसलने लग गया। यह बहुत हसीन एहसास था फिर मैंने उसकी पैंटी उतारती और उसकी चूत और मेरे हाथ के बीच में कोई नहीं था।
मै उसे इस तरह से सहला रहा था, जिससे उसमे रस निकलने लग गया। और इस रस के लिए दुनिया पागल है। मैं उसकी चूत को ऐसे सहला रहा था, जैसे मैं कुछ ढूंढ रहा हूं।
जैसे मेरा कुछ उसके अंदर खो गया, और देखते ही देखते पता नहीं क्या हुआ कि मैंने अपना मुंह अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी। अब मैं उसे किसी आम की तरह चूसने लग गया।
मुझे यह बहुत अजीब लग रहा था, पर मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था और उसके भाव देखकर मैं और उत्साहित हो रहा था। थोड़ी देर में उसकी चूत से कुछ निकला नमकीन स्वाद आया और मैं उसे पी गया।
उसने मुझे रोकने का संकेत दिया पर मैं अब कहां रुकने वाला था। जो इतने समय से भूखा था पर मैंने उसकी चूत को छोड़ दिया, अब मैंने चूची मुंह में लेकर चूसने लग गया।
वहां भी मुझे पीने के लिए दूध मिल गया, मेरी भूख और कम हो गई पर वासना और बढ़ गई थी। उसके सफेद स्तनों पर काला निप्पेल रसगुल्ले के समान लग रहा था और वो चूसने में उतना ही रसीला था।
उसके बाद कुछ देर तक हम किस करते रहे और फिर मैं बोला – अब तुम मेरा लंड चुसो।
पर वो नही मानी पर मेरी लाख कोशिशों के बाद भी वह नहीं मान गयी। मैंने ज्यादा जबरदस्ती करना ठीक नहीं समझा।
मैं समझ गया था के इसका पानी निकल चुका है, तो मैंने उसे फिर घोड़ी बनने को बोला। फिर मैं’ उसकी गांड कुतो की तरह चाटने लग गया, इससे वो मचल उठी।
फिर मैंने उसकी गांड में ऊँगली डाली, और फिर से उसकी चूत मैं चाटने लग गया। फिर मैंने उसे आधा ही छोड़ दिया और जब वो कहने लगी की अब लंड डालो, तो मैंने बोला – कि पेहेले मेरा चुसो।
अब उसे वही करना पड़ा उसने जैसे ही मेरा लंड अपने मुंह में लिया, तो मैं जीवन के साथ में आसमान पर था। अब मुझसे यह बर्दाश्त नहीं हुआ, और मैंने अपना पानी छोड़ दिया।
मुझे आश्चर्य हुआ कि उसने एक बूंद निचे गिरने नहीं दी, वह सारा पानी अमृत की तरह पी गई, और अब उसे भी मजा आ रहा था। अब हम दोनों सृष्टि नाइन(69) की पोजीशन में आ गए थे।
उसके मुंह में मेरा लंड था और मेरे मुंह में उसकी चूत थी, जितनी अच्छी तरह से मैं उसकी चूत चाट रहा था उतनी ही बेदर्दी से वो मेरा लन्ड काट रही थी। हम दोनों ने फिर एक दूसरे के मुँह में अपना पानी छोड़ दिया।
फिर हम दोनों निढाल होकर एक दूसरे के ऊपर लेते रहे। पर कुछ देर बाद फिर मेरे लंड में उफान आ गया, और में अब खेल ख़तम करना चाहता था पर वो बुरी तरह से थक चुकी थी।
तो मैंने उसे परेशां करना ठीक नहीं समझा, और मै उसकी बगल में लेट गया। अब उसके चुचे चूसने लग गया, फिर जब मैंने उसका हाथ अपने लन्ड पर महसूस किया।
तो मै समझ गया, की खेल अब शुरू हो सकता है। मैंने उसे किस किया और वो मेरी निप्पल चूसने लग गयी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, वो ऊपर आ के मेरे पास बैठ गई।
अब वो अपनी चूत में लन्ड को घिसने लगी, उस गर्मी का अपना अलग एक मज़ा आ रहा था, पर वो लन्ड अंदर नही ले रही थी शायद वो दर्द से डर रही थी। तो उसे बोला ।
मैं – अब तुम घोड़ी बन जाओ।
फिर मैंने थूक लगा कर अपना लोडा उसकी चूत में पेल दिया, जिससे वो चिल्ला उठी और वो बोली।
वो – मादरचोद चोद दे इस चूत को फाड़ डाल इस चूत को बहुत परेशां करती है।
मैं भी अब जोश में था और मैंने उसकी गांड पे थूक लगा कर उसे जोर जोर से चोदने लग गया। अब वो जोर जोर से चिल्ला कर बोली – आ अहा या आ आ आ आ या या या या आ या या या या या या।
ऊपर से मै उसके दूध मसल रहा था, फिर अचानक मैंने चुदाई रोकी पर लन्ड अंदर ही रखा। अब मैं उसकी चूत को महसूस कर रहा था, कि कैसे उसने मेरे लन्ड को अपना समझ के पकड़ लिया था।
फिर वो खुद आगे पीछे होने लग गयी, तो मैंने उसे पकड़ के फिर चोदना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में मेरा गर्म लावा फट के उसकी चूत में चला गया, और मैं उसके ऊपर लेट गया।
पर इस बार उसका पानी नही निकाला था, तो वो मुझे खुश कर रही थी। इसलिए वो कभी अपनी चूत तो कभी अपनी गांड मेरे मेरे मुंह के पास ला रही थी।
सने फिर मेरा लन्ड मुह में ले लिया और उसे चूसने लग गयी। तो मैंने उसे इशारा किया कि तुम अपनी चूत यहाँ लाओ। अब हम लोग 69 की पोजीशन में आ गए थे, जब मेरा लन्ड पूरी तरह सख्त हो गया तो मैंने उससे हटाया।
फिर मैं उसको पीछे से पकड़ के किस करने लग गया और उसकी गांड दबने लग गया। अब वो शायद वो समझ गई थी, कि अब उसकी गांड फटने वाली है। तो मैंने ज्यादा देर ना करते हुए बहुत सारा थूक उसकी गांड के छेद पर लगा दिया।
मैं बोला – क्या तुम तैयार हो इस हसीन दर्द के लिए, जो जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहेगा एक हसीन याद की तरह?
वह नीचे देख कर मुस्कुराती रही मैं उसकी हां को समझ गया था। मैंने उसे घोड़ी बन जाए का इशारा किया, ताकि मैं बंदूक निशाने पर लग गया सकूं। अब वो घोड़ी बन गई, मैंने ज्यादा देर ना करते हुए अपना लंड उसकी गांड के छेद पर लग गया दिया।
फिर एक जोरदार धक्के के साथ अपना लंड उसकी गांड के अंदर डाल दिया, और मैंने उसके मुंह को हाथों से दबा दिया। ताकि हमारी आवाज बाहर ना जा सके शायद वो पहली बार अपनी गांड में लंड ले रही थी, इसलिए मैं नहीं जल्दबाजी करना ठीक नहीं समझा।
अब मैं धीरे धीरे अपना लंड अंदर-बाहर करने लग गया, मुझे एहसास हुआ उसकी आंखों से आंसू निकल रहे हैं। मुझे दुख हुआ और मैंने अपना लंड बाहर निकाल दिया।
थोड़ी देर में सब नॉर्मल हो गया और वह मुझसे बोली – अब गांड अगली बार प्लीज।
फिर हमने साधारण चुदाई की और एक दूसरे के ऊपर नागे लेट गये। थोड़ी देर बाद हमने कपडे पहने और उसने मुझे अपना नंबर और घर का पता दिया। इसके बाद हम लोग गेट खोल के बैठ गए, जैसे कुछ हुआ ही नहीं था।
थोड़ी देर में स्टॉप आ गया और मै अपने दोस्त के साथ उतर गया। उसका भाई भी आ गया और वो लोग भी चले गए।
पर उसका कॉल आता रहता है हम रात भर बाते करते है। जब मुलाकात होगी तो आपको मैं जरुर बतुंगा कि केसे मैं उसकी गांड को चोदा था।
अगर कहानी पसंद आई हो तो धन्यवाद।
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